अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। जहां दो दिन पहले महसभा के संरक्षक रहे कुलदीप बिश्नोई ने सभा के चुनाव के लिए 29 सदस्यीय समिति बनाई थी अब मौजूदा प्रधान ने भी अपनी अलग से एक नई सूची जारी कर दी है जो चुनाव का संचालन करेगी। ऐसे में बूड़िया और कुलदीप समर्थक भी आमने-सामने हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर बिश्नोई समाज के लोग एक दूसरे को टारगेट कर रहे हैं। वहीं समाज से कुछ लोग इसे बिश्नोई समाज के लिए नुकसान दायक मान रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई और देवेंद्र बूड़िया के बीच यह टकराव करीब एक महीना पहले शुरू हुआ था। प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई पर जबरन इस्तीफा लिखवाने और हरियाणा के विधायक रणधीर पनिहार के द्वारा बंधक बनाने का आरोप लगाया था। इसके बाद जोधपुर में समाज के लोगों के साथ बैठक कर मुकाम धाम में बड़ी बैठक बुलाई जिसमें कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ फैसले लिए गए। इस बैठक में ही कुलदीप बिश्नोई का संरक्षक पद खत्म करने और बिश्नोई रत्न वापस लेने की घोषणा की गई थी। देवेंद्र बूड़िया की ओर से बनाई नई कार्यकारिणी… कुलदीप के समर्थन में आ गई थी कार्यकारिणी
बता दें कि नवंबर में पूरा घटनाक्रम होने के बाद एक दिसंबर में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में आ गए थे। इन्होंने बाकायदा मुरादाबाद रजिस्ट्रार को एफिडेविट भेजकर प्रधान देवेंद्र बूड़िया के फैसलों का विरोध जताते हुए कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ लिए गए फैसलों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने बिना कार्यकारिणी से पूछे ऐसा निर्णय लिया जो नियमानुसार सही नहीं है। संरक्षक को हटाने के लिए कार्यकारिणी की सहमति लेनी जरूरी है, जबकि 21 में से 14 सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में हैं। इन 14 में से 11 सदस्यों ने रजिस्ट्रार सोसाइटी को एफिडेविट (शपथ पत्र) भी सौंपा है। कुलदीप बिश्नोई की ओर से बनाई समिति… 2 दिन पहले कुलदीप ने चुनाव के लिए कमेटी बनाई
इसके बाद 2 दिन पहले 8 दिसंबर को कुलदीप बिश्नोई ने नए सिरे से चुनाव करवाने की घोषणा की थी। कुलदीप बिश्नोई ने चुनाव प्रक्रिया के लिए 29 सदस्यीय कमेटी बनाई जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों से बिश्नोई समाज के लोगों को लिया गया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने संरक्षक पद से इस्तीफा दे देते हुए राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद जी को संरक्षक नियुक्त किया गया और सारा चुनाव उनकी अध्यक्षता में करवाने को लेकर आदेश दिया था। कुलदीप की कमेटी के जवाब में बूड़िया ने निकाली सूची
अब मौजूदा प्रधान बूड़िया ने कुलदीप को जवाब देते हुए नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। प्रधान के इस फैसले से कुलदीप बिश्नोई को झटका लगा है क्योंकि पुरानी कार्यकारिणी में कुलदीप समर्थकों की संख्या अधिक थी। बूड़िया ने नई कार्यकारिणी बनाते हुए कहा कि यह कार्यकारिणी चुनाव तक रहेगी उसके बाद समाज द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि मिलकर एक सफल समाज का संचालन करेंगे। एक जनवरी से 31 मार्च तक अखिल भारतीय स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, जिसका पूरा विवरण बहुत जल्द उपलब्ध कराया जाएगा। बूड़िया की सूची पर विवाद, अकेले जोधपुर से 9 लोग
वहीं मौजूदा प्रधान द्वारा नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट जारी करने पर विवाद हो गया है। इस सूची में राजस्थान के जोधपुर से 9 लोगों को शामिल किया गया है। बूड़िया खुद जोधुपर से हैं। ऐसे में कुलदीप समर्थकों का कहना है कि यह सरासर निष्पक्ष चुनाव को ठेंगा दिखाने का प्रयास किया गया है। बिश्नोई समाज पूरे भारत में रहता है जबकि जोधपुर से 9 लोगो को सम्मिलित करने का कोई विशेष कारण और बीकानेर से सिर्फ 2 लोगों को शामिल किया गया है। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। जहां दो दिन पहले महसभा के संरक्षक रहे कुलदीप बिश्नोई ने सभा के चुनाव के लिए 29 सदस्यीय समिति बनाई थी अब मौजूदा प्रधान ने भी अपनी अलग से एक नई सूची जारी कर दी है जो चुनाव का संचालन करेगी। ऐसे में बूड़िया और कुलदीप समर्थक भी आमने-सामने हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर बिश्नोई समाज के लोग एक दूसरे को टारगेट कर रहे हैं। वहीं समाज से कुछ लोग इसे बिश्नोई समाज के लिए नुकसान दायक मान रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई और देवेंद्र बूड़िया के बीच यह टकराव करीब एक महीना पहले शुरू हुआ था। प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई पर जबरन इस्तीफा लिखवाने और हरियाणा के विधायक रणधीर पनिहार के द्वारा बंधक बनाने का आरोप लगाया था। इसके बाद जोधपुर में समाज के लोगों के साथ बैठक कर मुकाम धाम में बड़ी बैठक बुलाई जिसमें कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ फैसले लिए गए। इस बैठक में ही कुलदीप बिश्नोई का संरक्षक पद खत्म करने और बिश्नोई रत्न वापस लेने की घोषणा की गई थी। देवेंद्र बूड़िया की ओर से बनाई नई कार्यकारिणी… कुलदीप के समर्थन में आ गई थी कार्यकारिणी
बता दें कि नवंबर में पूरा घटनाक्रम होने के बाद एक दिसंबर में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी के अधिकांश सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में आ गए थे। इन्होंने बाकायदा मुरादाबाद रजिस्ट्रार को एफिडेविट भेजकर प्रधान देवेंद्र बूड़िया के फैसलों का विरोध जताते हुए कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ लिए गए फैसलों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने बिना कार्यकारिणी से पूछे ऐसा निर्णय लिया जो नियमानुसार सही नहीं है। संरक्षक को हटाने के लिए कार्यकारिणी की सहमति लेनी जरूरी है, जबकि 21 में से 14 सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में हैं। इन 14 में से 11 सदस्यों ने रजिस्ट्रार सोसाइटी को एफिडेविट (शपथ पत्र) भी सौंपा है। कुलदीप बिश्नोई की ओर से बनाई समिति… 2 दिन पहले कुलदीप ने चुनाव के लिए कमेटी बनाई
इसके बाद 2 दिन पहले 8 दिसंबर को कुलदीप बिश्नोई ने नए सिरे से चुनाव करवाने की घोषणा की थी। कुलदीप बिश्नोई ने चुनाव प्रक्रिया के लिए 29 सदस्यीय कमेटी बनाई जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों से बिश्नोई समाज के लोगों को लिया गया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने संरक्षक पद से इस्तीफा दे देते हुए राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद जी को संरक्षक नियुक्त किया गया और सारा चुनाव उनकी अध्यक्षता में करवाने को लेकर आदेश दिया था। कुलदीप की कमेटी के जवाब में बूड़िया ने निकाली सूची
अब मौजूदा प्रधान बूड़िया ने कुलदीप को जवाब देते हुए नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। प्रधान के इस फैसले से कुलदीप बिश्नोई को झटका लगा है क्योंकि पुरानी कार्यकारिणी में कुलदीप समर्थकों की संख्या अधिक थी। बूड़िया ने नई कार्यकारिणी बनाते हुए कहा कि यह कार्यकारिणी चुनाव तक रहेगी उसके बाद समाज द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि मिलकर एक सफल समाज का संचालन करेंगे। एक जनवरी से 31 मार्च तक अखिल भारतीय स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, जिसका पूरा विवरण बहुत जल्द उपलब्ध कराया जाएगा। बूड़िया की सूची पर विवाद, अकेले जोधपुर से 9 लोग
वहीं मौजूदा प्रधान द्वारा नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट जारी करने पर विवाद हो गया है। इस सूची में राजस्थान के जोधपुर से 9 लोगों को शामिल किया गया है। बूड़िया खुद जोधुपर से हैं। ऐसे में कुलदीप समर्थकों का कहना है कि यह सरासर निष्पक्ष चुनाव को ठेंगा दिखाने का प्रयास किया गया है। बिश्नोई समाज पूरे भारत में रहता है जबकि जोधपुर से 9 लोगो को सम्मिलित करने का कोई विशेष कारण और बीकानेर से सिर्फ 2 लोगों को शामिल किया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर