लखनऊ में नशे में धुत बारातियों ने जमकर हंगामा कर दिया। लड़की के भाई और बहन की जमकर पिटाई कर दी। बारात बिना निकाह के ही लौट गई। लड़की के भाई दूल्हा पक्ष के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। मोहनलालगंज के निगोहां के भद्दी शीर्ष गांव में रायबरेली के बछरावां से बारात सोमवार दोपहर 2 बजे पहुंची। बारात का कार्यक्रम दुल्हन आफरीन बनो के घर के बाहर रोड पर ही था। दूल्हे का बहनोई इरशाद और दूल्हे का भाई इरफान नशे में धुत होकर डीजे पर नाचने के लिए शोर मचाने लगे। दोनों के शोर मचाने पर दुल्हन के भाई शहजाद ने विरोध किया और समझाने की कोशिश की। इसपर दूल्हे के भाई और बहनोई ने दुल्हन के भाई और बहन ग़ुलफ्शा बनो और चचेरी बहन अफसार जहां को गली देते हुए मारपीट करने लगे। बारात में शामिल महिलाओं और पुरुषों ने एक-दूसरे पर हमला बोल दिया। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और शादी समारोह में अफरा-तफरी मच गई। जिसके बाद बिना निकाह के ही बारात लौटा गई। लखनऊ में नशे में धुत बारातियों ने जमकर हंगामा कर दिया। लड़की के भाई और बहन की जमकर पिटाई कर दी। बारात बिना निकाह के ही लौट गई। लड़की के भाई दूल्हा पक्ष के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। मोहनलालगंज के निगोहां के भद्दी शीर्ष गांव में रायबरेली के बछरावां से बारात सोमवार दोपहर 2 बजे पहुंची। बारात का कार्यक्रम दुल्हन आफरीन बनो के घर के बाहर रोड पर ही था। दूल्हे का बहनोई इरशाद और दूल्हे का भाई इरफान नशे में धुत होकर डीजे पर नाचने के लिए शोर मचाने लगे। दोनों के शोर मचाने पर दुल्हन के भाई शहजाद ने विरोध किया और समझाने की कोशिश की। इसपर दूल्हे के भाई और बहनोई ने दुल्हन के भाई और बहन ग़ुलफ्शा बनो और चचेरी बहन अफसार जहां को गली देते हुए मारपीट करने लगे। बारात में शामिल महिलाओं और पुरुषों ने एक-दूसरे पर हमला बोल दिया। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और शादी समारोह में अफरा-तफरी मच गई। जिसके बाद बिना निकाह के ही बारात लौटा गई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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महाराष्ट्र MLC चुनाव में मिली हार के बाद जयंत पाटिल की पहली प्रतिक्रिया, ‘शरद पवार की पार्टी ने…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>MLC Election 2024 Results:</strong> महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में महायुति के 9 उम्मीदवार विजयी हुए, जबकि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने दो सीटें जीतीं. शेकाप के तीसरे उम्मीदवार जयंत पाटिल को हार स्वीकार करनी पड़ी, जिन्हें प्रथम वरीयता के केवल 12 वोट मिले. कांग्रेस विधायकों से उम्मीद के मुताबिक समर्थन न मिलने के कारण जयंत पाटिल हार गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एमएलसी चुनाव में मिली हार पर क्या बोले जयंत पाटिल?</strong><br />जयंत पाटिल ने विधान परिषद चुनाव में अपनी हार पर पहली प्रतिक्रिया दी है. पाटिल ने कहा, अगर शरद पवार की पार्टी का एक भी वोट बंट जाता है, तो कांग्रेस मदद नहीं करती. उन्होंने यह भी कहा कि जयंत पाटिल भविष्य में भी महाविकास अघाड़ी के साथ बने रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शरद पवार से मिले जयंत पाटिल</strong><br />जयंत पाटिल आज शरद पवार से मिलने सिल्वर ओक पहुंचे, हालांकि, वे बीमार होने के कारण ज्यादा देर नहीं मिल पाए. उन्होंने कहा कि विधान परिषद चुनाव ‘घोड़ा बाजार’ बन गया है और हम नतीजों पर विचार करेंगे. महाराष्ट्र की राजनीति में इस तरह की राजनीति पहले नहीं थी. एनसीपी को 12 वोट मिले थे, जिसमें से एक वोट बंट गया. मेरे पास 14 वोट थे और मैं दूसरे नंबर पर चुना गया. जयंत पाटिल ने कहा कि एनसीपी की पार्टी टूट गई और कांग्रेस को दूसरी वरीयता के वोट नहीं मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जयंत पाटिल ने कहा कि हम महाविकास अघाड़ी के साथ हैं और नाना पटोले से कोई बातचीत नहीं हुई है. हमारा रुख दृढ़ है और हम महाविकास अघाड़ी के रूप में आगे बढ़ते रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि महाविकास अघाड़ी में बड़ी पार्टियां छोटी पार्टियों को खत्म करने के लिए नहीं बैठी हैं, और हम अपनी ताकत जानते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जयंत पाटिल ने यह भी कहा कि वे सिर्फ इसलिए काम करना बंद नहीं करेंगे क्योंकि वे चुनाव हार गए हैं. उन्होंने 25 साल तक विधायिका में काम किया है और कार्यकर्ताओं के सवाल उठाए हैं. जयंत पाटिल ने यह भी कहा कि उनकी हार पर विपक्ष और उनका सदन भी दुखी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जयंत पाटिल ने कहा कि वह शरद पवार को धन्यवाद देते हैं, जो उनके लिए खड़े रहे. दिन में दो-तीन बार उनसे संपर्क होता था और कई बैठकें हुईं. शरद पवार ने कहा था कि ‘वे धोखा देंगे, वे धोखा देंगे’, और यह सच निकला. शरद पवार उनके लिए रात तक जागते थे. कांग्रेस की दूसरी प्राथमिकता हमारे साथ थी, लेकिन तीन से चार राय अलग हो गईं. हम किसी अजगर के चंगुल में नहीं फंसे हैं. जो लोग ऐसा कहते हैं, उन्हें बता दें कि हमने अपने जीवन में कई बार ऐसे अजगर देखे हैं.</p>
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संजौली मस्जिद गिराने की मांगी परमिशन:लतीफ बोले- यह वक्फ-बोर्ड की प्रॉपर्टी, इसलिए अनुमति जरूरी, अगले सप्ताह शुरू हो सकता है तोड़ने का काम हिमाचल की राजधानी संजौली में अवैध मस्जिद को गिराने से पहले मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से इसकी अनुमति मांगी है। संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि यह प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की है। इसलिए वक्फ बोर्ड की परमिशन जरूरी है, ताकि कोई व्यक्ति बाद में उन्हें पार्टी न बनाए। बता दें कि नगर निगम शिमला आयुक्त ने संजौली मस्जिद की अवैध रूप से बनाई गई 3 मंजिल को गिराने के आदेश दे रखे है। संजौली मस्जिद कमेटी को आयुक्त कोर्ट के लिखित ऑर्डर बीते कल ही मिले है। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को गिराने से पहले वक्फ बोर्ड को पत्र लिखा है। लिहाजा अब अवैध निर्माण तोड़ने का फैसला वक्फ बोर्ड लेगा। निगम आयुक्त ने मस्जिद कमेटी को अपने खर्च पर अवैध निर्माण तोड़ने के आदेश दे रखे है। वक्फ बोर्ड की मंजूरी के बाद अगले हफ्ते से मस्जिद को गिराने का काम शुरू हो सकता है। इस मामले में नगर निगम आयुक्त की कोर्ट में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होनी है। अगले सुनवाई में मस्जिद की दो मंजिल को लेकर फैसला होगा। इससे पहले संजौली की मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड ने बीते 12 सितंबर को एक एप्लिकेशन नगर निगम आयुक्त कोर्ट को दी थी, जिसमें ऊपर की 3 मंजिलें गिराने की पेशकश की थी। इसी अंडरटेकिंग के आधार पर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्रि ने बीते 5 अक्टूबर को अंतरिम आदेश जारी कर 3 मंजिल गिराने का फैसला सुनाया। 2 मंजिल की परमिशन, 5 मंजिल बना दी संजौली में आजादी से पहले सिर्फ 2 मंजिला मस्जिद थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि साल 2010 में यहां अवैध निर्माण शुरू किया गया। 2010 में ही नगर निगम ने अवैध निर्माण रोकने का नोटिस दिया। साल 2020 तक अवैध निर्माण रोकने के लिए 35 नोटिस दिए गए। तब तक मस्जिद दो मंजिल से 5 मंजिल बना दी गई। निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई भी चलती रही और निर्माण भी जारी रहा। मस्जिद का नक्शा पास नहीं इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, इससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वह सभी को मंजूर होगा।