हिमाचल के धर्मशाला के समीपवर्ती ग्राम पंचायत बागनी के जवान अक्षय कपूर पंचतत्व में विलीन हो गए। सोमवार सुबह सेना की टुकड़ी उनके पार्थिव शरीर को लेकर गांव बागनी में पहुंची। पत्नी रिया कपूर ने दुल्हन के लिबास में अपने पति को अंतिम विदाई दी। इससे पहले बलिदानी की अंतिम यात्रा सिद्धबाड़ी से उनके गांव तक निकाली गई। अक्षय कपूर की 2 महीने पहले ही शादी हुई थी। उनकी पत्नी रिया कपूर का रो-रोकर बुरा हाल था। अरुणाचल प्रदेश में हार्ट अटैक से निधन बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार को ह्रदय गति रुकने से 29 वर्षीय सेना जवान अक्षय कपूर का निधन हो गया था। वह डोगरा बटालियन में तैनात थे। बलिदानी पति की पार्थिव देह के घर पहुंचते ही पत्नी रिया बेसुध हो गई। मां सावित्री देवी ने नोटों का हार अपने लाडले की पार्थिव देह पर चढ़ाया। अक्षय की बहन सभी लोगों से बलिदानी भाई को सैल्यूट करने को कहती रही। भारत मां के नारों से गूंज उठी बागनी पंचायत इस मंजर को देखकर हर आंख नम हुई। पूरा क्षेत्र भारत माता की जय, अक्षय कपूर अमर रहे के नारों से गूंज उठा। पार्थिव देह को बड़े भाई लक्की कपूर ने मुखाग्नि दी। सैनिक सम्मान के सथ अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ मृतक सैनिक का अंतिम संस्कार किया गया। धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी सहित पूर्व विधायक विशाल नेहरिया और जिला प्रशासन के कई अधिकारियों ने भी बलिदानी को श्रद्धांजलि दी। अक्षय के निधन की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार से ही उनके घर में रिश्तेदारों व सगे संबंधियों सहित ग्रामीणों का शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने के लिए आने का सिलसिला जारी रहा। 19 साल की उम्र में हुए भर्ती अक्षय कुमार ने साल 2015 में महज 19 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। बलिदानी के पिता संसार चंद ने बताया कि बचपन से ही अक्षय का सपना देश की सेवा करना था। उनका सपना तो पूरा हुआ, लेकिन अक्षय का ये बलिदान परिवार और क्षेत्र के लिए बड़ा सदमा है। उन्होंने बताया कि अक्षय कुमार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया, जिससे उनकी मौत हो गई। हिमाचल के धर्मशाला के समीपवर्ती ग्राम पंचायत बागनी के जवान अक्षय कपूर पंचतत्व में विलीन हो गए। सोमवार सुबह सेना की टुकड़ी उनके पार्थिव शरीर को लेकर गांव बागनी में पहुंची। पत्नी रिया कपूर ने दुल्हन के लिबास में अपने पति को अंतिम विदाई दी। इससे पहले बलिदानी की अंतिम यात्रा सिद्धबाड़ी से उनके गांव तक निकाली गई। अक्षय कपूर की 2 महीने पहले ही शादी हुई थी। उनकी पत्नी रिया कपूर का रो-रोकर बुरा हाल था। अरुणाचल प्रदेश में हार्ट अटैक से निधन बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार को ह्रदय गति रुकने से 29 वर्षीय सेना जवान अक्षय कपूर का निधन हो गया था। वह डोगरा बटालियन में तैनात थे। बलिदानी पति की पार्थिव देह के घर पहुंचते ही पत्नी रिया बेसुध हो गई। मां सावित्री देवी ने नोटों का हार अपने लाडले की पार्थिव देह पर चढ़ाया। अक्षय की बहन सभी लोगों से बलिदानी भाई को सैल्यूट करने को कहती रही। भारत मां के नारों से गूंज उठी बागनी पंचायत इस मंजर को देखकर हर आंख नम हुई। पूरा क्षेत्र भारत माता की जय, अक्षय कपूर अमर रहे के नारों से गूंज उठा। पार्थिव देह को बड़े भाई लक्की कपूर ने मुखाग्नि दी। सैनिक सम्मान के सथ अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ मृतक सैनिक का अंतिम संस्कार किया गया। धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी सहित पूर्व विधायक विशाल नेहरिया और जिला प्रशासन के कई अधिकारियों ने भी बलिदानी को श्रद्धांजलि दी। अक्षय के निधन की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार से ही उनके घर में रिश्तेदारों व सगे संबंधियों सहित ग्रामीणों का शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने के लिए आने का सिलसिला जारी रहा। 19 साल की उम्र में हुए भर्ती अक्षय कुमार ने साल 2015 में महज 19 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। बलिदानी के पिता संसार चंद ने बताया कि बचपन से ही अक्षय का सपना देश की सेवा करना था। उनका सपना तो पूरा हुआ, लेकिन अक्षय का ये बलिदान परिवार और क्षेत्र के लिए बड़ा सदमा है। उन्होंने बताया कि अक्षय कुमार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया, जिससे उनकी मौत हो गई। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिमला में लवी मेला से दुकान हटाने के आदेश:SDM बोले- पानी और बिजली काटी जाए, रविवार तक थी इजाजत
शिमला में लवी मेला से दुकान हटाने के आदेश:SDM बोले- पानी और बिजली काटी जाए, रविवार तक थी इजाजत शिमला में सोमवार से लवी मेले में लगी व्यापारियों की दुकान की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। इसके साथ ही दुकानों को हटाने का काम भी शुरू किया जाएगा। रामपुर में अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला 11 नवंबर से चल रहा है। मेला कमेटी ने पहले 8 दिसंबर तक मेला सजाने की इजाजत दी थी। वहीं व्यापारियों ने मेले में घाटे का हवाला देकर मेला कमेटी से अतिरिक्त समय देने की मांग उठाई थी। व्यापारियों की मांग के बाद मेले की अवधि तो बढ़ गई। लवी मेला कमेटी और नगर परिषद ने व्यापारियों को 15 दिसंबर रविवार तक ही मेला सजाने की इजाजत दी थी। लवी मेला कमेटी सचिव एवं एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि मेले में आए व्यापारियों को रविवार तक सामान बेचने की इजाजत दी गई थी। सोमवार से प्लॉट हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। विद्युत बोर्ड और जल शक्ति विभाग को बिजली, पानी काटने के निर्देश दिए गए हैं।
चौहारघाटी में लापता युवक का नहीं लगा सुराग:थक हार कर लौटी रेस्क्यू टीम, 31 अगस्त को मलबे में दबा था
चौहारघाटी में लापता युवक का नहीं लगा सुराग:थक हार कर लौटी रेस्क्यू टीम, 31 अगस्त को मलबे में दबा था हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के चौहारघाटी के राजबन घटनास्थल में सर्च आपरेशन के 9वें दिन भी लापता हरदेव का कोई सुराग नहीं लग पाया। रेस्क्यू टीम को थक हार कर वापस लौटना पड़ा। युवक की तलाश में शुक्रवार को फिर घटनास्थल पर चप्पा चप्पा छाना। वहीं नीचे पजौंड़ नाला में भी तलाश की। लेकिन कुछ हासिल नहीं हो पाया। ऐसे में प्रशासन सहित एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस जवान अब यहां रेस्कयू बंद कर लौट आए हैं। ग्रामीणों ने जिला और उपमंडल प्रशासन सहित यहां रेस्कयू में जुटे सभी जवानों का आभार जताया है। हालांकि युवक का कोई पता नहीं चलने से धरयाण गांव में मायूसी भी है। मलबे में दफन हो गया था युवक घटना में लापता धरयाण गांव का हरदेव 31 अगस्त को ही अपनी बुआ खुड़ी देवी के घर गया था। दूसरे दिन हरदेव को अपने दोस्त तेरंग गांव निवासी भादर सिंह के साथ मनाली जाना था। दोनों मनाली में गाइडिंग का काम करते थे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। घटना में हरदेव भी मलबे में दफन हो गया। जो अब तक लापता है। लापता हरदेव के दो बेटे हैं। जिनमे बड़ा बेटा 4 साल और छोटा महज डेढ़ साल का है। पत्नी गीता देवी पिछले नौ दिनों से ही बेसुध है। जिसने खाना पीना सब त्याग दिया है। ग्रामीण और रिश्तेदार ढांढस बंधा रहे हैं। लेकिन वह सदमे से बाहर नहीं आ पा रही है। खाली हाथ लौटी रेस्क्यू टीम एनडीआरएफ के टीम लीडर नीरज भारती ने बताया कि लापता युवक की तलाश में 3 दिन अतिरिक्त सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। एसडीएम डॉ. भावना वर्मा ने कहा कि युवक की तलाश में रेस्क्यू टीम ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। घटनास्थल के साथ साथ पजौंड़ खड्ड से लेकर ऊहल नदी तक भी कोना कोना छान मारा। लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। पहले भी हुई थी त्रासदी राजबन गांव में लगभग एक सदी पहले ऐसी ही त्रासदी हो चुकी है। जिसमें वृद्ध व्यक्ति खुड़ू राम बड़ी चट्टान के नीचे दब गया था। उसकी धर्म पत्नी सुरक्षित बच गई थी। धमच्याण पंचायत के पूर्व प्रधान काहन सिंह ठाकुर ने बताया कि उस दौरान भी खुड़ू राम का शव बरामद नहीं हो पाया था। वृद्ध खुड़ू राम हाल ही में हादसे में मृत सौजु राम का दादा था। उस दौरान राजबन गांव वासियों के मकान ऊपर की ओर को पहाड़ी के साथ होते थे। उस दौरान हुई घटना के बाद ही नीचे रिहायश बनाई गई। जहां लगभग सौ वर्ष बाद फिर भीषण त्रासदी हुई।
पांवटा साहिब में हादसे में युवती की मौत:पैदल ही जा रही थी काम से, तेज रफ्तार गाड़ी ने मारी टक्कर
पांवटा साहिब में हादसे में युवती की मौत:पैदल ही जा रही थी काम से, तेज रफ्तार गाड़ी ने मारी टक्कर हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब पुलिस उप मंडल के तहत पुरूवाला थाना क्षेत्र के आज भोज के व्यासली गांव की एक युवती की सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक युवती की पहचान 26 वर्षीय कुमारी पूजा देवी पुत्री राजेंद्र निवासी गांव व्यासली तहसील पांवटा साहिब जिला सिरमौर के रुप में हुई है। पुलिस के अनुसार यह हादसा उस वक्त हुआ जब पूजा देवी पैदल पांवटा साहिब- डाकपत्थर रोड़ पर मेहरुवाला के समीप सड़क पर जा रही थी। इस दौरान सिंघपुरा की तरफ से तेज रफ्तारी से आई गाड़ी ने उसे टक्कर मार कर दी। इस हादसे के दौरान गाडी भी सड़क से नीचे रैंप पर ही गिर गई। इस हादसे में लड़की को गंभीर चोटें आई। युवती को ग्रामीणों की सहायता से प्राइवेट गाड़ी में सिविल अस्पताल पांवटा साहिब लाया गया, लेकिन युवती की मृत्यु हो गई। पुरुवाला थाना प्रभारी राजेश पाल ने बताया कि सालवाला गांव के चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।