किसान 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे:2 बार पुलिस खदेड़ चुकी, हाईकोर्ट का शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की याचिका सुनने से इनकार

किसान 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे:2 बार पुलिस खदेड़ चुकी, हाईकोर्ट का शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की याचिका सुनने से इनकार

पंजाब के किसान 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे। मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर हुई मीटिंग में इसका फैसला लिया गया। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले दिल्ली रवाना हुए सरदार मेजर सिंह के माथे पर रबड़ की गोली लगी थी। उन्हें PGI रेफर किया जा रहा है। हमारे जो नेता ठीक होकर अस्पतालों से आए हैं, वह अभी ठीक से चल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर अपना विश्वास गंवा चुके हैं। वह पहले कहते थे कि पैदल जाएं, लेकिन अब कहते हैं कि अन्य वाहनों से जाएं। कल अरदास दिवस मनाया जाएगा
उन्होंने कहा कि दिल्ली कूच की कामना और जगजीत सिंह डल्लेवाल की तंदुरुस्ती के लिए कल अरदास दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा। सभी लोगों से अपील है कि वह अपने-अपने धार्मिक स्थानों में जाकर माथा टेकें। पंजाब और अन्य राज्यों के गायक, धार्मिक नेता, रागी आदि से विनती है कि जहां भी प्रोग्राम के लिए जाते हैं वहां किसान आंदोलन की जय बोला करें। वहीं, पैलेसों में जाने वाले सिंगर प्रोग्राम के शुरू में किसान मजदूर की बात कर लिया करें। यह भी हमारी सपोर्ट होगी। किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि इस आंदोलन को 13 दिसंबर को 10 महीने पूरे हो रहे हैं। ऐसे में 13 तारीख को बड़े समागम होंगे। उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा में इंटरनेट सेवा बंद है, वैसे ही हमें पता लगा है कि पंजाब एरिया में भी बॉर्डर से डेढ़ किलोमीटर तक इंटरनेट बंद किया जा रहा है। अभी तक सरकार की तरफ से मीटिंग का कोई न्योता नहीं आया है। बॉर्डर खोलने की याचिका पर सुनवाई से इनकार
इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट जाकर अपना पक्ष रखें। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली। इस दौरान पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार के वकील मौजूद रहे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी कल सोमवार को बॉर्डर खोलने की याचिका खारिज कर दी थी। इसी बीच हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों का चूल्हा नहीं जला। यहां सभी किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ पूरा दिन भूख हड़ताल पर बैठे। आसपास के गांवों के लोगों को भी मोर्चे पर लंगर न लाने को कहा गया था। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। उनका मरणव्रत 15वें दिन में दाखिल हो गया है। उन्हें स्टेज पर आने में भी दिक्कत आ रही है। किडनी और लिवर पर असर पड़ रहा है। डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा है कि उनका ब्लड प्रेशर 124/95, शुगर 93, पल्स 87 है। वहीं, वजन 11 किलो कम हो चुका है। डल्लेवाल का कहना है कि यह आर-पार की लड़ाई है। पंधेर का दावा- शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस का असर अभी भी
मंगलवार को किसानों ने शंभू बॉर्डर पर सफाई अभियान चलाया। सरवन पंधेर का कहना है कि जो पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे, उनका असर अभी भी है। किसानों ने बॉर्डर पर फैली गंदगी को साफ किया। 11 दिसंबर को धार्मिक स्थलों पर होगी अरदास
डल्लेवाल की सेहत की तंदुरूस्ती के लिए 11 दिसंबर को सभी गांवों में धार्मिक स्थलों पर किसान अरदास करेंगे। इसके लिए रणनीति बना ली गई है। किसानों ने मंच से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चों पर पहुंचे, ताकि संघर्ष को तेज किया जा सके। किसानों ने 2 बार दिल्ली कूच ती कोशिश की, दोनों बार पीछे हटे… 6 दिसंबर को ढाई घंटे में पीछे हटे किसान
किसानों ने 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान किया था। इस दिन सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पाठ किया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे को लंगर खिलाया गया। दोपहर 1 बजे किसानों का जत्था आगे बढ़ा। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ी। इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और आखिर में सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं। किसानों ने बैरिकेडिंग उठाकर घग्गर नदी में फेंक दी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 2-3 किसान घायल हो गए। कुछ किसान फिर भी आगे पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए। यहां पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोकने के लिए पेपर स्प्रे किया। एक बार किसान पीछे की तरफ हो गए। दोबारा किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से दोबारा आंसू गैस के गोले दागे गए। इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने तब कहा कि 8 दिसंबर को किसान दोबारा दिल्ली कूच करेंगे 8 दिसंबर को पौने 4 घंटे चला संघर्ष
101 किसानों ने 8 दिसंबर को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की। किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे धरनास्थल से दिल्ली कूच के लिए निकला। पुल पर पुलिस और किसानों के बीच बहस हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने का परमिशन लेटर मांगा। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पुलिस ने किसानों को चाय-बिस्किट ऑफर किए और फूल भी बरसाए। फिर भी किसान दिल्ली कूच करने पर अड़े रहे। पुलिस ने दोबारा आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। जिसमें 8 किसान घायल हो गए। करीब पौने 4 घंटे चले घटनाक्रम के बाद किसान नेताओं ने जत्थे को वापस बुला लिया। इसके बाद किसान नेता पंधेर ने कहा कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की मीटिंग करने के बाद आगे का फैसला लेंगे। —————————— किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली मार्च टाला, हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश का वीडियो जारी किया पंजाब के 101 किसानों ने 8 दिसंबर को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी के पुल पर रोक लिया। करीब पौने 4 घंटे बाद मार्च टाल दिया गया। इसी दौरान हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों के बैरिकेडिंग उखाड़ने की कोशिश का वीडियो जारी कर दिया। पूरी खबर पढ़ें… पंजाब के किसान 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे। मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर हुई मीटिंग में इसका फैसला लिया गया। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले दिल्ली रवाना हुए सरदार मेजर सिंह के माथे पर रबड़ की गोली लगी थी। उन्हें PGI रेफर किया जा रहा है। हमारे जो नेता ठीक होकर अस्पतालों से आए हैं, वह अभी ठीक से चल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर अपना विश्वास गंवा चुके हैं। वह पहले कहते थे कि पैदल जाएं, लेकिन अब कहते हैं कि अन्य वाहनों से जाएं। कल अरदास दिवस मनाया जाएगा
उन्होंने कहा कि दिल्ली कूच की कामना और जगजीत सिंह डल्लेवाल की तंदुरुस्ती के लिए कल अरदास दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा। सभी लोगों से अपील है कि वह अपने-अपने धार्मिक स्थानों में जाकर माथा टेकें। पंजाब और अन्य राज्यों के गायक, धार्मिक नेता, रागी आदि से विनती है कि जहां भी प्रोग्राम के लिए जाते हैं वहां किसान आंदोलन की जय बोला करें। वहीं, पैलेसों में जाने वाले सिंगर प्रोग्राम के शुरू में किसान मजदूर की बात कर लिया करें। यह भी हमारी सपोर्ट होगी। किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि इस आंदोलन को 13 दिसंबर को 10 महीने पूरे हो रहे हैं। ऐसे में 13 तारीख को बड़े समागम होंगे। उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा में इंटरनेट सेवा बंद है, वैसे ही हमें पता लगा है कि पंजाब एरिया में भी बॉर्डर से डेढ़ किलोमीटर तक इंटरनेट बंद किया जा रहा है। अभी तक सरकार की तरफ से मीटिंग का कोई न्योता नहीं आया है। बॉर्डर खोलने की याचिका पर सुनवाई से इनकार
इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट जाकर अपना पक्ष रखें। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली। इस दौरान पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार के वकील मौजूद रहे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी कल सोमवार को बॉर्डर खोलने की याचिका खारिज कर दी थी। इसी बीच हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों का चूल्हा नहीं जला। यहां सभी किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ पूरा दिन भूख हड़ताल पर बैठे। आसपास के गांवों के लोगों को भी मोर्चे पर लंगर न लाने को कहा गया था। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। उनका मरणव्रत 15वें दिन में दाखिल हो गया है। उन्हें स्टेज पर आने में भी दिक्कत आ रही है। किडनी और लिवर पर असर पड़ रहा है। डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा है कि उनका ब्लड प्रेशर 124/95, शुगर 93, पल्स 87 है। वहीं, वजन 11 किलो कम हो चुका है। डल्लेवाल का कहना है कि यह आर-पार की लड़ाई है। पंधेर का दावा- शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस का असर अभी भी
मंगलवार को किसानों ने शंभू बॉर्डर पर सफाई अभियान चलाया। सरवन पंधेर का कहना है कि जो पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे, उनका असर अभी भी है। किसानों ने बॉर्डर पर फैली गंदगी को साफ किया। 11 दिसंबर को धार्मिक स्थलों पर होगी अरदास
डल्लेवाल की सेहत की तंदुरूस्ती के लिए 11 दिसंबर को सभी गांवों में धार्मिक स्थलों पर किसान अरदास करेंगे। इसके लिए रणनीति बना ली गई है। किसानों ने मंच से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चों पर पहुंचे, ताकि संघर्ष को तेज किया जा सके। किसानों ने 2 बार दिल्ली कूच ती कोशिश की, दोनों बार पीछे हटे… 6 दिसंबर को ढाई घंटे में पीछे हटे किसान
किसानों ने 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का ऐलान किया था। इस दिन सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पाठ किया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे को लंगर खिलाया गया। दोपहर 1 बजे किसानों का जत्था आगे बढ़ा। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ी। इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और आखिर में सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं। किसानों ने बैरिकेडिंग उठाकर घग्गर नदी में फेंक दी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 2-3 किसान घायल हो गए। कुछ किसान फिर भी आगे पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए। यहां पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोकने के लिए पेपर स्प्रे किया। एक बार किसान पीछे की तरफ हो गए। दोबारा किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से दोबारा आंसू गैस के गोले दागे गए। इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने तब कहा कि 8 दिसंबर को किसान दोबारा दिल्ली कूच करेंगे 8 दिसंबर को पौने 4 घंटे चला संघर्ष
101 किसानों ने 8 दिसंबर को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की। किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे धरनास्थल से दिल्ली कूच के लिए निकला। पुल पर पुलिस और किसानों के बीच बहस हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने का परमिशन लेटर मांगा। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद पुलिस ने किसानों को चाय-बिस्किट ऑफर किए और फूल भी बरसाए। फिर भी किसान दिल्ली कूच करने पर अड़े रहे। पुलिस ने दोबारा आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। जिसमें 8 किसान घायल हो गए। करीब पौने 4 घंटे चले घटनाक्रम के बाद किसान नेताओं ने जत्थे को वापस बुला लिया। इसके बाद किसान नेता पंधेर ने कहा कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की मीटिंग करने के बाद आगे का फैसला लेंगे। —————————— किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली मार्च टाला, हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश का वीडियो जारी किया पंजाब के 101 किसानों ने 8 दिसंबर को दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी के पुल पर रोक लिया। करीब पौने 4 घंटे बाद मार्च टाल दिया गया। इसी दौरान हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों के बैरिकेडिंग उखाड़ने की कोशिश का वीडियो जारी कर दिया। पूरी खबर पढ़ें…   पंजाब | दैनिक भास्कर