हिसार जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी को खतरा:अविश्वास प्रस्ताव लेकर एडीसी से मिले जिला पार्षद, सिहाग बोले-मेरे पास 14 पार्षदों का समर्थन

हिसार जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी को खतरा:अविश्वास प्रस्ताव लेकर एडीसी से मिले जिला पार्षद, सिहाग बोले-मेरे पास 14 पार्षदों का समर्थन

हरियाणा के हिसार में जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। 30 में से 23 पार्षद जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा के खिलाफ हो गए हैं। वह चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा को हटाने के लिए अड़ गए हैं। जिला पार्षदों ने इसको लेकर आज हिसार एडीसी को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा और जल्द से जल्द बैठक बुलाने की मांग की है। सोनू सिहाग डाटा भाजपा के चेयरमैन हैं, वह कैप्टन अभिमन्यु के करीबी बताए जाते हैं। मगर चुनाव में उन पर अंदर खाने से कांग्रेस का समर्थन का आरोप लगा था। इस बात को बल तब मिला जब नारनौंद से भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु चेयरमैन के गांव डाटा से हार गए। इसके बाद से ही कुर्सी पर चेयरमैन की पकड़ ढीली होती गई। पार्षद लगातार सोनू सिहाग को हटाने के लिए गुप्त तौर पर बैठकें कर रहे थे। बताया जा रहा है 30 में से 24 जिला पार्षदों को शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर चेयरमैन को हटाने की मांग की है। वहीं चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा का कहना है कि उनको कोई नहीं हटा सकता। उनके पास 13 से 14 पार्षदों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि पहले भी मेरे खिलाफ कई बार इस तरह के प्रस्ताव लाए गए, मगर हर बार मैं जीतकर निकला हूं। सोनू सिहाग के खिलाफ पार्षद एडीसी से मिलने पहुंचे… चेयरमैन को कुर्सी बचाने के लिए 21 पार्षद चाहिए बता दें कि 30 पार्षदों वाली जिला परिषद को 2 तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। यानी 21 पार्षदों का समर्थन चाहिए, जबकि चेयरमैन खुद मान रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन हैं। वहीं जिला पार्षदों का कहना है कि उनके पास 24 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं और वह जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव की मांग करेंगे। भाजपा जिसे चाहे चेयरमैन बना सकती है। सभी पार्षद उसका समर्थन करेंगे। मगर मौजूदा चेयरमैन को पद पर नहीं रहने देंगे। जिला परिषद चेयरमैन इसलिए पड़े कमजोर… 1. चेयरमैन के गांव में हारी BJP
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग के गांव डाटा से BJP प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु की बुरी तरह हार हुई। डाटा नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांवों में से एक हैं। यहां करीब 7 बूथ बनाए गए थे। इन बूथों में से 6 पर कांग्रेस और 1 बूथ पर ही भाजपा जीत पाई। कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ को गांव में 3,274 वोट मिले, जबकि कैप्टन अभिमन्यु को गांव से महज 2,156 वोट मिले थे। 2. कमीशनखोरी का आरोप
कुछ महीने पहले कई जिला पार्षदों ने मिलकर मुख्यमंत्री से चेयरमैन की शिकायत की थी। वहीं विकास कार्यों में किए जा रहे पक्षपातपूर्ण निर्णयों को लेकर परिषद कार्यालय में धरना भी लगाया था। मुख्यमंत्री के समक्ष पार्षदों ने चेयरमैन पर कमीशनखोरी के आरोप भी लगाए।
यह भी कहा कि कमीशन के चक्कर में ही जिला परिषद की पहली ग्रांट भी नहीं लग पाई है। जब तक कमीशन नहीं दिया जाता तब तक काम भी शुरू नहीं होने देते। पिछले 2 साल से विकास कार्य पेंडिंग पड़े हैं। जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है। 3. कांग्रेस नेताओं के साथ की गुप्त बैठकें
पार्षदों ने आरोप लगाया कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चेयरमैन की कांग्रेस सांसद जेपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा के साथ गुप्त मीटिंग हुई थी। चेयरमैन को लगा कि कांग्रेस सरकार आएगी। ऐसे में वह पहले से ही कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इसकी भनक लग गई थी। रही सही कसर चेयरमैन के गांव में भाजपा प्रत्याशी की हार से पूरी हो गई। पार्षदों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में चेयरमैन ने गुपचुप तरीके से कांग्रेस के नेताओं का समर्थन किया। 4. पार्षदों को ब्लैकमेल करने का आरोप
जिला पार्षदों ने आरोप लगाया कि चेयरमैन ने अपने होटल में अपने पार्षद साथियों की कुछ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। इसके बाद पार्षदों ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर चेयरमैन की इस हरकत से अवगत भी करवाया। जिससे पार्टी के स्थानीय नेता, विधायक, मंत्री और संगठन के लोग चेयरमैन से दूरी बना चुके हैं। हरियाणा के हिसार में जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। 30 में से 23 पार्षद जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा के खिलाफ हो गए हैं। वह चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा को हटाने के लिए अड़ गए हैं। जिला पार्षदों ने इसको लेकर आज हिसार एडीसी को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा और जल्द से जल्द बैठक बुलाने की मांग की है। सोनू सिहाग डाटा भाजपा के चेयरमैन हैं, वह कैप्टन अभिमन्यु के करीबी बताए जाते हैं। मगर चुनाव में उन पर अंदर खाने से कांग्रेस का समर्थन का आरोप लगा था। इस बात को बल तब मिला जब नारनौंद से भाजपा प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु चेयरमैन के गांव डाटा से हार गए। इसके बाद से ही कुर्सी पर चेयरमैन की पकड़ ढीली होती गई। पार्षद लगातार सोनू सिहाग को हटाने के लिए गुप्त तौर पर बैठकें कर रहे थे। बताया जा रहा है 30 में से 24 जिला पार्षदों को शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर चेयरमैन को हटाने की मांग की है। वहीं चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा का कहना है कि उनको कोई नहीं हटा सकता। उनके पास 13 से 14 पार्षदों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि पहले भी मेरे खिलाफ कई बार इस तरह के प्रस्ताव लाए गए, मगर हर बार मैं जीतकर निकला हूं। सोनू सिहाग के खिलाफ पार्षद एडीसी से मिलने पहुंचे… चेयरमैन को कुर्सी बचाने के लिए 21 पार्षद चाहिए बता दें कि 30 पार्षदों वाली जिला परिषद को 2 तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। यानी 21 पार्षदों का समर्थन चाहिए, जबकि चेयरमैन खुद मान रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन हैं। वहीं जिला पार्षदों का कहना है कि उनके पास 24 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं और वह जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव की मांग करेंगे। भाजपा जिसे चाहे चेयरमैन बना सकती है। सभी पार्षद उसका समर्थन करेंगे। मगर मौजूदा चेयरमैन को पद पर नहीं रहने देंगे। जिला परिषद चेयरमैन इसलिए पड़े कमजोर… 1. चेयरमैन के गांव में हारी BJP
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग के गांव डाटा से BJP प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु की बुरी तरह हार हुई। डाटा नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांवों में से एक हैं। यहां करीब 7 बूथ बनाए गए थे। इन बूथों में से 6 पर कांग्रेस और 1 बूथ पर ही भाजपा जीत पाई। कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ को गांव में 3,274 वोट मिले, जबकि कैप्टन अभिमन्यु को गांव से महज 2,156 वोट मिले थे। 2. कमीशनखोरी का आरोप
कुछ महीने पहले कई जिला पार्षदों ने मिलकर मुख्यमंत्री से चेयरमैन की शिकायत की थी। वहीं विकास कार्यों में किए जा रहे पक्षपातपूर्ण निर्णयों को लेकर परिषद कार्यालय में धरना भी लगाया था। मुख्यमंत्री के समक्ष पार्षदों ने चेयरमैन पर कमीशनखोरी के आरोप भी लगाए।
यह भी कहा कि कमीशन के चक्कर में ही जिला परिषद की पहली ग्रांट भी नहीं लग पाई है। जब तक कमीशन नहीं दिया जाता तब तक काम भी शुरू नहीं होने देते। पिछले 2 साल से विकास कार्य पेंडिंग पड़े हैं। जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है। 3. कांग्रेस नेताओं के साथ की गुप्त बैठकें
पार्षदों ने आरोप लगाया कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चेयरमैन की कांग्रेस सांसद जेपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा के साथ गुप्त मीटिंग हुई थी। चेयरमैन को लगा कि कांग्रेस सरकार आएगी। ऐसे में वह पहले से ही कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इसकी भनक लग गई थी। रही सही कसर चेयरमैन के गांव में भाजपा प्रत्याशी की हार से पूरी हो गई। पार्षदों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में चेयरमैन ने गुपचुप तरीके से कांग्रेस के नेताओं का समर्थन किया। 4. पार्षदों को ब्लैकमेल करने का आरोप
जिला पार्षदों ने आरोप लगाया कि चेयरमैन ने अपने होटल में अपने पार्षद साथियों की कुछ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। इसके बाद पार्षदों ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर चेयरमैन की इस हरकत से अवगत भी करवाया। जिससे पार्टी के स्थानीय नेता, विधायक, मंत्री और संगठन के लोग चेयरमैन से दूरी बना चुके हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर