समाधान दिवस में हम लोग DM से शिकायत करने पहुंचे। डीएम ने हमको ही जेल भेजने के लिए बोल दिया। डांटा और हमें लाठी मारने के लिए कहा। जो दोषी थे उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम निर्दोष थे, तो हम लोगों को ही परेशान किया गया। थाने भेजा गया। करीब ढाई से 3 घंटे हम लोग परेशान रहे। ये कहना है दिव्या कुमारी का, जो शनिवार को अपने खेत पर हुए कब्जे को लेकर शिकायत करने पहुंची थी। साथ में उसकी मां भी थी। लेकिन वहां पर तेज आवाज में बात करने पर मैनपुरी के डीएम अंजनी कुमार सिंह ने दोनों को जेल भेजने के लिए बोल दिया। इस मामले में दैनिक भास्कर ने पीड़ित पक्ष से बात की। उनसे समस्या जानी, आखिर डीएम क्यों गुस्सा हो गए। उनके साथ क्या-क्या हुआ। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पढ़िए मामला
मैनपुरी में शनिवार को समाधान दिवस में महिला और उसकी बेटी ने डीएम से तेज आवाज में बात की थी। जिसके बाद गुस्साए डीएम अंजनी कुमार सिंह ने दोनों को जेल भेजने का आदेश दे दिया था। डीएम ने पास खड़े पुलिसकर्मियों को बुलाया और कहा- इन दोनों को जेल भेज दो, कैसे बात कर रही हैं। इन पर लाठी बजाओ। डीएम के आदेश के बाद दोनों महिलाओं का शांति भंग में चालान किया गया। दोनों को करीब 3 घंटे तक थाने पर बैठाए रखा। हालांकि बाद में दोनों को जमानत दे दी गई। मामला मैनपुरी की किशनी तहसील का है। अब पढ़िए पीड़ित दिव्या ने क्या कुछ बताया… हमारी पक्की जमीन की पैमाइश नहीं हो रही
मेरा 20 बीघा का चक है। मेरे पापा नहीं हैं। बस घर में हम और मम्मी हैं। घर में कोई आदमी नहीं है। जो विपक्षी हैं, उनकी नजर हमारी जमीन पर है। वो हम लोगों के परिवार के लोग ही हैं। मम्मी के नाम पूरी जमीन है। विपक्षी लोग डेढ़ बीघा जमीन पर कब्जा किए हुए हैं। जिसमें सुनील, अनिल, सुभाष, काशीराम, राकेश और विवेक शामिल हैं। साल 2019 में लेखपाल राम प्रकाश पूरी कच्ची जमीन की पैमाइश कर गए थे। लेकिन अभी तक जमीन की पक्की पैमाइश नहीं की गई। खतौनी में मेरा जितना खेत है, लिखा-पढ़ी में उतना नहीं किया जा रहा। जमीन कम रखा जा रहा है। विपक्षी लोग हमें बहुत परेशान करते हैं
यही समस्या हम लोग शनिवार को सुनाने गए थे। जो विपक्षी लोग हैं, वो लोग हमें बहुत परेशान करते हैं। हम लोगों को मारते हैं। टॉर्चर करते हैं। घर में ताला लगाते हैं। यही बात हम डीएम को बता रहे थे। हमने उनसे बस ये कहा था कि अगर हमारा काम सही से नहीं हुआ तो हम लोग सुसाइड भी कर सकते हैं। बस इतनी बात कही थी, ज्यादा बात नहीं कही थी। लेकिन डीएम ने हम लोगों को जेल भेजने के लिए बोल दिया। कहा- इन पर डंडे की मार लगवाओ। हम लोगों से दो पेज पर साइन करवाए गए
डीएम के कहने के बाद महिला पुलिस हम लोगों को थाने ले गई। फिर तहसील ले गई, उसके बाद फिर से थाने ले गई। मेरा फोन भी ले लिया था। हम लोगों से कोई दो कागज पर साइन भी करवाए। साइन करवाकर हम लोगों को मेडिकल के लिए भेज दिया। मेडिकल के बाद फिर थाने ले आए। लेकिन जेल नहीं भेजा। उसके बाद हम लोगों को कुछ देर बाद छोड़ दिया। विपक्षियों को 2 मीटर ज्यादा दे दिया गया
समाधान दिवस में तो हम लोगों के साथ ही कार्रवाई हो गई। हमने उनको दबंगों का वीडियो भी दिखाया, फिर भी सुनवाई नहीं हुई। साल 2018 में ये विवाद शुरू हुआ था। उसके करीब 1 साल बाद जब लेखपाल जमीन देखने आए तो वो 2 मीटर और अंदर की नाप गए। मतलब 2 मीटर विपक्षियों को और ज्यादा मिल गया। हमने लेखपाल से बहुत विनती की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारे पास कमाई का कोई जरिया नहीं
उसके बाद हमने पुलिस से शिकायत की। फिर से लेखपाल आए थे, लेकिन वो बस मेरी फोटो खींचकर ले गए। ये दिखाने के लिए कि वो मौके पर आए थे। तब से कोई हमारी मदद नहीं कर रहा है। हमारे पास कमाई का जरिया बस ये खेत ही हैं। मम्मी ही दिन रात मेहनत करती हैं। हमारे पास कोई और कमाई का जरिया भी नहीं है। हम लोगों ने कोई लेबर तक नहीं रखे हैं। अब हमारा खेत भी जा रहा है। हमने कोई पढ़ाई भी नहीं कर रखी है। विपक्षी लोग हमें कुछ करने नहीं देते हैं। पैसे की इतनी कमी है कि मेरी शादी तक नहीं हो पा रही है। पढ़िए डीएम और एसडीएम ने क्या कहा… चिल्लाने पर दोनों पर कार्रवाई की गई- डीएम
डीएम ने कहा, महिला और एक युवती समाधान दिवस में शिकायत करने पहुंची थीं। वो समाधान दिवस में शांति भंग कर रही थीं। गलत बातें कर रही थीं। मैंने तो वहां पर एसडीएम से कहा था, इन पर कार्रवाई करिए। वह उनके ऊपर है, वह क्या कार्रवाई करते हैं। महिलाएं तमाम तरीके की बातें करके सुसाइड करने की भी धमकी दे रही थीं। बहुत तेज-तेज चिल्ला रही थीं। इससे दूसरों को भी दिक्कत हो रही थी। शांति भंग पर एकदम आमादा थीं। जिसको लेकर उनके ऊपर कार्रवाई की गई होगी। मुचलका भरकर मां बेटी को रिहा कर दिया- एसडीएम
एसडीएम गोपाल शर्मा ने बताया, दोनों महिलाओं को जेल भेजने के लिए यहां से पुलिस के साथ भेज दिया गया था। लेकिन महिलाओं के रोने पर, माफी मांगने पर और दोबारा ऐसा न करने की बात कहने पर उन्हें माफ कर दिया गया। मुचलका भरकर मां बेटी को रिहा कर दिया गया। उन्होंने जो शिकायत की है, उस पर जांच की जाएगी। ———————— इस खबर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें- मैनपुरी DM बोले- मां-बेटी को जेल भेजो:समाधान दिवस में तेज बोलने पर दी सजा, कहा- दोनों शांति भंग कर रहीं डीएम अंजनी कुमार सिंह समाधान दिवस के मौके पर जनता की समस्या सुनने पहुंचे थे। उनके साथ में एसपी और एसडीएम भी थे। तभी वहां मां राधा और बेटी दिव्या आ गईं। उनके खेत पर किसी ने कब्जा कर लिया है। दोनों डीएम से इस मामले में शिकायत कर रही थीं, तभी बीच में राजस्व विभाग के अधिकारी बोलने लगे। यहां पढ़ें पूरी खबर समाधान दिवस में