<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) ने दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से आज (27 नवंबर) इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल को इस्तीफा भेज दिया है. कुछ दिन पहले ही उन्होंने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके अगले ही दिन बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) ने दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से आज (27 नवंबर) इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल को इस्तीफा भेज दिया है. कुछ दिन पहले ही उन्होंने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके अगले ही दिन बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. </p> दिल्ली NCR किस बात को लेकर है सुर्खियों में राजस्थान का उदयपुर राजपरिवार, जानें विवाद की मूल वजह
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हरियाणा के 10 शहरों में AQI 500 पार:हिसार, गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र गैस चैंबर में तब्दील, एडवाइजरी के बावजूद जमकर फोड़े गए पटाखे
हरियाणा के 10 शहरों में AQI 500 पार:हिसार, गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र गैस चैंबर में तब्दील, एडवाइजरी के बावजूद जमकर फोड़े गए पटाखे दिवाली की रात हरियाणा में खूब आतिशबाजी हुई। सरकार ने सिर्फ दो घंटे आतिशबाजी की एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन शाम 7 बजे से 12 बजे तक जमकर पटाखे फोड़े गए। इससे हरियाणा में पहले से खराब प्रदूषण की स्थिति और खराब हो गई।
हरियाणा पूरी तरह से गैस चैंबर में तब्दील हो चुका है। हिसार और कुरुक्षेत्र में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां पीएम 2.5 और पीएम 10 500 के पार पहुंच गए हैं। यह इतना खतरनाक है कि इस जहरीली हवा में बाहर निकलने पर स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ सकता है।
इसके अलावा हरियाणा के 10 शहरों अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, जींद, पंचकूला, रोहतक, यमुनानगर, हिसार और कुरुक्षेत्र में AQI 500 के पार पहुंच गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरियाणा सरकार भी कुछ हरकत में नजर आई।
सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहने पर 26 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। 11 अधिकारियों को चार्जशीट किया गया जबकि 383 अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए। इसके अलावा अब तक 186 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जबकि 34 को गिरफ्तार किया गया है। क्या होता है पीएम 2.5
पीएम 2.5 का मतलब है, हवा में मौजूद छोटे कण या बूंदें जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। ये कण कई स्रोतों से आते हैं, जैसे कि वाहनों का धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन, जंगल की आग, और धूल। पीएम 2.5, वायु प्रदूषण के मुख्य योगदानकर्ताओं में से एक है।
पीएम 2.5 के कुछ सामान्य निर्माणों में सल्फेट, नाइट्रेट, अमोनिया, ब्लैक कार्बन, और खनिज धूल शामिल हैं। पीएम 2.5 के संपर्क में आने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, समय से पहले मृत्यु दर में वृद्धि, हृदय या फेफड़ों के रोगों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में वृद्धि, तीव्र और जीर्ण ब्रोंकाइटिस, अस्थमा के दौरे श्वसन संबंधी लक्षण। कितना खतरनाक है PM 10
PM10 में निर्माण स्थलों, लैंडफिल और कृषि, जंगल की आग और ब्रश,कचरा जलाने, औद्योगिक स्रोतों, खुली जमीन से हवा में उड़ने वाली धूल, पराग और बैक्टीरिया के टुकड़े भी शामिल होते हैं। पीएम 10 कण इतने छोटे होते हैं कि वे आपके गले और फेफड़ों में जा सकते हैं। पीएम 10 का उच्च स्तर आपको खांसी, नाक बहना और आंखों में जलन पैदा कर सकता है।
PM 10 का स्तर अधिक होने पर हृदय या फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों में अधिक लक्षण हो सकते हैं। लक्षणों में घरघराहट, सीने में जकड़न या सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकती है। प्रदूषण को लेकर डॉक्टर्स ने क्या कहा… 1. 400 से ऊपर एक्यूआई 25 सिगरेट पीने के बराबर
मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि 400 से ऊपर एक्यूआई वाली हवा में सांस लेना एक दिन में 25-30 सिगरेट पीने के बराबर है। 300-350 का AQI एक दिन में 15-20 सिगरेट के बराबर हो सकता है। इससे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। 2. एम्स के पूर्व निदेशक ने कहा- कोविड से ज्यादा खतरनाक प्रदूषण
दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड 19 की तुलना में प्रदूषण से होने वाली मौतें अधिक हो सकती हैं। हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में वायु प्रदूषण के कारण दुनिया में 80 लाख मौतें हुईं। यह कोविड 19 से हुई मौतों से भी ज्यादा हैं। हमें कोविड की चिंता थी, लेकिन प्रदूषण की नहीं। WHO के मुताबिक वायु प्रदूषण से इन बीमारियों का खतरा 1. अस्थमा: सांस लेने में कठिनाई होती है, छाती में दबाव महसूस होता है और खांसी भी आती है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति की श्वसन नली में रुकावट आने लगती है। यह रुकावट एलर्जी (हवा या प्रदूषण) और कफ से आती है। कई रोगियों में यह भी देखा गया है कि सांस लेने की नली में सूजन भी आ जाती है। 2. फेफड़ों का कैंसर: स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) प्रदूषण और धूम्रपान से होने वाला कैंसर है। इसका पता तब चलता है जब SCLC शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल चुका होता है। साथ ही, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) तीन तरह के होते हैं। एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा। 3. हार्ट अटैक : वायु प्रदूषण से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जहरीली हवा के PM 2.5 के बारीक कण खून में चले जाते हैं। इससे धमनियों में सूजन आ जाती हैं। 4. बच्चों में सांस की दिक्कत: बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह नाक, गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है, जो सांस लेने में मदद करने वाले अंग हैं। बच्चों को इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी से सबसे ज्यादा मरते हैं। 5. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) : क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक सांस संबंधी बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह बहुत खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सबसे ज्यादा लोग सीओपीडी से मरते हैं। जानिये प्रदूषण से किस बीमारी का खतरा और उपाय…
1. अस्थमा अटैक का हो सकता है खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वायु प्रदूषण आपके फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर डाल सकता है। जब प्रदूषित हवा में मौजूद सूक्ष्म कण सांस के साथ अंदर जाते हैं तो इससे फेफड़ों के लिए दिक्कतें बढ़ सकती हैं। यह स्थिति पहले से ही सांस की बीमारियों जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस वाले मरीजों के लिए खतरनाक और जानलेवा भी हो सकती है। प्रदूषित हवा में कुछ समय भी रहना अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ाने वाली हो सकती है। उपाय : सांस के मरीजों को घर से बाहर जाने से बचना चाहिए। बाहर जाना हो तो मास्क जरूर लगाएं। अपने पास इनहेलर और दवाएं हमेशा रखें। 2. हृदय रोगियों के लिए बढ़ सकती हैं दिक्कतें
वायु प्रदूषण फेफड़ों के साथ-साथ हृदय रोग के शिकार लोगों के लिए भी बहुत नुकसानदायक है। प्रदूषित वातावरण में रहने से ब्लड प्रेशर बढ़ने, हृदय गति रुकने, स्ट्रोक जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। प्रदूषण के कारण रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है। वायु प्रदूषण के कारण रक्त वाहिकाएं संकरी और सख्त हो सकती है, जिससे रक्त का प्रवाह कठिन हो जाता है। इस तरह की स्थिति रक्तचाप और हृदय की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ाने वाली हो सकती है।
उपाय : हृदय रोग के शिकार लोगों को ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने, खूब पानी पीते रहने और प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क लगाने की सलाह दी जाती है। क्या है सलाह?
हिसार में गीतांजली अस्पताल के फिजीशियन डॉ. कमल किशोर कहते हैं, आप पहले से बीमार हों या स्वस्थ, प्रदूषण सभी के लिए खतरनाक है। प्रदूषण के पीक वाले समय जैसे सुबह-शाम घर से बाहर जाने से बचें। पटाखों के धुआं से खुद को बचाएं, अस्थमा रोगियों के लिए इन बातों का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है। घर के भीतर की हवा को साफ-स्वच्छ करने के लिए एयर प्यूरीफयर का इस्तेमाल करें। जहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा है वहां मास्क पहनकर रखें जिससे प्रदूषक आपके शरीर में न प्रवेश कर पाएं। किसी भी समय आपको सांस की दिक्कत, छाती में दर्द या जकड़न महसूस होती है तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पंजाब में आतंकवाद और नशा तस्करी पर DGP की मीटिंग:अधिकारियों से मिलकर नई स्ट्रेटजी बनाने पर चर्चा, पुलिस को अलर्ट रहने की हिदायत
पंजाब में आतंकवाद और नशा तस्करी पर DGP की मीटिंग:अधिकारियों से मिलकर नई स्ट्रेटजी बनाने पर चर्चा, पुलिस को अलर्ट रहने की हिदायत कठुआ में जम्मू पुलिस, बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक के बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव एक्शन में आ गए हैं। आज (शुक्रवार) उन्होंने पुलिस की विभिन्न विंगों के प्रमुखों और सभी जिलों के एसएसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। बैठक में एसटीएफ प्रमुख, स्पेशल डीजीपी आंतरिक सुरक्षा, स्पेशल डीजी कानून एवं सुरक्षा, सीपी, रेंज आईजी/डीआईजी और एसएसपी शामिल हुए। बैठक में संगठित अपराध, नशा तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ रणनीति बनाई गई। उन्होंने अफसरों को साफ कर दिया है कि इन सब चीजों के खिलाफ पुलिस को अहम भूमिका निभानी होगी। साथ ही लोगों का दिल जीतने के साथ-साथ उन्हें सतर्क भी रहना होगा। ताकि अपराधियों पर आसानी से काबू पाया जा सके। नशा तस्करों व गैंगस्टरों के बारे में दी रिपोर्ट राज्य सरकार नशा तस्करों व गैंगस्टरों के खिलाफ काफी सख्त है। CM भगवंत मान के साफ आदेश हैं कि नशा तस्करी करने वालों को पकड़कर तुरंत उनकी संपत्ति को कुर्क किया जाए। ताकि नशा तस्करों की कमर तोड़ी जा सकें। मीटिंग में सभी जिलों ने गत समय में अपनी कार्रवाईयों के बारे में जानकारी दी। साथ लोगों से जुड़ने के लिए चलाई जा रही मुहिमों के बारे में बताया। डीजीपी ने साफ किया है कि रोजाना 11 बजे से एक बजे तक एसएचओ से लेकर अधिकारी अपने आफिस में मौजूद रहेंगे। साथ ही लोगों को शिकायतों का पहल पहल के आधार पर निपटाया जाएगा।
हिमाचल में कमजोर पड़ा मानसून:सामान्य से 25% कम बारिश; तापमान में भारी उछाल, 6 शहरों का पारा 35 डिग्री पार
हिमाचल में कमजोर पड़ा मानसून:सामान्य से 25% कम बारिश; तापमान में भारी उछाल, 6 शहरों का पारा 35 डिग्री पार हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून कमजोर पड़ गया है। इस सीजन में अब तक सामान्य से 25 फीसदी कम बारिश हुई है। सिरमौर जिले से मानसून प्रदेश में प्रवेश करता है। लेकिन सिरमौर में ही अच्छी बारिश नहीं हुई। सिरमौर में सामान्य से 51 फीसदी कम बारिश हुई है। 1 जून से 10 जुलाई तक प्रदेश में औसत बारिश 168.9 मिमी होती है। लेकिन इस बार 127.1 मिमी बारिश हुई है। शिमला एकमात्र ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 3 फीसदी अधिक बारिश हुई है। शिमला में 174.2 मिमी बारिश हुई, जबकि यहां औसत बारिश 168.83 मिमी होती है। अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। बिलासपुर जिले में सामान्य से 26 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि चंबा में 32 फीसदी, हमीरपुर में 22 फीसदी, कांगड़ा में 7 फीसदी, किन्नौर में 42 फीसदी, कुल्लू में 25 फीसदी, लाहौल स्पीति में 59 फीसदी, मंडी में 4 फीसदी, सोलन में 23 फीसदी और ऊना जिले में सामान्य से 45 फीसदी कम बारिश हुई है। अगर आने वाले दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई तो इसका असर प्रदेश के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की खेती पर भी पड़ेगा, क्योंकि पड़ोसी राज्यों के लिए पानी भी हिमाचल से होकर जाता है। खास तौर पर पंजाब और हरियाणा की खेती हिमाचल के पानी पर निर्भर है। आज से 3 दिन बारिश का येलो अलर्ट मौसम विभाग (IMD) ने 11 से 13 जुलाई तक बारिश का येलो अलर्ट जरूर जारी किया है। लेकिन शिमला समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में सुबह से ही हल्की धूप खिली हुई है। IMD के मुताबिक, तीन दिन ही मानसून ज्यादा सक्रिय रहेगा। 14 से 16 जुलाई के बीच इसकी गति धीमी पड़ जाएगी और कुछ जगहों पर ही हल्की बारिश हो सकती है। 3 वजहों से कमजोर हुआ मानसून मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार हवा का दबाव न बनने और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने की वजह से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। मई महीने में भी रेमल नाम के चक्रवाती तूफान की वजह से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। तापमान में आया उछाल, 6 शहरों का पारा 35 डिग्री पार प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में भी उछाल आया है। कुछ शहरों का पारा नॉर्मल से छह डिग्री तक ज्यादा हो गया है। इसके बाद प्रदेश के छह शहरों का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया है। डलहौजी का पारा नॉर्मल से 6 डिग्री अधिक के उछाल के साथ 29.7 डिग्री पहुंच गया है। डलहौजी के तापमान में 6 डिग्री का उछाल शिमला का तापमान नॉर्मल से 3.6 डिग्री अधिक के साथ 26.6 डिग्री, मंडी का 5.6 डिग्री अधिक के साथ 36.8 डिग्री, भुंतर का पारा नॉर्मल से 3.6 डिग्री ज्यादा के उछाल के साथ 35.4 डिग्री, बिलासपुर का पारा 4 डिग्री ज्यादा के साथ 37 डिग्री, कांगड़ा का 3.3 डिग्री उछाल के बाद 34.3 डिग्री और ऊना का पारा 3.4 डिग्री ज्यादा के साथ 37.2 डिग्री पहुंच गया है।