हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एनटीपीसी कोल डैम परियोजना के प्रमुख ने मंगलवार को प्रेस वार्ता किया। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख सुभाष ठाकुर ने परियोजना के तहत की गई विभिन्न सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) पहलों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। मीडिया संवाद में बताया गया कि एनटीपीसी कोल डैम परियोजना ने पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण और क्षेत्रीय विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। परियोजना के अंतर्गत न केवल ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार किया गया है, बल्कि आसपास के इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और सड़क निर्माण जैसी सेवाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। सीएसआर पहल के अंतर्गत एनटीपीसी ने स्थानीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने, सस्ते इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। एनटीपीसी के अधिकारियों ने यह भी बताया कि उनकी परियोजनाएं केवल औद्योगिक विकास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। पत्रकारों ने इन प्रयासों की सराहना की और बताया कि एनटीपीसी का यह कदम स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार लाने में मददगार साबित हो रहा है। एनटीपीसी कोल डैम परियोजना के तहत सीएसआर पहलें लगातार सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से प्रभावी साबित हो रही हैं। इस मीडिया संवाद ने एनटीपीसी की सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति गंभीरता और क्षेत्रीय विकास में उसकी भूमिका को उजागर किया है। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एनटीपीसी कोल डैम परियोजना के प्रमुख ने मंगलवार को प्रेस वार्ता किया। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख सुभाष ठाकुर ने परियोजना के तहत की गई विभिन्न सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) पहलों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। मीडिया संवाद में बताया गया कि एनटीपीसी कोल डैम परियोजना ने पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण और क्षेत्रीय विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। परियोजना के अंतर्गत न केवल ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार किया गया है, बल्कि आसपास के इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और सड़क निर्माण जैसी सेवाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। सीएसआर पहल के अंतर्गत एनटीपीसी ने स्थानीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने, सस्ते इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। एनटीपीसी के अधिकारियों ने यह भी बताया कि उनकी परियोजनाएं केवल औद्योगिक विकास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। पत्रकारों ने इन प्रयासों की सराहना की और बताया कि एनटीपीसी का यह कदम स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार लाने में मददगार साबित हो रहा है। एनटीपीसी कोल डैम परियोजना के तहत सीएसआर पहलें लगातार सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से प्रभावी साबित हो रही हैं। इस मीडिया संवाद ने एनटीपीसी की सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति गंभीरता और क्षेत्रीय विकास में उसकी भूमिका को उजागर किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में आज से विंटर कार्निवल:टूरिस्टों का 10 दिन तक होगा मनोरंजन; पहली स्टार-नाइट में शबाब साबरी जमाएंगे रंग
शिमला में आज से विंटर कार्निवल:टूरिस्टों का 10 दिन तक होगा मनोरंजन; पहली स्टार-नाइट में शबाब साबरी जमाएंगे रंग हिमाचल की राजधानी शिमला में आज से विंटर कार्निवल शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू दोपहर 1:30 रिज पर निकलने वाली सांस्कृतिक परेड को हरी झंडी दिखाकर विंटर कार्निवल का शुभारंभ करेंगे। विंटर कार्निवल के लिए शिमला को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इससे रिज पर अगले 10 दिन तक रौनक रहेगी। देर रात तक पर्यटकों का यहां मनोरंजन होगा। बॉलीवुड, पंजाबी और लोकल गायक रिज पर देशभर से यहां पहुंचने वाले टूरिस्ट का मनोरंजन करेंगे। विंटर कार्निवल में आज पहली स्टार नाइट होगी, इसमें लोक निर्माण व शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। आज बॉलीवुड गायक शबाब साबरी अपनी आवाज का जादू विखेरेंगे। बता दें कि शिमला में टूरिज्म को बढ़ावा और क्रिसमस व न्यू ईयर पर शिमला आने वाले टूरिस्टों के मनोरंजन के मकसद से नगर निगम शिमला ने बीते साल से विंटर कार्निवल की शुरुआत की है। इस मर्तबा दूसरी बार इसका आयोजन हो रहा है। विंटर कार्निवल से एक दिन पहले शिमला में बर्फबारी से आयोजन में जरूर बाधा आई है। मगर यह प्रदेशवासियों सहित पर्यटकों के लिए सौगात से कम नहीं है। इससे टूरिस्ट की भीड़ और ज्यादा उमड़ने लगी है। लिहाजा शिमला पहुंचने वाले पर्यटक बर्फ के विंटर कार्निनल का आनंद उठा सकेंगे। लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे विंटर कार्निवल के दौरान पर्यटक के विभिन्न लजीज व्यंजनों का भी का लुत्फ उठा सकेंगे। रिज पर इसके लिए स्टॉल लगाए गए है। नगर निगम ने रिज, मॉलरोड व रानी झांसी पार्क में 100 से ज्यादा स्टॉल लगवाए है। इनमें हिमाचल के पारंपरिक और दूसरे व्यंजन परोसे जाएंगे। विंटर कार्निवल में ये रहेंगे आकर्षण 10 दिन चलने वाले इस विंटर कार्निवल में पंजाबी गायक सतिंदर सरताज, शबाब साबरी, कुलदीप शर्मा, राजीव शर्मा समेत 20 से ज्यादा मशहूर गायक प्रस्तुति देंगे। पुलिस, होमगार्ड और सेना के बैंड भी कार्निवल में प्रस्तुतियां देते नजर आएंगे। इसके अलावा मिस कार्निवल, वॉयस ऑफ शिमला, प्रिंस और प्रिंसेस जूनियर, स्ट्रांगेस्ट यूथ ऑफ शिमला, साइकिलिंग, क्राफ्ट मेला, लिट-फेस्ट जैसे कार्यक्रम भी विंटर कार्निवल का मुख्य आकर्षण रहने वाले हैं।
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद हिमाचल छोड़ा; मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद हिमाचल छोड़ा; मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बतौर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल किया है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा इसी महीने 30 जून को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने उन्हीं की अगुवाई में लड़ा। हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा इस समय गुजरात से राज्यसभा के मेंबर हैं। 2 दिसंबर 1960 को जन्मे नड्डा केंद्र सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात को भी साधने की कोशिश की है। 64 साल के नड्डा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं। नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट
हिमाचल में 2007 के विधानसभा में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रेमकुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के CM बने। उनकी सरकार में नड्डा फॉरेस्ट मिनिस्टर बने, लेकिन उनका धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। साल 2010 में नड्डा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा सांसद बनकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संगठन में काम करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। धूमल सरकार से इस्तीफा देकर दिल्ली जाना नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मोदी का नड्डा के घर आना-जाना, शाह के खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1996 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। नड्डा की उसी समय से उनसे नजदीकियां रही हैं। संगठन का काम करते हुए मोदी जब बिलासपुर जाते तो उनका नड्डा के घर आना-जाना रहता था। साल 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को PM फेस घोषित किया। उसके बाद पार्टी ने जेपी नड्डा को चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा। नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रहते हुए पूरे देश में पार्टी की कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की। मोदी के अलावा वह अमित शाह के भी करीबी रहे हैं। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का दूसरा कार्यकाल इसी महीने 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। पटना में जन्म, स्कूलिंग भी वहीं से
जेपी नड्डा का जन्म हिमाचल प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के पटना में हुआ है। नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में टीचर थे। नड्डा का पालन-पोषण और बीए तक की पढ़ाई पटना में ही हुई। एलएलबी के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। बड़ा मंत्रालय मिलना तय
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद नड्डा को केंद्र में बड़ा पोर्टफोलियो मिलना भी लगभग तय है। वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने नड्डा को अपनी सरकार में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा था। 2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी-शाह ने नड्डा को BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब मोदी ने नड्डा को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ऐसे में उन्हें बड़ा मंत्रालय मिलना भी लगभग तय है। नड्डा के कारण अनुराग की छुट्टी
हिमाचल प्रदेश के कोटे से नड्डा के मंत्री बनने के साथ ही, हमीरपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए अनुराग ठाकुर की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई। वर्ष 2019 में मोदी की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय सूचनाएवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर इस बार भी मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन नड्डा के मिनिस्टर बन जाने के कारण वह चूक गए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर को अब भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा भी वर्ष 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। भाजपा ने तीसरी बार हिमाचल की चारों सीटें जीती
इस लोकसभा चुनाव में BJP ने एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें जीती है। 2014 और 2019 में भी पार्टी ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीती थी। इस बार शिमला से सुरेश कश्यप, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से कंगना रनोट सांसद चुनी गईं हैं। चारों सांसद पिछले चार दिन से दिल्ली में ही हैं।
हिमाचल में 12 साल बाद जून में कम बारिश:सिर्फ 46.2MM बादल बरसे; मानसून पड़ा धीमा, ऑरेंज अलर्ट में खिली रही धूप
हिमाचल में 12 साल बाद जून में कम बारिश:सिर्फ 46.2MM बादल बरसे; मानसून पड़ा धीमा, ऑरेंज अलर्ट में खिली रही धूप हिमाचल प्रदेश में जून में 12 साल बाद सबसे कम बारिश हुई है। प्रदेश में इस बार एक से 30 जून के बीच नॉर्मल से 54 प्रतिशत कम बादल बरसे है। इससे पहले साल 2012 में नॉर्मल की तुलना में 71 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में जून में 101.1 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 46.2 मिलीमीटर बारिश हुई है। बीते साल जून में 121.3 मिलीमीटर मेघ बरसे थे। जून में आज तक रिकॉर्ड 241 मिलीमीटर बारिश 2013 में हुई थी। मगर इस बार प्रदेश में मानसून एंट्री के साथ ही धीमा पड़ गया है। यहां देखे 2010 से 2024 तक कितनी MM बारिश हुई.. एक सप्ताह में ऑरेंज अलर्ट के बावजूद अच्छी बारिश नहीं 25 जून से 2 जुलाई तक बीते एक सप्ताह में निरंतर ऑरेंज अलर्ट के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हुई। किन्नौर, कुल्लू और लाहौल स्पीति में तो 10 MM से भी कम बारिश हुई है। बीते 24 घंटे के दौरान भी केवल धर्मशाला में 40 मिलीमीटर (MM), नाहन में 16 MM और शिमला व सुंदरनगर में भी मात्र 0.2 MM बारिश हुई है, जबकि बीते कल भी पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट दिया गया था। जून महीने में 54% कम बरसात IMD के अनुसार, पूरे जून महीने में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। कांगड़ा और चंबा जिला में तो नॉर्मल से 67-67 प्रतिशत कम बादल बरसे है। बिलासपुर जिला में 57 प्रतिशत कम, हमीरपुर में 65 प्रतिशत, किन्नौर में 61, कुल्लू में 50, लाहौल स्पीति में 48, मंडी में 57, शिमला में 27, सिरमौर में 54, सोलन में 35 और ऊना जिला में नॉर्मल से 47 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 5 और 6 जुलाई को ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो प्रदेश में 8 जुलाई तक निरंतर मौसम खराब बना रहेगा। आज और कल कुछेक स्थानों पर ही बारिश का पूर्वानुमान है। मगर 5 और 6 जुलाई को ज्यादातर भागों में बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान नॉर्मल से 1.5 डिग्री नीचे लुढ़का राहत की बात यह है कि मानसून की एंट्री के बाद प्रदेशवासियों ने भीषण गर्मी से राहत की सांस ली है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 1.5 डिग्री नीचे लुढ़क गया है। कुल्लू के भुंतर का सर्वाधिक 36.4 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। वहीं शिमला का अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री, सुंदरनगर 32.5 डिग्री, कल्पा 24.9 डिग्री, धर्मशाला 28.5 डिग्री, ऊना 35.6 डिग्री, नाहन 27 डिग्री, हमीरपुर 32.5 डिग्री, बिलासपुर 33.9 डिग्री, मनाली 28.2 डिग्री, नारकंडा 19 और चंबा 36.3 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। तीन वजह से धीमा पड़ा मानसून: डॉ. पाल मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि मानसून धीमा पड़ गया है। हवा का दबाव नहीं बनने, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय न होने और बीते मई में चक्रवाती तूफान रेमल के असर के कारण अच्छी बारिश नहीं हो पा रही। दो दिन बाद अच्छी बारिश की संभावना है।