राज्यसभा चुनाव से पहले खट्‌टर से मिले कुलदीप बिश्नोई:7 महीने बाद साथ दिखे; पूर्व CM भजनलाल पर बयान से थी नाराजगी

राज्यसभा चुनाव से पहले खट्‌टर से मिले कुलदीप बिश्नोई:7 महीने बाद साथ दिखे; पूर्व CM भजनलाल पर बयान से थी नाराजगी

हरियाणा के पूर्व CM भजनलाल पर बयान से पैदा हुए मनमुटाव के 7 महीने बाद कुलदीप बिश्नोई और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर एक साथ दिखाई दिए हैं। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने दिल्ली में खट्‌टर से मुलाकात की। इस मुलाकात को राज्यसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे एक दिन पहले कुलदीप दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले थे। दरअसल, खट्‌टर की सिफारिश पर भाजपा पहले पूर्व विधायक किरण चौधरी को राज्यसभा भेज चुकी है। यही वजह है कि कुलदीप ने केंद्रीय गृहमंत्री के बाद अब खट्‌टर से भी मुलाकात की है। प्रदेश में BJP के विधायक ज्यादा होने की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में जानी तय है। बता दें कि अंतिम बार खट्‌टर और कुलदीप एक साथ लोकसभा चुनाव में आदमपुर की रैली के दौरान मंच पर दिखाई दिए थे। इसके बाद बिश्नोई परिवार का कोई सदस्य मनोहर लाल खट्टर के साथ नजर नहीं आया। खट्‌टर ने पूर्व CM भजनलाल का नाम लिए बिना 100 रुपए रिश्वत वाला किस्सा सुनाया था। हालांकि, बाद में बिश्नोई समाज की नाराजगी देख मनोहर लाल ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया था और कहा था इसे किसी व्यक्ति से न जोड़ा जाए। यह बात सिर्फ भ्रष्टाचार को लेकर कही गई थी। फिर कुलदीप बिश्नोई ने भी एक इंटरव्यू में कहा कि खट्‌टर के बयान की वजह से लोकसभा चुनाव में BJP का नुकसान हुआ। कुलदीप ने यह भी कहा था कि उन्होंने पूरा किस्सा नहीं सुनाया। खट्‌टर और कुलदीप के वह बयान, जिनसे रिश्तों में खटास आई… खट्‌टर ने कहा था- नेता ने कहा, 100 रुपए देकर काम करा लेता, 200 क्यों बर्बाद किए
केंद्रीय मंत्री खट्टर 10 अप्रैल 2024 को भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने हिसार आए थे। कैमरी गांव में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए खट्‌टर ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े थे। खट्‌टर ने कहा- मैं आपको एक पुराना किस्सा बता रहा हूं। हालांकि, मैं इसमें शामिल नेता का नाम नहीं बताऊंगा। उसी इलाके (हिसार जिले) का एक व्यक्ति चंडीगढ़ में उनके नेता के पास गया और शिकायत की कि गांव के पटवारी ने फर्द (भूमि रिकॉर्ड की नकल) जारी करने के लिए उससे 100 रुपए की रिश्वत ली है। खट्‌टर के मुताबिक, इस पर नेता ने उस व्यक्ति से पूछा कि चंडीगढ़ आने में आपका कितना खर्च हुआ? तो व्यक्ति ने कहा कि चंडीगढ़ आने में उसे 200 रुपए खर्च हुए और 2 दिन भी बर्बाद हुए। यह सुनने के बाद नेता ने उस व्यक्ति को डांटते हुए कहा कि जब कम पैसे देकर अपना काम करवा लिया तो चंडीगढ़ आने के लिए 200 रुपए क्यों बर्बाद किए? इस कहानी को पूरा करते हुए खट्टर ने आगे कहा कि पहले हरियाणा के नेताओं की मानसिकता ऐसी ही थी। बिश्नोई परिवार का मानना ​​है कि जिस नेता की कहानी खट्टर ने सुनाई, वह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल थे। इसी बात को लेकर बिश्नोई परिवार नाराज है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा था- चौधरी साहब ने जेब से 400 रुपए दिए थे
इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि खट्‌टर के बयान का काफी असर हुआ। जबरदस्त नुकसान हुआ। हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में सबसे ज्यादा और पूरे हरियाणा में इसका असर देखने को मिला। भजनलाल के समर्थकों में गुस्सा था। मैंने बार-बार सोशल मीडिया के माध्यम से समझाने का प्रयास भी किया। मैंने माफ कर दिया कि इसे गलत मत समझो। मगर लोगों में जबरदस्त गुस्सा था और आज भी है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि खट्‌टर साहब ने पूरा किस्सा नहीं सुनाया। किस्से का अंत सुनाना चाहिए था। कुलदीप बिश्नोई ने पूरे किस्सा सुनाते हुए कहा कि चौधरी भजनलाल की मजाक करने की आदत थी। जो लोग गए थे उन्हें मजाक में कहा था। मगर सच्चाई अलग है और वह रिकॉर्ड में भी है कि रावत खेड़ा के बिश्नोई थे। चौधरी साहब ने उन्हें 200 के बजाय 400 रुपए जेब से निकाल के दिए और उस पटवारी को भी सस्पेंड किया, जिसने रुपए मांगे। चौधरी भजनलाल जननेता और जनप्रिय नेता थे और जनमुख्यमंत्री थे। वह गलत काम नहीं कर सकते थे। आदमपुर सीट: लोकसभा में पिछड़ी भाजपा, विधानसभा में भी हार
57 साल से भजनलाल परिवार का अभेद किला कहे जाने वाले आदमपुर में पहले लोकसभा चुनाव और बाद में विधानसभा में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। भजनलाल 1968 में पहली बार इस सीट से विधायक बने थे। तब से लेकर अब तक हुए सभी चुनावों में भजनलाल परिवार आदमपुर से जीतता आया था। मगर इस बार विधानसभा चुनाव में उनका 57 साल पुराना किला ढह गया। दिवंगत भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई 2022 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर यहां से विधायक चुने गए थे। इसके बाद हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को आदमपुर में सिर्फ 53156 वोट मिले। जबकि, कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 59544 वोट पाने में कामयाब रहे। जयप्रकाश जेपी ने आदमपुर में 6384 वोटों से बढ़त हासिल की थी। वहीं. 2024 के विधानसभा चुनाव में भव्य बिश्नोई कांग्रेस के चंद्रप्रकाश से 1260 वोटों से हार गए थे। अब मनोहर लाल से मुलाकात के मायने
1. राज्यसभा चुनाव : हरियाणा में राज्यसभा की एक खाली सीट है। इसे भरने के लिए 10 दिसंबर तक नामांकन प्रक्रिया चलेगी। 20 दिसंबर को वोटिंग होगी। ऐसे में 12 दिन पहले केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के दौर को राज्यसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, आदमपुर में चुनाव हारने के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई पूरी तरह से बैकफुट पर हैं। 2. बिश्नोई समाज में दोबारा पैठ बनाना : राज्यसभा में जाकर वह अपने समाज में दोबारा पैठ बनाना चाह रहे हैं। आदमपुर में मिली हार के बाद अब उन्हें अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से हटा दिया गया है। वहीं, बिश्नोई रत्न भी वापस ले लिया है। इस वक्त महासभा में विवाद चल रहा है। ऐसे में कुलदीप राजनीतिक ताकत हासिल कर समाज में दोबारा पैठ बनाना चाहते हैं। भव्य के चुनाव के दौरान बनवाए पोस्टर से खट्‌टर के फोटो गायब थे… मनोहर लाल से दूरी का कुलदीप को नुकसान
1. आदमपुर में हार : पूर्व सीएम मनोहर लाल ही बिश्नोई परिवार को भाजपा में लेकर आए थे। इसके बाद उपचुनाव में भव्य को जितवाने के लिए पूरी ताकत झोंकी और आदमपुर से जीत दिलवाई। मगर, हिसार से लोकसभा का टिकट न मिलने पर कुलदीप नाराज हो गए। कुलदीप ने पोस्टरों व बैनरों से खट्टर के फोटो छपवाने बंद कर दिए। इसका नुकसान यह हुआ कि आदमपुर में बिश्नोई परिवार को हार का सामना करना पड़ा। 2. राज्यसभा की दौड़ से बाहर : मनोहर लाल से दूरी के बाद किरण चौधरी की भाजपा में एंट्री हुई। खट्‌टर ही किरण चौधरी को पार्टी में लेकर आए। इसी दौरान कुलदीप खट्‌टर से दूरी बनाए रहे और किरण को राज्यसभा का टिकट मिल गया। इतना ही नहीं बेटी श्रुति चौधरी विधानसभा जीत गईं और मंत्रिपद भी मिल गया। हरियाणा के पूर्व CM भजनलाल पर बयान से पैदा हुए मनमुटाव के 7 महीने बाद कुलदीप बिश्नोई और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर एक साथ दिखाई दिए हैं। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने दिल्ली में खट्‌टर से मुलाकात की। इस मुलाकात को राज्यसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे एक दिन पहले कुलदीप दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले थे। दरअसल, खट्‌टर की सिफारिश पर भाजपा पहले पूर्व विधायक किरण चौधरी को राज्यसभा भेज चुकी है। यही वजह है कि कुलदीप ने केंद्रीय गृहमंत्री के बाद अब खट्‌टर से भी मुलाकात की है। प्रदेश में BJP के विधायक ज्यादा होने की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में जानी तय है। बता दें कि अंतिम बार खट्‌टर और कुलदीप एक साथ लोकसभा चुनाव में आदमपुर की रैली के दौरान मंच पर दिखाई दिए थे। इसके बाद बिश्नोई परिवार का कोई सदस्य मनोहर लाल खट्टर के साथ नजर नहीं आया। खट्‌टर ने पूर्व CM भजनलाल का नाम लिए बिना 100 रुपए रिश्वत वाला किस्सा सुनाया था। हालांकि, बाद में बिश्नोई समाज की नाराजगी देख मनोहर लाल ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया था और कहा था इसे किसी व्यक्ति से न जोड़ा जाए। यह बात सिर्फ भ्रष्टाचार को लेकर कही गई थी। फिर कुलदीप बिश्नोई ने भी एक इंटरव्यू में कहा कि खट्‌टर के बयान की वजह से लोकसभा चुनाव में BJP का नुकसान हुआ। कुलदीप ने यह भी कहा था कि उन्होंने पूरा किस्सा नहीं सुनाया। खट्‌टर और कुलदीप के वह बयान, जिनसे रिश्तों में खटास आई… खट्‌टर ने कहा था- नेता ने कहा, 100 रुपए देकर काम करा लेता, 200 क्यों बर्बाद किए
केंद्रीय मंत्री खट्टर 10 अप्रैल 2024 को भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने हिसार आए थे। कैमरी गांव में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए खट्‌टर ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े थे। खट्‌टर ने कहा- मैं आपको एक पुराना किस्सा बता रहा हूं। हालांकि, मैं इसमें शामिल नेता का नाम नहीं बताऊंगा। उसी इलाके (हिसार जिले) का एक व्यक्ति चंडीगढ़ में उनके नेता के पास गया और शिकायत की कि गांव के पटवारी ने फर्द (भूमि रिकॉर्ड की नकल) जारी करने के लिए उससे 100 रुपए की रिश्वत ली है। खट्‌टर के मुताबिक, इस पर नेता ने उस व्यक्ति से पूछा कि चंडीगढ़ आने में आपका कितना खर्च हुआ? तो व्यक्ति ने कहा कि चंडीगढ़ आने में उसे 200 रुपए खर्च हुए और 2 दिन भी बर्बाद हुए। यह सुनने के बाद नेता ने उस व्यक्ति को डांटते हुए कहा कि जब कम पैसे देकर अपना काम करवा लिया तो चंडीगढ़ आने के लिए 200 रुपए क्यों बर्बाद किए? इस कहानी को पूरा करते हुए खट्टर ने आगे कहा कि पहले हरियाणा के नेताओं की मानसिकता ऐसी ही थी। बिश्नोई परिवार का मानना ​​है कि जिस नेता की कहानी खट्टर ने सुनाई, वह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल थे। इसी बात को लेकर बिश्नोई परिवार नाराज है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा था- चौधरी साहब ने जेब से 400 रुपए दिए थे
इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि खट्‌टर के बयान का काफी असर हुआ। जबरदस्त नुकसान हुआ। हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में सबसे ज्यादा और पूरे हरियाणा में इसका असर देखने को मिला। भजनलाल के समर्थकों में गुस्सा था। मैंने बार-बार सोशल मीडिया के माध्यम से समझाने का प्रयास भी किया। मैंने माफ कर दिया कि इसे गलत मत समझो। मगर लोगों में जबरदस्त गुस्सा था और आज भी है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि खट्‌टर साहब ने पूरा किस्सा नहीं सुनाया। किस्से का अंत सुनाना चाहिए था। कुलदीप बिश्नोई ने पूरे किस्सा सुनाते हुए कहा कि चौधरी भजनलाल की मजाक करने की आदत थी। जो लोग गए थे उन्हें मजाक में कहा था। मगर सच्चाई अलग है और वह रिकॉर्ड में भी है कि रावत खेड़ा के बिश्नोई थे। चौधरी साहब ने उन्हें 200 के बजाय 400 रुपए जेब से निकाल के दिए और उस पटवारी को भी सस्पेंड किया, जिसने रुपए मांगे। चौधरी भजनलाल जननेता और जनप्रिय नेता थे और जनमुख्यमंत्री थे। वह गलत काम नहीं कर सकते थे। आदमपुर सीट: लोकसभा में पिछड़ी भाजपा, विधानसभा में भी हार
57 साल से भजनलाल परिवार का अभेद किला कहे जाने वाले आदमपुर में पहले लोकसभा चुनाव और बाद में विधानसभा में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। भजनलाल 1968 में पहली बार इस सीट से विधायक बने थे। तब से लेकर अब तक हुए सभी चुनावों में भजनलाल परिवार आदमपुर से जीतता आया था। मगर इस बार विधानसभा चुनाव में उनका 57 साल पुराना किला ढह गया। दिवंगत भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई 2022 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर यहां से विधायक चुने गए थे। इसके बाद हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को आदमपुर में सिर्फ 53156 वोट मिले। जबकि, कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 59544 वोट पाने में कामयाब रहे। जयप्रकाश जेपी ने आदमपुर में 6384 वोटों से बढ़त हासिल की थी। वहीं. 2024 के विधानसभा चुनाव में भव्य बिश्नोई कांग्रेस के चंद्रप्रकाश से 1260 वोटों से हार गए थे। अब मनोहर लाल से मुलाकात के मायने
1. राज्यसभा चुनाव : हरियाणा में राज्यसभा की एक खाली सीट है। इसे भरने के लिए 10 दिसंबर तक नामांकन प्रक्रिया चलेगी। 20 दिसंबर को वोटिंग होगी। ऐसे में 12 दिन पहले केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के दौर को राज्यसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, आदमपुर में चुनाव हारने के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई पूरी तरह से बैकफुट पर हैं। 2. बिश्नोई समाज में दोबारा पैठ बनाना : राज्यसभा में जाकर वह अपने समाज में दोबारा पैठ बनाना चाह रहे हैं। आदमपुर में मिली हार के बाद अब उन्हें अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से हटा दिया गया है। वहीं, बिश्नोई रत्न भी वापस ले लिया है। इस वक्त महासभा में विवाद चल रहा है। ऐसे में कुलदीप राजनीतिक ताकत हासिल कर समाज में दोबारा पैठ बनाना चाहते हैं। भव्य के चुनाव के दौरान बनवाए पोस्टर से खट्‌टर के फोटो गायब थे… मनोहर लाल से दूरी का कुलदीप को नुकसान
1. आदमपुर में हार : पूर्व सीएम मनोहर लाल ही बिश्नोई परिवार को भाजपा में लेकर आए थे। इसके बाद उपचुनाव में भव्य को जितवाने के लिए पूरी ताकत झोंकी और आदमपुर से जीत दिलवाई। मगर, हिसार से लोकसभा का टिकट न मिलने पर कुलदीप नाराज हो गए। कुलदीप ने पोस्टरों व बैनरों से खट्टर के फोटो छपवाने बंद कर दिए। इसका नुकसान यह हुआ कि आदमपुर में बिश्नोई परिवार को हार का सामना करना पड़ा। 2. राज्यसभा की दौड़ से बाहर : मनोहर लाल से दूरी के बाद किरण चौधरी की भाजपा में एंट्री हुई। खट्‌टर ही किरण चौधरी को पार्टी में लेकर आए। इसी दौरान कुलदीप खट्‌टर से दूरी बनाए रहे और किरण को राज्यसभा का टिकट मिल गया। इतना ही नहीं बेटी श्रुति चौधरी विधानसभा जीत गईं और मंत्रिपद भी मिल गया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर