लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात गायनी डॉक्टरों के लिए प्रशासन ने कड़े नियम लागू किए हैं। राजधानी के 21 CHC में तैनात गायनाकोलॉजिस्ट को साल भर में 60 सिजेरियन प्रसव कराने होंगे। यानी हर महीने 5 डिलीवरी। इससे कम सिजेरियन या डिलवरी कराने पर उनका वेतन रोका जाएगा। ये निर्देश लखनऊ डीएम की अगुआई में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए गए हैं। जिले में अभी CHC पर गायनाकोलॉजिस्ट रात में सिजेरियन की बजाए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर देते हैं। इससे कई CHC पर डिलवरी का ग्राफ कम हुआ है। कम डिलवरी पर डीएम ने जताई नाराजगी लखनऊ CMO कार्यालय के अंतर्गत संचालित 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) हैं। सभी CHC पर संविदा और स्थाई मिलाकर 37 गाइनकोलॉजिस्ट तैनात हैं। इसमें हर CHC पर दो-तीन विशेषज्ञ हैं। कई गाइनी डॉक्टरों का डिलवरी का ग्राफ कम है। ये मुद्दा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में हुआ था। डीएम ने कम डिलवरी कराने वाली विशेषज्ञ का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। अफसरों का कहना है हर विशेषज्ञ को माह भर में करीब पांच सिजेरियन या सामान्य प्रसव कराने होंगे। इसका सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। रात में हायर सेंटर करते हैं रेफर जिले की CHC पर रात के वक्त आने वाली गर्भवती को सिजेरियन ऑपरेशन के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। इसमें डफरिन, झलकारीबाई व क्वीनमेरी अस्पताल हैं। यहां पर आए दिन जिले की CHC से रेफर होने वाले सिजेरियन के मामले आते हैं। तलब किया डेटा, रिकॉर्ड में आया सामने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है हर CHC के हिसाब से डिलवरी का रिकॉर्ड निकाला गया है। इसमें बीकेटी, इंटौजा और गुडंबा में तीनों CHC पर 112 डिलवरी हुई हैं। सबसे कम डिलवरी चिनहट CHC पर हुई है। यहां पर महज 17 डिलवरी हुई है। सबसे अधिक डिलवरी गोसाईगंज में 180 और काकोरी में 141 हुई है। मलिहाबाद 45, माल 39, ऐशबाग 105, सरोजनीनगर में 49 डिलवरी हुई है। नोटिस होगी जारी लखनऊ सीएमओ डॉ.एनबी सिंह के मुताबिक, सभी CHC से रिकार्ड मांगा गया है। जिनका लक्ष्य पूरा नहीं होगा उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। लखनऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात गायनी डॉक्टरों के लिए प्रशासन ने कड़े नियम लागू किए हैं। राजधानी के 21 CHC में तैनात गायनाकोलॉजिस्ट को साल भर में 60 सिजेरियन प्रसव कराने होंगे। यानी हर महीने 5 डिलीवरी। इससे कम सिजेरियन या डिलवरी कराने पर उनका वेतन रोका जाएगा। ये निर्देश लखनऊ डीएम की अगुआई में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए गए हैं। जिले में अभी CHC पर गायनाकोलॉजिस्ट रात में सिजेरियन की बजाए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर देते हैं। इससे कई CHC पर डिलवरी का ग्राफ कम हुआ है। कम डिलवरी पर डीएम ने जताई नाराजगी लखनऊ CMO कार्यालय के अंतर्गत संचालित 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) हैं। सभी CHC पर संविदा और स्थाई मिलाकर 37 गाइनकोलॉजिस्ट तैनात हैं। इसमें हर CHC पर दो-तीन विशेषज्ञ हैं। कई गाइनी डॉक्टरों का डिलवरी का ग्राफ कम है। ये मुद्दा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में हुआ था। डीएम ने कम डिलवरी कराने वाली विशेषज्ञ का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। अफसरों का कहना है हर विशेषज्ञ को माह भर में करीब पांच सिजेरियन या सामान्य प्रसव कराने होंगे। इसका सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। रात में हायर सेंटर करते हैं रेफर जिले की CHC पर रात के वक्त आने वाली गर्भवती को सिजेरियन ऑपरेशन के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। इसमें डफरिन, झलकारीबाई व क्वीनमेरी अस्पताल हैं। यहां पर आए दिन जिले की CHC से रेफर होने वाले सिजेरियन के मामले आते हैं। तलब किया डेटा, रिकॉर्ड में आया सामने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है हर CHC के हिसाब से डिलवरी का रिकॉर्ड निकाला गया है। इसमें बीकेटी, इंटौजा और गुडंबा में तीनों CHC पर 112 डिलवरी हुई हैं। सबसे कम डिलवरी चिनहट CHC पर हुई है। यहां पर महज 17 डिलवरी हुई है। सबसे अधिक डिलवरी गोसाईगंज में 180 और काकोरी में 141 हुई है। मलिहाबाद 45, माल 39, ऐशबाग 105, सरोजनीनगर में 49 डिलवरी हुई है। नोटिस होगी जारी लखनऊ सीएमओ डॉ.एनबी सिंह के मुताबिक, सभी CHC से रिकार्ड मांगा गया है। जिनका लक्ष्य पूरा नहीं होगा उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
JK पुलिस CIK की श्रीनगर सेंट्रल जेल पर छापेमारी, सेलफोन और टैबलेट सहित कई डिजिटल टूल्स बरामद
JK पुलिस CIK की श्रीनगर सेंट्रल जेल पर छापेमारी, सेलफोन और टैबलेट सहित कई डिजिटल टूल्स बरामद <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu kashmir Police Raid Today:</strong> जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (Counter Intelligence Kashmir of Jammu and Kashmir Police) ने एक बड़े घटनाक्रम के बाद बुधवार को श्रीनगर सेंट्रल जेल के अंदर छापेमार की. सीआईके (CIK) ने यह रेड जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों से जुड़े एक मामले को लेकर की. बता दें कि पुलिस ने छापेमारी बुधवार तड़के आतंकवाद से जुड़े एक मामले में तकनीकी निगरानी के बाद की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर पुलिस सीआईके के एक शीर्ष अधिकारी ने छापेमारी की पुष्टि करते हुए कहा कि रेड के दौरान सेलफोन और टैबलेट सहित कई डिजिटल उपकरण बरामद किए गए. सूत्रों के अनुसार एक आतंकी मामले की चल रही जांच में जेल परिसर के अंदर तकनीकी हस्ताक्षरों का पता लगाने के बाद आज तड़के छापेमारी की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैरकों की ली सघन तलाश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग सीआईके के अधिकारियों ने कई ब्लॉक और बैरकों की तलाशी ली. फिलहाल, छापेमारी क्यों कई और जेल के अंदर से क्या-क्या बरामद हुए के बारे में पुलिस के आधिकारिक बयान का अभी इंतजार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जेल की झड़प से जुड़ा है मामला </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, यह मामला सितंबर 2024 में कैदियों के दो समूहों के बीच हुई झड़पों से जुड़े मामले में ये छापेमारी की गई है. 2018 में अधिकारियों ने कैदियों से मोबाइल फोन बरामद किए, जिसके बाद जेल के अंदर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने को कहा गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने 30 नवंबर 2024 को श्रीनगर के बटमालू इलाके में छापेमारी सीमा पार के आकाओं के इशारे पर जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने, गैरकानूनी गतिविधियां करने और ऑनलाइन प्रचार से संबंधित मामले में की थी. जिला पुलिस श्रीनगर ने एनआईए कोर्ट से तलाशी वारंट हासिल करने के बाद ओवैस रियाज डार और साहिल अहमद भट के घरों की तलाशी ली थी.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ें: </strong><a title=”श्रीनगर: रेड में घरों से मिली आपत्तिजनक सामग्री, सीमा पार ‘आकाओं’ के इशारे पर रच रहे थे साजिश” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/batamaloo-hmt-raid-police-seized-electronic-equipments-used-in-anti-india-propaganda-ann-2833477″ target=”_blank” rel=”noopener”>श्रीनगर: रेड में घरों से मिली आपत्तिजनक सामग्री, सीमा पार ‘आकाओं’ के इशारे पर रच रहे थे साजिश</a></p>
इंदौर में डेंगू का प्रकोप, 21 नए मामले सामने आये, मलेरिया और एमपॉक्स का भी जान लें अपडेट
इंदौर में डेंगू का प्रकोप, 21 नए मामले सामने आये, मलेरिया और एमपॉक्स का भी जान लें अपडेट <p style=”text-align: justify;”><strong>Malaria Dengue Case in Indore:</strong> वेक्टर जनित बीमारियां मध्य प्रदेश के इंदौर में पैर पसार रही हैं. मंगलवार को दो दिनों में डेंगू के 21 नए मरीजों की पहचान हुई है. इसी साथ अब तक कुल मामलों की संख्या 251 हो गई. जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि 21 नए मरीजों में से 14 मरीज पुरुष और सात महिलाएं हैं. दो मरीजों की उम्र 14 साल से कम है. राहत की बात है कि मलेरिया का नया मामला सामने नहीं आया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि जहां तक डेंगू के कुल मामलों की बात है, तो 151 पुरुष और 100 महिलाएं बीमारी से पीड़ित हैं और इनमें से 24 बच्चे हैं. आने वाले दिनों में डेंगू के और मामले बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि डेंगू मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. उन्होंने कहा कि शहर में 18 सक्रिय मामले हैं. सभी मरीज घर पर ही इलाज करा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है. डॉ. पटेल ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 14 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) के रूप में डिफाइन किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एमपॉक्स के प्रति रहें सतर्क-स्वास्थ्य विभाग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राहत की बात है कि मध्य प्रदेश में एमपॉक्स के मामले नहीं मिले हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दे रहा है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि मंकीपॉक्स औऱ चेचक का लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं. बीएस सैत्या के मुताबिक एमपॉक्स की बीमारी कम गंभीर और कम संक्रामक है. उन्होंने कहा, “इन्क्यूबेशन टाइम आमतौर पर 7 से 14 दिनों तक होता है. इस दौरान संक्रमित व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता है. वायरस दाने दिखने से एक दो दिन पहले तक फैल सकता है.” स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और मंकीपॉक्स के लक्षणों को पहचानने की अपील की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”श्योपुर में बनेगा माता शबरी का मंदिर, सीएम ने सड़क से लेकर स्कूल तक लगा दी सौगातों की झड़ी” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/cm-mohan-yadav-inaugurated-of-project-work-worth-rs-37-crore-in-sheopur-ann-2767409″ target=”_self”>श्योपुर में बनेगा माता शबरी का मंदिर, सीएम ने सड़क से लेकर स्कूल तक लगा दी सौगातों की झड़ी</a></strong></p>
पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल की चुनाव प्रक्रिया शुरू, 6 चयनित सदस्य लेंगे हिस्सा
पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल की चुनाव प्रक्रिया शुरू, 6 चयनित सदस्य लेंगे हिस्सा जालंधर | पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस चुनाव प्रक्रिया में 6 चयनित सदस्यों का चुनाव होगा। चितकारा यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ठाकुर सुरजीत सिंह, सरदूलगढ़ से संजीव कुमार, पंजाब फार्मेसी काउंसिल के प्रधान सुशील कुमार बंसल, अमृतसर से सुरेंद्र कुमार शर्मा, जालंधर से तजेंद्र पाल सिंह और रवि शंकर नंदा इस चुनाव प्रक्रिया में अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं। इस संबंध में तेजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस चुनाव प्रक्रिया में पंजाब के 40000 रजिस्टर्ड सदस्य अपने मत का प्रयोग करेंगे। 12 सितंबर से लेकर 5 अक्टूबर तक रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से सदस्यों को अपने मत का प्रयोग करने के लिए निमंत्रण दिया जा रहा है । बाद में 28 अक्टूबर शाम तक जो सदस्य ऑनलाइन माध्यम से अपने मत का प्रयोग कर काउंसिल के प्रधान का चुनाव करेंगे। चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 5 नवंबर को इसका परिणाम घोषित किया जाएगा। इस काउंसिल में कुल 15 सदस्य होते हैं ।