संभल हिंसा में अभी तक 31 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। इसमें 3 नाबालिग और 3 महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि जामा मस्जिद एरिया के मकानों में दंगाइयों को पनाह दी गई। यह काम इन घरों की महिलाओं ने किया। एक-एक घर में 20-20 दंगाई घुसे हुए थे, जो पुलिस पर पथराव-फायरिंग कर रहे थे। ये दावा पुलिस का है। संभल SP कृष्ण विश्नोई ने बताया- हिंसा वाले दिन जब मैंने एक घर का दरवाजा जबरन खुलवाया तो उसकी छत पर मौजूद 20 से ज्यादा दंगाई दूसरी छत पर कूदकर भाग गए। इसलिए जो लोग घर बंद करके भागे हैं, उनके नाम जुटाए जा रहे हैं। इस काम के लिए पुलिस की एक टीम को लगाया गया है। SP ने कहा- जामा मस्जिद के पीछे वाले इलाके के कुछ घरों पर ताला लटका है। पुलिस मान रही है कि ये सभी हिंसा के आरोपी हैं। इन घरों के मालिकों ने दंगाइयों को अपने घरों में पनाह दी और फिर उन्होंने छतों पर चढ़कर पुलिस पर पथराव-फायरिंग की। ड्रोन से पता चला…जिस रास्ते पर पुलिस नहीं, उसी से आई भीड़
पुलिस सूत्रों ने बताया- पुलिस अब ड्रोन कैमरे की फुटेज देखकर पूरी हिंसा का एनालिसिस कर रही है। पता कर रही है कि भीड़ किस रास्ते से जुटी। जामा मस्जिद के पिछले हिस्से में हाफिजों वाली मस्जिद है। इसी मस्जिद वाली सड़क के रास्ते भीड़ इकट्ठा हुई। ये बात एक ड्रोन फुटेज से पता चली है। दरअसल, इस सड़क पर पुलिस का पहरा नहीं था। उपद्रवियों ने इसी का फायदा उठाया और यहां बड़ी तादात में इकठ्ठा हो गए। इन्होंने पहले पथराव और फिर आगजनी की। पुलिस ने जब इस भीड़ को खदेड़ा तो ये भीड़ उसी रास्ते से वापस लौट गई। आशंका ये भी है कि जब ये भीड़ यहां से वापस गई तो कुछ देर बाद इसी भीड़ ने दूसरे इलाके नखासा में पत्थरबाजी की। आरोपियों के मोबाइल से मिली प्लानिंग की जानकारी
पुलिस को इन आरोपियों के मोबाइल की छानबीन में चौंकाने वाली जानकारी मिली। आरोपियों की व्हाट्सएप चैट्स खंगालने पर पता चला है कि 24 नवंबर को मस्जिद से जब सर्वे पूरा होने का एनाउंसमेंट हुआ और वजूखाने का पानी बाहर निकला तो लोगों में मस्जिद खुदाई की अफवाह फैली। इसी अफवाह के मैसेज व्हाट्सएप पर सर्कुलेट हुए और ये गुस्सा हिंसा का रूप लेता गया। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से एक ऑडियो भी मिली है। जिसमें वो ‘सामान’ कोडवर्ड यूज कर रहे हैं। कह रहे हैं कि सामान लेकर जामा मस्जिद के पास आ जाओ। सामान का मतलब हथियार से है। इस ऑडियो प्रकरण में 3 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हिंसा में बच्चे भी थे शामिल
इस हिंसा में बच्चे और महिलाएं भी बड़ी तादात में शामिल रहे। पुलिस ने जिन तीन लड़कों को पकड़ा है, उनकी उम्र 14 और 16 साल है। जबकि 10 आरोपियों की उम्र 19 से 25 साल के बीच है। एक आरोपी मोहम्मद बाबू की उम्र 72 साल है। पुलिस ने बताया- ज्यादातर उपद्रवी बेहद कम उम्र के थे। गिरफ्तार 21 में से 8 आरोपी जामा मस्जिद इलाके के हैं, बाकी आरोपी दूसरे इलाकों के रहने वाले हैं। हिंसा करने के लिए आरोपी 6-7 किलोमीटर दूर से भी आए थे, ऐसा दावा पुलिस का है। हिंसा में मरने वाले 3 युवक भी जामा मस्जिद इलाके के रहने वाले नहीं थे। वो काफी दूर से यहां आए थे। हम तुम्हारा कुछ नहीं होने देंगे, अपने मंसूबे पूरे करो… संभल कोतवाली में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक पुत्र सुहैल इकबाल के खिलाफ दर्ज कराई FIR में सब इंस्पेक्टर दीपक राठी ने इस हिंसा की कॉन्सपिरेसी को उजागर किया है। दीपक राठी ने FIR में लिखवाया है– 22 नवंबर को सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद पर जाकर नमाज अदा की। इसके बाद भड़काऊ बयानबाजी की। राजनैतिक लाभ लेने के लिए भीड़ को उकसाया। FIR में ये भी लिखा है कि इसी दौरान विधायक पुत्र सुहैल इकबाल ने भीड़ को ये कहकर उकसाया कि जियाउर्रहमान बर्क भी हम सबके साथ हैं। हम तुम्हारा कुछ नहीं होने देंगे, अपने मंसूबे पूरे करो। इस पर भीड़ उग्र हो गई और हिंसा कर दी। पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कह रहे थे बात
संभल कोतवाली प्रभारी अनुज कुमार ने भी 21 नामजद और करीब 900 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ पुलिसकर्मियों की मैगजीन लूटने और हमला करने की FIR कराई है। इसमें ये भी लिखा है कि भीड़ धार्मिक नारे लगा रही थी और पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की बात कह रही थी। लेकिन पुलिसकर्मियों ने डट कर मुकाबला किया, जिस वजह से उनकी जान बच सकी। पुलिस की पांच टीमें लगाई गईं
संभल SP ने बताया- अब हिंसा के बाद इसकी जांच में कई पुलिस टीमें लगाई गई हैं। एक पुलिस टीम ये पता कर रही है कि ये हिंसा कैसे हुई। दूसरी टीम ड्रोन और CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। तीसरी टीम दंगाइयों के पोस्टर बना रही है। चौथी टीम क्षेत्र के माहौल पर गोपनीय नजर रखे हुए है। पांचवीं टीम ये पता कर रही है कि दंगाई कहां भाग गए और उनका अब मूवमेंट क्या है। ————————– ये भी पढ़ें… संभल हिंसा- 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी:महिलाओं ने भी छत से पत्थर फेंके; मंत्री बोले- उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई करेंगे उत्तरप्रदेश की संभल हिंसा मामले में पुलिस ने बुधवार को 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए। इनमें ज्यादातर आरोपी हाथ में पत्थर लिए हैं। मुंह बांधे हैं। पुलिस ने बताया कि अभी और वीडियो, CCTV और ड्रोन फुटेज की जांच की जा रही है। आगे और भी पोस्टर जारी किए जाएंगे। साथ ही सड़कों पर पोस्टर और होर्डिंग्स भी लगाए जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर… संभल हिंसा में अभी तक 31 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। इसमें 3 नाबालिग और 3 महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि जामा मस्जिद एरिया के मकानों में दंगाइयों को पनाह दी गई। यह काम इन घरों की महिलाओं ने किया। एक-एक घर में 20-20 दंगाई घुसे हुए थे, जो पुलिस पर पथराव-फायरिंग कर रहे थे। ये दावा पुलिस का है। संभल SP कृष्ण विश्नोई ने बताया- हिंसा वाले दिन जब मैंने एक घर का दरवाजा जबरन खुलवाया तो उसकी छत पर मौजूद 20 से ज्यादा दंगाई दूसरी छत पर कूदकर भाग गए। इसलिए जो लोग घर बंद करके भागे हैं, उनके नाम जुटाए जा रहे हैं। इस काम के लिए पुलिस की एक टीम को लगाया गया है। SP ने कहा- जामा मस्जिद के पीछे वाले इलाके के कुछ घरों पर ताला लटका है। पुलिस मान रही है कि ये सभी हिंसा के आरोपी हैं। इन घरों के मालिकों ने दंगाइयों को अपने घरों में पनाह दी और फिर उन्होंने छतों पर चढ़कर पुलिस पर पथराव-फायरिंग की। ड्रोन से पता चला…जिस रास्ते पर पुलिस नहीं, उसी से आई भीड़
पुलिस सूत्रों ने बताया- पुलिस अब ड्रोन कैमरे की फुटेज देखकर पूरी हिंसा का एनालिसिस कर रही है। पता कर रही है कि भीड़ किस रास्ते से जुटी। जामा मस्जिद के पिछले हिस्से में हाफिजों वाली मस्जिद है। इसी मस्जिद वाली सड़क के रास्ते भीड़ इकट्ठा हुई। ये बात एक ड्रोन फुटेज से पता चली है। दरअसल, इस सड़क पर पुलिस का पहरा नहीं था। उपद्रवियों ने इसी का फायदा उठाया और यहां बड़ी तादात में इकठ्ठा हो गए। इन्होंने पहले पथराव और फिर आगजनी की। पुलिस ने जब इस भीड़ को खदेड़ा तो ये भीड़ उसी रास्ते से वापस लौट गई। आशंका ये भी है कि जब ये भीड़ यहां से वापस गई तो कुछ देर बाद इसी भीड़ ने दूसरे इलाके नखासा में पत्थरबाजी की। आरोपियों के मोबाइल से मिली प्लानिंग की जानकारी
पुलिस को इन आरोपियों के मोबाइल की छानबीन में चौंकाने वाली जानकारी मिली। आरोपियों की व्हाट्सएप चैट्स खंगालने पर पता चला है कि 24 नवंबर को मस्जिद से जब सर्वे पूरा होने का एनाउंसमेंट हुआ और वजूखाने का पानी बाहर निकला तो लोगों में मस्जिद खुदाई की अफवाह फैली। इसी अफवाह के मैसेज व्हाट्सएप पर सर्कुलेट हुए और ये गुस्सा हिंसा का रूप लेता गया। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से एक ऑडियो भी मिली है। जिसमें वो ‘सामान’ कोडवर्ड यूज कर रहे हैं। कह रहे हैं कि सामान लेकर जामा मस्जिद के पास आ जाओ। सामान का मतलब हथियार से है। इस ऑडियो प्रकरण में 3 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हिंसा में बच्चे भी थे शामिल
इस हिंसा में बच्चे और महिलाएं भी बड़ी तादात में शामिल रहे। पुलिस ने जिन तीन लड़कों को पकड़ा है, उनकी उम्र 14 और 16 साल है। जबकि 10 आरोपियों की उम्र 19 से 25 साल के बीच है। एक आरोपी मोहम्मद बाबू की उम्र 72 साल है। पुलिस ने बताया- ज्यादातर उपद्रवी बेहद कम उम्र के थे। गिरफ्तार 21 में से 8 आरोपी जामा मस्जिद इलाके के हैं, बाकी आरोपी दूसरे इलाकों के रहने वाले हैं। हिंसा करने के लिए आरोपी 6-7 किलोमीटर दूर से भी आए थे, ऐसा दावा पुलिस का है। हिंसा में मरने वाले 3 युवक भी जामा मस्जिद इलाके के रहने वाले नहीं थे। वो काफी दूर से यहां आए थे। हम तुम्हारा कुछ नहीं होने देंगे, अपने मंसूबे पूरे करो… संभल कोतवाली में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक पुत्र सुहैल इकबाल के खिलाफ दर्ज कराई FIR में सब इंस्पेक्टर दीपक राठी ने इस हिंसा की कॉन्सपिरेसी को उजागर किया है। दीपक राठी ने FIR में लिखवाया है– 22 नवंबर को सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद पर जाकर नमाज अदा की। इसके बाद भड़काऊ बयानबाजी की। राजनैतिक लाभ लेने के लिए भीड़ को उकसाया। FIR में ये भी लिखा है कि इसी दौरान विधायक पुत्र सुहैल इकबाल ने भीड़ को ये कहकर उकसाया कि जियाउर्रहमान बर्क भी हम सबके साथ हैं। हम तुम्हारा कुछ नहीं होने देंगे, अपने मंसूबे पूरे करो। इस पर भीड़ उग्र हो गई और हिंसा कर दी। पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कह रहे थे बात
संभल कोतवाली प्रभारी अनुज कुमार ने भी 21 नामजद और करीब 900 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ पुलिसकर्मियों की मैगजीन लूटने और हमला करने की FIR कराई है। इसमें ये भी लिखा है कि भीड़ धार्मिक नारे लगा रही थी और पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की बात कह रही थी। लेकिन पुलिसकर्मियों ने डट कर मुकाबला किया, जिस वजह से उनकी जान बच सकी। पुलिस की पांच टीमें लगाई गईं
संभल SP ने बताया- अब हिंसा के बाद इसकी जांच में कई पुलिस टीमें लगाई गई हैं। एक पुलिस टीम ये पता कर रही है कि ये हिंसा कैसे हुई। दूसरी टीम ड्रोन और CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। तीसरी टीम दंगाइयों के पोस्टर बना रही है। चौथी टीम क्षेत्र के माहौल पर गोपनीय नजर रखे हुए है। पांचवीं टीम ये पता कर रही है कि दंगाई कहां भाग गए और उनका अब मूवमेंट क्या है। ————————– ये भी पढ़ें… संभल हिंसा- 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी:महिलाओं ने भी छत से पत्थर फेंके; मंत्री बोले- उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई करेंगे उत्तरप्रदेश की संभल हिंसा मामले में पुलिस ने बुधवार को 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए। इनमें ज्यादातर आरोपी हाथ में पत्थर लिए हैं। मुंह बांधे हैं। पुलिस ने बताया कि अभी और वीडियो, CCTV और ड्रोन फुटेज की जांच की जा रही है। आगे और भी पोस्टर जारी किए जाएंगे। साथ ही सड़कों पर पोस्टर और होर्डिंग्स भी लगाए जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर