हरियाणा में 3 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में नूंह पुलिस ने 10 दिन में 184 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। 1 दिसंबर को हुई इस घटना में पुलिस ने घटना वाले दिन ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। अब पुलिस की चार्जशीट में वैज्ञानिक साक्ष्य, गवाहों के बयान और तकनीकी साक्ष्य शामिल किए गए हैं। आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ही घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए गए। इसके बाद गवाहों और आरोपियों के बयान दर्ज किए गए। इसी कार्रवाई के दौरान डिजिटल फोरेंसिक और डीएनए टेस्ट रिपोर्ट को भी शामिल किया गया। शराब पीकर वारदात को अंजाम 1 दिसंबर को पिनंगवा थाना क्षेत्र के एक गांव में 30 वर्षीय युवक ने देर शाम साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची के साथ रेप कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी घर के आंगन में भाई के साथ खेल रही मासूम बच्ची को चिप्स का लालच देकर घर से करीब 200 मीटर दूर पहाड़ पर ले गया। जहां उसने शराब के नशे में वारदात को अंजाम दिया। फिर शव को पहाड़ में छिपाकर घर लौट आया। रात 11:00 बजे ग्रामीणों को मासूम बच्ची का शव पहाड़ में खून से लथपथ मिला। खेलते समय हुई थी लापता पिनंगवा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति ने बताया कि उसकी साढ़े 3 साल की बेटी घर के आंगन में खेल रही थी। शाम करीब 4 बजे गांव का ही एक युवक उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। इसके बाद बेटी वापस नहीं लौटी। उसकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। गांव की मस्जिद में भी ऐलान करवाया गया। करीब 7 घंटे बाद रात करीब 11 बजे बच्ची का शव गांव के पास ही एक पहाड़ी पर मिला। शव पूरी तरह खून से लथपथ था। पहाड़ी पर खून के निशान भी मिले। अंतिम संस्कार की तैयारी में थे ग्रामीण ग्रामीण घटना को नजरअंदाज कर बच्ची का अंतिम संस्कार करने में लग गए थे। इस बीच पुलिस को भनक लगी तो पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। बच्ची के शव को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि बच्ची के साथ रेप किया गया, फिर उसकी हत्या कर दी। पिनंगवा थाना प्रभारी सुभाष चंद ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी भागने की फिराक में था। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 4 टीमों का गठन किया। जिसके बाद आरोपी को मरोड़ा गांव के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी की पहचान हरीश चंद्र उर्फ चुर्री (34) के रूप में हुई है। चुर्री ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। हरियाणा में 3 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में नूंह पुलिस ने 10 दिन में 184 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। 1 दिसंबर को हुई इस घटना में पुलिस ने घटना वाले दिन ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। अब पुलिस की चार्जशीट में वैज्ञानिक साक्ष्य, गवाहों के बयान और तकनीकी साक्ष्य शामिल किए गए हैं। आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ही घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए गए। इसके बाद गवाहों और आरोपियों के बयान दर्ज किए गए। इसी कार्रवाई के दौरान डिजिटल फोरेंसिक और डीएनए टेस्ट रिपोर्ट को भी शामिल किया गया। शराब पीकर वारदात को अंजाम 1 दिसंबर को पिनंगवा थाना क्षेत्र के एक गांव में 30 वर्षीय युवक ने देर शाम साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची के साथ रेप कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी घर के आंगन में भाई के साथ खेल रही मासूम बच्ची को चिप्स का लालच देकर घर से करीब 200 मीटर दूर पहाड़ पर ले गया। जहां उसने शराब के नशे में वारदात को अंजाम दिया। फिर शव को पहाड़ में छिपाकर घर लौट आया। रात 11:00 बजे ग्रामीणों को मासूम बच्ची का शव पहाड़ में खून से लथपथ मिला। खेलते समय हुई थी लापता पिनंगवा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति ने बताया कि उसकी साढ़े 3 साल की बेटी घर के आंगन में खेल रही थी। शाम करीब 4 बजे गांव का ही एक युवक उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। इसके बाद बेटी वापस नहीं लौटी। उसकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। गांव की मस्जिद में भी ऐलान करवाया गया। करीब 7 घंटे बाद रात करीब 11 बजे बच्ची का शव गांव के पास ही एक पहाड़ी पर मिला। शव पूरी तरह खून से लथपथ था। पहाड़ी पर खून के निशान भी मिले। अंतिम संस्कार की तैयारी में थे ग्रामीण ग्रामीण घटना को नजरअंदाज कर बच्ची का अंतिम संस्कार करने में लग गए थे। इस बीच पुलिस को भनक लगी तो पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। बच्ची के शव को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि बच्ची के साथ रेप किया गया, फिर उसकी हत्या कर दी। पिनंगवा थाना प्रभारी सुभाष चंद ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी भागने की फिराक में था। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 4 टीमों का गठन किया। जिसके बाद आरोपी को मरोड़ा गांव के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी की पहचान हरीश चंद्र उर्फ चुर्री (34) के रूप में हुई है। चुर्री ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में राव इंद्रजीत ने सांसद बनने का रिकॉर्ड तोड़ा:11 चुनाव लड़े, सिर्फ 1 हारा; गुरुग्राम से लगातार चौथी जीत, विनिंग मार्जिन ने बढ़ाई टेंशन
हरियाणा में राव इंद्रजीत ने सांसद बनने का रिकॉर्ड तोड़ा:11 चुनाव लड़े, सिर्फ 1 हारा; गुरुग्राम से लगातार चौथी जीत, विनिंग मार्जिन ने बढ़ाई टेंशन हरियाणा में छठी बार सांसद बनने का रिकॉर्ड गुरुग्राम से जीते राव इंद्रजीत सिंह के नाम दर्ज हो गया है। राव से पहले पंडित चिरंजीलाल शर्मा करनाल सीट से लगातार 4 बार सांसद बने थे। गुरुग्राम सीट की बात करें तो यहां भी लगातार 4 बार सांसद बनने का ताज राव इंद्रजीत सिंह के सिर पर ही सजा। हालांकि इन चार चुनावों में राव इंद्रजीत सिंह का विनिंग मार्जिन पहली बार सबसे निचले स्तर पर इस बार आ गया। राव इंद्रजीत सिंह रामपुरा हाउस की राजनीति को संभाले हुए हैं। रामपुरा हाउस का दक्षिणी हरियाणा (अहीरवाल) में लंबे समय से दबदबा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह ने अपने निधन से पहले ही अपनी राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी राव इंद्रजीत को बना दिया था। पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए राव इंद्रजीत भी दक्षिणी हरियाणा की अलग-अलग सीटों से 11 बार चुनाव लड़े। उन्हें एक बार तत्कालीन महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से 1999 में कारगिल लहर के वक्त बीजेपी कैंडिडेट सुधा यादव से हार का सामना करना पड़ा था। 4 बार MLA और 6 बार सांसद बन चुके
राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी सियासी पारी का आगाज साल 1977 में रेवाड़ी जिले की जाटूसाना विधानसभा (अब कोसली) से किया था। परंपरागत सीट रही जाटूसाना में बीरेंद्र ने अपने बड़े बेटे राव इंद्रजीत सिंह को यहां से अपना राजनीतिक वारिस बना चुनाव मैदान में उतारा। राव इंद्रजीत सिंह ने अपने पहले ही चुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद यहां से लगातार चार बार 1977 से 1982, 1982 से 1987 और 1987 से 1991 और फिर 2000 से 2004 तक हरियाणा विधानसभा के सदस्य के तौर पर चंडीगढ़ पहुंचे। प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने
1986 से 1987 और 1991 से 1996 तक प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद लंबे समय तक महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर सांसद रहे राव बीरेंद्र सिंह ने राव इंद्रजीत सिंह को 1998 में अपनी जगह लोकसभा का कैंडिडेट बनाया। राव ने पहले ही लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की, लेकिन एक साल बाद ही 1999 में दोबारा हुए लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी कैंडिडट सुधा यादव से हार गए, लेकिन 2004 के चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी से हार का बदला चुकता किया। इसके बाद सीट जरूर बदली, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह की जीत का सिलसिला जारी है। परिसीमन के बाद गुरुग्राम से लड़ा चुनाव
साल 2008 में हुए परिसीमन में गुरुग्राम को फिर से लोकसभा क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में लाया गया। 1971 के चुनाव के बाद इसे महेंद्रगढ़ में मर्ज कर दिया गया था और इसके बड़े हिस्से फरीदाबाद को अलग लोकसभा क्षेत्र बना दिया गया था। परिसीमन के बाद 2009 में चुनाव हुआ और क्षेत्र बदलने के बाद भी राव ने जीत हासिल की। यह संसद सदस्य के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल था। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दोनों टर्म और 2014 से 2024 तक दोनों टर्म में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री बने। 2 चुनाव के बाद फिर विनिंग मार्जिन कम
पिछले 2 लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में राव इंद्रजीत सिंह ने एक तरफा जीत हासिल की थी। 2014 में 2,74,722 और 2019 में 3,86,256 लाख वोट से जीते, लेकिन 2024 में जीत का ये मार्जिन सिर्फ 70 हजार 79 वोट पर आकर रुक गया। जबकि इससे पहले 2009 में राव इंद्रजीत सिंह ने 84 हजार 864 वोटों से जीत हासिल की थी। इस बार राव इंद्रजीत सिंह और कांग्रेस के कैंडिडेट राज बब्बर के बीच कांटे का मुकाबला रहा, जिसकी वजह से राव की जीत का मार्जिन सबसे कम रहा।
हरियाणा स्वास्थ्य मंत्री का पीए AAP में शामिल:देसी घी गाड़ी में रखवाने को लेकर हटाया था, संजीव बोले- टिन एसडीओ का था
हरियाणा स्वास्थ्य मंत्री का पीए AAP में शामिल:देसी घी गाड़ी में रखवाने को लेकर हटाया था, संजीव बोले- टिन एसडीओ का था हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के साढ़े 9 साल तक पीए रहे संजीव सिरोहा आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए हैं। आप के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता ने संजीव सिरोहा को पटका पहनाकर पार्टी में शामिल कराया। आपको बता दें कि संजीव सिरोहा और उनका परिवार लंबे समय तक भाजपा से जुड़ा रहा। संजीव लंबे समय तक डॉ. कमल गुप्ता के साथ उनके पीए के तौर पर थे, लेकिन कुछ महीने पहले अचानक डॉ. कमल गुप्ता ने संजीव सिरोहा को नौकरी से निकाल दिया। इसकी वजह बाद में यह सामने आई कि डॉ. कमल गुप्ता की कार में देसी घी का डिब्बा रखने पर मंत्री ने पीए को नौकरी से निकाल दिया था। इस दौरान संजीव ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई भी दी, लेकिन संजीव से इस्तीफा लिखवाकर उसे नौकरी से हटा दिया गया। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। AAP ज्वाइन करते मंत्री पर बरसे पीए
संजीव गुप्ता ने इस दौरान खुलकर डॉ. कमल गुप्ता अपनी भड़ास निकाली। संजीव ने कहा कि “मैं कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का पीए रहा। पहले मुझे 7 जनवरी 2024 को हटाया गया। मुझे कारण बताया गया कि आप बेटे की इज्जत नहीं करते। मैंने कहा बेटा तो गुड़गांव रहता है ऐसी तो कोई बात नहीं है। इसके बाद मुझे एक हफ्ते बाद बुला लिया। इसके बाद हम 26 जनवरी को गुड़गांव थे। वहां एक एसडीओ थे जोग शर्मा जी उन्होंने गाड़ी में देसी घी का टिन रखवा दिया और कहा कि हिसार में मेरे मामा जी रहते हैं, उनको दे देना ड्राइवर को मैंने बोल दिया है। इसके बाद डॉ. कमल गुप्ता जी का बेटे ने आरोप लगा दिया कि आपने देसी घी का टिन रिश्वत का लिया है। मैंने उनको जोग शर्मा जी से मिलवाया और अपनी सफाई दे दी। मगर फिर भी वह नहीं माने। मुझे कहा गया कि हम SP को बुला रहे हैं और आपको जेल में भेजेंगे। आप रिजाइन लिख दो और जैसा हम लिखवाएंगे वैसा ही लिखना। इसके बाद मुझसे रिजाइन लिखवाया गया और अंगूठे के निशान भी लिए गए और इसके बाद वीडियो भी बनाया। मुझसे आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया गया। इसके बाद मैं एक महीने तक निराश रहा। फिर मैंने आगे बढ़ने की सोची और केजरीवाल से प्रभावित होकर AAP पार्टी ज्वाइन कर ली”। कौन है डॉ. कमल गुप्ता
डॉ. कमल गुप्ता हिसार से दो बार लगातार विधायक चुने गए हैं। उन्होंने पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल को हराया था और उसके बाद 2019 में कांग्रेस के राम निवास राड़ा को हराकर विधायक बने थे। खट्टर सरकार में वह चेयरमैन, निकाय मंत्री और अब स्वास्थ्य मंत्री के पद पर हैं। डॉ. कमल गुप्ता की गिनती हरियाणा भाजपा के पुराने नेताओं में होती है।
करनाल में ASI मर्डर मिस्ट्री:36 घंटे बीते न हत्या का कारण मिला और न ही हत्यारे, आज होगा अंतिम संस्कार
करनाल में ASI मर्डर मिस्ट्री:36 घंटे बीते न हत्या का कारण मिला और न ही हत्यारे, आज होगा अंतिम संस्कार हरियाणा में करनाल के कुटेल में स्टेट क्राइम ब्रांच के ASI संजीव के मर्डर को लगभग 36 घंटे का समय बीत चुका है। ASI की मर्डर मिस्ट्री अभी भी एक मिस्ट्री ही बनी हुई है। दो DSP के नेतृत्व में पुलिस की पांच टीमें ASI के हत्यारों को खोजने में जुटे हुए है। न तो यह पता चल पाया है कि हत्यारे कौन थे और न ही यह पता चल पाया है कि हत्या के पीछे क्या मोटिव था? हत्या की अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है? हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ना भी पुलिस की साख का सवाल बन चुका है, क्योंकि क्राइम ब्रांच के ऑफिसर के सिर में गोली मारकर हत्या करना कोई छोटी घटना नहीं है, इस घटना ने हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश में खलबली मचा दी है। जिस हिसाब से आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि क्राइम ब्रांच के ASI को मारकर बदमाशों ने पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी हो। हालांकि पुलिस का दावा है कि पुलिस आरोपियों के नजदीक है। CCTV कैमरों से पुलिस को कुछ इनपुट मिले है और उसी आधार पर पुलिस धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। रात 2 बजे घर पहुंचा मृतक का बेटा योगेश मृतक संजीव का बेटा योगेश कनाडा में बीते दो साल से पढ़ाई कर रहा है और उसे अपने पिता की मौत की सूचना मिली तो वह तुरंत प्रभाव से कनाडा से फ्लाइट की टिकट अरेंज करके भारत के लिए रवाना हो गया। रात को दो बजे योगेश पहुंचा है। अपने पिता की मौत की खबर से ही वह गहरे सदमे में है, उसे उम्मीद नहीं थी कि उसके परिवार के साथ कुछ ऐसा हो सकता है, क्योंकि तीन साल पहले योगेश के चाचा लाभ सिंह घरौंडा लिबर्टी के सामने एक सड़क हादसे में गुजर गए थे, और चाचा के सदमे में दादा प्रेम सिंह भी चल बसे थे। परिवार पर दुखों का पहाड़ कम होने का नाम नहीं ले रहा था कि अब योगेश के पिता को भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। योगेश की छोटी बहन भी है, जिसका रो रोकर बुरा हाल है। इन बच्चों के सिर पर न तो पिता का साया रहा, न चाचा का और न ही दादा का। इन दोनों बच्चों के मन की पीड़ को ये ही समझ सकते है। बड़े नहीं छोटे छोटे केस ही हैंडल करता था संजीव संजीव क्राइम ब्रांच में था, उसकी ड्यूटी कुरूक्षेत्र भी थी और यमुनानगर में भी थी। अधिकारियों की माने तो पुलिस ने कुरूक्षेत्र और यमुनानगर में संजीव के रिकॉर्ड को भी ट्रैक किया है, ताकि यह पता किया जा सके कि किसी बड़े केस के कारण तो किसी अपराधी ने रंजिशन हत्या की हो, लेकिन वहां पर भी यही पाया गया है कि संजीव को PO जैसे छोटे-मोटे केस ही दिए जाते थे, लेकिन पुलिस इस मामले में कोई भी एंगल नहीं छोड़ रही है, हर एंगल पर काम कर रही है। क्या था मामला कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर 2 जुलाई की रात करीब साढ़े आठ बजे सैर पर निकले क्राइम ब्रांच के ASI संजीव को बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरतलब है कि कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर ही संजीव का डेरा बना हुआ है और वही पर संजीव सड़क पर टहल रहे थे। तभी बाइक सवार बदमाश उनको गोली मारकर चले जाते है। परिजनों की माने तो उनके सिर में एक गोली लगी है, वह आरपार हुई है, दूसरी गोली कमर में लगी थी। गंभीर रूप से घायल संजीव को करनाल के अमृतधारा में भर्ती करवाया था। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। घटना के बाद घरौंडा DSP मनोज कुमार व करनाल DSP सोनू नरवाल मौके पर पहुंच गए थे। इसके साथ ही FSL टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए थे। पुलिस को मौके पर दो जिंदा रौंद व एक खोल भी बरामद हुआ था। पुलिस अभी तक यह खुलासा नहीं कर पाई है कि हत्या के कारण क्या रहे है? और यह खुलासा अभी तक भी नहीं हुआ। क्या कहती है पुलिस घरौंडा DSP मनोज कुमार ने बताया कि संजीव हत्याकांड में पुलिस गहनता से जांच में जुटी हुई है। हर पहलू और एंगल पर काम किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज से भी कुछ इनपुट मिले है। हत्यारे ज्यादा दिन तक पुलिस से नहीं बच पाएंगे।