सचिन पायलट ने गांव में किया पड़ाव, ग्रामीण जीवन का लिया आनंद, कहा- ‘हार-जीत अपनी जगह लेकिन…’

सचिन पायलट ने गांव में किया पड़ाव, ग्रामीण जीवन का लिया आनंद, कहा- ‘हार-जीत अपनी जगह लेकिन…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Sachin Pilot Latest News:</strong> टोंक से कांग्रेस विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने बुधवार रात चिमनपुरा गांव में एक ग्रामीण के घर में पड़ाव लिया. यह उनके समर्थक का घर था जिन्होंने उन्हें दौरे के बाद अपने घर आमंत्रित किया था. सचिन पायलट ने न्यौता स्वीकार किया और उन्हीं के घर ठहरे और खाना खाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सचिन पायलट ने अपना अनुभव शेयर करते हुए मीडिया से कहा, ”जब दिन का दौरा पूरा हुआ तो रतन भैरवा ने अपने घर आमंत्रित किया. अपना घर और आंगन मेरे लिए खोला. अच्छा खाना बनाकर खिलाया. अच्छे माहौल में रहने का मौका मिला, मेरे लिए यादगार चीज रहेगी. मैंने खाना खाया, साग और सरसों की सब्जी थी. मैं अकेला ही खा गया, मालपुआ खिलाया. ये एक आत्मीयता का परिचय है और मैं बहुत आभारी हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता ने कहा, ”सत्ता-विपक्ष और हार-जीत होती रहती है लेकिन आप जनता के बीच रहते हैं और उससे जुड़ाव रखते हैं तो उसका अलग महत्व होता है. मुझे &nbsp;लगता है कि लंबे समय पब्लिक लाइफ में रहना है तो जनता से जुड़ाव रखना चाहिए. ग्रामीणों के सुख-दुख का भागीदार रहें तो अटूट संबंध बनता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजनीतिक भाषा-शैली को लेकर यह बोले पायलट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सचिन पायलट ने कहा कि राजनीति में आत्मीयता की जगह कटुता ने जगह बना ली है. यह बात उन्होंने भाषा को लेकर कही. उन्होंने कहा, ”सभी दलों में ऐसे लोग हैं . हमारा राजनीतिक विरोध हो सकता है लेकिन कुछ लोग उकसाने के लिए कड़वे बोल बोलते हैं जो अच्छी बात नहीं है. पब्लिक लाइफ में जनता हमारी भाषा, आचरण और कार्यप्रणाली देखती है. सैद्धांतिक और वैचारिक विरोध करें लेकिन व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी हमारे देश की परंपरा नहीं है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पायलट ने याद रखी पिता की यह बात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सचिन पायलट ने गांव में रात में पड़ाव लेने पर कहा कि ”मैं शुरू से आता हूं. मैं जिस परिवार से आता हूं. मेरे पिताजी और दादाजी सीमित दायरे से निकले हैं और यहां से संबंध बना रहा. मेरे पिता ने कहा कुछ भी बन जाओ जड़ों से जुड़े रहो. संबंध बनाए रखना चाहिए. सत्ता-पक्ष और हार-जीत क्रम है. जनता का प्यार और आत्मीयता का संबंध सबसे बड़ी पूजी है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp;<a title=”उपचुनाव के बाद कांग्रेस में फेरबदल शुरू, 27 ब्लॉक में अध्यक्ष- कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त, देखें लिस्ट” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/congress-reshuffle-govind-singh-dotasra-appointed-president-and-executive-presidents-in-blocks-ann-2836319″ target=”_self”>उपचुनाव के बाद कांग्रेस में फेरबदल शुरू, 27 ब्लॉक में अध्यक्ष- कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त, देखें लिस्ट</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sachin Pilot Latest News:</strong> टोंक से कांग्रेस विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने बुधवार रात चिमनपुरा गांव में एक ग्रामीण के घर में पड़ाव लिया. यह उनके समर्थक का घर था जिन्होंने उन्हें दौरे के बाद अपने घर आमंत्रित किया था. सचिन पायलट ने न्यौता स्वीकार किया और उन्हीं के घर ठहरे और खाना खाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सचिन पायलट ने अपना अनुभव शेयर करते हुए मीडिया से कहा, ”जब दिन का दौरा पूरा हुआ तो रतन भैरवा ने अपने घर आमंत्रित किया. अपना घर और आंगन मेरे लिए खोला. अच्छा खाना बनाकर खिलाया. अच्छे माहौल में रहने का मौका मिला, मेरे लिए यादगार चीज रहेगी. मैंने खाना खाया, साग और सरसों की सब्जी थी. मैं अकेला ही खा गया, मालपुआ खिलाया. ये एक आत्मीयता का परिचय है और मैं बहुत आभारी हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता ने कहा, ”सत्ता-विपक्ष और हार-जीत होती रहती है लेकिन आप जनता के बीच रहते हैं और उससे जुड़ाव रखते हैं तो उसका अलग महत्व होता है. मुझे &nbsp;लगता है कि लंबे समय पब्लिक लाइफ में रहना है तो जनता से जुड़ाव रखना चाहिए. ग्रामीणों के सुख-दुख का भागीदार रहें तो अटूट संबंध बनता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजनीतिक भाषा-शैली को लेकर यह बोले पायलट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सचिन पायलट ने कहा कि राजनीति में आत्मीयता की जगह कटुता ने जगह बना ली है. यह बात उन्होंने भाषा को लेकर कही. उन्होंने कहा, ”सभी दलों में ऐसे लोग हैं . हमारा राजनीतिक विरोध हो सकता है लेकिन कुछ लोग उकसाने के लिए कड़वे बोल बोलते हैं जो अच्छी बात नहीं है. पब्लिक लाइफ में जनता हमारी भाषा, आचरण और कार्यप्रणाली देखती है. सैद्धांतिक और वैचारिक विरोध करें लेकिन व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी हमारे देश की परंपरा नहीं है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पायलट ने याद रखी पिता की यह बात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सचिन पायलट ने गांव में रात में पड़ाव लेने पर कहा कि ”मैं शुरू से आता हूं. मैं जिस परिवार से आता हूं. मेरे पिताजी और दादाजी सीमित दायरे से निकले हैं और यहां से संबंध बना रहा. मेरे पिता ने कहा कुछ भी बन जाओ जड़ों से जुड़े रहो. संबंध बनाए रखना चाहिए. सत्ता-पक्ष और हार-जीत क्रम है. जनता का प्यार और आत्मीयता का संबंध सबसे बड़ी पूजी है.”</p>
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