फतेहाबाद में एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से मौत हो गई। शख्स को गोली उसके दोस्त के ही पिस्तौल से लगी है, घटना के वक्त दोनों साथ में बैठे बातचीत करते रहे थे। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, मामले की जांच की जा रही है। शिव नगर निवासी 46 वर्षीय मनोज बंसल फतेहाबाद के सिरसा रोड पर धर्मकांटे पर पार्टनरशिप में काम करता था। शहर के एक पूर्व पार्षद कुलवंत सवणा का पुत्र 30 वर्षीय पलविंद्र के साथ उसकी दोस्ती थी, जो उसके पास आता-जाता था। बताया जा रहा है कि मनोज अपने दोस्त के साथ सिरसा किसी काम से गया था और शाम को वह वापस लौट आए और धर्मकांटे पर बने कमरे में बैठ गए। पलविंद्र के पास पिस्तौल थी और पिस्तौल को हाथ में लेकर दोनों दोस्त हंसी मजाक व बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पिस्तौल से गोली चल गई और गोली मनोज के सिर में जा लगी। जिससे वहां पर हड़कंप मच गया। पलविंद्र अन्य लोगों के साथ मनोज को हॉस्पिटल लेकर आया। इसके बाद परिजनों को भी घटना के बारे में सूचना दी गई। यहां पर डॉक्टरों ने मनोज को मृत घोषित कर दिया। गोली किस परिस्थिति में चली अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। उधर मौके पर पहुंचे एसएचओ प्रहलाद सिंह ने बताया कि गोली चलने से व्यक्ति की मौत हुई है। सीन ऑफ क्राइम इन्वेस्टिंग करने में जुटी है। परिजन जो बयान देंगे, उसके अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी। फतेहाबाद में एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से मौत हो गई। शख्स को गोली उसके दोस्त के ही पिस्तौल से लगी है, घटना के वक्त दोनों साथ में बैठे बातचीत करते रहे थे। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, मामले की जांच की जा रही है। शिव नगर निवासी 46 वर्षीय मनोज बंसल फतेहाबाद के सिरसा रोड पर धर्मकांटे पर पार्टनरशिप में काम करता था। शहर के एक पूर्व पार्षद कुलवंत सवणा का पुत्र 30 वर्षीय पलविंद्र के साथ उसकी दोस्ती थी, जो उसके पास आता-जाता था। बताया जा रहा है कि मनोज अपने दोस्त के साथ सिरसा किसी काम से गया था और शाम को वह वापस लौट आए और धर्मकांटे पर बने कमरे में बैठ गए। पलविंद्र के पास पिस्तौल थी और पिस्तौल को हाथ में लेकर दोनों दोस्त हंसी मजाक व बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पिस्तौल से गोली चल गई और गोली मनोज के सिर में जा लगी। जिससे वहां पर हड़कंप मच गया। पलविंद्र अन्य लोगों के साथ मनोज को हॉस्पिटल लेकर आया। इसके बाद परिजनों को भी घटना के बारे में सूचना दी गई। यहां पर डॉक्टरों ने मनोज को मृत घोषित कर दिया। गोली किस परिस्थिति में चली अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। उधर मौके पर पहुंचे एसएचओ प्रहलाद सिंह ने बताया कि गोली चलने से व्यक्ति की मौत हुई है। सीन ऑफ क्राइम इन्वेस्टिंग करने में जुटी है। परिजन जो बयान देंगे, उसके अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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एमडीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने बताया कि यूजी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 11 दिसंबर से प्रारंभ होंगी। वहीं पीजी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 16 दिसंबर से प्रारंभ होंगी। प्रो. तनेजा ने बताया कि यूजी पाठ्यक्रमों की पहले फेज की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 4 दिसंबर से 10 दिसंबर तक तथा पीजी पाठ्यक्रमों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 9 दिसंबर से 14 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। डेटशीट विश्वविद्यालय वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है।
