बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी या नीलकंठ महादेव मंदिर? संभल के बाद एक और विवाद, आज होगी सुनवाई

बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी या नीलकंठ महादेव मंदिर? संभल के बाद एक और विवाद, आज होगी सुनवाई

<p style=”text-align: justify;”><strong>Badaun Masjid Controversy:</strong> संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए विवाद के बीच आज बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी बनाम नीलकंठ महादेव मामले पर जिला कोर्ट में सुनवाई होगी. साल 2022 हिंदू नेता मुकेश पटेल ने इस मस्जिद में महादेव मंदिर होने का दावा किया है. आज कोर्ट में इस बात पर बहस होगी कि ये मामला सुनवाई के योग्य है या नहीं. आज मुस्लिम पक्ष कोर्ट में अपनी दलील पेश करेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बदायूं में आज जामा मस्जिद शम्सी को लेकर हलचल तेज है. इस मामले पर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में बहस होगी. कोर्ट में पहले मुस्लिम पक्ष को सुना जाएगा. जिसके बाद हिन्दू पक्ष अपनी दलीलें रखेगा. मामले में सरकार की ओर से बहस पूरी हो चुकी है, पुरातत्व विभाग ने कोर्ट में इसे अपनी संपत्ति बताया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़ा इंतजाम किए गए हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा</strong><br />इस मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया गया है. हिन्दू पक्ष की ओर से दावा किया है कि बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी को नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर बनाया गया था. वहां पहले मंदिर था. वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि शम्सी मस्जिद में कभी मंदिर होने के कोई सबूत नहीं है. इस मस्जिद का निर्माण सूफी संत बादशाह शमशुद्दीन अल्तमश ने कराया था. शमशुद्दीन अल्तमश जब बदायूं आए थे तो उन्होंने अल्लाह की इबादत के लिए इसे बनवाया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/03/20b17ec10bf1c6798409c4ef79b3e52b1733205943037275_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुस्लिम पक्ष ने कहा कि शम्सी मस्जिद में कभी किसी देवी देवता की मूर्ति होने या मंदिर का होने के सबूत नहीं मिले हैं. इस केस में एएसआई और यूपी सरकार को पार्टी बनाया गया है. कोर्ट में प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 के आधार पर बात रखी जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी में अभी संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर ही बवाल छिड़ा हुआ है. 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद आगजनी और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई. इस मामले पर सियासत भी जमकर देखने को मिल रही है, सपा ने इसे सरकार की सोची समझी साजिश बताया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Badaun Masjid Controversy:</strong> संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए विवाद के बीच आज बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी बनाम नीलकंठ महादेव मामले पर जिला कोर्ट में सुनवाई होगी. साल 2022 हिंदू नेता मुकेश पटेल ने इस मस्जिद में महादेव मंदिर होने का दावा किया है. आज कोर्ट में इस बात पर बहस होगी कि ये मामला सुनवाई के योग्य है या नहीं. आज मुस्लिम पक्ष कोर्ट में अपनी दलील पेश करेगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बदायूं में आज जामा मस्जिद शम्सी को लेकर हलचल तेज है. इस मामले पर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में बहस होगी. कोर्ट में पहले मुस्लिम पक्ष को सुना जाएगा. जिसके बाद हिन्दू पक्ष अपनी दलीलें रखेगा. मामले में सरकार की ओर से बहस पूरी हो चुकी है, पुरातत्व विभाग ने कोर्ट में इसे अपनी संपत्ति बताया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़ा इंतजाम किए गए हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा</strong><br />इस मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया गया है. हिन्दू पक्ष की ओर से दावा किया है कि बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी को नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर बनाया गया था. वहां पहले मंदिर था. वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि शम्सी मस्जिद में कभी मंदिर होने के कोई सबूत नहीं है. इस मस्जिद का निर्माण सूफी संत बादशाह शमशुद्दीन अल्तमश ने कराया था. शमशुद्दीन अल्तमश जब बदायूं आए थे तो उन्होंने अल्लाह की इबादत के लिए इसे बनवाया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/03/20b17ec10bf1c6798409c4ef79b3e52b1733205943037275_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>मुस्लिम पक्ष ने कहा कि शम्सी मस्जिद में कभी किसी देवी देवता की मूर्ति होने या मंदिर का होने के सबूत नहीं मिले हैं. इस केस में एएसआई और यूपी सरकार को पार्टी बनाया गया है. कोर्ट में प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 के आधार पर बात रखी जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी में अभी संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर ही बवाल छिड़ा हुआ है. 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. जिसके बाद आगजनी और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई. इस मामले पर सियासत भी जमकर देखने को मिल रही है, सपा ने इसे सरकार की सोची समझी साजिश बताया है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड अकाल तख्त से सुनाई गई सजा के बाद गले में तख्ती लटकाकर पहुंचे सुखबीर बादल, करने होंगे ये सब काम