हरियाणा की नई BJP सरकार ने पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को झटका दे दिया है। दुष्यंत चौटाला के 681 करोड़ के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा दिया है। इसका खुलासा प्रदेश के PWD मंत्री रणबीर गंगवा ने किया। उन्होंने कहा कि जरूरत होगी तो इस प्रोजेक्ट को देखेंगे वरना कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनके पूरा होने से जाम अपने आप खत्म हो जाएगा। दरअसल, दुष्यंत चौटाला हिसार में एलिवेटेड रोड बनाना चाहते थे। दुष्यंत के डिप्टी CM रहते सरकार ने इसके लिए बजट भी पास कर दिया था। मगर, फाइल सीएम ऑफिस में अटक गई। इसके बजाय अब सरकार रिंग रोड का प्रपोजल तैयार कर रही है। हिसार के चारों तरफ बनने वाली इस रिंग रोड के बाद लोग शहर के बजाय बाहर से ही दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान और सिरसा जा सकेंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडगरी ने प्रपोजल तैयार करने को कहा है। इसके बाद रिंग रोड की मंजूरी मिल सकती है। ऐसा बनाया जाना था एलिवेटेड रोड… दुष्यंत ने सांसद बनकर भेजा प्रपोजल, डिप्टी CM बन सिरे चढ़ाने की कोशिश की
दुष्यंत चौटाला 2014 में हिसार लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव जीते। इसके बाद हिसार को जाम से बचाने के लिए उन्होंने एलिवेटेड रोड का प्रोजेक्ट तैयार किया। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट भी था। इसके बाद जब वे 2019 में BJP के साथ गठबंधन सरकार में JJP कोटे से डिप्टी सीएम बने तो इसे सिरे चढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी। दुष्यंत ने नवंबर 2020 में इसके लिए बीएंडआर के अधिकारियों से मीटिंग भी की। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए उन्हीं की ड्यूटी भी लगाई थी। उस वक्त गौतम सरदाना ने मेयर बनने के बाद पहली हाउस की बैठक में एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव पास कराया। फिर यह प्रपोजल सरकार को भेजा गया। हालांकि अब न तो दुष्यंत चौटाला प्रदेश में सरकार चला रही BJP के साथ हैं और न ही पूर्व मेयर गौतम सरदाना भाजपा में हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी से बगावत कर दी थी। इसलिए इस प्रोजेक्ट की पैरवी करने वाला कोई नेता नहीं बचा। सर्वे एजेंसी को लाखों रुपए दिए, गठबंधन टूटा तो ठप हुआ प्रोजेक्ट
दुष्यंत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शहर के बीचों-बीच दिल्ली रोड पर करीब साढ़े 8 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाना था। एलिवेटेड रोड के निर्माण के साथ ही शहर के तीनों पुलों को जोड़ा जाना था। इसको लेकर हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में मंजूरी मिली थी। जिसके बाद सर्वे एजेंसी हायर की गई। उसे फिजिबिलिटी जांचने के लिए लाखों की पेमेंट भी की गई। गुरुग्राम की एजेंसी ने करीब 2023 में रिपोर्ट दे दी और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो गई मगर सीएम कार्यालय जाकर फाइल अटक गई। वहां से मंजूरी मिलती, इससे पहले ही लोकसभा चुनाव के वक्त JJP और भाजपा का गठबंधन टूट गया। प्रदेश में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी सीएम बन गए। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बना गई जबकि जजपा का खाता तक नहीं खुला। इसलिए बनाया गया था एलिवेटेड रोड का प्रोजेक्ट
दिल्ली रोड हिसार शहर का मुख्य रोड है। हिसार शहर इस रोड के दोनों तरफ शहर बसा है। ऐसे में वाहनों का दबाव इसी रोड पर ज्यादा रहता है। जिसके कारण अक्सर इस सड़क पर जाम की समस्या रहती है। जाम लगने के कारण पूरे शहर का ट्रैफिक प्रभावित होता है। सड़क की चौड़ाई-बढ़ाने के लिए जगह नहीं है, जिस कारण से सड़क की जमीन पर ही एक और ऊपरी सड़क यानी एलिवेटेड रोड बनाने की योजना तैयार की गई थी। जिससे शहर के लोगों को दो सड़कें मिल जाएंगी और जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। वर्तमान में जिंदल पुल से लेकर बस स्टैंड तक पहुंचने में जाम व अतिक्रमण के कारण करीब 40 से 50 मिनट का समय लगता है। मंत्री गंगवा बोले- जाम न हो, सुविधा भी मिले, ऐसी व्यवस्था बना रहे
प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि एलिवेटेड की जरूरत होगी तो हम देखेंगे। मगर, हम जाम से मुक्ति जरूर दिलाएंगे। उसकी ऐसी व्यवस्था करने का काम करेंगे कि शहर में कोई जाम ना हो और लोगों को सुविधाएं मिले। उस पर हम अभी काम कर रहे हैं। हमने अभी सूर्य नगर ओवरब्रिज शुरू करने का काम किया है। साउथ बाइपास का ब्रिज हमारा लगभग तैयार है। हिसार में हम इंटरनल रोड बनाएंगे जो तोशाम रोड को राजगढ़ रोड से जोड़ेगी। यह सारे रोड़ बन जाएंगे तो काफी हद तक जाम से मुक्ति मिल जाएगी”। हरियाणा की नई BJP सरकार ने पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को झटका दे दिया है। दुष्यंत चौटाला के 681 करोड़ के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा दिया है। इसका खुलासा प्रदेश के PWD मंत्री रणबीर गंगवा ने किया। उन्होंने कहा कि जरूरत होगी तो इस प्रोजेक्ट को देखेंगे वरना कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनके पूरा होने से जाम अपने आप खत्म हो जाएगा। दरअसल, दुष्यंत चौटाला हिसार में एलिवेटेड रोड बनाना चाहते थे। दुष्यंत के डिप्टी CM रहते सरकार ने इसके लिए बजट भी पास कर दिया था। मगर, फाइल सीएम ऑफिस में अटक गई। इसके बजाय अब सरकार रिंग रोड का प्रपोजल तैयार कर रही है। हिसार के चारों तरफ बनने वाली इस रिंग रोड के बाद लोग शहर के बजाय बाहर से ही दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान और सिरसा जा सकेंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडगरी ने प्रपोजल तैयार करने को कहा है। इसके बाद रिंग रोड की मंजूरी मिल सकती है। ऐसा बनाया जाना था एलिवेटेड रोड… दुष्यंत ने सांसद बनकर भेजा प्रपोजल, डिप्टी CM बन सिरे चढ़ाने की कोशिश की
दुष्यंत चौटाला 2014 में हिसार लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव जीते। इसके बाद हिसार को जाम से बचाने के लिए उन्होंने एलिवेटेड रोड का प्रोजेक्ट तैयार किया। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट भी था। इसके बाद जब वे 2019 में BJP के साथ गठबंधन सरकार में JJP कोटे से डिप्टी सीएम बने तो इसे सिरे चढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी। दुष्यंत ने नवंबर 2020 में इसके लिए बीएंडआर के अधिकारियों से मीटिंग भी की। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए उन्हीं की ड्यूटी भी लगाई थी। उस वक्त गौतम सरदाना ने मेयर बनने के बाद पहली हाउस की बैठक में एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव पास कराया। फिर यह प्रपोजल सरकार को भेजा गया। हालांकि अब न तो दुष्यंत चौटाला प्रदेश में सरकार चला रही BJP के साथ हैं और न ही पूर्व मेयर गौतम सरदाना भाजपा में हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी से बगावत कर दी थी। इसलिए इस प्रोजेक्ट की पैरवी करने वाला कोई नेता नहीं बचा। सर्वे एजेंसी को लाखों रुपए दिए, गठबंधन टूटा तो ठप हुआ प्रोजेक्ट
दुष्यंत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शहर के बीचों-बीच दिल्ली रोड पर करीब साढ़े 8 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाना था। एलिवेटेड रोड के निर्माण के साथ ही शहर के तीनों पुलों को जोड़ा जाना था। इसको लेकर हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में मंजूरी मिली थी। जिसके बाद सर्वे एजेंसी हायर की गई। उसे फिजिबिलिटी जांचने के लिए लाखों की पेमेंट भी की गई। गुरुग्राम की एजेंसी ने करीब 2023 में रिपोर्ट दे दी और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो गई मगर सीएम कार्यालय जाकर फाइल अटक गई। वहां से मंजूरी मिलती, इससे पहले ही लोकसभा चुनाव के वक्त JJP और भाजपा का गठबंधन टूट गया। प्रदेश में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी सीएम बन गए। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बना गई जबकि जजपा का खाता तक नहीं खुला। इसलिए बनाया गया था एलिवेटेड रोड का प्रोजेक्ट
दिल्ली रोड हिसार शहर का मुख्य रोड है। हिसार शहर इस रोड के दोनों तरफ शहर बसा है। ऐसे में वाहनों का दबाव इसी रोड पर ज्यादा रहता है। जिसके कारण अक्सर इस सड़क पर जाम की समस्या रहती है। जाम लगने के कारण पूरे शहर का ट्रैफिक प्रभावित होता है। सड़क की चौड़ाई-बढ़ाने के लिए जगह नहीं है, जिस कारण से सड़क की जमीन पर ही एक और ऊपरी सड़क यानी एलिवेटेड रोड बनाने की योजना तैयार की गई थी। जिससे शहर के लोगों को दो सड़कें मिल जाएंगी और जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। वर्तमान में जिंदल पुल से लेकर बस स्टैंड तक पहुंचने में जाम व अतिक्रमण के कारण करीब 40 से 50 मिनट का समय लगता है। मंत्री गंगवा बोले- जाम न हो, सुविधा भी मिले, ऐसी व्यवस्था बना रहे
प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि एलिवेटेड की जरूरत होगी तो हम देखेंगे। मगर, हम जाम से मुक्ति जरूर दिलाएंगे। उसकी ऐसी व्यवस्था करने का काम करेंगे कि शहर में कोई जाम ना हो और लोगों को सुविधाएं मिले। उस पर हम अभी काम कर रहे हैं। हमने अभी सूर्य नगर ओवरब्रिज शुरू करने का काम किया है। साउथ बाइपास का ब्रिज हमारा लगभग तैयार है। हिसार में हम इंटरनल रोड बनाएंगे जो तोशाम रोड को राजगढ़ रोड से जोड़ेगी। यह सारे रोड़ बन जाएंगे तो काफी हद तक जाम से मुक्ति मिल जाएगी”। हरियाणा | दैनिक भास्कर