मंडी जिले में चौहारघाटी के राजबन में हुए हादसे में चौथे दिन रेस्क्यू जारी है। हादसे में लापता की तलाश को लेकर एनडीआरएफ नेदो खोजी डॉग बुला लिए। इसके साथ ही लाइव डिटेक्टर डिवाइस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। बुधवार देर रात को यहां बादल फटने से तीन रिहायशी मकान दब गए थे। जिसमें 10 लोग जिंदा दफन हो गए। इनमें से अब तक 6 शव बरामद हो पाए हैं। मलबे में दफन 24 वर्षीय सोनम और उसकी तीन माह की नन्ही मानवी, पचास वर्षीय खुड्डी देवी और हरदेव सिंह का अभी तक सुराग नहीं लगा है। जिनकी तलाश को लेकर एनडीआरएफ के जवान खोजी कुत्तों को लेकर चप्पा चप्पा छान रहे हैं। शनिवार देर शाम को यहां 11 वर्षीय अनामिका का शव मुश्किल से निकाला गया। बड़ी चट्टानों के बीच फंसे शव को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। 14 ब्लास्ट करने के बाद चट्टान को तोड़ा गया। जिसके बाद शव को निकालने में कामयाबी मिली। थलटूखोड़-ग्रामण सड़क बंद वहीं लोक निर्माण विभाग ने थलटूखोड़-ग्रामीण सड़क को बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया है। यह 6 किलोमीटर सड़क नालों का मलबा, पत्थर और चट्टानों के आने से पूरी तरह बंद है। जिसे बहाल करने के लिए एक पोकलेन मशीन और 6 जेसीबी लगाई गई हैं। वहीं जल शक्ति विभाग पजौंड़ पेयजल योजना को बहाल करने में जुटा हुआ है। प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मदन कुमार, एसडीएम डॉ भावना वर्मा, बीडीओ विनय चौहान, सीडीपीओ जितेंद्र सैनी, एसएचओ अशोक कुमार सहित एनएचएआइ और पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं। स्थानीय महिला मंडल यहां रेस्क्यू में जुटे लोगों की खानपान व्यवस्था कर रहे हैं। मंडी जिले में चौहारघाटी के राजबन में हुए हादसे में चौथे दिन रेस्क्यू जारी है। हादसे में लापता की तलाश को लेकर एनडीआरएफ नेदो खोजी डॉग बुला लिए। इसके साथ ही लाइव डिटेक्टर डिवाइस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। बुधवार देर रात को यहां बादल फटने से तीन रिहायशी मकान दब गए थे। जिसमें 10 लोग जिंदा दफन हो गए। इनमें से अब तक 6 शव बरामद हो पाए हैं। मलबे में दफन 24 वर्षीय सोनम और उसकी तीन माह की नन्ही मानवी, पचास वर्षीय खुड्डी देवी और हरदेव सिंह का अभी तक सुराग नहीं लगा है। जिनकी तलाश को लेकर एनडीआरएफ के जवान खोजी कुत्तों को लेकर चप्पा चप्पा छान रहे हैं। शनिवार देर शाम को यहां 11 वर्षीय अनामिका का शव मुश्किल से निकाला गया। बड़ी चट्टानों के बीच फंसे शव को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। 14 ब्लास्ट करने के बाद चट्टान को तोड़ा गया। जिसके बाद शव को निकालने में कामयाबी मिली। थलटूखोड़-ग्रामण सड़क बंद वहीं लोक निर्माण विभाग ने थलटूखोड़-ग्रामीण सड़क को बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया है। यह 6 किलोमीटर सड़क नालों का मलबा, पत्थर और चट्टानों के आने से पूरी तरह बंद है। जिसे बहाल करने के लिए एक पोकलेन मशीन और 6 जेसीबी लगाई गई हैं। वहीं जल शक्ति विभाग पजौंड़ पेयजल योजना को बहाल करने में जुटा हुआ है। प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मदन कुमार, एसडीएम डॉ भावना वर्मा, बीडीओ विनय चौहान, सीडीपीओ जितेंद्र सैनी, एसएचओ अशोक कुमार सहित एनएचएआइ और पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं। स्थानीय महिला मंडल यहां रेस्क्यू में जुटे लोगों की खानपान व्यवस्था कर रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल CM अब कल धर्मशाला जाएंगे:आज खराब मौसम बना बाधा, शीतकालीन प्रवास पर कांगड़ा जाने का कार्यक्रम एक दिन टला हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज शिमला से धर्मशाला के शीतकालीन प्रवास पर जाने का कार्यक्रम है। मगर दोपहर बाद 3.30 बजे तक शिमला से धर्मशाला नहीं जा पाए, क्योंकि प्रदेश में आज सुबह से मौसम खराब बना हुआ है। इससे CM का हेलिकॉप्टर धर्मशाला के लिए नहीं उड़ पाया है। सीएम सुक्खू इसे देखते हुए गुरुवार दोपहर बाद तक सचिवालय में ही फाइलें निपटाते रहे। अब मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि इसकी संभावना कम नजर आ रही है। सूचना के अनुसार, सीएम यदि आज नहीं जा पाए तो कल सुबह के समय वह हेलिकॉप्टर से धर्मशाला पहुंचेंगे और अगले 9 दिन तक धर्मशाला से ही सरकार चलाएंगे। शीतकालीन प्रवास पर जा रहे मुख्यमंत्री बता दें कि मुख्यमंत्री सुक्खू शीतकालीन प्रवास पर कांगड़ा जिला के धर्मशाला जा रहे हैं। प्रदेश में यह परंपरा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 90 के दशक में शुरू की थी, ताकि प्रदेश के निचले क्षेत्रों की जनता के काम निकल सके और मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं का समाधान कर सके। कांगड़ा में जनता दरबार लगाएंगे CM कांगड़ा जिला के दौरे के दौरान सीएम सुक्खू क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विकास विकास कार्य का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। वह एक दिन मनाली भी जाएंगे। 25 जनवरी तक सीएम कांगड़ा जिला के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनता का दरबार भी लगाएंगे।
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शिमला में खेल मैदान की गिरी दीवार:गाड़ी व एक कच्चा घर चपेट में आया, पूर्व पार्षद पर लगाए आरोप हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 2 दिन हुई भारी बारिश के बाद संजौली में बड़ा लैंड स्लाइड हुआ है। जानकारी के मुताबिक लैंड स्लाइड में शिमला नगर निगम के इंजन घर वार्ड में बने खेल के मैदान की दीवार ढह गई है। जिसके कारण मैदान के बड़े हिस्से में दरार आ गई है। दीवार ढहने से एक गाड़ी और एक ढारा चपेट में आ गया है। घटना शनिवार की बताई जा रही है। ढारा और गाड़ी चपेट में आए जानकारी के मुताबिक यह खेल का मैदान शिमला नगर निगम का है और इंजन घर वार्ड के अंतर्गत आता है। संजौली शिमला का सबसे भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र है। इस खेल के मैदान में बच्चे और युवा खेलने पहुंचते है। गनीमत यह रही कि लैंड स्लाइड की घटना रात के अंधेरे में हुई है। उस वक्त वहां पर कोई नहीं था और हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। परन्तु दीवार ढहने से एक गाड़ी और एक ढारा चपेट में आ गया है। दीवार के अगले हिस्से पर भी गिरने का खतरा बन गया है। जिसके कारण दो अन्य ढारों को भी खाली कराने के निर्देश दे दिए है। स्थानीय पार्षद के पूर्व पार्षद पर आरोप स्थानीय पार्षद अंकुश ने बताया कि पूर्व पार्षद ने भाजपा शासित नगर निगम में नियमों को ताक पर रख कर काम किया है। उन्होंने कहा कि खेल के मैदान में कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। सड़क का सारा पानी मैदान में आता है। उन्होंने कहा कि पूर्व पार्षद आरती चौहान ने मामले में लीपा-पोती की है। उन्होंने कहा कि जितना मैदान का पैसा आया, उस हिसाब से काम नहीं हुआ है । अंकुश ने कहा कि पूर्व पार्षद ने हवा में डंगे लगा दिए है। नींव को खाली रख दिया जिसके कारण मैदान का कार्य कच्चा रह गया और बारिश के कारण लैंड स्लाइड हो गया है। जांच कराने की मांग वर्तमान पार्षद अंकुश ने मांग करते हुए कहा कि नगर निगम को मामले में जांच करनी चाहिए कि पूर्व पार्षद ने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए हवा में डंगे लगा दिए और जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद किए है। इसकी जांच होनी चाहिए।
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इसी दिन ठियोग में देश की पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी। प्रजामंडल के प्रधानमंत्री सूरत राम प्रकाश बने। इनके साथ गृह मंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा समेत अन्य 8 अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली। तब से ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाया जा रहा है। देश के लिए बलिदान देने वालों को किया जाता है याद
इस जलसा पर्व में न केवल देश के लिए बलिदान देने वाले महान सपूतों को याद किया जाता है, बल्कि सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम और विभिन्न खेलकूद का भी आयोजन होता है। यह आयोजन 15 और 16 अगस्त दो दिन चलता है। पूरी ठियोग रियासत की जनता इस पर्व के लिए ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड पहुंचती है। क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों के बच्चे इसमें प्रस्तुतियां देते हैं। वीरभद्र सरकार ने जलसा को जिला स्तरीय का दर्जा दिया
जलसा पर्व के लिए ठियोग में हर साल 16 अगस्त की लोकल छुट्टी रहती है। पूर्व वीरभद्र सरकार ने ठियोग के इस जलसा पर्व को जिला स्तरीय का दर्जा दिया। परंपरा यह रही कि जलसा पर्व के लिए क्षेत्र के लोग हर साल नए कपड़ों की खरीददारी करते हैं। नए कपड़े पहनकर मेले में पहुंचते हैं। मेला स्थल पर अगले 15 से 20 दिन इलाके के लोग खरीदारी के लिए पहुंचते है। कहां बसा है ठियोग शहर
ठियोग कस्बा शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे पर बसा है। शिमला से ठियोग पहुंचने में गाड़ी में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के लिए दूसरा कोई जरिया नहीं है। पहले प्रजामंडल के PM के बेटे बोले-
जलसा पर्व को लेकर प्रजामंडल के पहले प्रधानमंत्री रहे सूरत राम प्रकाश के बेटे एवं रिटायर्ड शास्त्री जय प्रकाश ने बताया कि कहा कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, मगर ठियोग से पहले कहीं भी न प्रजामंडल बना और न मिनिस्ट्री का गठन हुआ। 16 अगस्त 1947 को ठियोग में प्रधानमंत्री समेत 8 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।