हिमाचल प्रदेश का ट्राइबल जिला लाहौल स्पीति में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बर्फबारी से पहले ही ऊंचे क्षेत्रों में तापमान जमाव बिंदू से 10 से 15 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। इससे सड़कों पर बहता पानी, पेयजल पाइप और झरने पूरी तरह जम गए है। सड़कों पर ब्लैक-आइस जम रही है। ऊंचे क्षेत्रों में पर्यटकों को बर्फ तो देखने को नहीं मिल रही। मगर, मनाली-केलांग हाईवे पर ग्रांफू में वाटर-फॉल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहां पहुंच रहे पर्यटक वाटर-फॉल के पास फोटो खिंचवा रहे हैं। ग्रांफू में झरने का चलता पानी रात में पूरी तरह जम जाता है। दिन में धूप खिलने पर भी आधा झरना जमा रहता है। झरने और पानी जमने की तस्वीरें… लाहौल घाटी के लोग कुल्लू-मनाली की तरफ करते हैं पलायन आमतौर पर लाहौल स्पीति के रोहतांग टॉप, रोहतांग टनल, कोकसर, दारचा, शिकुंला दर्रा, बारालाचा, गुलाबा, कुंजम टॉप में 15 नवंबर तक बर्फबारी हो जाती है। मगर, इस बार एक बार ही बर्फबारी हुई है। इससे लाहौल स्पीति के ऊंचे पहाड़ों पर बर्फ नजर नहीं आ रही। बर्फबारी के बाद रोहतांग टॉप बंद होने से लाहौल क्षेत्र 3 से 4 महीने के लिए पूरे प्रदेश से कट जाता था। इसलिए लोग मजबूरन सर्दियों में कुल्लू-मनाली की तरफ शिफ्ट हो जाते हैं। टनल बनने की वजह से डिस्प्लेसमेंट कम हुआ है। अब ज्यादा बर्फबारी होने पर 4-5 दिन तक ही वाहनों की आवाजाही बाधित होती है। इस वजह से अब कम लोग लाहौल घाटी से पलायन करते हैं। कुंजम टॉप 4 दिन पहले बंद हुआ सड़कों पर ब्लैक आइस के खतरे को देखते हुए कुंजम टॉप से वाहनों की आवाजाही 4 दिन पहले ही बंद कर दी थी। इससे लाहौल का स्पीति से संपर्क कट गया है। लाहौल से स्पीति तथा स्पीति से लाहौल आने-जाने के लिए वाया किन्नौर जाना पड़ रहा है। कुंजम टॉप के बाद सरचू और दारचा में पुलिस पोस्ट भी हटा दिए गए हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में सर्दियों में कभी भी बर्फबारी हो जाती है। इससे फंसने की संभावना रहती है। मौसम विभाग के अगले 72 घंटे तक ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी के पूर्वानुमान को देखते हुए पुलिस ने सरचू और दारचा से पुलिस पोस्ट हटाकर जिस्पा में लगाया है। हिमाचल प्रदेश का ट्राइबल जिला लाहौल स्पीति में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बर्फबारी से पहले ही ऊंचे क्षेत्रों में तापमान जमाव बिंदू से 10 से 15 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। इससे सड़कों पर बहता पानी, पेयजल पाइप और झरने पूरी तरह जम गए है। सड़कों पर ब्लैक-आइस जम रही है। ऊंचे क्षेत्रों में पर्यटकों को बर्फ तो देखने को नहीं मिल रही। मगर, मनाली-केलांग हाईवे पर ग्रांफू में वाटर-फॉल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहां पहुंच रहे पर्यटक वाटर-फॉल के पास फोटो खिंचवा रहे हैं। ग्रांफू में झरने का चलता पानी रात में पूरी तरह जम जाता है। दिन में धूप खिलने पर भी आधा झरना जमा रहता है। झरने और पानी जमने की तस्वीरें… लाहौल घाटी के लोग कुल्लू-मनाली की तरफ करते हैं पलायन आमतौर पर लाहौल स्पीति के रोहतांग टॉप, रोहतांग टनल, कोकसर, दारचा, शिकुंला दर्रा, बारालाचा, गुलाबा, कुंजम टॉप में 15 नवंबर तक बर्फबारी हो जाती है। मगर, इस बार एक बार ही बर्फबारी हुई है। इससे लाहौल स्पीति के ऊंचे पहाड़ों पर बर्फ नजर नहीं आ रही। बर्फबारी के बाद रोहतांग टॉप बंद होने से लाहौल क्षेत्र 3 से 4 महीने के लिए पूरे प्रदेश से कट जाता था। इसलिए लोग मजबूरन सर्दियों में कुल्लू-मनाली की तरफ शिफ्ट हो जाते हैं। टनल बनने की वजह से डिस्प्लेसमेंट कम हुआ है। अब ज्यादा बर्फबारी होने पर 4-5 दिन तक ही वाहनों की आवाजाही बाधित होती है। इस वजह से अब कम लोग लाहौल घाटी से पलायन करते हैं। कुंजम टॉप 4 दिन पहले बंद हुआ सड़कों पर ब्लैक आइस के खतरे को देखते हुए कुंजम टॉप से वाहनों की आवाजाही 4 दिन पहले ही बंद कर दी थी। इससे लाहौल का स्पीति से संपर्क कट गया है। लाहौल से स्पीति तथा स्पीति से लाहौल आने-जाने के लिए वाया किन्नौर जाना पड़ रहा है। कुंजम टॉप के बाद सरचू और दारचा में पुलिस पोस्ट भी हटा दिए गए हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में सर्दियों में कभी भी बर्फबारी हो जाती है। इससे फंसने की संभावना रहती है। मौसम विभाग के अगले 72 घंटे तक ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी के पूर्वानुमान को देखते हुए पुलिस ने सरचू और दारचा से पुलिस पोस्ट हटाकर जिस्पा में लगाया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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छात्रों ने हाईकोर्ट को लिखे पत्र में बताया है कि छात्रावास की सुविधा शुरू में 50 छात्रों के लिए डिजाइन की गई थी, लेकिन अब बैच का आकार 120 तक बढ़ गया है। जिसके कारण कई छात्रों, विशेष रूप से प्रथम वर्ष के छात्र को छात्रावास नहीं मिलते और उन्हें मजबूरी में रहने के लिए बाहर महंगे आवासों की व्यवस्था पड़ती है। जिससे उन पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ जाता है। छात्रों ने मांग की IGMC के आस पास होस्टल की सुविधा मुहैया करवाया जाए। वहीं छात्रों ने पत्र में कहा है कि मेडिकल कॉलेज के आस पास उपयुक्त जगह की अनुपलब्धता के कारण छात्रों के लिए उचित आउट डोर खेल सुविधाओं का अभाव है, ऐसे में कम से कम हॉस्टल में एक जिम की सुविधा होनी चाहिए। गर्ल्स होस्टल में उचित सुरक्षा उपाय नहीं
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