हिमाचल प्रदेश की 2009 बैच की IAS और श्रम आयुक्त एवं निदेशक रोजगार मानसी सहाय को सोमवार को राज्य सरकार ने रिलीव कर दिया है। मानसी सहाय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा रही हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने मानसी सहाय को रिलीव करने के आदेश जारी कर दिए हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय दिल्ली में निदेशक के पद पर तैनात किया है। मानसी सहाय के बाद अब रोहन चंद ठाकुर भी कुछ दिनों बाद दिल्ली जा सकते हैं। राज्य सरकार ने उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए एनओसी भी दे दी है। अब विभाग केंद्र से आदेश का इंतजार कर रहा है। IAS कृतिका कुल्हारी भी दो सप्ताह पहले दिल्ली गई थीं। आज मानसी सहाय दिल्ली जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश की 2009 बैच की IAS और श्रम आयुक्त एवं निदेशक रोजगार मानसी सहाय को सोमवार को राज्य सरकार ने रिलीव कर दिया है। मानसी सहाय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा रही हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने मानसी सहाय को रिलीव करने के आदेश जारी कर दिए हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय दिल्ली में निदेशक के पद पर तैनात किया है। मानसी सहाय के बाद अब रोहन चंद ठाकुर भी कुछ दिनों बाद दिल्ली जा सकते हैं। राज्य सरकार ने उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए एनओसी भी दे दी है। अब विभाग केंद्र से आदेश का इंतजार कर रहा है। IAS कृतिका कुल्हारी भी दो सप्ताह पहले दिल्ली गई थीं। आज मानसी सहाय दिल्ली जा रही हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा ने बुलाई अहम मीटिंग:मस्जिद मामले में जन आंदोलन के जवाब की बनेगी रणनीति, CM की मौजूदगी पर सबकी निगाहे
हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा ने बुलाई अहम मीटिंग:मस्जिद मामले में जन आंदोलन के जवाब की बनेगी रणनीति, CM की मौजूदगी पर सबकी निगाहे हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद को लेकर मचे बवाल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें विपक्ष के हमलों का जवाब देने और संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति बनाई जाएगी। प्रतिभा सिंह ने इस मीटिंग में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, सभी कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों, PCC सदस्य, 2022 के विधानसभा चुनाव के हारे हुए प्रत्याशी और जिला अध्यक्ष को भी शामिल होने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री सुक्खू के मीटिंग में भाग लेने पर संशय बना हुआ हैं, क्योंकि बीती शुक्रवार आधी रात में उनके पेट में अचानक दर्द उठ गया था। इसके बाद वह शनिवार सुबह छह बजे आईजीएमसी शिमला पहुंचे। ऐसे में सुक्खू की मीटिंग में मौजूदगी पर सबकी नजरे रहेगी। वहीं डिप्टी सीएम भी जम्मू कश्मीर दौरे के कारण मीटिंग में शामिल नहीं हो पाएंगे। आज की मीटिंग कई मायनों में अहम रहने वाली है। इसमें मस्जिद मामले में हो रहे जन आंदोलन का जवाब देने की रणनीति बनाई जाएगी। विपक्ष के हमलों का जवाब देने की बनेगी रणनीति प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर विपक्ष लगातार सुक्खू सरकार पर हमलावर है। इसका जवाब कैसे दिया जाए, इसकी भी रणनीति तय की जाएगी। पार्टी वर्कर की नाराजगी का उठ सकता है मामला PCC मीटिंग में पार्टी वर्कर की अनदेखी का मामला फिर से उठ सकता है। यह मीटिंग पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला में बुलाई गई है जो कि सुबह 11 बजे शुरू होगी।
हिमाचल में 5 तारीख को सेलरी- 10 को पेंशन मिलेगी:विधानसभा में CM बोले- ब्याज से बचने को लिया निर्णय, 36 करोड़ की बचत होगी
हिमाचल में 5 तारीख को सेलरी- 10 को पेंशन मिलेगी:विधानसभा में CM बोले- ब्याज से बचने को लिया निर्णय, 36 करोड़ की बचत होगी हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने विधानसभा में कहा कि कर्मचारियों को 5 सितंबर को सेलरी और पेंशनर को 10 सितंबर को पेंशन दी जाएगी। प्रदेश की आर्थिक स्थिति जब तक ठीक नहीं हो जाती, तब तक कर्मचारियों व पेंशनर को क्रमशः 5 व 10 तारीख को सेलरी-पेंशन मिलती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, यह निर्णय अनावश्यक ऋण पर खर्च होने वाले ब्याज से बचने के लिए लिया गया है। इससे सालाना 36 करोड़ रुपए की बचत होगी। उन्होंने कहा, राज्य में पहली तारीख को सेलरी-पेंशन दी जाती है, जबकि भारत सरकार से हमे 6 तारीख को रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट में 520 करोड़ रुपए और 10 तारीख को केंद्र से सेंट्रल शेयर टैक्स में 740 करोड़ रुपए मिलते है। इस वजह से हमें 5 दिन के लिए ऋण लेना पड़ता है। हर महीने इसका 7.50 प्रतिशत ब्याज चुकाने पर 3 करोड़ ब्याज देना पड़ता है। इससे ब्याज का अनावश्यक बोझ कम होगा। उन्होंने कहा, कर्मचारियों की सेलरी पर हर महीने 1200 करोड़ रुपए और पेंशन पर 800 करोड़ खर्च होता है। कुल मिलाकर 2000 करोड़ कर्मचारी-पेंशनर को देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश में यह व्यवस्था बोर्ड-निगमों पर लागू नहीं होगी। बोर्ड-निगम अपने हिसाब से कर्मचारियों को सैलरी-पेंशन देते रहेंगे। फाइनेंशियल डिसिप्लेन की तरफ बढ़ रहे: सुक्खू मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि, साल 2027 में हिमाचल आत्मनिर्भर होगा। साल 2032 में देश का सबसे समृद्धशाली राज्य होगा। प्रदेश में 11 दिसंबर 2022 को जब कांग्रेस सरकार बनी तो उस समय प्रदेश में आर्थिक संकट था। अब कोई आर्थिक संकट नहीं है। इसे ठीक करने में अड़चनें-तकलीफ आ रही है, लेकिन हमें फैसला करना होगा। समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना होगा। अब हम फाइनेंशियल डिसिप्लेन की तरफ बढ़ रहे हैं। रेवेन्यू जब सरप्लस था- तब डीए क्यों नहीं दिया: CM मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, साल 2018-19 और 2019-20 में रेवेन्यू सरप्लस था। बावजूद कर्मचारियों-पेंशनर को पूर्व सरकार ने डीए क्यों नहीं दिया। फिर चुनाव आए। चुनाव से छह महीने पहले आपने फ्री पानी, फ्री बिजली दिया। 10-10 करोड़ का टैक्स देने वाले होटल को फ्री बिजली-पानी दे दिया। 600 संस्थान खोल दिए। मुफ्त रेवड़ियां इन्होंने बांटी। हमारी सरकार आर्थिक सुधार कर रही है। जयराम ने उठाया सैलरी-पेंशन नहीं मिलने का मामला अंत में स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, आर्थिक स्थिति पर शुक्रवार को सदन में फिर चर्चा होगी। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत कर्मचारियों व पेंशनर को सेलरी-पेंशन नहीं मिलने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि, कर्मचारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं और डरे हुए हैं। क्या आर्थिक संकट इतना ज्यादा हो गया? लोगों के आंसू निकाल दिए। इस पर चर्चा होनी चाहिए।
हिमाचल कांग्रेस में पदों के लिए लॉबिंग शुरू:वन-मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत पड़ेगा भारी; होलीलॉज और सुक्खू गुट के नेताओं में होगी खींचतान
हिमाचल कांग्रेस में पदों के लिए लॉबिंग शुरू:वन-मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत पड़ेगा भारी; होलीलॉज और सुक्खू गुट के नेताओं में होगी खींचतान हिमाचल कांग्रेस की सभी कार्यकारिणी भंग करने के बाद पदों के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। अंदरखाते पदों की लालसा रखने वाले नेता, सीनियर लीडरों से तार भिड़ाने में लग गए हैं। महासचिव और कोषाध्यक्ष के लिए ज्यादा लॉबिंग हो रही है। बड़े नेताओं की नजरें महासचिव पद पर टिकी है। मगर सरकार में ताजपोशी पाने वाले कई दिग्गज नेता वन मैन, वन पोस्ट सिद्धांत के कारण दौड़ से बाहर माने जा रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बार-बार कहती रही हैं कि एक व्यक्ति को एक ही पद दिया जाएगा। सरकार और संगठन में दोनों जगह पद नहीं दिए जाएंगे। संगठन में ताजपोशी के लिए आने वाले दिनों में होली लॉज और सुक्खू गुट के नेताओं में ज्यादा खींचतान देखने को मिलेगी। वन मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत तोड़ेगा कई नेताओं के सपने वन मैन, वन पोस्ट का सिद्धांत लागू किया गया तो होली-लॉज गुट के यशवंत छाजटा, सुक्खू गुट के नरेश चौहान जैसे दिग्गज नेता संगठन में पद पाने से वंचित रह जाएंगे, जबकि इन दोनों नेताओं को महासचिव पद का सबसे सशक्त दावेदार माना जा रहा है। किमटा की दोबारा ताजपोशी की चर्चा सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस हाईकमान रजनीश किमटा को फिर से महासचिव बना सकती है और उन्हें संगठन महासचिव का जिम्मा दिया जा सकता है। किमटा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के भी करीबी हैं। इसलिए उन्हें दोबारा सशक्त दावेदार माना जा रहा है। उक्त नामों पर सहमति नहीं बनी तो सुक्खू गुट के प्रेम कौशल, होली लॉज गुट के अतुल वर्मा और हरि कृष्ण हिमराल को महासचिव पद का दावेदार माना जा रहा है। सुक्खू, प्रतिभा और अग्निहोत्री जल्द करेंगे मीटिंग सूत्रों की माने तो अगले पांच-छह दिन के भीतर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर आपस में मीटिंग कर सकते हैं। इसमें नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके बाद संभावित पदाधिकारियों की लिस्ट हाईकमान को मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। वहीं प्रतिभा सिंह ने प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेताओं से वन टू वन बात शुरू कर दी है। प्रतिभा सिंह सीनियर नेताओं से नई कार्यकारिणी के लिए नेताओं के नाम सुझाने को लेकर बात कर रही हैं। मार्ग दर्शक मंडल बनाने की चर्चा सूत्र बताते हैं कि सीनियर नेताओं को राज्य कार्यकारिणी से बाहर रखकर मार्गदर्शक मंडल बनाया जाएगा। इसमें कौल सिंह ठाकुर, राम लाल ठाकुर, आशा कुमार, विप्लव ठाकुर, गंगू राम मुसाफिर, कुलदीप कुमार इत्यादि को शामिल किया जा सकता है। खड़गे ने भंग की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी बता दें कि बीते 2 नवंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल कांग्रेस की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। प्रदेश में अब केवल प्रतिभा सिंह ही इकलौती पदाधिकारी बची हैं। लिहाज नई कार्यकारिणी के गठन की तैयारी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कार्यकारिणी का गठन सूत्र बताते हैं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद नई कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा। प्रतिभा सिंह ने कहा कि संगठन में अच्छा काम करने वाले नेताओं को मौका दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नया संगठन 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के दृष्टिगत बनाया जाएगा।