जींद में कांग्रेस समर्थित चेयरमैन की कुर्सी खतरे में:जिला परिषद में उठा-पटक; 25 में से 18 पार्षदों ने दिया जताया अविश्वास

जींद में कांग्रेस समर्थित चेयरमैन की कुर्सी खतरे में:जिला परिषद में उठा-पटक; 25 में से 18 पार्षदों ने दिया जताया अविश्वास

हरियाणा के जींद में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा की कुर्सी पर खतरा मंडरा उठा है। सोमवार को जिला परिषद के 25 में से 18 पार्षदों ने डीसी मोहम्मद इमरान रजा को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए पत्र सौंपा। रंधावा जेजेपी के पार्षदों के सहयोग से चेयरमैन की कुर्सी तक पहुंची थी। विधानसभा चुनाव में मनीषा कांग्रेस के साथ रही थी। डीसी मोहम्मद इमरान रजा से मिलकर पार्षदों ने कहा कि जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा जिला परिषद में बहुमत खो चुकी हैं। दो- तिहाई से ज्यादा पार्षद मनीषा रंधावा को पद से हटाना चाहते हैं। इस अविश्वास प्रस्ताव में बागी गुट के जिला पार्षदों ने चेयरपर्सन की कार्यप्रणाली पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए। जिला परिषद के वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला ने कहा कि जिला परिषद के प्रधान पद से अब चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को जाना होगा। अविश्वास प्रस्ताव पर सतीश हथवाला, प्रतिनिधि जसमेर रजाना, कविता, गुरमेल, सुदेश समेत 18 पार्षदों के हस्ताक्षर बताए गए हैं। जेजेपी के समर्थन से चेयरपर्सन, बाद में दिया कांग्रेस का साथ जींद जिला परिषद की चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को चेयरपर्सन की कुर्सी जेजेपी के समर्थन से मिली थी। तब जेजेपी समर्थित कुलदीप रंधावा की पत्नी मनीषा रंधावा का मुकाबला भाजपा समर्थक कविता से हुआ था। तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने खुल कर मनीषा रंधावा का साथ दिया था। महज एक वोट के अंतर से भाजपा समर्थक कविता चुनाव हार गई थी और जेजेपी समर्थक मनीषा रंधावा चेयरपर्सन बन गई थी। वाइस चेयरमैन पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा समर्थक सतीश हाथवाला ने जेजेपी समर्थक हैप्पी कालवा को एक वोट से हराया था। भाजपा और जेजेपी का गठबंधन टूटने के बाद पैदा हुए हालात में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मनीषा रंधावा और कुलदीप रंधावा ने खुलकर जुलाना से कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट का साथ दिया था। विरोधियों को चाहिएं कम से कम 17 वोट, मनीषा को 7 की दरकार जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ उनके विरोधियों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जिला परिषद की विशेष बैठक जब भी होगी, उसमें मनीषा रंधावा को चेयरपर्सन पद से हटाने के लिए कम से कम 17 वोट की जरूरत पड़ेगी। मनीषा रंधावा को अपनी कुर्सी बचाने के लिए कम से कम 9 जिला पार्षदों के समर्थन की दरकार रहेगी। मनीषा रंधावा ने कहा कि वह विरोधियों की बगावत से मजबूती से निपटेंगी। हरियाणा के जींद में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा की कुर्सी पर खतरा मंडरा उठा है। सोमवार को जिला परिषद के 25 में से 18 पार्षदों ने डीसी मोहम्मद इमरान रजा को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए पत्र सौंपा। रंधावा जेजेपी के पार्षदों के सहयोग से चेयरमैन की कुर्सी तक पहुंची थी। विधानसभा चुनाव में मनीषा कांग्रेस के साथ रही थी। डीसी मोहम्मद इमरान रजा से मिलकर पार्षदों ने कहा कि जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा जिला परिषद में बहुमत खो चुकी हैं। दो- तिहाई से ज्यादा पार्षद मनीषा रंधावा को पद से हटाना चाहते हैं। इस अविश्वास प्रस्ताव में बागी गुट के जिला पार्षदों ने चेयरपर्सन की कार्यप्रणाली पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए। जिला परिषद के वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला ने कहा कि जिला परिषद के प्रधान पद से अब चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को जाना होगा। अविश्वास प्रस्ताव पर सतीश हथवाला, प्रतिनिधि जसमेर रजाना, कविता, गुरमेल, सुदेश समेत 18 पार्षदों के हस्ताक्षर बताए गए हैं। जेजेपी के समर्थन से चेयरपर्सन, बाद में दिया कांग्रेस का साथ जींद जिला परिषद की चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को चेयरपर्सन की कुर्सी जेजेपी के समर्थन से मिली थी। तब जेजेपी समर्थित कुलदीप रंधावा की पत्नी मनीषा रंधावा का मुकाबला भाजपा समर्थक कविता से हुआ था। तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने खुल कर मनीषा रंधावा का साथ दिया था। महज एक वोट के अंतर से भाजपा समर्थक कविता चुनाव हार गई थी और जेजेपी समर्थक मनीषा रंधावा चेयरपर्सन बन गई थी। वाइस चेयरमैन पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा समर्थक सतीश हाथवाला ने जेजेपी समर्थक हैप्पी कालवा को एक वोट से हराया था। भाजपा और जेजेपी का गठबंधन टूटने के बाद पैदा हुए हालात में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा ने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मनीषा रंधावा और कुलदीप रंधावा ने खुलकर जुलाना से कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट का साथ दिया था। विरोधियों को चाहिएं कम से कम 17 वोट, मनीषा को 7 की दरकार जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ उनके विरोधियों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जिला परिषद की विशेष बैठक जब भी होगी, उसमें मनीषा रंधावा को चेयरपर्सन पद से हटाने के लिए कम से कम 17 वोट की जरूरत पड़ेगी। मनीषा रंधावा को अपनी कुर्सी बचाने के लिए कम से कम 9 जिला पार्षदों के समर्थन की दरकार रहेगी। मनीषा रंधावा ने कहा कि वह विरोधियों की बगावत से मजबूती से निपटेंगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर