परिवहन निगम और इंडियन बैंक ने UPSRTC कर्मचारियों और अधिकारियों के परिजनों को बीमा कवर देने के लिए MOU पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें परिवहन निगम के कर्मी स्वेच्छा से वेतन खाता इंडियन बैंक में खोले जाने पर बैंक द्वारा बीमा कवर दिया जाएगा। इसके साथ ही इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में परिवहन मंत्री ने लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस मार्गदर्शी ऐप का भी शुभारंभ किया है। मौत होने पर परिवार को मिलेंगे 1 करोड़ रुपए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि यह कोई नहीं चाहता कि उसके परिवार का कोई भी व्यक्ति असमय मृत्यु का शिकार हो, लेकिन ऐसी स्थिति में परिवार संकट में ना आए। इसलिए इंडियन बैंक ने एक आत्मविश्वास पैदा करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की स्थिति में मृतक के परिजन को एक करोड रुपए का बीमा कवर मुहैया कराएगी । इसके अलावा टर्म लाइफ पॉलिसी भी बैंक ने उपलब्ध कराई है।उन्होंने कहा कि एक्सीडेंटल केस में 10 लाख रुपए तक की सहायता मृतक की बेटी की शादी के लिए और 10 लाख रुपए तक की सहायता मृतक के बच्चे को हायर एजुकेशन के लिए बैंक उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में इंडियन बैंक से कर्मचारी जुड़े और बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है इस पॉलिसी का लाभ उठाए। बस ट्रैकिंग डिवाइस की भी शुरुआत परिवहन मंत्री ने मौके पर व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अब लोग घर बैठे ही बसों की लोकेशन जान सकेंगे और उसी के अनुसार स्टेशन अपने परिजन को लेने पहुंचेंगे। इसके अलावा आकस्मिक स्थिति में पैनिक बटन दबाकर इमरजेंसी सेवा भी प्राप्त की जा सकती है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक अत्याधुनिक सेवाएं लोगों को मुहैया कराई जाए। इस अवसर पर उन्होंने चालकों/परिचालकों की वर्दी के लिए 1800 रुपए का चेक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि जब चालक परिचालक वर्दी में बसों का संचालन करते हैं तो इससे निगम की छवि अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि यूपीएसआरटीसी को इतना मजबूत करना है कि आने वाले समय में ब्याज से ही निगम का संचालन सुगमता से होता रहे। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू,विशेष सचिव परिवहन केपी सिंह, प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर,एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इंडियन बैंक बृजेश कुमार सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे। परिवहन निगम और इंडियन बैंक ने UPSRTC कर्मचारियों और अधिकारियों के परिजनों को बीमा कवर देने के लिए MOU पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें परिवहन निगम के कर्मी स्वेच्छा से वेतन खाता इंडियन बैंक में खोले जाने पर बैंक द्वारा बीमा कवर दिया जाएगा। इसके साथ ही इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में परिवहन मंत्री ने लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस मार्गदर्शी ऐप का भी शुभारंभ किया है। मौत होने पर परिवार को मिलेंगे 1 करोड़ रुपए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि यह कोई नहीं चाहता कि उसके परिवार का कोई भी व्यक्ति असमय मृत्यु का शिकार हो, लेकिन ऐसी स्थिति में परिवार संकट में ना आए। इसलिए इंडियन बैंक ने एक आत्मविश्वास पैदा करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की स्थिति में मृतक के परिजन को एक करोड रुपए का बीमा कवर मुहैया कराएगी । इसके अलावा टर्म लाइफ पॉलिसी भी बैंक ने उपलब्ध कराई है।उन्होंने कहा कि एक्सीडेंटल केस में 10 लाख रुपए तक की सहायता मृतक की बेटी की शादी के लिए और 10 लाख रुपए तक की सहायता मृतक के बच्चे को हायर एजुकेशन के लिए बैंक उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में इंडियन बैंक से कर्मचारी जुड़े और बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है इस पॉलिसी का लाभ उठाए। बस ट्रैकिंग डिवाइस की भी शुरुआत परिवहन मंत्री ने मौके पर व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अब लोग घर बैठे ही बसों की लोकेशन जान सकेंगे और उसी के अनुसार स्टेशन अपने परिजन को लेने पहुंचेंगे। इसके अलावा आकस्मिक स्थिति में पैनिक बटन दबाकर इमरजेंसी सेवा भी प्राप्त की जा सकती है। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक अत्याधुनिक सेवाएं लोगों को मुहैया कराई जाए। इस अवसर पर उन्होंने चालकों/परिचालकों की वर्दी के लिए 1800 रुपए का चेक प्रदान किया। उन्होंने कहा कि जब चालक परिचालक वर्दी में बसों का संचालन करते हैं तो इससे निगम की छवि अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि यूपीएसआरटीसी को इतना मजबूत करना है कि आने वाले समय में ब्याज से ही निगम का संचालन सुगमता से होता रहे। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू,विशेष सचिव परिवहन केपी सिंह, प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर,एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इंडियन बैंक बृजेश कुमार सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बदायूं में शहीद का शव देख बेहोश हुई गर्भवती पत्नी:डेढ़ साल पहले हुई शादी, आतंकियों से मुठभेड़ में लगी 7 गोलियां
बदायूं में शहीद का शव देख बेहोश हुई गर्भवती पत्नी:डेढ़ साल पहले हुई शादी, आतंकियों से मुठभेड़ में लगी 7 गोलियां बदायूं के शहीद जवान मोहित राठौड़ का शव उनके घर पहुंचा। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शुक्रवार रात आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से मोहित शहीद हो गए थे। 20 दिन पहले कश्मीर में पोस्टिंग हुई थी। गर्भवती पत्नी और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी शव देखकर बार-बार बेहोश हो जा रही है। सवानगर गांव से 6 किलोमीटर पहले इस्लामनगर से शुरू हुई शवयात्रा में 50 हजार लोग शामिल हुए। लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा मोहित तेरा नाम रहेगा, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। शव सवानगर गांव पहुंचा तो बेटे को ताबूत में देखकर पिता फफक कर रो पड़े। परिवार और रिश्तेदार उनको ढांढस बंधाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। डीएम निधि श्रीवास्तव व एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह समेत कई अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना और पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। बिल्सी तहसील क्षेत्र के थाना इस्लामनगर इलाके के सवानगर गांव निवासी किसान नत्थू सिंह के इकलौते बेटे मोहित साल 2017 में आर्मी में भर्ती हुए थे। मोहित राठौर तीन बहनों के अकेले भाई थे। डेढ़ वर्ष पहले उनकी शादी हुई थी। उनके कोई बच्चा नहीं है। पत्नी गर्भवती है। मोहित की मां कलावती का 12 वर्ष पहले देहांत हो गया था। परिवारवालों के मुताबिक उन्हें मोहित के किसी दोस्त ने फोन कर घटना की सूचना दी। बाद में सेना की तरफ से उनके शहीद होने की खबर मिली। जवान के बहनोई उपेंद्र सिंह ने बताया- शुक्रवार रात करीब दो बजे अचानक आतंकवादियों ने मोहित की टुकड़ी पर हमला कर दिया। पहले एक आतंकवादी उनके कैंप में अफसर की गर्दन काटने के लिए घुसा था, लेकिन कुत्ते के भौंकने से पीछे लौट गया। कुछ देर बाद दूसरे ने ग्रेनेड फेंका, जिससे सभी जवान अलर्ट हो गए। मोहित को सात गोलियां लगी
मोहित अपना असलहा लेकर निकल रहे थे। तभी गोली लगने से वह जमीन पर गिर गए। सुबह छह बजे तक मुठभेड़ चलती रही। बाद में पता चला कि मोहित को सात गोलियां लगी थीं। दोपहर के समय जम्मू में उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया। उसके बाद शनिवार शाम को उनका पार्थिव शरीर बरेली लाया गया। रविवार सुबह बरेली से सेना की यूनिट उन्हें गांव अपने साथ लेकर पहुंचीं। सलामी देने के बाद उन्हें गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 20 दिन पहले ही कश्मीर में हुई पोस्टिंग
उपेंद्र सिंह ने बताया- हम दोनों लोग राजस्थान में तैनात थे। इसी साल जनवरी में मोहित जम्मू कश्मीर के जिला कुपवाड़ा जिले में 57 आरआर यूनिट में शामिल हो गए। उनकी 25 जुलाई को मोहित से बात हुई थी। तब उन्होंने बताया कि उनकी रात के समय फायरिंग अच्छी है, जिससे उन्हें घातक प्लाटून में शामिल कर लिया गया है। अब उन्हें 100 दिनों की नहीं बल्कि 120 दिन का अवकाश मिलेगा। उन्होंने कहा था कि वह नवंबर में गांव आएंगे। बुढ़ापे का सहारा छिना
पिता नत्थू सिंह का मोहित आखिरी सहारा थे। क्योंकि नत्थू सिंह की पत्नी कलावती की कई साल पहले मौत हो चुकी है। अब बेटे का भी साथ छूट गया। मोहित की दो बहनों की शादी हो चुकी है। पिता ने बताया- फौज में नौकरी मिल जाने के बाद वह आश्वस्त करके गया था कि पापा, बहन की शादी की चिंता मत करना। शादी की पूरी जिम्मेदारी हम उठाएंगे, वापस लौटकर रिश्ता पक्का कर देंगे। बेटे की बात याद करके पूरा परिवार फफक कर रो रहा है। दिवाली पर आने का किया था वादा
परिजनों के मुताबिक, मोहित ने दिवाली पर आने का वादा किया था। फरवरी में वह वापस ड्यूटी पर गए थे। परिवार को दिवाली का पर्व मोहित के साथ मनाने का इंतजार था। यह भी कहा था कि छुट्टी मिलने की पूरी उम्मीद है, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। फौजियों का गांव है सवानगर
मोहित के चचेरे भाई फौजी दीपक रजौरी में तैनात हैं। परिवार के संतोष कुमार, ऋषिपाल और हरकेश भी सेना में हैं। गांव के 12 अन्य लोग फौज में सैनिक हैं। दो युवा अग्निवीर हैं, सात लोग पुलिस में, दो पीएसी में और दो युवतियां पुलिस में हैं। एसएचओ इस्लामनगर हरेंद्र सिंह ने बताया कि शहीद मोहिता का शव रविवार सुबह गांव पहुंचा। दोपहर को सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। ये भी पढ़ें… आतंकियों से मुठभेड़ में यूपी का जवान शहीद:हाथरस में पिता ने कहा-हमें गर्व है ; 4 साल पहले हुई थी शादी यूपी के हाथरस का जवान जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गया। सुभाष चंद्र 7-जाट रेजिमेंट में तैनात थे। सोमवार देर रात करीब ढाई बजे राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। मंगलवार को प्रशासन की एक टीम सहपऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव नगला मनी पहुंची और परिवार को शहादत की सूचना दी। पढ़ें पूरी खबर…
चंडीगढ़ सेक्टर-10 ग्रेनेड हमले की जांच NIA करेगी:आतंकी हमला होने के बाद लिया गया फैसला; दो आरोपी पुलिस हिरासत में
चंडीगढ़ सेक्टर-10 ग्रेनेड हमले की जांच NIA करेगी:आतंकी हमला होने के बाद लिया गया फैसला; दो आरोपी पुलिस हिरासत में चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में हुए ग्रेनेड हमले की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने अपने हाथ में ले ली है। घटना 11 सितंबर, 2024 को हुई थी, जब दो हमलावरों ने ऑटो-रिक्शा में सवार होकर एक घर पर ग्रेनेड फेंका। हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन घर की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। आतंकी ऐंगल सामने आने के बाद NIA ने इसे अपने हाथों में लेने का फैसला किया था। इस मामले में अभी तक पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ऑटो चालक को ट्रैक कर लिया था। जिसके बाद पुलिस ने ग्रेनेड फेंकने वाले दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। मामले में संदिग्धों की पहचान रोहन मसीह और विशाल के रूप में हुई थी। विदेश में बैठे आतंकियों ने करवाया था हमला गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ से पता चला कि हमला पाकिस्तान आधारित आतंकवादी रिंदा और यूएस स्थित गैंगस्टर हैप्पी पासिया द्वारा करवाया गया था। पुलिस की ओर से चार्जशीट तैयार कर ली गई थी और इसे जल्द ही अदालत में पेश करने की योजना थी। लेकिन अब यह केस NIA के पास चला गया है, जो इस मामले की आगे जांच करेगी। NIA कर चुकी घटनास्थल का दौरा NIA के लिए इस केस को आगे बढ़ाना मुश्किल नहीं होगा। NIA पहले ही घटना स्थल का दौरा भी की चुकी है। अब जब NIA ने मामले को अपने हाथों में लिया है तो सभी सबूत और केस की जानकारी भी चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से उन्हें सौंप दी गई है। रिटायर्ड प्रिंसिपल के घर में फेंका ग्रेनेड गौरतलब है कि सेक्टर 10 के पॉश एरिया में हिमाचल प्रदेश से रिटायर्ड प्रिंसिपल केके मल्होत्रा के घर पर ग्रेनेड अटैक हुआ था। जिस समय घटना हुई, परिवार बरामदे में ही बैठा था। केके मल्होत्रा किताब पढ़ रहे थे। जैसे ही वे उठकर अंदर गए, बाहर ये घटना हो गई। उनके परिवार के सदस्यों ने बम फेंकने वालों को देखा भी। बम घर के बने पार्क में गिरा और वहां 8 इंच का गड्ढा बन गया। पार्क में लगे गमले और खिड़कियों में लगे शीशे टूट गए। इसके साथ कई और घरों के शीशे भी टूटे थे। रिटायर्ड प्रिंसिपल से पहले इस घर में पंजाब पुलिस के रिटायर्ड SSP हरकीरत सिंह रहते थे।
हिमाचल के CPS राम कुमार की पत्नी का चालान:अवैध खनन करते पकड़े टिप्पर और पोकलेन मशीन से 75 हजार जुर्माना वसूला
हिमाचल के CPS राम कुमार की पत्नी का चालान:अवैध खनन करते पकड़े टिप्पर और पोकलेन मशीन से 75 हजार जुर्माना वसूला हिमाचल सरकार में मुख्य संसदीय सचिव (CPS) एवं सोलन जिला के दून से विधायक राम कुमार चौधरी की पत्नी की पोकलेन मशीन और टिप्पर का पुलिस ने 75 हजार रुपए का चालान किया है। बद्दी के मलपुर क्षेत्र में स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। पोकलेन और टिप्पर के चालान के बाद पुलिस इसकी जांच में जुट गई है कि अवैध खनन सरकारी जमीन पर किया गया या फिर निजी जमीन पर। जिस जगह पर खनन चल रहा था, वह जगह सरकारी निकली तो सीपीएस की पत्नी के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशानुसार, एफआईआर होगी। आपको बता दें कि बीते शनिवार को मलपुर के ग्रामीणों ने सरकारी जमीन पर खनन का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस को मौके पर टिप्पर और पोक लेन मशीन मिली। पुलिस को देख ड्राइवर और खनन कर रहे मजदूर मौके से भाग गए। इसके बाद पुलिस ने टिप्पर और पोक लेन को जब्त किया। पुलिस ने अभी चालान कर टिप्पर और पोक लेन रिलीज कर दिए है। मलपुर निवासी कृष्ण कुमार ने इस बाबत पुलिस अधीक्षक को लिखित में शिकायत दे रखी है। भाजपा ने सीपीएस पर लगाया अवैध खनन का आरोप वहीं इस मामले में अब राजनीति होने लगी है। भारतीय जनता पार्टी ने पुलिस ने सीपीएस राम कुमार के क्रशर पर पड़ी सामग्री की जांच की मांग की है। दून के पूर्व विधायक परमजीत पम्मी ने कहा कि सरकार राम कुमार के परिवार पर मेहरबान है। उन्होंने बताया कि राम कुमार का परिवार अर्से से खनन कर रहा है। बिना एनओसी चल रहे राम कुमार के क्रशर: चौधरी सोलन भाजपा के जिला सचिव गुरमेल चौधरी ने कहा कि राम कुमार के क्रशर बिना एनओसी के चल रहे हैं। वहीं राम कुमार चौधरी ने कहा कि अवैध खनन के आरोप लगा भाजपा उन्हें बदनाम कर रही है। लीज की जमीन पर वह खनन कर रहे हैं, इसकी सरकार को रॉयल्टी दे रहे हैं।