एक लीटर केमिकल से 500 लीटर नकली दूध तैयार:नोएडा-दिल्ली तक सप्लाई; फॉर्मूला ऐसा कि मशीन भी न पकड़ पाए

एक लीटर केमिकल से 500 लीटर नकली दूध तैयार:नोएडा-दिल्ली तक सप्लाई; फॉर्मूला ऐसा कि मशीन भी न पकड़ पाए

एक लीटर केमिकल से 500 लीटर दूध तैयार किया जा रहा है। फॉर्मूला भी ऐसा कि नकली दूध का फैट कंट्रोल हो जाए और मशीन की पकड़ में भी न आए। यूपी के बुलंदशहर में फूड सेफ्टी विभाग ने 4-5 दिसंबर को तीन जगह छापेमारी की। खुलासा हुआ कि व्यापारी अजय अग्रवाल ने कई केमिकल मिलाकर नकली दूध और पनीर बनाने का फॉर्मूला ईजाद किया है। ये फॉर्मूला वह गांव-देहात के छोटे-बड़े मिल्क सेलरों को बांट रहा था। नकली दूध में नेचुरल मिठास बनाने के लिए दो साल पहले एक्सपायर हो चुका सिंथेटिक सिरप यूज किया जा रहा था, जो सामान्यत: स्टारबक्स की कॉफी में डाला जाता है। नकली दूध बनाने वाले सामान की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर के छोटे-बड़े मिल्क सेलरों को थी। नकली पनीर दिल्ली-नोएडा तक सप्लाई होता था। इस केस में कुल दो आरोपी पकड़े गए हैं। उनसे पूछताछ चल रही है। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर इस पूरे नेक्सस को समझा। पता किया कि कैसे नकली दूध-पनीर बन रहा था। इसकी सप्लाई चेन क्या थी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पूरा मामला समझिए
खाद्य सुरक्षा विभाग ने 4 दिसंबर को बुलंदशहर जिले के खुर्जा क्षेत्र स्थित गांव अगोरा अमीरपुर में एक फैक्ट्री पर छापा मारा। 25 किलो नकली पनीर, 21700 किलो केमिकल मिला। फैक्ट्री मालिक नफीज अहमद से पूछताछ में पता चला कि ये केमिकल बुलंदशहर में एक दुकान से खरीदकर लाए जाते थे। इसके बाद खाद्य विभाग ने 5 दिसंबर को बुलंदशहर में स्याना रोड स्थित अग्रवाल ट्रेडर्स पर छापेमारी की। यहां दुकान मालिक अजय अग्रवाल बैठे मिले। पूछताछ में उनके चार गोदामों का पता चला। जब इन चारों गोदामों पर छापा मारा गया तो 7 तरह के 21700 किलो केमिकल बरामद हुए। सरगना अजय अग्रवाल (48) बुलंदशहर में देवीपुरा का रहने वाला है। बुलंदशहर में स्याना रोड पर अग्रवाल ट्रेडर्स नाम से इसकी शॉप है। यहीं दूध डेयरी से जुड़ा हर प्रोडक्ट मिलता है। इस दुकान से करीब 400 मीटर दूर एक गली में अजय अग्रवाल के 4 गोदाम हैं। इन चारों गोदाम के ही अंदर नकली दूध बनाने का कच्चा माल रखा हुआ था। मामला सामने आने के बाद फिलहाल दुकान और चारों गोदाम सील कर दिए गए हैं। उसे जानने वाले बताते हैं कि अजय इस धंधे में करीब 20 साल से लगा था। 10 साल पहले एक बार वह मिलावट के धंधे में पकड़ा भी जा चुका है। स्याना रोड की दुकान पर सौदेबाजी करता था और मिल्क सेलरों को गोदाम से माल की सप्लाई करता था। तकरीबन 7 साल से ये दुकान और गोदाम संचालित थे। अजय का अतीत देखते हुए यह भी सवाल उठ रहा है कि कैसे वो इतने लंबे समय से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले गोरखधंधे में सक्रिय रहा। उसे राजनीतिक संरक्षण मिले होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई ठोस कनेक्शन सामने नहीं आया है। नकली दूध बनाने का फॉर्मूला कहां से सीखा यह अब भी सवाल
अजय अग्रवाल ने फॉर्मूला कहां से सीखा? अभी तक ये बात पता नहीं चल पाई है। माना जा रहा है कि उसके पीछे कुछ और लोग हो सकते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार- हरियाणा के मेवात इलाके में इसी तरह का नकली दूध बनाने का काम बड़े पैमाने पर होता है। हो सकता है कि अजय या उसके किसी परिचित ने वहीं से ये फॉर्मूला सीखा हो। गोदाम से मिले नकली दूध बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल
छापेमारी में अजय के गोदाम में नकली दूध और बाकी डेयरी प्रोडक्ट बनाने की सामग्री मिली। इसमें सिर्फ और सिर्फ केमिकल हैं, जिनका वह इस्तेमाल करता था। इन केमिकल की लिस्ट पढ़िए- मोम जैसा सोया रिफाइंड…ये कंट्रोल करता है फैट की मात्रा खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त विनीत कुमार सक्सेना ने बताया- हमें गोदाम से 300 लीटर सिंथेटिक सिरप मिला। ये एक पीले रंग का लिक्विट था। ये सिरप स्टारबग्स की कॉफी बनाने में इस्तेमाल होता है। सिरप साल 2022 में एक्सपायर हो चुका था। इसे लिक्विड को मीठा बनाने के लिए डाला जाता है। गोदाम से ही एक और घातक पदार्थ रिकवर हुआ है। नाम है सोया रिफाइंड। दूध में फैट की मात्रा जांचने के लिए उसकी BR रीडिंग (ब्यूटायरो रिफैक्ट्रोमीटर) होती है। दूध में फैट का स्टैंडर्ड 40 से 43 के बीच होना चाहिए। अगर दूध को रिफाइंड मिलाकर बनाया जाता है तो फैट की मात्रा 70 से ऊपर तक पहुंच जाती है। उसी फैट को कंट्रोल करने के लिए नकली दूध में सोया रिफाइंड पदार्थ मिलाया जाता था। ये सोया रिफाइंड, पाम कर्नल ऑयल से तैयार किया जाता है। इस पदार्थ को एक निश्चित मात्रा में अगर नकली दूध में डाला जाए तो फैट का स्टैंडर्ड बना रहता है और वो मशीन की पकड़ में नहीं आता। गोदाम से कैरी नामक मिल्क फ्लवेर भी मिला है। इसकी पांच लीटर की प्लास्टिक केन 7833 रुपए की है। बताते हैं कि इसी फ्लेवर की एक बूंद पानी में डालने से दूध जैसा फ्लेवर तैयार हो जाता है। डेमो करके बताया…कैसे बनता है नकली दूध
खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपने दफ्तर में डेमो करके बताया कि दो मिनट में नकली दूध तैयार कैसे होता है। कई केमिकल मिलाकर तैयार हुए 10 एमएल प्रीमिक्स को सफेद पानी में मिलाया गया। फिर उसमें मिल्की फ्लेवर लाने के लिए एक और केमिकल की कुछ बूंदें डाली गईं। मिठास के लिए सेक्रिन डाली गई। महज एक मिनट में एक लीटर दूध बनकर तैयार हो गया। तीन विभाग, तीन जांच पुलिस : आरोपियों से पूछताछ GST : रॉ मैटेरियल कहां से लाते थे फूड सेफ्टी : इस केमिकल की सप्लाई कहां-कहां थी नकली पनीर बेचने वाले तीन ठिकाने पता चले
खुर्जा में जिस फैक्ट्री पर छापा मारा गया, वहां से नकली पनीर की सप्लाई दिल्ली और नोएडा में होती थी। इन दोनों शहरों के कुल तीन ठिकाने अब तक पता चल गए हैं। तीनों पॉइंट में रोज तीन कुंतल नकली पनीर बिकता था। खाद्य सुरक्षा विभाग का दावा है कि चार गोदामों से 21700 किलो केमिकल जो रिकवर हुआ है, उससे कई लाख लीटर नकली दूध बनाया जा सकता था। इन गोदामों पर छापे पड़ने के बाद कम से कम 50 अन्य ठिकाने बंद हो गए हैं, जो यहां से सामान खरीदकर नकली दूध बनाते और बेचते थे। ——————– ये भी पढ़ें… बुलंदशहर में केमिकल से बना रहे थे दूध…फैक्ट्री पर छापा:2 मिनट में तैयार करते थे 100 क्विंटल दूध; पनीर में मोम की मिलावट बुलंदशहर में नकली दूध और पनीर बनाने की फैक्ट्री पर खाद्य विभाग ने छापा मारा। मौके से 100 क्विंटल सिंथेटिक दूध और 80 किलो नकली पनीर बरामद हुआ। मिल्क पाउडर, कास्टिक पोटाश, वे पाउडर, रिफाइंड, सिंथेटिक सीरम को मिलाकर नकली दूध बनाया जा रहा था। मिलावटी पनीर बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला स्किम्ड दूध और पामोलिन तेल भी मिला है। टीम ने कुल 20 लाख रुपए का माल जब्त किया है। पढ़ें पूरी खबर… एक लीटर केमिकल से 500 लीटर दूध तैयार किया जा रहा है। फॉर्मूला भी ऐसा कि नकली दूध का फैट कंट्रोल हो जाए और मशीन की पकड़ में भी न आए। यूपी के बुलंदशहर में फूड सेफ्टी विभाग ने 4-5 दिसंबर को तीन जगह छापेमारी की। खुलासा हुआ कि व्यापारी अजय अग्रवाल ने कई केमिकल मिलाकर नकली दूध और पनीर बनाने का फॉर्मूला ईजाद किया है। ये फॉर्मूला वह गांव-देहात के छोटे-बड़े मिल्क सेलरों को बांट रहा था। नकली दूध में नेचुरल मिठास बनाने के लिए दो साल पहले एक्सपायर हो चुका सिंथेटिक सिरप यूज किया जा रहा था, जो सामान्यत: स्टारबक्स की कॉफी में डाला जाता है। नकली दूध बनाने वाले सामान की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर के छोटे-बड़े मिल्क सेलरों को थी। नकली पनीर दिल्ली-नोएडा तक सप्लाई होता था। इस केस में कुल दो आरोपी पकड़े गए हैं। उनसे पूछताछ चल रही है। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर इस पूरे नेक्सस को समझा। पता किया कि कैसे नकली दूध-पनीर बन रहा था। इसकी सप्लाई चेन क्या थी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पूरा मामला समझिए
खाद्य सुरक्षा विभाग ने 4 दिसंबर को बुलंदशहर जिले के खुर्जा क्षेत्र स्थित गांव अगोरा अमीरपुर में एक फैक्ट्री पर छापा मारा। 25 किलो नकली पनीर, 21700 किलो केमिकल मिला। फैक्ट्री मालिक नफीज अहमद से पूछताछ में पता चला कि ये केमिकल बुलंदशहर में एक दुकान से खरीदकर लाए जाते थे। इसके बाद खाद्य विभाग ने 5 दिसंबर को बुलंदशहर में स्याना रोड स्थित अग्रवाल ट्रेडर्स पर छापेमारी की। यहां दुकान मालिक अजय अग्रवाल बैठे मिले। पूछताछ में उनके चार गोदामों का पता चला। जब इन चारों गोदामों पर छापा मारा गया तो 7 तरह के 21700 किलो केमिकल बरामद हुए। सरगना अजय अग्रवाल (48) बुलंदशहर में देवीपुरा का रहने वाला है। बुलंदशहर में स्याना रोड पर अग्रवाल ट्रेडर्स नाम से इसकी शॉप है। यहीं दूध डेयरी से जुड़ा हर प्रोडक्ट मिलता है। इस दुकान से करीब 400 मीटर दूर एक गली में अजय अग्रवाल के 4 गोदाम हैं। इन चारों गोदाम के ही अंदर नकली दूध बनाने का कच्चा माल रखा हुआ था। मामला सामने आने के बाद फिलहाल दुकान और चारों गोदाम सील कर दिए गए हैं। उसे जानने वाले बताते हैं कि अजय इस धंधे में करीब 20 साल से लगा था। 10 साल पहले एक बार वह मिलावट के धंधे में पकड़ा भी जा चुका है। स्याना रोड की दुकान पर सौदेबाजी करता था और मिल्क सेलरों को गोदाम से माल की सप्लाई करता था। तकरीबन 7 साल से ये दुकान और गोदाम संचालित थे। अजय का अतीत देखते हुए यह भी सवाल उठ रहा है कि कैसे वो इतने लंबे समय से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले गोरखधंधे में सक्रिय रहा। उसे राजनीतिक संरक्षण मिले होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई ठोस कनेक्शन सामने नहीं आया है। नकली दूध बनाने का फॉर्मूला कहां से सीखा यह अब भी सवाल
अजय अग्रवाल ने फॉर्मूला कहां से सीखा? अभी तक ये बात पता नहीं चल पाई है। माना जा रहा है कि उसके पीछे कुछ और लोग हो सकते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार- हरियाणा के मेवात इलाके में इसी तरह का नकली दूध बनाने का काम बड़े पैमाने पर होता है। हो सकता है कि अजय या उसके किसी परिचित ने वहीं से ये फॉर्मूला सीखा हो। गोदाम से मिले नकली दूध बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल
छापेमारी में अजय के गोदाम में नकली दूध और बाकी डेयरी प्रोडक्ट बनाने की सामग्री मिली। इसमें सिर्फ और सिर्फ केमिकल हैं, जिनका वह इस्तेमाल करता था। इन केमिकल की लिस्ट पढ़िए- मोम जैसा सोया रिफाइंड…ये कंट्रोल करता है फैट की मात्रा खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त विनीत कुमार सक्सेना ने बताया- हमें गोदाम से 300 लीटर सिंथेटिक सिरप मिला। ये एक पीले रंग का लिक्विट था। ये सिरप स्टारबग्स की कॉफी बनाने में इस्तेमाल होता है। सिरप साल 2022 में एक्सपायर हो चुका था। इसे लिक्विड को मीठा बनाने के लिए डाला जाता है। गोदाम से ही एक और घातक पदार्थ रिकवर हुआ है। नाम है सोया रिफाइंड। दूध में फैट की मात्रा जांचने के लिए उसकी BR रीडिंग (ब्यूटायरो रिफैक्ट्रोमीटर) होती है। दूध में फैट का स्टैंडर्ड 40 से 43 के बीच होना चाहिए। अगर दूध को रिफाइंड मिलाकर बनाया जाता है तो फैट की मात्रा 70 से ऊपर तक पहुंच जाती है। उसी फैट को कंट्रोल करने के लिए नकली दूध में सोया रिफाइंड पदार्थ मिलाया जाता था। ये सोया रिफाइंड, पाम कर्नल ऑयल से तैयार किया जाता है। इस पदार्थ को एक निश्चित मात्रा में अगर नकली दूध में डाला जाए तो फैट का स्टैंडर्ड बना रहता है और वो मशीन की पकड़ में नहीं आता। गोदाम से कैरी नामक मिल्क फ्लवेर भी मिला है। इसकी पांच लीटर की प्लास्टिक केन 7833 रुपए की है। बताते हैं कि इसी फ्लेवर की एक बूंद पानी में डालने से दूध जैसा फ्लेवर तैयार हो जाता है। डेमो करके बताया…कैसे बनता है नकली दूध
खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपने दफ्तर में डेमो करके बताया कि दो मिनट में नकली दूध तैयार कैसे होता है। कई केमिकल मिलाकर तैयार हुए 10 एमएल प्रीमिक्स को सफेद पानी में मिलाया गया। फिर उसमें मिल्की फ्लेवर लाने के लिए एक और केमिकल की कुछ बूंदें डाली गईं। मिठास के लिए सेक्रिन डाली गई। महज एक मिनट में एक लीटर दूध बनकर तैयार हो गया। तीन विभाग, तीन जांच पुलिस : आरोपियों से पूछताछ GST : रॉ मैटेरियल कहां से लाते थे फूड सेफ्टी : इस केमिकल की सप्लाई कहां-कहां थी नकली पनीर बेचने वाले तीन ठिकाने पता चले
खुर्जा में जिस फैक्ट्री पर छापा मारा गया, वहां से नकली पनीर की सप्लाई दिल्ली और नोएडा में होती थी। इन दोनों शहरों के कुल तीन ठिकाने अब तक पता चल गए हैं। तीनों पॉइंट में रोज तीन कुंतल नकली पनीर बिकता था। खाद्य सुरक्षा विभाग का दावा है कि चार गोदामों से 21700 किलो केमिकल जो रिकवर हुआ है, उससे कई लाख लीटर नकली दूध बनाया जा सकता था। इन गोदामों पर छापे पड़ने के बाद कम से कम 50 अन्य ठिकाने बंद हो गए हैं, जो यहां से सामान खरीदकर नकली दूध बनाते और बेचते थे। ——————– ये भी पढ़ें… बुलंदशहर में केमिकल से बना रहे थे दूध…फैक्ट्री पर छापा:2 मिनट में तैयार करते थे 100 क्विंटल दूध; पनीर में मोम की मिलावट बुलंदशहर में नकली दूध और पनीर बनाने की फैक्ट्री पर खाद्य विभाग ने छापा मारा। मौके से 100 क्विंटल सिंथेटिक दूध और 80 किलो नकली पनीर बरामद हुआ। मिल्क पाउडर, कास्टिक पोटाश, वे पाउडर, रिफाइंड, सिंथेटिक सीरम को मिलाकर नकली दूध बनाया जा रहा था। मिलावटी पनीर बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला स्किम्ड दूध और पामोलिन तेल भी मिला है। टीम ने कुल 20 लाख रुपए का माल जब्त किया है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर