हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू से 8 से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। इससे सड़क पर ब्लैक-आइस जमने लगी है। ऐसी सड़कों पर सफर जोखिमभरा हो गया है। बीती शाम को भी कोकसर में बर्फ के ऊपर से एक गाड़ी फिसलने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसे देखते हुए लाहौल स्पीति पुलिस ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की है। लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 10.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। लाहौल स्पीति, चंबा, कुल्लू और कांगड़ा जिला में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां ताबो से भी ज्यादा ठंड हो गई है। मगर वहां मौसम विभाग रिकॉर्ड नहीं कर पाता। तापमान में गिरावट से सड़कों पर चलता पानी जमने लगा है, जिस पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने लगे है। 30 नवंबर और 2 दिसंबर को बर्फबारी मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 3 दिन तापमान सामान्य बना रहेगा। मगर 30 नवंबर को अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। इससे ऊंचे क्षेत्रों के तापमान में हल्की गिरावट आएगी। एक दिसंबर को मौसम साफ हो जाएगा। मगर 2 दिसंबर को फिर से चंबा, कुल्लू, कांगड़ा और लाहौल स्पीति के अधिक ऊंचे इलाकों में बर्फबारी का पूर्वानुमान है। 57 दिन के ड्राइ स्पेल से अभी राहत के आसार नहीं प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। यानी प्रदेशवासियों को अभी सूखे से राहत मिलने के कोई आसार नहीं है। प्रदेश के 6 जिलों चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में 57 दिन से पानी की एक बूंद तक बरसी, जबकि अन्य जिलों में भी नाम मात्र बूंदाबांदी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। अगले ढाई सप्ताह तक भी बारिश के कम ही आसार है। IMD ने अगले तीन के लिए मंडी और बिलासपुर जिला में घनी धुंध छाने का येलो अलर्ट जारी किया है। बेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं हो पा रहा एक्टिव मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव नहीं हो पा रहा है। इस वजह से पहाड़ों पर अच्छी बारिश बर्फबारी नहीं हो पा रही। जो वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है, वह बरसे बगैर ही कमजोर पड़ रहे हैं और लद्दाख की तरफ बिन बरसे जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू से 8 से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया है। इससे सड़क पर ब्लैक-आइस जमने लगी है। ऐसी सड़कों पर सफर जोखिमभरा हो गया है। बीती शाम को भी कोकसर में बर्फ के ऊपर से एक गाड़ी फिसलने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसे देखते हुए लाहौल स्पीति पुलिस ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की है। लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 10.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। लाहौल स्पीति, चंबा, कुल्लू और कांगड़ा जिला में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां ताबो से भी ज्यादा ठंड हो गई है। मगर वहां मौसम विभाग रिकॉर्ड नहीं कर पाता। तापमान में गिरावट से सड़कों पर चलता पानी जमने लगा है, जिस पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने लगे है। 30 नवंबर और 2 दिसंबर को बर्फबारी मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 3 दिन तापमान सामान्य बना रहेगा। मगर 30 नवंबर को अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। इससे ऊंचे क्षेत्रों के तापमान में हल्की गिरावट आएगी। एक दिसंबर को मौसम साफ हो जाएगा। मगर 2 दिसंबर को फिर से चंबा, कुल्लू, कांगड़ा और लाहौल स्पीति के अधिक ऊंचे इलाकों में बर्फबारी का पूर्वानुमान है। 57 दिन के ड्राइ स्पेल से अभी राहत के आसार नहीं प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। यानी प्रदेशवासियों को अभी सूखे से राहत मिलने के कोई आसार नहीं है। प्रदेश के 6 जिलों चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में 57 दिन से पानी की एक बूंद तक बरसी, जबकि अन्य जिलों में भी नाम मात्र बूंदाबांदी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। अगले ढाई सप्ताह तक भी बारिश के कम ही आसार है। IMD ने अगले तीन के लिए मंडी और बिलासपुर जिला में घनी धुंध छाने का येलो अलर्ट जारी किया है। बेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं हो पा रहा एक्टिव मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव नहीं हो पा रहा है। इस वजह से पहाड़ों पर अच्छी बारिश बर्फबारी नहीं हो पा रही। जो वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है, वह बरसे बगैर ही कमजोर पड़ रहे हैं और लद्दाख की तरफ बिन बरसे जा रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी:रोहतांग दर्रे की चोटियों पर पहुंचने लगे पर्यटक, निचले व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम साफ
हिमाचल के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी:रोहतांग दर्रे की चोटियों पर पहुंचने लगे पर्यटक, निचले व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम साफ हिमाचल प्रदेश के दूरदराज जिले लाहौल स्पीति में रोहतांग की ऊंची चोटियों पर शनिवार दोपहर बाद हल्की बर्फबारी शुरू हो गई। रोहतांग दर्रे की सबसे ऊंची चोटी पर घूमने आए पर्यटक बर्फ के फाहे गिरते ही रोमांचित हो गए। पर्यटकों ने यहां खूब मौज-मस्ती की। हालांकि कुछ देर बाद बर्फबारी बंद हो गई। वहीं, मौसम विभाग ने रोहतांग समेत प्रदेश के सभी ऊंचाई वाले इलाकों में तीन दिसंबर तक बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है। अगले 72 घंटों के दौरान प्रदेश के किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, कांगड़ा और चंबा की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि निचले और मध्य पर्वतीय इलाकों में मौसम साफ रहेगा। बर्फबारी के पूर्वानुमान के बीच रोहतांग में हल्की बर्फबारी ने पर्यटन कारोबारियों को बर्फबारी की उम्मीद जगा दी है। उम्मीद है कि 72 घंटों में अच्छी बर्फबारी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो आने वाले दिनों में पहाड़ों पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। इन जिलों में साफ रहेगा मौसम मौसम विभाग के अनुसार, शिमला, सोलन, मंडी, सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना जिलों में मौसम साफ रहेगा। अगले दो सप्ताह तक भी इन जिलों में अच्छी बारिश या बर्फबारी की संभावना नहीं है। इससे प्रदेश में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर किसानों, बागवानों और पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। पेयजल योजनाओं में पानी का स्तर गिरा हिमाचल प्रदेश में बारिश नही होने के कारण इसका असर पेयजल परियोजनाओं पर देखने को मिल रहा है। प्रदेश में अब पेयजल स्रोत भी सूखने लगे हैं। प्रदेश में जल शक्ति विभाग की करीब 9000 पेयजल योजनाएं हैं। इनमें से 55 फीसदी योजनाओं में पानी का स्तर 15 से 20 फीसदी तक गिर गया है। किसान-बागवानों पर मौसम की मार सूखे के कारण इस बार किसान 63 फीसदी भूमि पर गेहूं की बुआई नहीं कर पाए, जबकि प्रदेश में 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल उगाई जाती है। हिमाचल में गेहूं की बुआई के लिए उपयुक्त समय 15 नवंबर है। यानी अब अगर बारिश भी होती है तो किसान इसकी बुआई नहीं कर पाएंगे। वहीं सूखे की वजह से हिमाचल आर्थिकी की रीढ़ सेब के बाग भी खतरे में हैं। बागों में नमी पूरी तरह खत्म हो गई है। सूखे की वजह से बागों में वूली-एफिड कीट ने हमला कर दिया है। बर्फबारी सेब के लिए टॉनिक का काम करती है और तमाम बीमारियों को दूर करती है। लेकिन इस बार बर्फबारी तो दूर, बारिश भी नहीं हो रही है। मानसून और मानसून के बाद के सीजन में सामान्य से कम बारिश 2 महीने सूखे गुजरे हैं। इस बार मानसून में भी सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि मानसून के बाद के सीजन में बारिश सामान्य से 98 फीसदी कम हुई है। 1 अक्टूबर से 29 नवंबर तक सामान्य बारिश 44 मिमी होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 0.7 मिमी बारिश हुई है।
हिमाचल CM का कर्मचारी-पेंशनर को दीपावली गिफ्ट:बोले-4 दिन पहले मिलेगी सैलरी-पेंशन, 4% DA देने और पेंडिंग मेडिकल बिलों के भुगतान का ऐलान
हिमाचल CM का कर्मचारी-पेंशनर को दीपावली गिफ्ट:बोले-4 दिन पहले मिलेगी सैलरी-पेंशन, 4% DA देने और पेंडिंग मेडिकल बिलों के भुगतान का ऐलान हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने दिवाली पर कर्मचारियों व पेंशनर के लिए बड़ी घोषणाएं की है। CM ने शुक्रवार शाम के वक्त सचिवालय में बुलाई प्रेस कॉफ्रेंस में ऐलान किया कि दिवाली को देखते हुए इस बार अक्टूबर माह की सैलरी और पेंशन के लिए कर्मचारी-पेंशनर को एक नवंबर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने 4 दिन पहले 28 अक्टूबर को सैलरी-पेंशन देने का फैसला लिया है। CM सुक्खू ने सभी कर्मचारियों और पेंशनर को 1-1-2023 से देय 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त देने की घोषणा की। इससे 1.80 लाख कर्मचारी और 1.70 लाख पेंशनर लाभान्वित होंगे। इससे आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकारी कोष पर 600 करोड़ का भार पड़ेगा। मुख्यमंत्री बोले-सभी पेंडिंग मेडिकल बिलों का भुगतान होगा सीएम ने कहा, जिन भी कर्मचारियों के मेडिकल बिल लटके हुए हैं उसके भुगतान के आदेश दे दिए गए है। किसी भी कर्मचारी का कोई मेडिकल बिल पेंडिंग नहीं रखा जाएगा। प्रदेश की वित्तीय स्थिति को बताया अच्छा सीएम सुक्खू ने कहा, प्रदेश की वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी है। उनकी सरकार वित्तीय अनुशासन ने रहकर काम कर रही है, ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सके। हरियाणा के चुनाव में भाजपा ने गलत प्रचार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार ने एक महीने कर्मचारियों की सैलरी लेट करके 3 करोड़ रुपए की बचत की है। एनपीएस के 1364 कर्मचारियों को डीए मुख्यमंत्री ने कहा करीब 1364 कर्मचारी NPS में है। सरकार ने फैसला लिया है कि भारत सरकार द्वारा समय समय पर जारी की जाने पर महंगाई भत्ते की दरें एनपीएस अधिकारी और कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा। इसे लेकर 10 अक्टूबर को आदेश जारी कर दिए है। सीएम ने कहा, कहा कि 75 साल से अधिक आयु के सभी पेंशनर का पूरा एरियर प्रदान कर दिया जाएगा। हमारी एक बार भी ट्रैजरी ओवर ड्राफ्ट नहीं हुई CM सुक्खू ने कहा, हमारी ट्रैजरी अभी तक ओवर ड्राफ्ट नहीं हुई। हमने 11 दिसंबर 2022 को जब सत्ता संभाली तो उस दौरान गंभीर वित्तीय स्थिति थी। हमने दृष्टिकोण अपनाया और आर्थिक अनुशासन के लिए रणनीति बनाई। एक साल के भीतर 2200 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व कमाया। फिर भी मीडिया में ऐसा दिखाया गया कि तनख्वाह देने को पैसा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्व सरकार ने चुनावी बेला में मुफ्त की रेवड़ियां बांटी और सरकारी खजाने पर बोझ डाला। अब झूठ के सहारे राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश की।
मनाली के बच्चे का नाम बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज:5 साल की उम्र में 195 देशों की पूरी जानकारी, 15 महीने में सिखी अल्फाबेट
मनाली के बच्चे का नाम बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज:5 साल की उम्र में 195 देशों की पूरी जानकारी, 15 महीने में सिखी अल्फाबेट मनाली के सक्षम ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। OMG बुक ऑफ रिकॉर्ड मुंबई में सक्षम का तीसरी बार नाम दर्ज हुआ हैं। महज 5 वर्ष की उम्र में सक्षम ने 195 देशों के झंडे, उनकी भाषा, मुद्रा और अधिकांश देशों की राजधानी और सभी देशों के नाम की स्पेलिंग सहित याद कर ली है। इतना ही नहीं इस बच्चे को मानचित्र पर कौन सा देश कहां पर हैं इस बात की भी पूरी जानकारी है। बता दें कि, इससे पहले, सक्षम ने दो नेशनल रिकॉर्ड बनाए है। पहला रिकॉर्ड तब बना था जब इस बच्चे ने महज़ 15 महीने की उम्र में अल्फाबेट सीख लिया था। जिसके लिए इसे मिरेकल बॉय का टाइटल मिला था। दूसरा रिकॉर्ड कार संग्रह का था। 3 साल की उम्र तक सक्षम ने 250 से अधिक कारों के टॉयज का संग्रह कर लिया था और कौन सी कार का मॉडल किस कंपनी का है इस बात की भी उसे पूरी जानकारी थी। इतना ही नहीं इस बच्चे को पूरे देश के आरटीओ नंबर की भी जानकारी है। मिल चुका चमत्कार बालक का खिताब सक्षम की इस असाधारण उपलब्धि ने सभी को चकित कर दिया है और उन्हें ‘चमत्कार बालक’ का खिताब दिया गया है। उनकी प्रतिभा और मेहनत ने उन्हें देश का गौरव बना दिया है। सक्षम अपने माता-पिता के साथ मनाली में रहता है। सक्षम के पिता सागर एक हेल्थ कोच हैं तथा माता स्नेहा ठाकुर एक होटलियर और पेरेंटिंग कोच हैं। सक्षम मात्र यूकेजी कक्षा का छात्र हैं। सक्षम के माता पिता इस उपलब्धि के लिए काफी खुश हैं और इसके लिए उन्होंने परमात्मा का आभार व्यक्त किया। उनका कहना है कि सक्षम को 5 महीने की उम्र से ही किताबें पकड़ना शुरू कर दी थी और 15 महीने की उम्र में तो वो अल्फाबेट सिख चुका था। 3 साल की उम्र में सक्षम को 500 से ज्यादा इंग्लिश के शब्द सिख चुका था। सक्षम का कहना है कि वो एस्ट्रोनॉट बनकर स्पेस में जाना चाहता हैं।