पंचकूला में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. मनीष बंसल ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आज से प्रदेश में 65 वैनों को शामिल किया गया है। जिला स्तर के निर्देश अनुसार गांव, मोहल्ले के हाई रिस्क एरिया में जाकर शिविर लगाएगी। उन्होंने बताया कि ये मशीनें संदिग्ध का पहले एक्स-रे करेंगे, फिर बलगम की जांच करेंगे और 24 घंटे में टीबी की पुष्टि होने पर उसका इलाज शुरू करेंगे। महानिदेशक ने की प्रेसवार्ता स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. मनीष बंसल आज सेक्टर-5 पंचकूला स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम के कॉन्फ्रेंस हॉल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ डीजीएस प्रोग्राम डा. कुलदीप, सीएमओ डा. मुक्ता कुमार भी मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत आज से की गई है। प्रदेश के सभी 22 जिलों में अभियान लॉन्च किया। साथ ही माइक्रो प्लान बनाकर उस पर काम शुरू कर दिया है। इससे पहले भी टीबी की बीमारी को लेकर विभाग सतर्क रहा है। किसी भी अंग में हो सकती है टीबी इसमें विभाग की आशा वर्कर, एएनएम व स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव में लोगों के बीच अपना काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब विभाग को उन लोगों की तरफ ध्यान रहेगा, जो निम्न वर्ग से संबंध रखता था, हाई रिस्क क्षेत्र में रहता है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा बुखार, खांसी हो, बलगम आनी शुरू हो जाए, लगातार वनज कम हो रहा हो या फिर खांसी के साथ खून आता हो। उन्होंने बताया कि टीबी की बीमारी किसी भी अंग में हो सकती है। किसी भी प्रकार का लक्षण दिखने पर जांच करवानी चाहिए। विभाग अब ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच कर टीबी के मरीजों की पहचान करेगी, ताकि उनका इलाज करके टीबी को खत्म किया जा सके। पंचकूला में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. मनीष बंसल ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आज से प्रदेश में 65 वैनों को शामिल किया गया है। जिला स्तर के निर्देश अनुसार गांव, मोहल्ले के हाई रिस्क एरिया में जाकर शिविर लगाएगी। उन्होंने बताया कि ये मशीनें संदिग्ध का पहले एक्स-रे करेंगे, फिर बलगम की जांच करेंगे और 24 घंटे में टीबी की पुष्टि होने पर उसका इलाज शुरू करेंगे। महानिदेशक ने की प्रेसवार्ता स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. मनीष बंसल आज सेक्टर-5 पंचकूला स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम के कॉन्फ्रेंस हॉल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ डीजीएस प्रोग्राम डा. कुलदीप, सीएमओ डा. मुक्ता कुमार भी मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत आज से की गई है। प्रदेश के सभी 22 जिलों में अभियान लॉन्च किया। साथ ही माइक्रो प्लान बनाकर उस पर काम शुरू कर दिया है। इससे पहले भी टीबी की बीमारी को लेकर विभाग सतर्क रहा है। किसी भी अंग में हो सकती है टीबी इसमें विभाग की आशा वर्कर, एएनएम व स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव में लोगों के बीच अपना काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब विभाग को उन लोगों की तरफ ध्यान रहेगा, जो निम्न वर्ग से संबंध रखता था, हाई रिस्क क्षेत्र में रहता है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा बुखार, खांसी हो, बलगम आनी शुरू हो जाए, लगातार वनज कम हो रहा हो या फिर खांसी के साथ खून आता हो। उन्होंने बताया कि टीबी की बीमारी किसी भी अंग में हो सकती है। किसी भी प्रकार का लक्षण दिखने पर जांच करवानी चाहिए। विभाग अब ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच कर टीबी के मरीजों की पहचान करेगी, ताकि उनका इलाज करके टीबी को खत्म किया जा सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
नारनौल में पेड़ से टकराई बच्चों से भरी स्कूल बस:टैंपो के अचानक आगे आने से हादसा; दोनों शीशे टूटे, स्टूडेंट में मची चीख-पुकार
नारनौल में पेड़ से टकराई बच्चों से भरी स्कूल बस:टैंपो के अचानक आगे आने से हादसा; दोनों शीशे टूटे, स्टूडेंट में मची चीख-पुकार हरियाणा के नारनौल में एक निजी स्कूल बस अचानक सामने आए टैंपो को बचाने के प्रयास में पेड़ से जा टकराई। बस छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। हादसे में बस का आगे का शीशा टूट गया। बच्चों में चीख पुकार मच गई। कई बच्चे सीटों से नीचे जा गिरे। हालांकि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। सूचना के बाद पुलिस और बच्चों के अभिभावक मौके पर पहुंचे। कुछ देर हंगामा भी हुआ। बाद में बच्चों को दूसरी बस से घर भेजा गया। जानकारी अनुसार कुलताजपुर रोड पर बने हुए एक निजी स्कूल ओएसिस की बस मंगलवार को स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चों को छोड़ने के लिए जा रही थी। बस में करीब 32 बच्चे सवार थे। बस स्कूल से थोड़ा आगे पहुंची थी कि कुलताजपुर मोड़ के पास एक टैंपो बस के सामने आ गया। टैंपो से बचने के चक्कर में बस ड्राइवर ने बस काे टर्न किया तो बस रोड किनारे पेड़ से जा टकराई। कुलताजपुर मोड़ के पास हुए हादसे के समय बस बच्चों से भरी हुई थी। पेड़ से टकराने के बाद ड्राइवर ने ब्रेक लगा दिए। कई बच्चे इससे बेकाबू होकर सीटों से नीचे गिर गया या फिर सामने की सीटों से अकरा गए। गनीमत रही कि इससे किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। बस के आगे के दोनों तरफ के शीशे टूट गए। बस हादसे के बाद मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। उन्होंने बच्चों को बस से बाहर निकाला। वहीं सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। कई परिजन भी मौके पर पहुंच गए। बाद में बच्चों को दूसरी स्कूल बस बुलाकर उनके घरों तक छोड़ा गया।
हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद:2 सीजन रोक, FIR भी दर्ज होगी; कांग्रेस बोली- MSP खत्म करने का फरमान
हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद:2 सीजन रोक, FIR भी दर्ज होगी; कांग्रेस बोली- MSP खत्म करने का फरमान हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर अब सीधी FIR होगी। यही नहीं, ऐसे किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल भी नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। कृषि और किसान कल्याण विभाग के निदेशक ने इस बारे में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों को आदेश जारी किए हैं। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। यह आदेश CM नायब सैनी की अगुआई वाली नई सरकार के शपथग्रहण के दिन यानी 17 अक्टूबर को जारी किए गए हैं। वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के पहले दिन ही किसान की MSP खत्म करने का फरमान जारी किया गया है। FIR भी अलग दर्ज होगी। BJP को वोट न देने की सजा दी जा रही है। सरकार इस तुगलकी आदेश को वापस ले, वरना आंदोलन होगा। आदेश में लिखी 2 अहम बातें 1. पराली जला चुके या जलाने वालों पर हो केस
पराली जलाने और जला चुके किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए। उनके खिलाफ संबंधित कानून के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह कार्रवाई 15 सितंबर 2024 से लागू होगी। 2. रेड एंट्री हो ताकि ई-खरीद पर फसल न बेच पाएं
पराली जलाने वाले किसानों के मेरी फसल-मेरा ब्यौरा (MFMB) रिकॉर्ड में रेड एंट्री करनी चाहिए। इस बारे में डिप्टी डायरेक्टर के लॉगइन में पहले ही प्रोविजन दिए जा चुके हैं। ऐसा करने से किसान अगले 2 सीजन के लिए ई-खरीद पोर्टल से मंडी में अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे। यह अनिवार्य है। आदेश की कॉपी… कैथल जिले में 97 मामले आए सामने
इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बाबु लाल ने जानकारी देते हुए कहा- कैथल जिले में इसके लिए ब्लॉक और गांव लेवल पर टीमें गठित कर दी गई हैं। ये टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रही हैं, इसके अलावा हमारी मोबाइल वैन भी चल रही हैं जो जागरूकता अभियान चला रही हैं। अभी तक कैथल जिले में 97 मामले सामने आए हैं। 59 पर हमने फाइन लगा दिया है और 32 की रिपोर्ट हेडक्वार्टर को भेज दी गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों को लगातार जागरूक कर रहे हैं फिर भी किसान कहीं ना कहीं जला देते है तो उनपर कार्रवाई कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद सुरजेवाला ने सरकार से 7 सवाल पूछे
रणदीप सुरजेवाला ने इस बारे में CM नायब सैनी से इस बारे में 7 सवाल पूछे हैं। सुरजेवाला ने पूछा कि क्या MSP की गारंटी को खत्म करने का यह सीधा षड्यंत्र नहीं? 2 साल तक MSP पर खरीद ना करने का क्या औचित्य है?। पराली ना जलाने का क्या विकल्प है?। कितने किसानों को हैपी सीडर मशीन दी गई हैं?। 50% सब्सिडी देने के बाद भी किसान को हैपी सीडर मशीन का 80 हजार रुपए देना पड़ता है, किसान ये पैसा कैसे देगा?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि हैपी सीडर मशीन के लिए 65 हॉर्स पॉवर से बड़े ट्रैक्टर की जरूरत है, तो किसान इतना बड़ा ट्रैक्टर कहां से लाए?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि अगर पराली में पार्शियल (आंशिक) नमी भी है तो हैपी सीडर मशीन 15-20 मीटर के बाद रुक जाती है, तो किसान क्या करे?। क्या BJP सरकार नहीं जानती कि हरियाणा-पंजाब का किसान बार-बार कहता आया है कि हैपी सीडर मशीन से खेती की उत्पादकता पर असर पड़ता है? क्या सरकार ने इस पर कोई जांच या शोध करवाया? क्या ये सही है कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने यह शुरू में स्वीकार किया था?
हरियाणा के CM आज करनाल में:NDRI में किसान सम्मेलन को करेंगे संबोधित, किसान स्कीम की 17वीं किस्त होगी जारी
हरियाणा के CM आज करनाल में:NDRI में किसान सम्मेलन को करेंगे संबोधित, किसान स्कीम की 17वीं किस्त होगी जारी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) में आयोजित पीएम किसान सम्मेलन को संबोधित करने पहुंच रहे हैं। इस खास मौके पर पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त जारी की जाएगी। जिसका फायदा 9.3 करोड़ किसानों को मिलेगा, जबकि 16वीं किस्त का लाभ 9 करोड़ पात्र किसानों को मिला। इसके साथ ही 30 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। 5 प्रमुख कृषि सखियों को प्रधानमंत्री के हाथों प्रमाण पत्र मिलेंगे। इस अवसर पर परियोजना पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। क्या है कार्यक्रम की रूपरेखा कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री के आगमन से होगी, जो शाम 4:15 बजे निर्धारित है। इसके बाद विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया जाएगा और स्मृति चिह्न प्रदान किए जाएंगे। एनडीआरआई के निदेशक द्वारा स्वागत भाषण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का संबोधन शाम 4:30 बजे से 4:50 बजे तक होगा, जिसमें वे अपने विचार साझा करेंगे और कृषि के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों पर प्रकाश डालेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा 10 मिनट तक कृषि सखी प्रमाण-पत्र वितरित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री का वर्चुअल संबोधन प्रधानमंत्री का एनडीआरआई में वर्चुअल संबोधन भी होगा, जो शाम 5 बजे होगा। प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री का संबोधन होगा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने विचार रखेंगे। 2019 में शुरू हुई थी पीएम-किसान योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसे तीन बराबर किस्तों में विभाजित किया जाता है। अब तक इस योजना के तहत कई किस्तें जारी की जा चुकी हैं, जिसका लाभ लाखों किसानों को मिला है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण वाराणसी से होगा पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से देश के 9.3 करोड़ किसानों को 2,000 रुपए की किस्त ट्रांसफर करेंगे। इस पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी होगा, जिसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एनडीआरआई में किसानों के साथ देखेंगे। प्रधानमंत्री का संबोधन शाम 5:26 बजे शुरू होगा, जिसमें वे किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और कृषि के विकास के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम का समापन हरियाणा के पंचकूला स्थित कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक के धन्यवाद ज्ञापन से होगा। किसानों के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम आज का कार्यक्रम हरियाणा के किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं और प्रयासों के बारे में जानकारी मिलेगी। प्रधानमंत्री द्वारा 17वीं किस्त जारी करना किसानों के लिए बड़ी राहत भरा कदम है।