हिमाचल में कांग्रेस पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर पर संगठन में बदलाव करने की प्रक्रिया को अजान देने में जुटी हुई है। इसी कड़ी के चलते कांगड़ा-चंबा के कांग्रेस प्रभारी शांतनु चौहान जब जिला चंबा के चुराह विधानसभा क्षेत्र में संगठन की बैठक करने के लिए आए तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके सामने जमकर नारेबाजी की। पार्टी प्रभारी के समक्ष ही चुराह में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर रोष था, कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले कांग्रेस सेवा दल चुराह के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश भूटानी को फिर से पार्टी में वापसी हुई है, जिसे कार्यकर्ता सहन नहीं करेंगे। कार्यकर्ताओं के गुस्से को देखते हुए कांगड़ा चंबा के प्रभारी को कमरे से बाहर निकालकर कार्यकर्ताओं के बीच आना पड़ा। उन्होंने कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत करवाने के लिए उनकी भावनाओं को पार्टी हाई कमान तक पहुंचाने की बात कही। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश पदाधिकारी रहे प्रकाश भूटानी का भाजपा में शामिल होना और कांग्रेस के खिलाफ काम करने को लेकर अभी भी पार्टी कार्यकर्ताओं में गुस्सा बना हुआ है। क्योंकि इस चुनाव में कांग्रेस को चुराह से हार का सामना करना पड़ा था। हिमाचल में कांग्रेस पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर पर संगठन में बदलाव करने की प्रक्रिया को अजान देने में जुटी हुई है। इसी कड़ी के चलते कांगड़ा-चंबा के कांग्रेस प्रभारी शांतनु चौहान जब जिला चंबा के चुराह विधानसभा क्षेत्र में संगठन की बैठक करने के लिए आए तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके सामने जमकर नारेबाजी की। पार्टी प्रभारी के समक्ष ही चुराह में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर रोष था, कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले कांग्रेस सेवा दल चुराह के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश भूटानी को फिर से पार्टी में वापसी हुई है, जिसे कार्यकर्ता सहन नहीं करेंगे। कार्यकर्ताओं के गुस्से को देखते हुए कांगड़ा चंबा के प्रभारी को कमरे से बाहर निकालकर कार्यकर्ताओं के बीच आना पड़ा। उन्होंने कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत करवाने के लिए उनकी भावनाओं को पार्टी हाई कमान तक पहुंचाने की बात कही। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश पदाधिकारी रहे प्रकाश भूटानी का भाजपा में शामिल होना और कांग्रेस के खिलाफ काम करने को लेकर अभी भी पार्टी कार्यकर्ताओं में गुस्सा बना हुआ है। क्योंकि इस चुनाव में कांग्रेस को चुराह से हार का सामना करना पड़ा था। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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गेस्ट टीचर भर्ती पर हिमाचल CM सुक्खू बोले:ये कोई नौकरी नहीं, शिक्षा में गुणवत्ता लाने का स्टॉप गेप रेजिमेंट, जयराम ठाकुर ने घेरा हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर भर्ती पर चल रहे बवाल के बीच सीएम सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गेस्ट टीचर भर्ती कोई नौकरी नही है। यह शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए स्टॉप गैप रेजिमेंट है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि युवाओं को यह सोचना है कि यह पॉलिसी रिटायर टीचर के लिए है या उनके लिए है जो TET पास करके घर मे बैठा है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गेस्ट टीचर भर्ती को गलत तरीके से एलोबरेट किया जा रहा है। कहा कि, उदाहरण के लिए सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यदि कोई अंग्रेजी का अध्यापक 4 दिन की छुट्टी के लिए चला जाता है , तो 4 दिन बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी। उन चार चार दिन की भरपाई के लिए यदि वहां कोई रिटायर अंग्रेजी का टीचर या NET-SET पास किया हुआ है तो वह 4 दिन पढ़ा सकता है। उसके पैसे फिक्स किए है। यह कोई नौकरी नहीं है, यह शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए स्टॉप गेप रेजिमेंट है। नेता प्रतिपक्ष ने साधा सुक्खू सरकार पर निशाना वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव प्रचार से लेकर सरकार बनने के बाद भी सरकार के नुमाइंदों ने प्रदेश के युवाओं से कहा था कि उन्हें नौकरी ठुंजा साल वाली और पेंशन वाली पक्की नौकरी दी जाएगी। लेकिन अब गेस्ट टीचर भर्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं, छात्रों व उनके अभिभावकों के साथ वादा खिलाफी है। गेस्ट टीचर भर्ती को कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी आपको बता दें कि, गत 12 दिसंबर को सीएम सुखविंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। जिसके बाद से प्रदेशभर में युवा इसका विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ आगामी 19 दिसंबर को शीतकालीन सत्र में विधानसभा घेराव करने का भी ऐलान किया है।
CM का ससुराल उनकी पत्नी को नहीं डाल पाएगा वोट:कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी’ नारा देते हुए बनाया प्रत्याशी; जसवा-परागपुर में है कमलेश का मायका
CM का ससुराल उनकी पत्नी को नहीं डाल पाएगा वोट:कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी’ नारा देते हुए बनाया प्रत्याशी; जसवा-परागपुर में है कमलेश का मायका हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी एवं कांग्रेस प्रत्याशी का मायका देहरा सीट पर हो रहे उप चुनाव में अपनी बेटी कमलेश ठाकुर को वोट नहीं डाल पाएगा, जबकि कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी नारा’ देते हुए CM की पत्नी कमलेश ठाकुर पर दांव खेला है। बता दें कि हमीरपुर जिला के नादौन विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखने वाले CM सुक्खू की पत्नी का मायका कांगड़ा जिला की नलसूहां पंचायत में पड़ता है। नलसूहां गांव व पूरी पंचायत जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ती है। उप चुनाव अभी देहरा सीट पर हो रहा है। नलसूंहा पंचायत में 500 से ज्यादा घर और लगभग 1250 मतदाता है। मगर इनमें से कोई भी नलसूहां पंचायत वासी अपनी बेटी एवं सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को चाह कर भी वोट नहीं दे पाएगा। देहरा सीट पर 86 हजार मतदाता देहरा विधानसभा सीट पर 42000 पुरुष वोटर तथा 42491 महिला मतदाता है। कुल मिलाकर यहां 84491 वोटर है। सर्विस वोटर को मिलाकर देहरा सीट पर 86314 मतदाता है, जो देहरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर, भाजपा के होशियार सिंह और निर्दलीय संजय शर्मा के भाग्य का फैसला करेगी। CM की प्रतिष्ठा दांव पर देहरा सीट पर मुख्यमंत्री सुक्खू की साख दाव पर लगी हुई है। इस सीट पर जीत-हार मुख्यमंत्री के सियासी करियर को लेकर निर्णायक साबित होगी, क्योंकि इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी नादौन विधानसभा सीट से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए थे। सुक्खू ने BJP के गढ़ कहे जाने वाली सीट से पत्नी को बनाया प्रत्याशी अब उन्होंने अपनी पत्नी को भारतीय जनता पार्टी के गढ़ कहे जाने वाली देहरा सीट से प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के लिए चिंता इस बात की है कि इस सीट पर आज तक कांग्रेस एक बार भी चुनाव नहीं जीती। साल 2008 में परिसीमन के बाद देहरा सीट अस्तित्व में आई। साल 2012 में यहां से भाजपा के रविंद्र रवि चुनाव जीते। साल 2017 और 2022 में निर्दलीय होशियार सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, जो अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस अब तक एक भी इस सीट को नहीं जीत पाई। हार के सिलसिले को तोड़ने के लिए ही मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी पर दांव खेला है। 18 महीने में दूसरी बार आई चुनाव की नौबत देहरा की जनता 18 महीने में दूसरी बार अपना विधायक चुनेगी। साल 2022 में यहां की जनता ने निर्दलीय होशियार सिंह को विधानसभा भेजा था। मगर उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया और भारतीय जनता पार्टी जॉइन की। इस वजह से यहां 18 महीने में ही उप चुनाव की नौबत आई है। 10 जुलाई को EVM में कैद होगा इनका भाग्य देहरा सहित नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान होना है। 13 जुलाई को इसके नतीजे आएंगे। इसके लिए चुनाव प्रचार प्रतिदिन जोर पकड़ रहा है।