शिमला के उपमंडल रोहड़ू में शातिरों ने जल शक्ति विभाग की परियोजना में लगे बिजली मोटर ( 60 HP) को चोरी कर उड़ा ले गए है। शातिरों ने घटना को रात के अंधेरे में अंजाम दिया है। चोरी हुए बिजली मोटर की कीमत लगभग 80 हजार रुपए थी। चोरों ने पंप उपकरण को भी क्षतिग्रस्त किया है। पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस थाना रोहड़ू को चोरी की शिकायत मिली। शिकायतकर्ता श्याम सुंदर शर्मा ने पुलिस को बताया कि रात के अंधेरे में रोहड़ू के सियाओ कैंची स्थित IPH आपूर्ति चरण -2 से अज्ञात लोग बिजली मोटर 60 HP( हॉर्स पावर) को चुराकर ले गए है। उन्होंने पुलिस को बताया कि इसकी कीमत करीब 80 हजार रुपए थी। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया है कि शातिरों ने मौके पर मौजूद पंप उपकरण भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। उधर पुलिस ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ BNS (भारतीय न्याय संहिता ) की विभिन्न धाराओं और 3 PDP एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिमला के उपमंडल रोहड़ू में शातिरों ने जल शक्ति विभाग की परियोजना में लगे बिजली मोटर ( 60 HP) को चोरी कर उड़ा ले गए है। शातिरों ने घटना को रात के अंधेरे में अंजाम दिया है। चोरी हुए बिजली मोटर की कीमत लगभग 80 हजार रुपए थी। चोरों ने पंप उपकरण को भी क्षतिग्रस्त किया है। पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस थाना रोहड़ू को चोरी की शिकायत मिली। शिकायतकर्ता श्याम सुंदर शर्मा ने पुलिस को बताया कि रात के अंधेरे में रोहड़ू के सियाओ कैंची स्थित IPH आपूर्ति चरण -2 से अज्ञात लोग बिजली मोटर 60 HP( हॉर्स पावर) को चुराकर ले गए है। उन्होंने पुलिस को बताया कि इसकी कीमत करीब 80 हजार रुपए थी। शिकायतकर्ता ने शिकायत में बताया है कि शातिरों ने मौके पर मौजूद पंप उपकरण भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। उधर पुलिस ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ BNS (भारतीय न्याय संहिता ) की विभिन्न धाराओं और 3 PDP एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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चौहारघाटी में डेढ़ माह बाद भी सामान्य नहीं हुए हालात:सड़कें बंद, बाजार नहीं पहुंच पा रहीं फसलें; जायजा लेने पहुंचे पूर्व विधायक जवाहर
चौहारघाटी में डेढ़ माह बाद भी सामान्य नहीं हुए हालात:सड़कें बंद, बाजार नहीं पहुंच पा रहीं फसलें; जायजा लेने पहुंचे पूर्व विधायक जवाहर मंडी जिले की चौहारघाटी की ग्राम पंचायत तरसवाण में बरसात से हुई तबाही के बाद सवा महीना बीत गया। लेकिन अब तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। यहां अभी भी जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। ग्रामीण खासी परेशानी झेल रहे हैं। हालांकि बरसात में तबाह हुई धरमेहड़-तरसवाण-गढ़ गांव सड़क को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने बड़ी पोकलेन मशीन यहां लगाई है। लेकिन कई जगह पर नई सड़क बनाने में समय लग रहा है। ऐसे में किसानों की आलू – गोभी सहित अन्य फसलें बाजार तक पहुंचना ने भारी परेशानियों का सामना करना पड़ करा है। पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर भी सोमवार देर शाम को ग्रामीणों का हाल जानने और घटना में हुए नुकसान का जायजा लेने द्रगड़, गढ़ गांव और समालंग गांव पहुंचे। पीड़ित परिवारों की सहायता करने सरकार से की मांग उन्होंने पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करने की प्रदेश सरकार से मांग उठाई। गांव की सड़क के पुनर्निर्माण को लेकर राहत कार्य में तेजी लाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सामान्य बरसात होने के बावजूद चौहारघाटी में खासा नुकसान हुआ है। जिस कारण लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। गौरतलब है कि बीते 31 जुलाई रात्रि को चौहारघाटी के राजबन के साथ ग्राम पंचायत तरसवाण के समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव में भी मूसलाधार बारिश से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। यहां पहाड़ी में बादल फटने के बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया था। दो किलोमीटर तक सड़क हो गई थी तबाह इस दौरान दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट, दो गौशालाएं और दो कारें पानी के तेज बहाव में बह गए थे। जबकि दो किलोमीटर के करीब सड़क का नामोनिशान मिट गया था। सड़क बंद होने के कारण ग्रामीणों के डेढ़ दर्जन के करीब छोटे वाहन गांव में फंसे हुए हैं। आने-जाने के सभी रास्ते बंद हैं। खड्ड नालों के सभी फुटब्रिज बह चुके हैं। ग्रामीणों ने अपने दम पर रास्ते बना पैदल आवाजाही बहाल की है।
हिमाचल में मस्जिद विवाद सुलझाने को सरकार की पहल:CM सुक्खू कर रहे सर्वदलीय बैठक; आपसी सौहार्द बनाए रखने को लेकर चर्चा
हिमाचल में मस्जिद विवाद सुलझाने को सरकार की पहल:CM सुक्खू कर रहे सर्वदलीय बैठक; आपसी सौहार्द बनाए रखने को लेकर चर्चा हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद मामले के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सर्वदलीय बैठक कर रहे हैं। इसमें मस्जिद के कारण उपजे विवाद के बाद आपसी सौहार्द बनाए रखने को लेकर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चल रही बैठक में भारतीय जनता पार्टी, माकपा, आम आदमी पार्टी के नेता भाग ले रहे हैं। दरअसल, हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में मस्जिद मामला उठाया गया था। तब सदन के नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि सरकार सभी दलों के साथ मिलकर सौहार्द बनाए रखने के लिए बैठक करेगी। इसी कड़ी में यह बैठक बुलाई है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मीटिंग में विधायक रणधीर शर्मा और माकपा से ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा सहित शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान, किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तनवर सहित अन्य नेता मीटिंग में मौजूद है। शिमला से भड़की चिंगारी बता दें कि शिमला के संजौली से भड़की विरोध की चिंगारी प्रदेश के अन्य शहरों में भी भड़क रही है। खासकर जहां मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं, या मस्जिदें बनी हुई है। वहां पर लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। इससे देवभूमि व शांत प्रदेश हिमाचल का माहौल तनावपूर्ण बनता जा रहा है। राहत की बात यह है कि शिमला के संजौली में मस्जिद कमेटी ने खुद आगे आकर पैरवी की है। जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक अवैध ढंग से बनी 3 मंजिल को सील किया जाए। यदि कोर्ट मस्जिद तोड़ने को बोलेगा तो वह खुद अवैध निर्माण को तोड़ देंगे। मंडी में आज भी चल रहा प्रदर्शन आज मंडी में भी लोग मस्जिद गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिमला के कसुम्पटी में भी लोग 2 बार प्रदर्शन कर चुके हैं। दूसरे शहरों से भी कुछ आवाजें उठने लगी है। ऐसे में आज की सर्वदलीय मीटिंग में प्रदेश में माहौल को शांत बनाए रखने को लेकर चर्चा की जा रही है।
लाहौल-स्पीति की 6 पंचायतों के अनशन का 7वां दिन:चंद्रभागा नदी के तटीकरण की मांग से जुड़ा मामला, विधायक अनुराधा पहुंची लोगों को मनाने
लाहौल-स्पीति की 6 पंचायतों के अनशन का 7वां दिन:चंद्रभागा नदी के तटीकरण की मांग से जुड़ा मामला, विधायक अनुराधा पहुंची लोगों को मनाने लाहौल स्पीति जिला के जाहलमा नाला और चंद्रभागा नदी के तटीकरण के लिए 6 पंचायतों के लोगों का अनशन आज 7वें दिन में प्रवेश कर गया है। लाहौल स्पीति की विधायक अनुराधा राणा अनशन पर बैठे लोगों को मनाने का प्रयास कर रही हैं मगर अभी तक सफल नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह ने तटीकरण के लिए 2 करोड़ की राशि जारी कर दी है, उसके बावजूद धरना जारी रखना वाजिब नहीं है। भूस्खलन से प्रभावित हुए कई इलाके लाहौल स्पीति में चंद्रभागा नदी के तटीकरण की मांग काफी पहले से ही उठती रही है। पिछले 4 सालों में लिंडूर गांव के नीचे भूस्खलन के कारण चंद्रभागा तट के साथ भारी भूस्खलन हुआ है, जिस कारण जोबरंग, जाहलमा, हालिंग, फूड़ा, जसरथ, जुंडा और ताडंग की जमीनों का भारी नुकसान हुआ है। लिहाजा उक्त पंचायतों के लोग महिला मंडलों सहित सुदर्शन जस्पा की अगुआई में पिछले 6 दिनों से सांकेतिक धरने पर बैठे हैं, जिसका रविवार को 7वां दिन है। आंदोलनकारी बोले- इतनी राशि पर्याप्त नहीं शनिवार को जाहलमा में सांकेतिक धरने के बीच विधायक अनुराधा राणा ने दूसरी बार अनशनकारियों से मिलकर सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से उन्हें अवगत करवाया। उन्होंने ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जाहलमा नाला और चन्द्रभागा नदी के तटीकरण के लिए दो करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है। उन्होंने आंदोलनकारियों से अपील की कि आंदोलन छोड़ कर सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों में साथ दें। मगर आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है कि यह राशि पर्याप्त नहीं है। लोगों से अनशन खत्म करने की अपील
दो करोड़ की रुपए की राशि जारी होने के बाद प्रभावित पंचायतों जाहलमा, गौहरमा, नालडा, जोबरंग व जुंडा के प्रतिनिधियों ने भी वीडियो जारी कर अपने क्षेत्र के लोगों से अनशन खत्म करने की अपील की है। वहीं आंदोलन के अगुआ सुदर्शन जस्पा का कहना है कि पंचायत के प्रतिनिधि आंदोलन का हिस्सा ही नहीं बने। जब वे आंदोलन में साथ ही नहीं हैं, तो 2 करोड़ मिलने के बाद उनका आंदोलन समाप्त करने का आह्वान तर्कसंगत ही नहीं है। अनुराधा राणा ने कहा कि राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को लगभग 25 करोड़ की DPR भेजी गई है। इसके लिए जल्द वह एक प्रतिनिधि मण्डल के साथ दिल्ली भी जाने की तैयारी में हैं। उधर सांकेतिक अनशन के संयोजक सुदर्शन जस्पा ने कहा कि जब तक सरकार राहत कार्य के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान नहीं कर लेती है यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा डीपीआर 40 लाख के करीब की है, उसके अलावा अन्य स्थानों की अलग डीपीआर तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसी तरह की राजनीति से प्रेरित नहीं है बल्कि प्रभावित लोगों के हकों की लड़ाई है। उन्हें उम्मीद है कि राज्य और केंद्र सरकार प्रभावित क्षेत्र के लिए पर्याप्त बजट जल्द जारी करेगी । आंदोलन खत्म होने पर आमरण अनशन पर बैठेंगे जस्पा सुदर्शन जस्पा ने आरोप लगाया कि आंदोलन को राजनीतिक रंग देने के प्रयास किए जा रहे हैं। आंदोलन में जुड़ी महिलाओं के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है कि उन्हें बहला फुसला कर आंदोलन में लाया गया है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या जिला में सिर्फ एक महिला के अलावा बाकी सभी महिलाएं मूर्ख हैं, जिन्हें बहला कर अनशन के लिए लाया जा सकता है? उन्होंने कहा अनशन के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने लाहौल की समस्या को समझते हुए आंदोलन का समर्थन किया है। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगे पूरी नहीं होती। अगर आंदोलन बीच में बिना मांगे पूरी किए खत्म किया गया तो वे अकेले आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।