हरियाणा के रेवाड़ी जिले में रामगढ़-कुंभावास रोड पर एक महिला वकील की हत्या कर शव फेंकने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी गुरुग्राम जिले के रहने वाले हैं। इनमें एक आरोपी जसवंत महिला वकील का पड़ोसी है। शुरुआती पूछताछ में इस मर्डर केस का मास्टर माइंड जसवंत निकला है। हालांकि उसके ये हत्या क्यों की? ये सवाल अभी बना हुआ हैं। एसपी गौरव राजपुरोहित ने बताया कि 26 नवंबर की दोपहर रामगढ़-कुंभावास रोड पर नहर के समीप कच्चे रास्ते पर एक महिला का शव मिला था। उसके शरीर को एक नहीं, बल्कि कई जगह नुकीली चीज से छेदा हुआ था। देर रात महिला की पहचान गुरुग्राम के पटौदी की रहने वाली सरिता (24) के रूप में हुई थी। सरिता पेशे से वकील थी और पटौदी कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही थी। सदर थाना पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। साथ ही सीआईए टीमों को इस केस को ट्रेस आउट करने के लिए लगाया गया। पड़ोसी जसवंत हत्या का मास्टर माइंड एसपी ने बताया कि सीआईए टीमों ने हर एंगल पर जांच को आगे बढ़ाया। इसके बाद पुलिस को महिला वकील के पड़ोसी जसवंत पर शक गहराया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने उसके साथी कदईपुर गांव निवासी रमन को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि हत्या वाले दिन दोनों आरोपी सरिता को बाइक पर बैठाकर पटौदी से रामगढ़ रोड पर लेकर पहुंचे थे। हत्या की वजह क्लियर नहीं आरोपियों ने उसे किसी बहाने से बुलाया था। इसके बाद नहर के समीप उसके शरीर पर लोहे के सरिया नुमा नुकीली चीज से वार किए गए। हाथ, कमर, गर्दन के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों को छेद दिया। हत्या करने के बाद आरोपी सरिता के शव को वहीं छोड़कर भाग गए। शुरुआती पूछताछ में दोनों आरोपियों का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मिला है। साथ ही अभी हत्या की वजह भी क्लियर नहीं हुई है। पति ने चार महीनें पहले सुसाइड किया एसपी ने बताया कि महिला वकील के पति ने 4 महीनें पहले ट्रेन से कटकर सुसाइड किया था। सुसाइड से पहले उसने अपना एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाला था। इस मामले में जीआरपी ने केस दर्ज किया हुआ है। सरिता की हत्या के पीछे कहीं ये ही वजह तो नहीं थी इसलिए उस एंगल पर भी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। एसपी ने बताया कि आरोपियों को आज कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में रामगढ़-कुंभावास रोड पर एक महिला वकील की हत्या कर शव फेंकने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी गुरुग्राम जिले के रहने वाले हैं। इनमें एक आरोपी जसवंत महिला वकील का पड़ोसी है। शुरुआती पूछताछ में इस मर्डर केस का मास्टर माइंड जसवंत निकला है। हालांकि उसके ये हत्या क्यों की? ये सवाल अभी बना हुआ हैं। एसपी गौरव राजपुरोहित ने बताया कि 26 नवंबर की दोपहर रामगढ़-कुंभावास रोड पर नहर के समीप कच्चे रास्ते पर एक महिला का शव मिला था। उसके शरीर को एक नहीं, बल्कि कई जगह नुकीली चीज से छेदा हुआ था। देर रात महिला की पहचान गुरुग्राम के पटौदी की रहने वाली सरिता (24) के रूप में हुई थी। सरिता पेशे से वकील थी और पटौदी कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही थी। सदर थाना पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। साथ ही सीआईए टीमों को इस केस को ट्रेस आउट करने के लिए लगाया गया। पड़ोसी जसवंत हत्या का मास्टर माइंड एसपी ने बताया कि सीआईए टीमों ने हर एंगल पर जांच को आगे बढ़ाया। इसके बाद पुलिस को महिला वकील के पड़ोसी जसवंत पर शक गहराया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने उसके साथी कदईपुर गांव निवासी रमन को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि हत्या वाले दिन दोनों आरोपी सरिता को बाइक पर बैठाकर पटौदी से रामगढ़ रोड पर लेकर पहुंचे थे। हत्या की वजह क्लियर नहीं आरोपियों ने उसे किसी बहाने से बुलाया था। इसके बाद नहर के समीप उसके शरीर पर लोहे के सरिया नुमा नुकीली चीज से वार किए गए। हाथ, कमर, गर्दन के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों को छेद दिया। हत्या करने के बाद आरोपी सरिता के शव को वहीं छोड़कर भाग गए। शुरुआती पूछताछ में दोनों आरोपियों का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मिला है। साथ ही अभी हत्या की वजह भी क्लियर नहीं हुई है। पति ने चार महीनें पहले सुसाइड किया एसपी ने बताया कि महिला वकील के पति ने 4 महीनें पहले ट्रेन से कटकर सुसाइड किया था। सुसाइड से पहले उसने अपना एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाला था। इस मामले में जीआरपी ने केस दर्ज किया हुआ है। सरिता की हत्या के पीछे कहीं ये ही वजह तो नहीं थी इसलिए उस एंगल पर भी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। एसपी ने बताया कि आरोपियों को आज कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP नेता कुलदीप बिश्नोई का जबरदस्त विरोध:धक्कामुक्की और तीखी नोकझोंक हुई, मोबाइल तोड़ा; बेटे का प्रचार करने गए थे हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होते ही भाजपा और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेताओं व उम्मीदवारों का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। लोग, विशेष रूप से किसान राजनेताओं से उनके किए का हिसाब मांग रहे हैं। आज भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई आदमपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार अपने बेटे भव्य बिश्नोई के लिए प्रचार करने गांव कुतियावाली पहुंचे। यहां उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान कुलदीप बिश्नोई की लोगों के साथ तीखी नोकझोंक हुई। ग्रामीणों का कहना है कि इस वारदात को फोन में रिकॉर्ड कर रहे एक ग्रामीण का कुलदीप के समर्थकों ने छीनकर मोबाइल तोड़ दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई। सूचना यह भी है कि ग्रामीणों ने कुलदीप के साथ मारपीट की है। हालांकि, आदमपुर पुलिस का कहना है कि इस प्रकार का कोई मामला उनके पास नहीं आया। कोई काम उन्होंने नहीं करवाया
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इसी प्रकार, CM नायब सैनी के गृह क्षेत्र अंबाला के विधानसभा क्षेत्र नारायणगढ़ में भाजपा उम्मीदवार पवन सैनी का विरोध किया गया है। पवन सैनी नारायणगढ़ कस्बे में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। लेकिन, उनके आने से पहले ही स्थानीय किसान संगठनों के लोगों को इसकी भनक लग गई। इसके बाद किसान संगठन के सदस्य पहले ही गांव के रास्ते पर झंडे लेकर जमा हो गए। उन्होंने पवन सैनी की गाड़ी आते ही नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें गांव में नहीं घुसने दिया। इसके बाद पवन सैनी को बिना प्रचार किए रास्ते से ही लौटना पड़ा। उनके सामने किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। इन नेताओं का भी विरोध हो चुका
इससे पहले प्रचार के दौरान हरियाणा भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, विधायक विनोद भयाना, JJP नेता व पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला और बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को भी विरोध झेलना पड़ा। ग्रामीण इन्हें घेरकर उनकी समस्याएं हल न करने पर जवाब मांग रहे हैं। वहीं, सरकार रहने के दौरान किसान-मजदूरों को दिल्ली जाने से रोकने पर भाजपा और JJP के उम्मीदवार घिर रहे हैं। अंबाला कैंट में भाजपा उम्मीदवार अनिल विज के प्रोग्राम में भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) से जुड़े ग्रामीणों ने हंगामा किया। उचाना में ग्रामीणों ने दुष्यंत चौटाला की गाड़ी घेर ली। बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। नेताओं के विरोध से जुड़े मामले सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें.. अनिल विज के प्रोग्राम में हंगामा
अंबाला कैंट विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को रविवार शाम जलबेड़ा और शाहपुर गांव में किसानों का विरोध झेलना पड़ा। विज के इन दोनों गांवों में चुनावी कार्यक्रम रखे गए थे। इसकी भनक लगते ही किसान यूनियनों से जुड़े लोग वहां पहुंच गए और झंडे लहराते हुए नारेबाजी करने लगे। शाहपुर गांव में विरोध जताने वाले लोग भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह गुट) से जुड़े थे। वह यूनियन के झंडे लेकर कार्यक्रम के अंदर पहुंच गए। हंगामे के दौरान विज समर्थकों ने भी ‘अनिल विज जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। दोनों पक्षों के आमने-सामने हो जाने और नारेबाजी से माहौल गर्मा गया। हंगामा बढ़ता देखकर अनिल विज प्रोग्राम बीच में ही छोड़कर शाहपुर गांव से रवाना हो गए। दुष्यंत चौटाला को काले झंडे दिखाए
हरियाणा के उचाना में शनिवार शाम पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला का छातर गांव में विरोध हुआ। दुष्यंत का काफिला जैसे ही गांव में पहुंचा तो वहां युवाओं ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। युवकों ने आरोप लगाया कि दुष्यंत चौटाला को पिछले विधानसभा चुनाव में यहां के लोगों ने बड़ी जीत दिलाई थी। लोगों ने भाजपा के खिलाफ होकर दुष्यंत के लिए वोटिंग की। दुष्यंत चुनाव जीत गए तो वह खुद भाजपा के साथ चले गए। इसे लेकर लोगों में बहुत नाराजगी है। युवकों का कहना है कि पिछले चुनाव के बाद छातर गांव ने दुष्यंत चौटाला का सामाजिक बहिष्कार किया था। जिस कारण लोग सामाजिक बहिष्कार किए हुए लोगों को गिरफ्तार करने की बात कर रहे हैं। जींद में भाजपा उम्मीदवार कृष्ण बेदी से तीखी बहस..
जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP के प्रत्याशी पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी और ग्रामीणों में तीखी बहस हो गई। वे भिखेवाला गांव में चुनाव प्रचार व वोट मांगने गए थे। इस दौरान उनको ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसान आंदोलन के दौरान भाजपा के व्यवहार से लोगों में रोष था। वे चुनाव प्रचार के लिए गांव भिखेवाला की चौपाल में पहुंचे थे। वहां एकत्रित लोगों ने कृष्ण बेदी को कहा कि उन्होंने मंत्री रहते हुए कभी उनके गांव की समस्याओं को निपटाने में दिलचस्पी नहीं ली। इसलिए अब विधानसभा चुनाव में गांव के लोग भी कृष्ण बेदी की कोई बात नहीं सुनेंगे। इस दौरान ग्रामीणों व कृष्ण बेदी के बीच खूब सवाल जवाब हुए। ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि जिस प्रकार का अपमान भारतीय जनता पार्टी व उसके मंत्रियों ने किसानों- मजदूरों का किया, ठीक उसी प्रकार अब वे विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ करेंगे। इस दौरान कृष्ण बेदी लोगों को समझाते हुए नजर आए। लेकिन लोग उनकी बात सुनने के लिए राजी नहीं हुए। उकलाना में अनूप धानक का विरोध, बोले- जब आप मंत्री थे हमारे से बदबू आती थी, अब कैसे याद आई हिसार जिले की उकलाना विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अनूप धानक को शनिवार को विरोध का सामना करना पड़ा। धानक प्रभुवाला और कंडूल गांव में पहुंचे तो यहां ग्रामीणों ने नारेबाजी की। प्रभुवाला में ग्रामीणों ने कहा कि आप पिछले 10 वर्षों से हलके के विधायक रहे। एक बार भी उनका हाल-चाल लेने नहीं आए। जब मंत्री बने हुए थे तो हमारे से बदबू आती थी। अगर खुशी में मिठाई देने जाते तो वह भी खाने की बजाय दीवार पर रख देते थे। आज ग्रामीणों की याद कैसे आ गई। कंडूल गांव में ग्रामीणों ने कहा कि 10 वर्षों में उनके गांव में करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है। किसी के यहां शोक जताने तक नहीं आए। किसान बोले- शुभकरण को गोली क्यो मारी, भयाना ने कहा- वोट मत देना वहीं हांसी के गांव घिराय में किसानों ने विनोद भयाना के कार्यक्रम में हंगामा करते हुए पूछा कि किसान आंदोलन में आपकी सरकार ने शुभकरण को गोली क्यों मरवाई। हांसी में डीपी वत्स और बृजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था। आपकी सरकार किसान विरोधी है जो कृषि यंत्रों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। हांसी से भाजपा उम्मीदवार बोले- इस बात का विरोध करना है तो वोट मत देना मगर बहसबाजी मत करो। कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध में पंचायत बुलाई; किसान बोले- CLU कांड के आरोपी को टिकट दी हरियाणा के बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को टिकट देने के विरोध में किसानों ने 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। किसान नेता जोगेंद्र मय्यड़ ने बताया कि कांग्रेस ने चेंज ऑफ लैंड यूज कांड के आरोपी को टिकट दी है। हमने मीटिंग करके सर्वसम्मति से 31 सदस्यीय कमेटी बनाई है। ये कमेटियां स्वयं गांव-गांव जाएंगी और मीटिंग के लिए निमंत्रण देंगी। इससे पहले, किसानों ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर रामनिवास घोड़ेला को टिकट न देने के लिए कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया की टिकट का विरोध किया था। 2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भयाना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने CLU करवाने के लिए वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम NGO को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले में स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत SIT गठित करके जांच के आदेश दिए थे। 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं SIT के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने सभी के खिलाफ केस दर्ज किया।
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