बिलासपुर के मार्कण्ड सिविल हॉस्पिटल में गुरुवार को बिजली आपूर्ति बाधित होने से अस्पताल परिसर अंधेरे में डूब गया। हालात इतने खराब हैं कि डॉक्टरों को मोबाइल की लाइट का सहारा लेकर मरीजों की जांच और दवाइयां लिखनी पड़ रही हैं। मरीजों के वार्ड और परिसर के साथ-साथ अस्पताल के बाहर पार्किंग क्षेत्र भी अंधेरे में डूबा हुआ है। मरीजों को उठानी पड़ी भारी समस्या
बिजली न होने के कारण अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वार्डों में अंधेरा होने से न तो मरीज आराम से रह पा रहे हैं और न ही स्वास्थ्य कर्मी सुचारु रूप से काम कर पा रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
मरीजों ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अस्पताल प्रशासन ने भी इस समस्या पर चुप्पी साध रखी है। मरीज और उनके परिजन अस्पताल प्रशासन और संबंधित विभाग से जल्द से जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं। अस्पताल जैसी जगह पर बिजली का संकट स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इस समस्या की ओर प्रशासन को संज्ञान लेना अत्यंत जरूरी है। बिलासपुर के मार्कण्ड सिविल हॉस्पिटल में गुरुवार को बिजली आपूर्ति बाधित होने से अस्पताल परिसर अंधेरे में डूब गया। हालात इतने खराब हैं कि डॉक्टरों को मोबाइल की लाइट का सहारा लेकर मरीजों की जांच और दवाइयां लिखनी पड़ रही हैं। मरीजों के वार्ड और परिसर के साथ-साथ अस्पताल के बाहर पार्किंग क्षेत्र भी अंधेरे में डूबा हुआ है। मरीजों को उठानी पड़ी भारी समस्या
बिजली न होने के कारण अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वार्डों में अंधेरा होने से न तो मरीज आराम से रह पा रहे हैं और न ही स्वास्थ्य कर्मी सुचारु रूप से काम कर पा रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
मरीजों ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अस्पताल प्रशासन ने भी इस समस्या पर चुप्पी साध रखी है। मरीज और उनके परिजन अस्पताल प्रशासन और संबंधित विभाग से जल्द से जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं। अस्पताल जैसी जगह पर बिजली का संकट स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इस समस्या की ओर प्रशासन को संज्ञान लेना अत्यंत जरूरी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर