चंडीगढ़ में पुलिस ने आधा किलो चरस के साथ कांगड़ा के युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में बुडैल जेल भेज दिया। आरोपी की पहचान अनुज कुमार उर्फ बंटी(19) के रूप में हुई है। एएनटीएफ थाने को गुप्त सूचना मिली की एक युवक कांगड़ा से चंडीगढ़ में ड्रग्स सप्लाई करने के लिए आ रहा है। पुलिस को देखकर भागने की कोशिश पुलिस ने सूचना के आधार पर सेक्टर-43 बस स्टैंड के पास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पुलिस को देखकर बचकर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे मौके पर दबोच लिया। पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो उसके कब्जे से 524 ग्राम चरस बरामद हुई। चंडीगढ़ में पुलिस ने आधा किलो चरस के साथ कांगड़ा के युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में बुडैल जेल भेज दिया। आरोपी की पहचान अनुज कुमार उर्फ बंटी(19) के रूप में हुई है। एएनटीएफ थाने को गुप्त सूचना मिली की एक युवक कांगड़ा से चंडीगढ़ में ड्रग्स सप्लाई करने के लिए आ रहा है। पुलिस को देखकर भागने की कोशिश पुलिस ने सूचना के आधार पर सेक्टर-43 बस स्टैंड के पास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पुलिस को देखकर बचकर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे मौके पर दबोच लिया। पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो उसके कब्जे से 524 ग्राम चरस बरामद हुई। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में टूरिस्टों के लिए अटल टनल बंद:सोलंग नाला तक भेजे जा रहे सैलानी; बर्फबारी के बाद सड़कों पर हुई फिसलन
हिमाचल में टूरिस्टों के लिए अटल टनल बंद:सोलंग नाला तक भेजे जा रहे सैलानी; बर्फबारी के बाद सड़कों पर हुई फिसलन हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला की ऊंची चोटियों पर ताजा बर्फबारी के बाद अटल टनल रोहतांग टूरिस्टों के लिए बंद कर दी गई है। मनाली पहुंच रहे टूरिस्ट को सोलंग नाला तक जाने की इजाजत दी जा रही है। यहां से आगे सड़क फिसलन की वजह से खतरनाक बनी हुई है। रोहतांग टनल तक केवल आपात स्थिति में ही फोर बॉय फोर व्हीकल के साथ ही पुलिस शासन इजाजत दे रहा है। बता दें कि ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहाड़ों का रुख करने लगे है। इससे बीती शाम को भी अटल टनल के नॉर्थ और साउथ पोर्टल पर भयंकर ट्रैफिक जाम लग गया और 1000 से ज्यादा वाहन फंस गए थे। पुलिस ने इन्हें देर रात तक सुरक्षित रेस्क्यू किया। आज ऊंची चोटियों पर दोबारा हल्की बर्फबारी हुई। इसके बाद सड़क पर सफर और भी खतरनाक हो गया है। इसे देखते हुए अटल टनल को बंद करना पड़ा है। पुलिस लाउड स्पीकर लगाकर टूरिस्टों को एडवाइजरी जारी कर रही है और ऊंचे क्षेत्रों में नहीं जाने की अपील कर रही है, क्योंकि वाहनों के फिसलने का खतरा बढ़ गया है। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हिमपात के चलते रोहतांग टनल को बंद किया: DC DC कुल्लू तोरुल एस रवीश ने बताया कि हिमपात के चलते अटल टनल सैलानियों के लिए फिलहाल बंद कर दी गई है। सोलंग नाला तक सैलानियों को भेजा जा रहा है। सभी वाहनों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्होंने सैलानियों से अपील की कि खराब मौसम के चलते ऊंचाई वाले इलाकों का रुख बिल्कुल भी न करें। माल रोड पर बर्फबारी मनाली माल रोड पर आज दोपहर बाद दोबारा बर्फ के फाहें गिरे। इसके बीच पर्यटकों ने खूब मौज मस्ती की। मनाली माल रोड़ क्रिसमस के पूरी सजाया गया है। माल रोड में चहल कदमी कर रहे पर्यटक एकाएक शुरू हुई बर्फबारी के बीच मस्ती करते नजर आए। पुलिस प्रशासन के साथ 4X4 टीम भी टूरिस्टों के रेस्क्यू में मदद कर रहे है। हिमालयन एक्ट्रीम वर्ल्ड टूर एंड ट्रैवल के सोनू ठाकुर ने बताया कि उन्होंने बीती रात को रोहतांग टनल में फंसे 800 से ज्यादा वाहन देर रात तक रेस्क्यू किए। शेष वाहन आज सुबह रेस्क्यू किए गए।
भुभूजोत सुरंग सामरिक महत्व की परियोजना में नामित:कांगड़ा-कुल्लू की दूरी होगी कम, सीएम सुक्खू ने की थी केंद्रीय रक्षा मंत्री से मुलाकात
भुभूजोत सुरंग सामरिक महत्व की परियोजना में नामित:कांगड़ा-कुल्लू की दूरी होगी कम, सीएम सुक्खू ने की थी केंद्रीय रक्षा मंत्री से मुलाकात सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भुभूजोत सुरंग को सामरिक महत्व की परियोजना के रूप में नामित किया गया है। इस सुरंग के बनने से कांगड़ा और कुल्लू के बीच दूरी लगभग 50 किलोमीटर से कम हो जाएगी। इस सुरंग के निर्माण के लिए काफी वर्षों से प्रयास किए जा रहे थे। रक्षा मंत्रालय ने अधिकारिक रूप से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भुभूजोत सुरंग, घटासनी-शिल्हा- भुभूजोत-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ सामरिक महत्व की परियोजना के रूप में नामित कर लिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सुक्खू ने दी। सुरंग से मिलेगा आर्थिक लाभ मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा मंत्रालय ने पत्राचार के माध्यम से इस राजमार्ग और सुरंग के महत्व को इंगित करते हुए बताया है कि यह लेह-लद्दाख राजमार्ग के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे दुर्गम क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को विभिन्न प्रकार की संवेदनशील गतिविधियों के सफलतापूर्वक संचालन में सहायता मिलेगी। सामरिक महत्व के साथ-साथ इस सुरंग से क्षेत्र को पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलेगा और इस दृष्टि से परियोजना के लिए बजटीय प्रावधान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में भुभूजोत सुरंग के निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भुभूजोत सुरंग परियोजना के लिए राज्य सरकार के पक्ष को मजबूती से केंद्र के समक्ष रखा था। रक्षा मंत्री से मिले थे मुख्यमंत्री उन्होंने 25 अक्तूबर, 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से व्यक्तिगत रूप से भेंटकर इस परियोजना को प्राथमिकता प्रदान करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष भी रखा गया था। इस सुरंग का निर्माण राज्य के विकास के लिए मील पत्थर साबित होगा। प्रस्तावित भुभूजोत सुरंग के निर्माण से कांगड़ा और कुल्लू के बीच की दूरी लगभग 50 किलोमीटर से कम हो जाएगी। जिससे स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सुरंग के बनने से लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी। सुरंगों के निर्माण को दी जा रही प्राथमिकता : मुख्यमंत्री उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है और पर्यावरण संरक्षण तथा सतत् विकास को को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में सुरंगों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भुभूजोत सुरंग का निर्माण हिमाचल प्रदेश के विकास की दृष्टि से परिवर्तनकारी कदम साबित होगा। यह परियोजना न केवल सामरिक बुनियादी संरचना को मजबूती प्रदान करेगी बल्कि क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेगी। विक्रमादित्य सिंह ने भी की थी सड़क निर्माण की मांग नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने घटासनी, शिल्हा-बधानी-भुभुजोत-कुल्लू से भुभुजोत में सुरंग के साथ एक वैकल्पिक सड़क के निर्माण का आग्रह किया था। उन्होंने बताया था कि इससे एनएच-144 पर 40 से 50 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। उन्होंने बताया था कि यह सामरिक महत्व के अलावा पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
हिमाचल में BJP ने निर्दलीय पूर्व MLA को दिए टिकट:नालागढ़ से केएल ठाकुर, हमीरपुर से आशीष और देहरा से होशियार सिंह चुनाव लड़ेंगे
हिमाचल में BJP ने निर्दलीय पूर्व MLA को दिए टिकट:नालागढ़ से केएल ठाकुर, हमीरपुर से आशीष और देहरा से होशियार सिंह चुनाव लड़ेंगे हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने तीन विधानसभा उप चुनाव के लिए देर रात टिकटों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने अपने वादे के अनुसार, तीनों सीटों पर निर्दलीय एवं पूर्व विधायकों को प्रत्याशी बनाया है। नालागढ़ से केएल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा बीजेपी के टिकट पर उप चुनाव लड़ेंगे। इनमें होशियार सिंह 2017 और 2022 में दो बार निर्दलीय विधायक जीत चुके हैं, जबकि 2012 में केएल ठाकुर भी एक बार बीजेपी से विधायक और दूसरी बार निर्दलीय चुने गए। 2022 में पार्टी ने इनका टिकट काटकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए लखविंदर राणा को टिकट दिया। इसके बाद केएल ठाकुर ने पार्टी से बगावत की और निर्दलीय चुनाव जीतकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे।वहीं हमीरपुर सीट से आशीष शर्मा पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे। इन्होंने बीते 23 मार्च को बीजेपी जॉइन की इन तीनों ने बीते 23 मार्च को ही दिल्ली में भाजपा जॉइन की थी। इनके रिजाइन करने की वजह से ही प्रदेश में तीन सीटों पर उप चुनाव की नौबत आई है। संबंधित क्षेत्र की जनता ने दिसंबर 2022 में ही इन्हें पांच साल के लिए चुनकर विधानसभा भेजा था। मगर इन्होंने 15 महीने में ही अपने पदों से इस्तीफे दे दिए। इस वजह से आई चुनाव की नौबत दरअसल, तीनों निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस के छह बागियों के साथ मिलकर राज्यसभा चुनाव में बीते 27 फरवरी को बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट दिया था। बीजेपी प्रत्याशी को वोट देने के बाद से सभी पूर्व विधायक एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे। इस दौरान इन्होंने भी अपना छोड़ने का निर्णय लिया और 22 मार्च को अचानक तीनों विधानसभा पहुंचे। यहां पर इन्होंने पहले विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा और बाद में स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया को इस्तीफे सौंपे। इसके बाद राजस्व मंत्री जगत नेगी और शिक्षा मंत्री ने स्पीकर के पास एक याचिका दायर की, जिसमें शंका जाहिर की गई कि हो सकता है कि इन पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला गया। इसलिए इसकी जांच की जाए। इस वजह से इनके इस्तीफे स्वीकार नहीं हो पाए और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। बीते तीन जून को स्पीकर ने इनके इस्तीफे स्वीकार किए और 9 जून को केंद्रीय चुनाव आयोग ने उप चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया।