यूपी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 250 डिलीवरी पाइंट बनाए जाएंगे। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अस्पतालों से ज्यादा घरेलू प्रसव ज्यादा कराए जाते हैं। जिस कारण मातृ-शिशु मृत्यु दर अधिक होती है। जिसको कम करने के लिए ये डिलीवरी पाइंट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) पर बनाए जाएंगे। सहारनपुर में भी 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ये सुविधा होगी। NHM ने जिलों में भेजे लेटर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक डॉ.रवि प्रकाश दीक्षित ने अमरोहा, बागपत, बाराबंकी, बरेली, बदायूं, चित्रकूट, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, हरदोई, हाथरस, कन्नौज, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, संभल, शाहजहांपुर, शामली, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र और उन्नाव के डीएम और सीएमओ को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलीवरी पाइंट बनाने को लेकर लेटर जारी किया है। NFHS-5 की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
दरअसल, यूपी में NFHS-5 की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि संस्थागत प्रसव से ज्यादा घरेलू प्रसव हुए है। जिस कारण मातृ-शिशु मृत्यु की दर में बढ़ोतरी हुई है। इस मृत्यु दर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने ये निर्णय लिया है। गर्भवतियों को समय से इलाज और प्रसव की सुविधा मिल सके और मां-बच्चे की जान को बचाया जा सके। PHC में बनाया जाएगा डिलीवरी कक्ष
PHC में आसानी से गर्भवतियों को सुविधा मिल सके। इसके लिए एक कक्ष को चिन्हित किया जाएगा। प्रसव कराने के लिए सभी उपकरणों को रखा जाएगा। केंद्रों का मूल्यांकन के लिए टीमों का गठन भी प्रत्येक जिलों में कर दिया गया है, जो रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजेगी। सहारनपुर में 21 CHC ओर 38 PHC
सहारनपुर में 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) संचालित हैं। इनके अलावा 20 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। सभी सीएचसी पर प्रसव कराए जा रहे हैं। छह पीएचसी व दो यूपीएचसी पर भी प्रसव की सुविधा है। जिला महिला अस्पताल से लेकर सीएचसी-पीएचसी तक प्रसव के लिए मारामारी रहती है। इस कारण परिजन उन्हें निजी अस्पतालों में ले जाकर इलाज कराते हैं। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए शासन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रसव की सुविधा शुरू करने के आदेश दिए हैं। कक्ष चिन्हित कर होगा मूल्यांकन
डिलीवरी पाइंट के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। जिन पीएचसी पर प्रसव की सुविधा शुरू होगी। पहले उनको चिन्हित कर मूल्यांकन किया जाएगा। प्रत्येक जिले में तीन सदस्यीय टीम नामित की गई है। सहारनपुर में सीनियर स्पेशलिस्ट डॉ.रवि यादव, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता सचिन कपिल व जोनल नर्सिंग स्पेशलिस्ट पल्लवी चांद है। टीम को रिपोर्ट की तैयार शासन को भेजनी है। सहारनपुर में इन PHC पर होगा प्रसव
कम्बोह माजरा, मिर्जापुर पोल, नौगांव, कुतुबपुर, पंचकुआ, कौरवा, तल्हेड़ी बुजुर्ग, भांकला, बड़गांव, कैलाशपुर और सलारपुरा शामिल हैं, जहां पर जल्द ही प्रसव की सुविधा मिलेगी। सीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार का कहना है कि गांवों में घर पर प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा रहता है। जन्म के समय होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लोगों को संस्थागत प्रसव के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। इसलिए लिए 11 और पीएचसी पर प्रसव की सुविधा होने जा रही है। यूपी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 250 डिलीवरी पाइंट बनाए जाएंगे। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अस्पतालों से ज्यादा घरेलू प्रसव ज्यादा कराए जाते हैं। जिस कारण मातृ-शिशु मृत्यु दर अधिक होती है। जिसको कम करने के लिए ये डिलीवरी पाइंट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) पर बनाए जाएंगे। सहारनपुर में भी 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ये सुविधा होगी। NHM ने जिलों में भेजे लेटर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक डॉ.रवि प्रकाश दीक्षित ने अमरोहा, बागपत, बाराबंकी, बरेली, बदायूं, चित्रकूट, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, हरदोई, हाथरस, कन्नौज, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, संभल, शाहजहांपुर, शामली, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र और उन्नाव के डीएम और सीएमओ को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलीवरी पाइंट बनाने को लेकर लेटर जारी किया है। NFHS-5 की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
दरअसल, यूपी में NFHS-5 की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि संस्थागत प्रसव से ज्यादा घरेलू प्रसव हुए है। जिस कारण मातृ-शिशु मृत्यु की दर में बढ़ोतरी हुई है। इस मृत्यु दर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने ये निर्णय लिया है। गर्भवतियों को समय से इलाज और प्रसव की सुविधा मिल सके और मां-बच्चे की जान को बचाया जा सके। PHC में बनाया जाएगा डिलीवरी कक्ष
PHC में आसानी से गर्भवतियों को सुविधा मिल सके। इसके लिए एक कक्ष को चिन्हित किया जाएगा। प्रसव कराने के लिए सभी उपकरणों को रखा जाएगा। केंद्रों का मूल्यांकन के लिए टीमों का गठन भी प्रत्येक जिलों में कर दिया गया है, जो रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजेगी। सहारनपुर में 21 CHC ओर 38 PHC
सहारनपुर में 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) संचालित हैं। इनके अलावा 20 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। सभी सीएचसी पर प्रसव कराए जा रहे हैं। छह पीएचसी व दो यूपीएचसी पर भी प्रसव की सुविधा है। जिला महिला अस्पताल से लेकर सीएचसी-पीएचसी तक प्रसव के लिए मारामारी रहती है। इस कारण परिजन उन्हें निजी अस्पतालों में ले जाकर इलाज कराते हैं। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए शासन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रसव की सुविधा शुरू करने के आदेश दिए हैं। कक्ष चिन्हित कर होगा मूल्यांकन
डिलीवरी पाइंट के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। जिन पीएचसी पर प्रसव की सुविधा शुरू होगी। पहले उनको चिन्हित कर मूल्यांकन किया जाएगा। प्रत्येक जिले में तीन सदस्यीय टीम नामित की गई है। सहारनपुर में सीनियर स्पेशलिस्ट डॉ.रवि यादव, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता सचिन कपिल व जोनल नर्सिंग स्पेशलिस्ट पल्लवी चांद है। टीम को रिपोर्ट की तैयार शासन को भेजनी है। सहारनपुर में इन PHC पर होगा प्रसव
कम्बोह माजरा, मिर्जापुर पोल, नौगांव, कुतुबपुर, पंचकुआ, कौरवा, तल्हेड़ी बुजुर्ग, भांकला, बड़गांव, कैलाशपुर और सलारपुरा शामिल हैं, जहां पर जल्द ही प्रसव की सुविधा मिलेगी। सीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार का कहना है कि गांवों में घर पर प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा रहता है। जन्म के समय होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लोगों को संस्थागत प्रसव के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। इसलिए लिए 11 और पीएचसी पर प्रसव की सुविधा होने जा रही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर