CM का ससुराल उनकी पत्नी को नहीं डाल पाएगा वोट:कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी’ नारा देते हुए बनाया प्रत्याशी; जसवा-परागपुर में है कमलेश का मायका

CM का ससुराल उनकी पत्नी को नहीं डाल पाएगा वोट:कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी’ नारा देते हुए बनाया प्रत्याशी; जसवा-परागपुर में है कमलेश का मायका

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी एवं कांग्रेस प्रत्याशी का मायका देहरा सीट पर हो रहे उप चुनाव में अपनी बेटी कमलेश ठाकुर को वोट नहीं डाल पाएगा, जबकि कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी नारा’ देते हुए CM की पत्नी कमलेश ठाकुर पर दांव खेला है। बता दें कि हमीरपुर जिला के नादौन विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखने वाले CM सुक्खू की पत्नी का मायका कांगड़ा जिला की नलसूहां पंचायत में पड़ता है। नलसूहां गांव व पूरी पंचायत जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ती है। उप चुनाव अभी देहरा सीट पर हो रहा है। नलसूंहा पंचायत में 500 से ज्यादा घर और लगभग 1250 मतदाता है। मगर इनमें से कोई भी नलसूहां पंचायत वासी अपनी बेटी एवं सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को चाह कर भी वोट नहीं दे पाएगा। देहरा सीट पर 86 हजार मतदाता देहरा विधानसभा सीट पर 42000 पुरुष वोटर तथा 42491 महिला मतदाता है। कुल मिलाकर यहां 84491 वोटर है। सर्विस वोटर को मिलाकर देहरा सीट पर 86314 मतदाता है, जो देहरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर, भाजपा के होशियार सिंह और निर्दलीय संजय शर्मा के भाग्य का फैसला करेगी। CM की प्रतिष्ठा दांव पर देहरा सीट पर मुख्यमंत्री सुक्खू की साख दाव पर लगी हुई है। इस सीट पर जीत-हार मुख्यमंत्री के सियासी करियर को लेकर निर्णायक साबित होगी, क्योंकि इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी नादौन विधानसभा सीट से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए थे। सुक्खू ने ‌‌BJP के गढ़ कहे जाने वाली सीट से पत्नी को बनाया प्रत्याशी अब उन्होंने अपनी पत्नी को भारतीय जनता पार्टी के गढ़ कहे जाने वाली देहरा सीट से प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के लिए चिंता इस बात की है कि इस सीट पर आज तक कांग्रेस एक बार भी चुनाव नहीं जीती। साल 2008 में परिसीमन के बाद देहरा सीट अस्तित्व में आई। साल 2012 में यहां से भाजपा के रविंद्र रवि चुनाव जीते। साल 2017 और 2022 में निर्दलीय होशियार सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, जो अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस अब तक एक भी इस सीट को नहीं जीत पाई। हार के सिलसिले को तोड़ने के लिए ही मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी पर दांव खेला है। 18 महीने में दूसरी बार आई चुनाव की नौबत देहरा की जनता 18 महीने में दूसरी बार अपना विधायक चुनेगी। साल 2022 में यहां की जनता ने निर्दलीय होशियार सिंह को विधानसभा भेजा था। मगर उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया और भारतीय जनता पार्टी जॉइन की। इस वजह से यहां 18 महीने में ही उप चुनाव की नौबत आई है। 10 जुलाई को EVM में कैद होगा इनका भाग्य देहरा सहित नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान होना है। 13 जुलाई को इसके नतीजे आएंगे। इसके लिए चुनाव प्रचार प्रतिदिन जोर पकड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी एवं कांग्रेस प्रत्याशी का मायका देहरा सीट पर हो रहे उप चुनाव में अपनी बेटी कमलेश ठाकुर को वोट नहीं डाल पाएगा, जबकि कांग्रेस ने ‘देहरा की बेटी नारा’ देते हुए CM की पत्नी कमलेश ठाकुर पर दांव खेला है। बता दें कि हमीरपुर जिला के नादौन विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखने वाले CM सुक्खू की पत्नी का मायका कांगड़ा जिला की नलसूहां पंचायत में पड़ता है। नलसूहां गांव व पूरी पंचायत जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ती है। उप चुनाव अभी देहरा सीट पर हो रहा है। नलसूंहा पंचायत में 500 से ज्यादा घर और लगभग 1250 मतदाता है। मगर इनमें से कोई भी नलसूहां पंचायत वासी अपनी बेटी एवं सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर को चाह कर भी वोट नहीं दे पाएगा। देहरा सीट पर 86 हजार मतदाता देहरा विधानसभा सीट पर 42000 पुरुष वोटर तथा 42491 महिला मतदाता है। कुल मिलाकर यहां 84491 वोटर है। सर्विस वोटर को मिलाकर देहरा सीट पर 86314 मतदाता है, जो देहरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर, भाजपा के होशियार सिंह और निर्दलीय संजय शर्मा के भाग्य का फैसला करेगी। CM की प्रतिष्ठा दांव पर देहरा सीट पर मुख्यमंत्री सुक्खू की साख दाव पर लगी हुई है। इस सीट पर जीत-हार मुख्यमंत्री के सियासी करियर को लेकर निर्णायक साबित होगी, क्योंकि इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू अपनी नादौन विधानसभा सीट से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए थे। सुक्खू ने ‌‌BJP के गढ़ कहे जाने वाली सीट से पत्नी को बनाया प्रत्याशी अब उन्होंने अपनी पत्नी को भारतीय जनता पार्टी के गढ़ कहे जाने वाली देहरा सीट से प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के लिए चिंता इस बात की है कि इस सीट पर आज तक कांग्रेस एक बार भी चुनाव नहीं जीती। साल 2008 में परिसीमन के बाद देहरा सीट अस्तित्व में आई। साल 2012 में यहां से भाजपा के रविंद्र रवि चुनाव जीते। साल 2017 और 2022 में निर्दलीय होशियार सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, जो अब भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस अब तक एक भी इस सीट को नहीं जीत पाई। हार के सिलसिले को तोड़ने के लिए ही मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी पर दांव खेला है। 18 महीने में दूसरी बार आई चुनाव की नौबत देहरा की जनता 18 महीने में दूसरी बार अपना विधायक चुनेगी। साल 2022 में यहां की जनता ने निर्दलीय होशियार सिंह को विधानसभा भेजा था। मगर उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया और भारतीय जनता पार्टी जॉइन की। इस वजह से यहां 18 महीने में ही उप चुनाव की नौबत आई है। 10 जुलाई को EVM में कैद होगा इनका भाग्य देहरा सहित नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान होना है। 13 जुलाई को इसके नतीजे आएंगे। इसके लिए चुनाव प्रचार प्रतिदिन जोर पकड़ रहा है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर