हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव तलवाना के सीआरपीएफ के जवान की नागालैंड के दीमापुर रेलवे स्टेशन पर 3 दिसंबर को ड्यूटी पर जाते समय हृदय गति रुकने से मौत हो गई। आज 5 दिसंबर को उनके पैतृक गांव तलवाना (खेड़ी) में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर सीआरपीएफ की 112वीं बटालियन ASI सतबीर सिंह के नेतृत्व में जवान को सलामी दी गई। अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ के जवान राजकुमार (44) पुत्र चंदगी राम 18 मार्च 2002 को सीआरपीएफ में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। अब वह वर्तमान में वह 112वीं बटालियन दीमापुर में कार्यरत थे। राजकुमार 30 नवम्बर को अपने गांव तलवाना में छुट्टी बिताकर कर वापस गए थे। 3 दिसंबर को दीमापुर रेलवे स्टेशन पर हार्ट अटैक आने के कारण उसकी मौत हो गई। आज उनके पैतृक गांव में जैसे ही उनका पार्थिव शरीर गाड़ी के द्वारा पहुंचा तो, लोगों की आंखें नम हो गई। पूरे गांव और आसपास में गमगीन माहौल हो गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके बेटे के द्वारा उनकी चिता को मुखाग्नि दी गई। अब उनके परिवार में उनकी माता नारायणी देवी, पत्नी सुरेश देवी, एक लड़का और एक लड़की है। उनके दोनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव तलवाना के सीआरपीएफ के जवान की नागालैंड के दीमापुर रेलवे स्टेशन पर 3 दिसंबर को ड्यूटी पर जाते समय हृदय गति रुकने से मौत हो गई। आज 5 दिसंबर को उनके पैतृक गांव तलवाना (खेड़ी) में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर सीआरपीएफ की 112वीं बटालियन ASI सतबीर सिंह के नेतृत्व में जवान को सलामी दी गई। अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ के जवान राजकुमार (44) पुत्र चंदगी राम 18 मार्च 2002 को सीआरपीएफ में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। अब वह वर्तमान में वह 112वीं बटालियन दीमापुर में कार्यरत थे। राजकुमार 30 नवम्बर को अपने गांव तलवाना में छुट्टी बिताकर कर वापस गए थे। 3 दिसंबर को दीमापुर रेलवे स्टेशन पर हार्ट अटैक आने के कारण उसकी मौत हो गई। आज उनके पैतृक गांव में जैसे ही उनका पार्थिव शरीर गाड़ी के द्वारा पहुंचा तो, लोगों की आंखें नम हो गई। पूरे गांव और आसपास में गमगीन माहौल हो गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके बेटे के द्वारा उनकी चिता को मुखाग्नि दी गई। अब उनके परिवार में उनकी माता नारायणी देवी, पत्नी सुरेश देवी, एक लड़का और एक लड़की है। उनके दोनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
करनाल में आधी रात को गिरी मकान की छत:मलबे में दबा परिवार, पड़ोसियों ने बाहर निकाला, मां-बेटी गंभीर घायल
करनाल में आधी रात को गिरी मकान की छत:मलबे में दबा परिवार, पड़ोसियों ने बाहर निकाला, मां-बेटी गंभीर घायल हरियाणा के करनाल में जाटो गेट के सामने श्याम नगर कालोनी में आधी रात को अचानक एक मकान की छत गिर गई। पूरा परिवार मकान में सो रहा था। हादसे में एक महिला और बच्ची मलबे के नीचे दब गई। परिवार के अन्य सदस्य भी चोटिल हुए हैं। घटना की सूचना के बाद आसपास के लोग मौके पर एकत्रित हो गए और मलबे में दबी बच्ची और महिला को बाहर निकाला। अचानक से गिरी छत मकान मालिक गोल्डी ने बताया कि बीती रात करीब साढ़े 12 बजे अचानक से छत गिर गई। हम मलबे के नीचे दब गए। हम सभी दर्द से कराह रहे थे। हादसे के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। गोल्डी ने बताया कि उसकी पत्नी और बच्ची बुरी तरह से मलबे के नीचे दबी हुई थी। कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें भी बाहर निकाला। घर में चार लोग रहते है। जिसमें मैं, मेरी पत्नी, छोटी बच्ची और मेरी मां। सभी को सिर व अन्य जगहों पर चोटें आई है। लकड़ी की कड़ियों की छत थी। छत पर ईंटों का चट्टा भी कोने में लगा हुआ था। मलबे में दबा सामान गनीमत नहीं कि वह नहीं गिरा, अन्यथा बड़ी हानि हो सकती थी। घर का सारा सामान मलबे के नीचे दब गया। बड़ा नुकसान हुआ है। पीड़ित ने बताया कि वह 10-12 हजार रुपए की नौकरी करता है और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सरकार व प्रशासन से मांग है कि मुआवजा दिया जाए। मकान के लिए फॉर्म भरे, लेकिन कुछ नहीं मिला वहीं पड़ोसी राजेंद्र, पवन, सुनील व अन्य का कहना है कि रात काे अचानक जोरदार आवाज आई। जिसके बाद हम माैके पर पहुंच गए थे और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। श्याम नगर में एक नहीं बल्कि 20 घर ऐसे है, जिनकी छतें कच्ची हैं। सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान की बात तो कहती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर है। हमने पहले भी मकान के फॉर्म भरे थे। लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
पलवल में अज्ञात वाहन ने बाइक को मारी टक्कर:2 दोस्तों की मौत, वृंदावन से लौट रहे थे वापस, यूपी के रहने वाले
पलवल में अज्ञात वाहन ने बाइक को मारी टक्कर:2 दोस्तों की मौत, वृंदावन से लौट रहे थे वापस, यूपी के रहने वाले वृंदावन से बाइक पर लौट रहे दो युवकों की बाइक में पलवल के नेशनल हाईवे-19 पर मितरोल फ्लाई ओवर के पास अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी की बाइक के परखच्चे उड़ गए और दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया। वापस लौट रहे थे घर मुंडकटी थाना प्रभारी सुंदरपाल के अनुसार, नोएडा (यूपी) के सेक्टर-11 निवासी प्रांशु गौतम ने दी शिकायत में कहा है कि उसका छोटा भाई भानू गौतम (23) अपने दोस्त जिला गाजियाबाद (यूपी) के अकबरपुर बहरामपुर गांव निवासी शैलेश (26) के साथ बाइक पर मथुरा-वृंदावन घुमने के बाद वापस अपने घर लौट रहे थे। रात के करीब साढ़े 10 बजे जब उनकी बाइक नेशनल हाईवे-19 पर मुंडकटी थाना क्षेत्र में मितरोल फ्लाई ओवर पर पहुंची तभी कोई अज्ञात वाहन चालक अपने वाहन को पीछे से तेज गति से चलाता हुआ आया और उनकी बाइक में टक्कर मार दी। परिजनों को सौंपे शव टक्कर लगने से बाइक के परखच्चे उड़ गए और दोनों सड़क पर गिर पड़े। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई, जिन्हें किसी राहगीर ने एम्बुलेंस बुलाकर जिला नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। जिला नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने दोनों की तलाशी लेकर उनके पास से मिले फोन नंबर पर उनके परिजनों को सूचना दी। दो नों के परिजन सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंच गए। पुलिस ने मृतक भानू गौतम के भाई प्रांशु गौतम की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर दोनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया।
कुरूक्षेत्र में प्राईवेट स्कूल की बड़ी लापरवाही:दूषित पानी पीने से स्कूल के करीब 22 बच्चे हुए पीलिया का शिकार, कार्रवाई नहीं
कुरूक्षेत्र में प्राईवेट स्कूल की बड़ी लापरवाही:दूषित पानी पीने से स्कूल के करीब 22 बच्चे हुए पीलिया का शिकार, कार्रवाई नहीं हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला के एक प्राइवेट स्कूल में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां स्कूल में करीब 22 बच्चे पीलिया की बीमारी का शिकार हो गए हैं, स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए स्कूल में पहुंची है और वहां पर उनके पानी टैंक इत्यादि की सफाई करवाई गई है, लेकिन स्कूल कितनी बड़ी लापरवाही से छोटे बच्चों की जान के साथ बड़ा खिलवाड़ हुआ है। फिलहाल स्कूल के ऊपर स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। पीने के पानी का अलग से बनाया टैंक डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि कुरुक्षेत्र के झांसा में एस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में करीब 22 बच्चे पीलिया की बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं। जिसका कारण है कि बच्चों ने स्कूल में दूषित पानी पिया है। जिसके चलते वह बीमार हुए हैं, दो-तीन बच्चे सरकारी अस्पताल में भी दाखिल हुए थे। जिसके बाद उनके संज्ञान मामला आया है और 22 बच्चों में से करीब दो-तीन बच्चे अभी भी प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार अधीन है। उन्होंने कहा कि स्कूल में पीने के पानी के लिए एक अलग से टैंक बनाया गया था। जहां पानी ऊपर बनी टंकी में आता था और वहां से बच्चे पानी पीते थे और उसे पानी के पीने की वजह से ही बच्चे पीले की बीमारी से ग्रस्त हुए हैं। सभी बच्चों की हो चुकी रिकवरी फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। स्कूल की मालकिन उषा गुप्ता ने कहा कि कुछ बच्चों के सिर में दर्द और फीवर की शिकायत मिली थी। जिसके बाद उनका चेकअप कराया गया, तो उनको पीलिया की बीमारी मिली, पानी पीने की वजह से यह बच्चे बीमार हुए हैं, लेकिन लगभग सभी बच्चों की रिकवरी हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा कुछ सैंपल भी लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।