हम लोग DM से शिकायत करने पहुंचे। डीएम ने हमको ही जेल भेजने के लिए बोल दिया। डांटा और हमें लाठी मारने के लिए कहा। जो दोषी थे उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम निर्दोष थे, तो हम लोगों को ही परेशान किया गया। थाने भेजा गया। करीब ढाई से 3 घंटे हम लोग परेशान रहे। ये कहना है दिव्या कुमारी का, जो शनिवार को अपने खेत पर हुए कब्जे को लेकर शिकायत करने पहुंची थी। साथ में उसकी मां भी थी। लेकिन वहां पर तेज आवाज में बात करने पर मैनपुरी के डीएम अंजनी कुमार सिंह ने दोनों को जेल भेजने के लिए बोल दिया। इस मामले में दैनिक भास्कर ने पीड़ित पक्ष से बात की। उनसे समस्या जानी, आखिर डीएम क्यों गुस्सा हो गए। उनके साथ क्या-क्या हुआ। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पढ़िए मामला
मैनपुरी में शनिवार को समाधान दिवस में महिला और उसकी बेटी ने डीएम से तेज आवाज में बात की थी। जिसके बाद गुस्साए डीएम अंजनी कुमार सिंह ने दोनों को जेल भेजने का आदेश दे दिया था। डीएम ने पास खड़े पुलिसकर्मियों को बुलाया और कहा- इन दोनों को जेल भेज दो, कैसे बात कर रही हैं। इन पर लाठी बजाओ। डीएम के आदेश के बाद दोनों महिलाओं का शांति भंग में चालान किया गया। दोनों को करीब 3 घंटे तक थाने पर बैठाए रखा। हालांकि बाद में दोनों को जमानत दे दी गई। मामला मैनपुरी की किशनी तहसील का है। अब पढ़िए पीड़ित दिव्या ने क्या कुछ बताया… हमारी पक्की जमीन की पैमाइश नहीं हो रही
मेरा 20 बीघा का चक है। मेरे पापा नहीं हैं। बस घर में हम और मम्मी हैं। घर में कोई आदमी नहीं है। जो विपक्षी हैं, उनकी नजर हमारी जमीन पर है। वो हम लोगों के परिवार के लोग ही हैं। मम्मी के नाम पूरी जमीन है। विपक्षी लोग डेढ़ बीघा जमीन पर कब्जा किए हुए हैं। जिसमें सुनील, अनिल, सुभाष, काशीराम, राकेश और विवेक शामिल हैं। साल 2019 में लेखपाल राम प्रकाश पूरी कच्ची जमीन की पैमाइश कर गए थे। लेकिन अभी तक जमीन की पक्की पैमाइश नहीं की गई। खतौनी में मेरा जितना खेत है, लिखा-पढ़ी में उतना नहीं किया जा रहा। जमीन कम रखा जा रहा है। विपक्षी लोग हमें बहुत परेशान करते हैं
यही समस्या हम लोग शनिवार को सुनाने गए थे। जो विपक्षी लोग हैं, वो लोग हमें बहुत परेशान करते हैं। हम लोगों को मारते हैं। टॉर्चर करते हैं। घर में ताला लगाते हैं। यही बात हम डीएम को बता रहे थे। हमने उनसे बस ये कहा था कि अगर हमारा काम सही से नहीं हुआ तो हम लोग सुसाइड भी कर सकते हैं। बस इतनी बात कही थी, ज्यादा बात नहीं कही थी। लेकिन डीएम ने हम लोगों को जेल भेजने के लिए बोल दिया। कहा- इन पर डंडे की मार लगवाओ। हम लोगों से दो पेज पर साइन करवाए गए
डीएम के कहने के बाद महिला पुलिस हम लोगों को थाने ले गई। फिर तहसील ले गई, उसके बाद फिर से थाने ले गई। मेरा फोन भी ले लिया था। हम लोगों से कोई दो कागज पर साइन भी करवाए। साइन करवाकर हम लोगों को मेडिकल के लिए भेज दिया। मेडिकल के बाद फिर थाने ले आए। लेकिन जेल नहीं भेजा। उसके बाद हम लोगों को कुछ देर बाद छोड़ दिया। विपक्षियों को 2 मीटर ज्यादा दे दिया गया
समाधान दिवस में तो हम लोगों के साथ ही कार्रवाई हो गई। हमने उनको दबंगों का वीडियो भी दिखाया, फिर भी सुनवाई नहीं हुई। साल 2018 में ये विवाद शुरू हुआ था। उसके करीब 1 साल बाद जब लेखपाल जमीन देखने आए तो वो 2 मीटर और अंदर की नाप गए। मतलब 2 मीटर विपक्षियों को और ज्यादा मिल गया। हमने लेखपाल से बहुत विनती की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हमारे पास कमाई का कोई जरिया नहीं
उसके बाद हमने पुलिस से शिकायत की। फिर से लेखपाल आए थे, लेकिन वो बस मेरी फोटो खींचकर ले गए। ये दिखाने के लिए कि वो मौके पर आए थे। तब से कोई हमारी मदद नहीं कर रहा है। हमारे पास कमाई का जरिया बस ये खेत ही हैं। मम्मी ही दिन रात मेहनत करती हैं। हमारे पास कोई और कमाई का जरिया भी नहीं है। हम लोगों ने कोई लेबर तक नहीं रखे हैं। अब हमारा खेत भी जा रहा है। हमने कोई पढ़ाई भी नहीं कर रखी है। विपक्षी लोग हमें कुछ करने नहीं देते हैं। पैसे की इतनी कमी है कि मेरी शादी तक नहीं हो पा रही है। पढ़िए डीएम और एसडीएम ने क्या कहा… चिल्लाने पर दोनों पर कार्रवाई की गई- डीएम
डीएम ने कहा, महिला और एक युवती समाधान दिवस में शिकायत करने पहुंची थीं। वो समाधान दिवस में शांति भंग कर रही थीं। गलत बातें कर रही थीं। मैंने तो वहां पर एसडीएम से कहा था, इन पर कार्रवाई करिए। वह उनके ऊपर है, वह क्या कार्रवाई करते हैं। महिलाएं तमाम तरीके की बातें करके सुसाइड करने की भी धमकी दे रही थीं। बहुत तेज-तेज चिल्ला रही थीं। इससे दूसरों को भी दिक्कत हो रही थी। शांति भंग पर एकदम आमादा थीं। जिसको लेकर उनके ऊपर कार्रवाई की गई होगी। मुचलका भरकर मां बेटी को रिहा कर दिया- एसडीएम
एसडीएम गोपाल शर्मा ने बताया, दोनों महिलाओं को जेल भेजने के लिए यहां से पुलिस के साथ भेज दिया गया था। लेकिन महिलाओं के रोने पर, माफी मांगने पर और दोबारा ऐसा न करने की बात कहने पर उन्हें माफ कर दिया गया। मुचलका भरकर मां बेटी को रिहा कर दिया गया। उन्होंने जो शिकायत की है, उस पर जांच की जाएगी। ———————— इस खबर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें- मैनपुरी DM बोले- मां-बेटी को जेल भेजो:समाधान दिवस में तेज बोलने पर दी सजा, कहा- दोनों शांति भंग कर रहीं डीएम अंजनी कुमार सिंह समाधान दिवस के मौके पर जनता की समस्या सुनने पहुंचे थे। उनके साथ में एसपी और एसडीएम भी थे। तभी वहां मां राधा और बेटी दिव्या आ गईं। उनके खेत पर किसी ने कब्जा कर लिया है। दोनों डीएम से इस मामले में शिकायत कर रही थीं, तभी बीच में राजस्व विभाग के अधिकारी बोलने लगे। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर