किसानों के लिए फसलों की गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 15 दिनों से मरण व्रत पर बैठे है। मंगलवार को फरीदकोट जिले में उनके पैतृक गांव डल्लेवाला के लोगों ने भी सामूहिक रूप से भूख हड़ताल रखी। किसान आंदोलन की कामयाबी और किसान नेता डल्लेवाल की चढ़दी कला के लिए अरदास में शामिल हुए। जानकारी के अनुसार किसान नेता जगजीत सिंह के पैतृक गांव डल्लेवाला के सभी घरों में मंगलवार को चूल्हा नहीं जलाया। पूरा गांव गुरुद्वारा साहिब के बाहर भूख हड़ताल पर बैठा है। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे भी शामिल है। लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की, और चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने मांगों को पूरा नहीं किया तो देश भर में एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। एक विचारधारा बन चुके है दादा जगजीत सिंह- पौत्र किसान नेता डल्लेवाल के पौत्र जिगरजोत सिंह ने कहा कि उनके दादा एक विचारधारा बन चुके है। उनके पक्ष में उन्होंने भी एक दिन की भूख हड़ताल रखी है। गांव की महिलाओं ने कहा कि जब जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों को हक़ दिलाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई हुई है और उनकी चढ़दी कला के लिए समूचे गांव ने भूख हड़ताल रखी है। अनशन के बावजूद टस से मस नहीं हो रही सरकार- जतिंदरजीत इस मौके पर किसान नेता जतिंदरजीत सिंह भिंडर ने कहा कि पिछले लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। लेकिन सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही। किसान नेता डल्लेवाल द्वारा 15 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर अनशन किया जा रहा हैं। जिससे उनकी तबीयत बिगड़ रही है। लेकिन सरकार फिर भी टस से मस नहीं हो रही है। उनके समर्थन में पंजाब के कई गांवों में भूख हड़ताल की जा रही है और उनके पैतृक गांव में भी भूख हड़ताल कर प्रदर्शन किया जा रहा हैं। किसान आंदोलन की सफलता और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला के लिए अरदास की जा रही है। किसानों के लिए फसलों की गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 15 दिनों से मरण व्रत पर बैठे है। मंगलवार को फरीदकोट जिले में उनके पैतृक गांव डल्लेवाला के लोगों ने भी सामूहिक रूप से भूख हड़ताल रखी। किसान आंदोलन की कामयाबी और किसान नेता डल्लेवाल की चढ़दी कला के लिए अरदास में शामिल हुए। जानकारी के अनुसार किसान नेता जगजीत सिंह के पैतृक गांव डल्लेवाला के सभी घरों में मंगलवार को चूल्हा नहीं जलाया। पूरा गांव गुरुद्वारा साहिब के बाहर भूख हड़ताल पर बैठा है। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे भी शामिल है। लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की, और चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने मांगों को पूरा नहीं किया तो देश भर में एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। एक विचारधारा बन चुके है दादा जगजीत सिंह- पौत्र किसान नेता डल्लेवाल के पौत्र जिगरजोत सिंह ने कहा कि उनके दादा एक विचारधारा बन चुके है। उनके पक्ष में उन्होंने भी एक दिन की भूख हड़ताल रखी है। गांव की महिलाओं ने कहा कि जब जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों को हक़ दिलाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई हुई है और उनकी चढ़दी कला के लिए समूचे गांव ने भूख हड़ताल रखी है। अनशन के बावजूद टस से मस नहीं हो रही सरकार- जतिंदरजीत इस मौके पर किसान नेता जतिंदरजीत सिंह भिंडर ने कहा कि पिछले लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। लेकिन सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही। किसान नेता डल्लेवाल द्वारा 15 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर अनशन किया जा रहा हैं। जिससे उनकी तबीयत बिगड़ रही है। लेकिन सरकार फिर भी टस से मस नहीं हो रही है। उनके समर्थन में पंजाब के कई गांवों में भूख हड़ताल की जा रही है और उनके पैतृक गांव में भी भूख हड़ताल कर प्रदर्शन किया जा रहा हैं। किसान आंदोलन की सफलता और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला के लिए अरदास की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में सिमरजीत बैंस को जान से मारने की धमकी:फेसबुक पर आया मैसेज, लिखा- शांत रहो, नहीं तो पक्का शांत कर देंगे
लुधियाना में सिमरजीत बैंस को जान से मारने की धमकी:फेसबुक पर आया मैसेज, लिखा- शांत रहो, नहीं तो पक्का शांत कर देंगे पंजाब के लुधियाना में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस को जान से मारने की धमकी मिली है। किसी ने उनके फेसबुक पेज पर मैसेंजर के जरिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। सिमरजीत बैंस का सोशल मीडिया हैंडल पेज चलाने वाले बंटी ने बताया कि उन्हें यह धमकी कल उस समय मिली जब बैंस और बाकी सभी साथी रोड शो में पैदल मार्च कर रहे थे। धमकी के बाद अब इस मामले को लेकर लुधियाना पुलिस कमिश्नर और चुनाव आयोग से शिकायत की जाएगी। बबर हैरी नाम से आई थ्रेट बंटी ने कहा कि बबर हैरी नाम की आई.डी से बैंस के पेज पर थ्रेट आई है। धमकी देने वाले ने लिखा- बड़ा नेता बनी जा रहे हो दिन-प्रतिदिन, ज्यादा सिर पर मत चढ़ो, थोड़ा शांति के साथ चलो नहीं तो पक्का शांत कर देंगे। समझ लो अभी भी समय है नहीं तो तेरी लाश की पहचान भी नहीं किसी से होगी। उधर, इस मामले में सिमरजीत सिंह बैंस ने कहा कि वह सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले नेता हैं। आज कोई नई धमकी नहीं मिल रही। जब से वह लोगों के बीच काम कर रहे हैं तभी से शरारती लोग उन्हें धमकियां भेज रहे हैं। लेकिन वह सच से पीछे हटने वाले नेता नहीं है। इस मामले में पुलिस के सीनियर अधिकारियों को सूचित कर दिया जाएगा। पढ़े कौन हैं सिमरजीत सिंह बैंस -2017 में बनाई थी खुद की पार्टी संगरूर के मौजूदा सांसद सिमरनजीत सिंह मान के साथ राजनीतिक करियर शुरू करने वाले सिमरजीत सिंह बैंस, सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में अकाली दल में शामिल हो गए थे। शिअद में उनके ऊपर कई आरोप लगते रहे। बैंस के खिलाफ तहसीलदार को कार्यालय में घुसकर मारपीट करने का भी मामला दर्ज हुआ था। अकाली दल द्वारा चुनाव टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद सिमरजीत ने आत्म नगर और बलविंदर ने लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए। बैंस ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में लोक इंसाफ पार्टी बनाई और AAP से गठजोड़ कर लिया। इस बार भी दोनों भाई चुनाव जीत गए। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा, लेकिन AAP की लहर के सामने टिक नहीं पाए और हार गए। 2 बार जेल जा चुके हैं बैंस सिमरजीत सिंह बैंस 2 बार जेल जा चुके हैं। वर्ष 2009 में उन पर तहसीलदार के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। इस केस में वह जेल काट चुके हैं। इसके बाद 10 जुलाई 2021 में उन पर महिला ने रेप करने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था।
शिअद नेता NK शर्मा ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान:सुखबीर बादल के पार्टी छोड़ने के बाद लिया फैसला,बोले-किसी पद की इच्छा नहीं
शिअद नेता NK शर्मा ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान:सुखबीर बादल के पार्टी छोड़ने के बाद लिया फैसला,बोले-किसी पद की इच्छा नहीं पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता नरिंदर कुमार शर्मा (NK) ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। नरिंदर कुमार शर्मा, शिअद नेता सुखबीर बादल के काफी करीबी माने जाते हैं। वह पटियाला से भी शिअद उम्मीदवार रह चुके हैं। शर्मा ने आज वर्किंग कमेटी की मीटिंग से पहले ऐलान किया है कि आज उन्होंने पार्टी के हर पद से इस्तीफा सुखबीर बादल को सौंप दिया है। इस्तीफा देने और पार्टी छोड़ने के कारण यह है कि पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की प्रधानगी से इस्तीफा दिया है। इसलिए मेरी इस पार्टी में रहने की कोई इच्छा नहीं है। हालांकि NK शर्मा ने यह भी कहा कि यदि सुखबीर सिंह बादल अकाली दल के प्रधान बने रहते हैं तो वह पार्टी में इसी तरह पार्टी वर्कर के रूप में काम करते रहेंगे। 3 महीने पहले सुखबीर बादल को तनखैया करार दिया था आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब से 3 महीने पहले सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। तनखैया घोषित होने से पहले पहले बनाया था कार्यकारी प्रधान अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी हैं। अकाली दल के बागी गुट के माफीनामा के बाद उठा था विवाद अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। जिसके बाद ही सारा विवाद शुरू हो गया। चार गलतियां 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”
पंजाब में 2 दिन बारिश की संभावना:मानसून के फिर सक्रिय होने से तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट, 13% कम बरसे बादल
पंजाब में 2 दिन बारिश की संभावना:मानसून के फिर सक्रिय होने से तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट, 13% कम बरसे बादल पंजाब में मानसून के फिर से सक्रिय होने के बाद तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली है। एक ही दिन में पंजाब के औसत तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट आई है, जो सामान्य से 3.3 डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो दिनों में पंजाब में सामान्य या इससे कम बारिश होने की संभावना है। लेकिन, इसके लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। शुक्रवार को मानसून के सक्रिय होने के बाद अमृतसर में 19 एमएम, लुधियाना में 2 एमएम, पठानकोट में 13.5 एमएम, फरीदकोट में 1 एमएम बारिश हुई, जबकि बठिंडा और पटियाला में भी बारिश हुई। पंजाब में औसत तापमान में 6.5 डिग्री की गिरावट के बाद पठानकोट का तापमान 36.4 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि गुरुवार शाम को पंजाब के अमृतसर में तापमान 28.4 डिग्री रहा। सामान्य से 13% कम बारिश जून के आखिरी दिनों में मानसून के आने के बाद भी अभी तक जमकर बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 1 से 12 जुलाई तक पंजाब में सामान्य से 13% कम बारिश हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हिमाचल और राजस्थान के बीच हवाएं उचित दबाव नहीं बना पा रही हैं। जिसके चलते पंजाब और हरियाणा में सामान्य से कम बारिश हो रही है, लेकिन राजस्थान में सामान्य से 35% अधिक बारिश दर्ज की गई है। पंजाब की बात करें तो राज्य में सामान्य तौर पर 56.5 मिमी बारिश होती है, लेकिन अब तक 49.2 मिमी ही बारिश हुई है। पंजाब के प्रमुख शहरों का तापमान अमृतसर- शुक्रवार शाम अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाए रहेंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 25 से 34 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। जालंधर- बीती शाम अधिकतम तापमान तकरीबन 28 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 29 से 36 डिग्री के बीच रह सकता है। लुधियाना- शुक्रवार अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 28 से 34 डिग्री के बीच रहेगा। पटियाला- बीती शाम अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 28 से 37 डिग्री के बीच रह सकता है। मोहाली- शुक्रवार शाम अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री दर्ज किया गया। हल्के बादल छाए रहेंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 29 से 36 डिग्री के बीच रह सकता है।