भास्कर न्यूज | सोनीपत द सहकारी शुगर मिल सोनीपत में सोमवार को पेराई सत्र 2024-2025 का शुभारंभ किया गया। प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मिल का बटन दबाकर मिल को चालू किया। इसके साथ ही मिल में पेराई का कार्य शुरू कर दिया गया। सुबह 10 बजे प्रस्तावित उद्घाटन समारोह में मंत्री 12.30 बजे दोपहर को पहुंचे। पूजन स्थल पर पंडित और मिल के कर्मचारी राह जोहते रहे। बड़ी संख्या में इकट्ठा किसान भी मायूस होकर लौट गए। मंत्री ने मंच से एमडी शुगर मिल से पूछा कि कितने किसानों का पंजीकरण गन्ना के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि 1498 किसानों ने तो मंत्री ने कहा कि सामने बैठे किसानों की संख्या पंजीकृत किसानों से बहुत कम है। आगे से कार्यक्रम हो तो गाड़ियां भेजकर किसानों को मंगवाया करो। एमडी ने कहा कि साहब ध्यान रखेंगे। उन्होंने पुरानी हो चली सोनीपत शुगर मिल को अपग्रेड करने का प्रस्ताव भेजने के प्रबंध निदेशक को निर्देश देते हुए कहा कि विषय में वो खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बात करेंगे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सोनीपत विधायक निखिल मदान, खरखौदा विधायक पवन खरखौदा, गन्नौर विधायक देवेंद्र कादयान की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजनीतिक ही नहीं, अपितु निजी जीवन में भी हमें सेवा भाव से आगे बढ़ना चाहिए। एक अच्छे जनप्रतिनिधि के तौर पर लोगों की सेवा करना व उनकी सुनवाई करते हुए तकलीफों को दूर करना सबसे बड़ा धर्म है। शुगर मिल के एमडी अभय सिंह ने बताया कि वर्ष 1976-77 में शुरू हुई सोनीपत शुगर मिल की वर्तमान में 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन गन्ना पेराई की क्षमता है। वर्ष 2024-25 में मिल द्वारा 32 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पिछले पेराई सत्र में मिल द्वारा 28.3 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई और 10.38 प्रतिशत की शुगर रिकवरी के साथ 2,87,852 क्विंटल गन्ने चीनी बनी और शुगर मिल हरियाणा सरकार द्वारा शुगर रिकवरी में प्रथम स्थान पर रहा। मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष जसबीर दोदवा, जिला परिषद की चेयरमैन मोनिका दहिया, एडीसी अंकिता चौधरी, प्रबन्ध निदेशक शुगर मिल अभय सिंह, जिला राजस्व अधिकारी हरिओम अत्री, डीडीपीओ जितेंद्र कुमार, तहसीलदार जिवींदर मलिक, पीडब्ल्यूडी एक्सईएन पंकज गौड़ आदि उपस्थित रहे। सोनीपत शुगर मिल के पेराई सत्र के शुभारंभ पर सबसे पहले बुग्गी से गन्ना लेकर पहुंचे कुराड़ गांव के किसान सोमवीर, ट्रैक्टर ट्रॉली से गन्ना लेकर पहुंचे बड़ौली के किसान सुरेंद्र और सेंटर से ट्रक में बेगा केंद्र से गन्ना लेकर पहुंचे सुभाष को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पिछले पेराई सत्र में गेट पर सबसे ज्यादा 26,187 क्विंटल गन्ना लेकर आने वाले किसान महेंद्र सिंह पुत्र भीम सिंह और सेंटर पर सबसे ज्यादा 10,383 क्विंटल गन्ना डालने वाले किसान युनूस अली को सम्मानित किया गया। भास्कर न्यूज | सोनीपत द सहकारी शुगर मिल सोनीपत में सोमवार को पेराई सत्र 2024-2025 का शुभारंभ किया गया। प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मिल का बटन दबाकर मिल को चालू किया। इसके साथ ही मिल में पेराई का कार्य शुरू कर दिया गया। सुबह 10 बजे प्रस्तावित उद्घाटन समारोह में मंत्री 12.30 बजे दोपहर को पहुंचे। पूजन स्थल पर पंडित और मिल के कर्मचारी राह जोहते रहे। बड़ी संख्या में इकट्ठा किसान भी मायूस होकर लौट गए। मंत्री ने मंच से एमडी शुगर मिल से पूछा कि कितने किसानों का पंजीकरण गन्ना के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि 1498 किसानों ने तो मंत्री ने कहा कि सामने बैठे किसानों की संख्या पंजीकृत किसानों से बहुत कम है। आगे से कार्यक्रम हो तो गाड़ियां भेजकर किसानों को मंगवाया करो। एमडी ने कहा कि साहब ध्यान रखेंगे। उन्होंने पुरानी हो चली सोनीपत शुगर मिल को अपग्रेड करने का प्रस्ताव भेजने के प्रबंध निदेशक को निर्देश देते हुए कहा कि विषय में वो खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बात करेंगे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सोनीपत विधायक निखिल मदान, खरखौदा विधायक पवन खरखौदा, गन्नौर विधायक देवेंद्र कादयान की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजनीतिक ही नहीं, अपितु निजी जीवन में भी हमें सेवा भाव से आगे बढ़ना चाहिए। एक अच्छे जनप्रतिनिधि के तौर पर लोगों की सेवा करना व उनकी सुनवाई करते हुए तकलीफों को दूर करना सबसे बड़ा धर्म है। शुगर मिल के एमडी अभय सिंह ने बताया कि वर्ष 1976-77 में शुरू हुई सोनीपत शुगर मिल की वर्तमान में 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन गन्ना पेराई की क्षमता है। वर्ष 2024-25 में मिल द्वारा 32 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पिछले पेराई सत्र में मिल द्वारा 28.3 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई और 10.38 प्रतिशत की शुगर रिकवरी के साथ 2,87,852 क्विंटल गन्ने चीनी बनी और शुगर मिल हरियाणा सरकार द्वारा शुगर रिकवरी में प्रथम स्थान पर रहा। मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष जसबीर दोदवा, जिला परिषद की चेयरमैन मोनिका दहिया, एडीसी अंकिता चौधरी, प्रबन्ध निदेशक शुगर मिल अभय सिंह, जिला राजस्व अधिकारी हरिओम अत्री, डीडीपीओ जितेंद्र कुमार, तहसीलदार जिवींदर मलिक, पीडब्ल्यूडी एक्सईएन पंकज गौड़ आदि उपस्थित रहे। सोनीपत शुगर मिल के पेराई सत्र के शुभारंभ पर सबसे पहले बुग्गी से गन्ना लेकर पहुंचे कुराड़ गांव के किसान सोमवीर, ट्रैक्टर ट्रॉली से गन्ना लेकर पहुंचे बड़ौली के किसान सुरेंद्र और सेंटर से ट्रक में बेगा केंद्र से गन्ना लेकर पहुंचे सुभाष को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पिछले पेराई सत्र में गेट पर सबसे ज्यादा 26,187 क्विंटल गन्ना लेकर आने वाले किसान महेंद्र सिंह पुत्र भीम सिंह और सेंटर पर सबसे ज्यादा 10,383 क्विंटल गन्ना डालने वाले किसान युनूस अली को सम्मानित किया गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में स्कूटी चालक की मौत:बोलेरो ने मारी टक्कर, सफीदो धाम जा रहा था माथा टेकने; तीन बच्चों का था पिता
पानीपत में स्कूटी चालक की मौत:बोलेरो ने मारी टक्कर, सफीदो धाम जा रहा था माथा टेकने; तीन बच्चों का था पिता हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा कस्बे में करनाल से सफीदो धाम पर माथा टेकने जा रहे एक स्कूटी सवार बुजुर्ग को तेज रफ्तार बोलेरो चालक ने टक्कर मार दी। हादसे में बुजुर्ग घायल हो गया। जिसकी करनाल के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं, हादसे के दौरान आरोपी चालक की राहगीरों ने वीडियो भी बना ली। बुजुर्ग के बेटे ने हादसे की शिकायत पानीपत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। मृतक दो बेटों और एक बेटी का पिता था।
राहगीरों ने पहुंचाया अस्पताल, परिजनों को भी दी सूचना मतलौडा थाना पुलिस को दी शिकायत में अशोक कुमार ने बताया कि वह गांव कालरो, जिला करनाल का रहने वाला है। 14 जुलाई को उसके पिता जयपाल घर से सफीदो जाने के लिए अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटी पर निकले थे। सुबह करीब 9 बजे वे गांव कवि से जोशी की ओर पहुंचे, तो गांव जोशी की हैचरी से थोड़ा पहले एक बोलेरो गाड़ी ने स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में टूटी स्कूटी टक्कर लगने के बाद जयपाल स्कूटी से नीचे गिर गया। स्कूटी भी टूट गई। हादसे के बाद मौके पर स्थानीय लोगों एवं राहगीरों की भीड़ जमा हो गई। जिन्होंने आरोपी चालक से पूछताछ की तो उसने अपना नाम राहुल बताया था। इसके बाद मौके से गुजर रहे नारा गांव के रहने वाले अरूण ने घायल के फोन से उसके परिजनों को हादसे की सूचना दी। साथ ही घायल को एक निजी अस्पताल तक पहुंचा दिया। जहां हालत में सुधार न होने के चलते परिजन तुरंत करनाल के एक निजी अस्पताल ले गए। वहां इलाज के दौरान 15 जुलाई को मौत हो गई।
करनाल पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत:कहा- बंटोगे तो लुटोगे; दिल्ली कूच के लिए सामूहिक फैसला जरूरी, दिल्ली 62 हजार वोल्ट का करंट है
करनाल पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत:कहा- बंटोगे तो लुटोगे; दिल्ली कूच के लिए सामूहिक फैसला जरूरी, दिल्ली 62 हजार वोल्ट का करंट है भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आज हरियाणा के करनाल में पहुंचे। जहां उन्होंने किसान यूनियनों को नसीहत देते हुए कहा कि खनौरी और शंभू बॉर्डर किसान बैठे हुए है। ऐसे में किसानों को आपस में बैठकर बातचीत करनी चाहिए और एकजुट रहना पड़ेगा। उन्होंने किसानों को कहा कि “बटोगे तो लुटोगे”। राकेश टिकैत ने कहा कि 10 महीने पहले जब आंदोलन शुरू हुआ था, तो उस वक्त भी हमने यही कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और अन्य सभी किसान इकट्ठे जाए। दिल्ली कूच की कॉल कोई भी अलग-अलग न दे। कोई यूपी से दिल्ली कूच की कॉल करता है, तो कोई राजस्थान से दिल्ली कूच की कॉल करता है। जब तक इकट्ठा न हो तब तक दिल्ली से दूर रहे। क्योंकि दिल्ली 62 हजार वोल्ट का करंट है और वह एकजुट होकर ही पार करना पड़ेगा। डल्लेवाल की सभी को चिंता है- टिकैत पंजाब के किसान नेता डल्लेवाल की बिगड़ती तबीयत के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि उनकी तबीयत की सभी को चिंता है और सरकार को फैसला करना चाहिए, किसान संगठन एक है। किसान संगठन कुछ नहीं कर सकते, लेकिन जो भी फैसला करना है वह सरकार को करना है। लाभ हानि सरकार को देखना है। दिल्ली में अकेला कुछ नहीं कर सकता किसानों के साथ नजर नहीं आने वाले सवाल पर टिकैत ने कहा कि हम किसानों के साथ है। जो लोग दिल्ली से वापस आए थे और वे ही लोग दिल्ली की तैयारी करते है तो सभी को एकत्रित होना पड़ेगा। अकेला वहां पर कुछ नहीं कर सकता, उसकी वहां पर हार होगी। टिकैत से पूछा गया कि कैसे सभी इकट्ठे होंगे तो उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों की तरफ से कल ही एक चिट्ठी आई है। जिसमें लिखा गया है कि हम बातचीत करना चाहते है। हम 6 महीने से यही बात कह रहे है कि एसकेएम इकट्ठा होकर बातचीत करे। हमारा कोई दिल्ली का प्रोग्राम नहीं है- टिकैत आंदोलन के असर को लेकर टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन का भारत सरकार को अभी फायदा हो रहा है। वह फायदा यह है कि अभी किसान पंजाब की जमीन पर है और पंजाब में सरकार आम आदमी पार्टी की है। इससे वहां की जनता नाराज है कि सिख समाज और किसानों का काम रास्ते रोकने का है। हमारे काम प्रभावित हो रहे है। यह आंदोलन 4 से 5 महीने और चलेगा। आंदोलन अकेले से सफल नहीं होता। राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि अभी हम न तो गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे है और न ही हमारा कोई दिल्ली का प्रोग्राम है। रामचंद्र जांगडा ने जानकारी छिपाकर जुल्म किया भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगडा के बयान पर टिकैत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सांसद ने 700 लड़कियां गायब होने का बयान दिया है। उनसे एक बार सरकार को जानकारी जरूर करनी चाहिए और किसानों के खिलाफ इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। उनके पास ऐसी कोई जानकारी थी तो उन्होंने उस जानकारी को सांझा क्यों नहीं किया। इस तरह की जानकारी छिपाना भी जुल्म है। उस पर भी धाराएं लगती है। उन्होंने झूठ बोला है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। किससे मिलते है केंद्रीय कृषि मंत्री, जानकारी दे वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हर मंगलवार किसानों से मिलने के बयान पर टिकैत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 22 जनवरी 2021 को आखिर बार किसानों के साथ उनकी बातचीत हुई थी। उसके बाद तीन साल हो चुके है, हमसे तो मिले नहीं और न ही किसी किसान संगठन से मिले। अब वे किससे मिल रहे है, उसकी जानकारी दे। किसानों आमदनी नहीं कर्ज बढ़ा हरियाणा सरकार के मंत्रियों के बयानों पर भी टिकैत ने जमकर हमला बोला। किसानों की आय दोगुनी होने को को लेकर टिकैत ने कहा कि यह सरकार की मजबूरी है, और उन्हें ऐसा बोलना पड़ता है। फसलों की आमदनी तो नहीं बढ़ी है, लेकिन किसानों पर कर्जा जरूर बढ़ गया है। बढ़े हुए कर्ज को आमदनी नहीं कहते। अब एसकेएम की मीटिंग चल रही है, क्योंकि जब राजा निर्दयी हो जाए तो अपने संगठन पर ताकत लगानी चाहिए और अपने संगठन को बढ़ाना चाहिए। एसकेएम दिल्ली से वापस आया और आज नया एसकेएम बनकर आंदोलन कर रहा है और दूसरा एसकेएम अपने घर बैठा है। इकट्ठे नहीं होंगे तो लुटेंगे। चढूनी का इलेक्शन का भूत उतरेगा तो वापसी होगी गुरनाम चढूनी पर तंज कसते हुए टिकैत ने कहा कि अगर वे इलेक्शन से निपट गए होंगे तो किसानों के बीच आ जाएंगे। इलेक्शन तो छोड़ना पड़ेगा, और जब इलेक्शन का भूत छूटेगा ताे आंदोलन में वापसी हो जाएगी, इलेक्शन भी एक बहुत बड़ी बीमारी है। मुझे इलेक्शन लड़कर ज्ञान प्राप्त हो चुका है और अब हम दूसरों को ज्ञान बांट रहे है।
हरियाणा में प्रदूषण से हालात बिगड़े, पाबंदियां बढ़ाई गईं:5 जिलों में प्राइमरी तक स्कूल बंद; माल ढुलाई-बसों पर असर; फल-सब्जी, दूध महेंगे होंगे
हरियाणा में प्रदूषण से हालात बिगड़े, पाबंदियां बढ़ाई गईं:5 जिलों में प्राइमरी तक स्कूल बंद; माल ढुलाई-बसों पर असर; फल-सब्जी, दूध महेंगे होंगे हरियाणा में धुंध के बीच प्रदूषण के हालात बिगड़ गए हैं। दिल्ली एनसीआर में आते प्रदेश के 14 शहरों में वायु की गुणवत्ता बदतर स्थिति में पहुंच गई है। सबसे बुरी स्थिति गुरुग्राम में है, जहां सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 576 रहा, जो बहुत खतरनाक की श्रेणी में आता है। इसमें सांस लेना 27 सिगरेट पीने से भी ज्यादा नुकसानदेह है। स्थिति बिगड़ती देख हरियाणा सरकार ने 5 जिलों में 5वीं तक के स्कूल बंद कर दिए हैं। इनमें झज्जर, सोनीपत, पानीपत, रोहतक और नूंह शामिल हैं। नूंह में 18 से 22 नवंबर तो सोनीपत में सिर्फ 18 नवंबर को छुट्टी रहेगी। वहीं एनसीआर में आते प्रदेश के 14 शहरों फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल में दिल्ली के साथ ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) यानी ग्रैप का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। ग्रैप-4 आज 18 नवंबर (सोमवार) सुबह 8 बजे से प्रभारी हो जाएगा। जिसकी वजह से कन्स्ट्रक्शन के सभी काम रोक दिए गए हैं। वहीं दफ्तरों में भी 50% स्टाफ कम करने को कहा गया है। ग्रैप 4 लागू होने से हरियाणा में ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्रीज और परिवहन सेवाओं पर असर पड़ेगा। इसके अलावा एनसीआर में आते प्रदेश के 14 जिलों में विकास कार्य प्रभावित होंगे, जब तक प्रदूषण कम नहीं होगा निर्माण व अन्य गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। दिल्ली में डीजल वाहनों का प्रवेश बंद होने से हरियाणा से दिल्ली आने-जाने वाले माल पर असर पड़ेगा। इससे फल-सब्जी और दूध महंगे हो सकते हैं। इन चीजों पर असर पड़ेगा… 1. रोडवेज सेवाएं प्रभावित होंगी
ग्रैप 4 लागू होने से हरियाणा की रोडवेज बसों के फेरे दिल्ली में घट सकते हैं। इसको लेकर परिहवन विभाग समीक्षा करने में जुटा है। हिसार रोडवेज जीएम मंगलसेन ने बताया कि ग्रैप 4 के नियमों की समीक्षा की जा रही है। अभी तक बसों के रोक को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं। हरियाणा की अधिकतर बसें दिल्ली जाती हैं। अगर सख्ती हुई तो बसें बंद हो सकती हैं। हालांकि हमारे पास बीएस 6 मॉडल की बसें भी हैं जिनको दिल्ली रूट पर लगाया जाएगा। 2. सब्जी और दूध महंगे हो सकते हैं
ग्रैप 4 लागू होने से डीजल वाहनों के प्रतिबंध से दूध और सब्जी दोनों चीजें महंगी हो सकती है। दिल्ली से हरियाणा में सब्जियां आती हैं और इसके अलावा हरियाणा से दिल्ली की गाजीपुर मंडी सहित कई अन्य क्षेत्रों में सब्जी और दूध सप्लाई होता है। इससे दूध और सब्जी दोनों के रेटों में बढ़ोतरी हो सकती है। दिल्ली से हरियाणा में हरा लहसुन, लाल पीली शिमला मिर्च, अरबी, करेला, शलग़म, सेब, खजूर, कीवी, अनार और अनानास जैसे फल आते हैं। 3. उद्योगों की माल ढुलाई पर असर ट्रांसपोर्ट वाहनों के दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलने से उद्योगों की माल ढुलाई पर असर पड़ सकता है। ग्रैप 4 लागू होने से उद्योग सहमे हुए हैं। हरियाणा के पानीपत, धारूहेड़ा और हिसार से उद्योगों का माल दिल्ली जाता है। अधिकतर ट्रांसपोर्ट जो NCR से बाहर हैं बीएस 3 डीजल वाले ट्रकों से माल ढुलाई करते हैं। इससे उद्योगों का माल अटक सकता है। उद्योगों ने सरकार से नियमों में ढील देने की मांग की है। देश के 21 सबसे प्रदूषित शहरों में 8 हरियाणा के
प्रदेश में प्रदूषण से हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि देश के 21 सबसे प्रदूषित शहरों में 8 हरियाणा के हैं। इनमें सबसे ज्यादा बुरी स्थिति बहादुरगढ़ की है। इसके अलावा भिवानी, हिसार, सोनीपत, रेवाड़ी का धारूहेड़ा, गुरुग्राम, पानीपत, फरीदाबाद के वल्लभगढ़ और रोहतक भी इस लिस्ट में शामिल हैं। वहीं सोमवार सुबह गुरुग्राम का AQI 576 पहुंच गया। ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में धुंध में 13 गाड़ियां टकराईं:AC बस में यात्री बाल-बाल बचे, हीटर से कार जली; पंजाब में स्कूल वैन-पीआरटीसी बस क्षतिग्रस्त हरियाणा में घनी धुंध के बीच हिसार और कैथल में 13 गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इनमें हरियाणा रोडवेज की AC बस भी शामिल है। हिसार में गाड़ियां भिड़ने की वजह से बस-कारों में सवार लोग बाल-बाल बचे(पूरी खबर पढ़ें)