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नामांकन वापसी के आखिरी दिन बागियों को मनाने जुटीं पार्टियां:सैनी खट्टर के पूर्व मीडिया एडवाइजर के घर पहुंचे; दीपेंद्र पूर्व विधायक के पास जाएंगे हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापसी का आज आखिरी दिन है। आखिरी समय में कांग्रेस और भाजपा ने अपने बागी नेताओं को मनाने के लिए जोर लगा रखा है। सोनीपत से टिकट कटने से नाराज पूर्व मंत्री कविता जैन और उनके पति मनोहर लाल खट्टर के पूर्व मीडिया एडवाइजर राजीव जैन को मनाने के लिए कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी सोनीपत पहुंचे हैं। सोनीपत में भाजपा ने कांग्रेस से आए निखिल मदान को टिकट दिया है। जिसके बाद राजीव जैन ने भाजपा से बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। राजीव जैन के सेक्टर-15 स्थित आवास पर बंद कमरे में नायब सैनी, कविता जैन और राजीव जैन की मीटिंग चल रही है। दीपेंद्र हुड्डा अंबाला में मलौर को मनाने जाएंगे वहीं अंबाला सिटी से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को उम्मीदवार बनाया है। यहां टिकट न मिलने पर पूर्व विधायक जसबीर सिंह मलौर बागी हैं। उन्होंने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया हुआ है। आज रोहतक से लोकसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा मलौर का मनाने के लिए अंबाला जाएंगे। वहीं अंबाला कैंट विधानसभा सीट से निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा ने भी निर्दलीय नामांकन दाखिल किया हुआ है। अभी दीपेंद्र का चित्रा के पास जाने का कार्यक्रम नहीं है। एक दिन पहले रामबिलास शर्मा के घर पहुंचे नायब सैनी भाजपा की पहली 2 लिस्ट में नाम न आने पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबिलास शर्मा बागी हो गए थे। उन्होंने लिस्ट में नाम आए बिना ही भाजपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। इतना ही नहीं, समर्थकों के सामने उनके आंसू तक निकल आए। बाद में भाजपा ने महेंद्रगढ़ सीट से कंवर सिंह को उम्मीदवार बना दिया। रविवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी रामबिलास शर्मा को मनाने के लिए महेंद्रगढ़ पहुंचे। यहां सैनी ने रामबिलास से नाराजगी भुलाने की प्रार्थना की और चुनाव में सहयोग करने के लिए कहा। नारनौल में भारती सैनी ने बैरंग लौटाया वहीं नारनौल से भारती सैनी भाजपा के टिकट की दावेदारी जता रही थीं। यहां पार्टी ने ओम प्रकाश यादव को उम्मीदवार बनाया। जिसके बाद वह भाजपा से बागी हो गईं और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। रविवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी, भारती सैनी के आवास पर भी उन्हें मनाने के लिए पहुंचे। कई देर चली मीटिंग के बाद भारती नहीं मानी और सैनी को बैरंग ही लौटना पड़ा।
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वहीं इस मामले में चेयरमैन के डर से चोरी छिपे एकजुट हो रहे पार्षदों के चेहरे उजागर होने से उनको डर है कि चेयरमैन धनबल या ब्लैकमेलिंग के जरिये पार्षदों को तोड़ने की कोशिश कर सकता है। पार्षदों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मुद्दे पर बैठक बुलाए, ताकि चेयरमैन विधायक या मंत्री के जरिये दवाब ना बनाए और हॉर्स ट्रेडिंग ना कर सकें। चेयरमैन को हटाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। जबकि चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। मगर एकजुट पार्षदों की संख्या 23 है ऐसे में चेयरमैन का दावा झूठा पड़ता दिखाई दे रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि चेयरमैन को कुछ कांग्रेस पार्षदों के अलावा 6 से 7 पार्षदों का समर्थन है। ऐसे में चेयरमैन को कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षद अरेंज करने हैं। पार्षदों को डर है कि चेयरमैन अब चेहरे उजागर होने के हॉर्स ट्रेडिंग या दबाब बनाकर अपने पाले में करने की कोशिश करेगा। तस्वीर 2 साल पुरानी है… भाजपा विधायकों के साथ जीत की खुशी मनाते चेयरमैन जिला परिषद चेयरमैन इसलिए पड़े कमजोर…
1. चेयरमैन के गांव में हारी BJP
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग के गांव डाटा से BJP प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु की बुरी तरह हार हुई। डाटा नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांवों में से एक हैं। यहां करीब 7 बूथ बनाए गए थे। इन बूथों में से 6 पर कांग्रेस और 1 बूथ पर ही भाजपा जीत पाई। कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ को गांव में 3,274 वोट मिले, जबकि कैप्टन अभिमन्यु को गांव से महज 2,156 वोट मिले थे। 2. कमीशनखोरी का आरोप
कुछ महीने पहले कई जिला पार्षदों ने मिलकर मुख्यमंत्री से चेयरमैन की शिकायत की थी। वहीं विकास कार्यों में किए जा रहे पक्षपातपूर्ण निर्णयों को लेकर परिषद कार्यालय में धरना भी लगाया था। मुख्यमंत्री के समक्ष पार्षदों ने चेयरमैन पर कमीशनखोरी के आरोप भी लगाए। यह भी कहा कि कमीशन के चक्कर में ही जिला परिषद की पहली ग्रांट भी नहीं लग पाई है। जब तक कमीशन नहीं दिया जाता तब तक काम भी शुरू नहीं होने देते। पिछले 2 साल से विकास कार्य पेंडिंग पड़े हैं। जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है। 3. कांग्रेस नेताओं के साथ की गुप्त बैठकें
पार्षदों ने आरोप लगाया कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चेयरमैन की कांग्रेस सांसद जेपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ गुप्त मीटिंग हुई थी। चेयरमैन को लगा कि कांग्रेस सरकार आएगी। ऐसे में वह पहले से ही कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इसकी भनक लग गई थी। रही सही कसर चेयरमैन के गांव में भाजपा प्रत्याशी की हार से पूरी हो गई। पार्षदों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में चेयरमैन ने गुपचुप तरीके से कांग्रेस के नेताओं का समर्थन किया। 4. पार्षदों को ब्लैकमेल करने का आरोप
जिला पार्षदों ने आरोप लगाया कि चेयरमैन ने अपने होटल में अपने पार्षद साथियों की कुछ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। इसके बाद पार्षदों ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर चेयरमैन की इस हरकत से अवगत भी करवाया। जिससे पार्टी के स्थानीय नेता, विधायक, मंत्री और संगठन के लोग चेयरमैन से दूरी बना चुके हैं। जानिए हिसार जिला परिषद का गणित…
हिसार जिला परिषद में 30 जोन है। भाजपा, जजपा और कांग्रेस ने अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे। जैसे-जैसे चेयरमैन का चुनाव नजदीक आता रहा, दोनों पार्टियों के साथ पार्षद जुटते रहे। चेयरमैन-वाइस चेयरमैन चुनाव के समय 12 पार्षद भाजपा, 14 जजपा और 4 कांग्रेस के साथ चले गए। ऐसे में जजपा बड़ी पार्टी जरूर बनी लेकिन कुर्सी की चाबी कांग्रेस के हाथ चली गई। कांग्रेस ने भाजपा संग मिलकर खेल किया जिसमें पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने अंदरखाते पार्षद एकजुट किए थे और भाजपा का चेयरमैन बना। ऐसे मिली थी भाजपा चेयरमैन सोनू सिहाग को कुर्सी…
1. BJP ने मंत्री की ड्यूटी लगाई : BJP जानती थी कि हिसार जिला परिषद में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस के समर्थन के बिना मिलनी मुश्किल है। इसलिए पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की ड्यूटी लगाई गई थी। रणजीत की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पुरानी दोस्ती थी। यहीं से पूरा सियासी चक्रव्यूह रचना शुरू कर दिया गया था।
2. हुड्डा भी जजपा की कुर्सी नहीं चाहते थे : भूपेंद्र हुड्डा भी नहीं चाहते थे कि हिसार में जजपा का दबदबा बढ़े। ऐसे में तय हो गया कि चेयरमैन BJP का बनेगा। वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस को मिलेगी। जिसके बाद वोटिंग हुई और BJP को चेयरमैन और कांग्रेस को वाइस चेयरमैन की कुर्सी मिल गई। कांग्रेस नेता ने कहा था- पैनल्टी कॉर्नर मिला, हमने गोल कर दिया
14 पार्षदों वाली जजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद दोनों कुर्सियों से दूर रह गई थी। इस पर तब कांग्रेसी नेता धर्मवीर गोयत ने कहा था – रणजीत चौटाला ने हमें पैनल्टी कॉर्नर दिया और हमने गोल कर दिया। हम पहले चुपचाप इसलिए रहे, ताकि ये दोनों पार्टियां इक्ट्ठी न हो जाए। हमारे पास कर्मकेश कुंडू, दिनेश श्योराण, सुदेश रानी और रीना बदावड़ पार्षद थी। जिसमें रीना अब वाइस चेयरपर्सन बन गई हैं।