मथुरा में 40 गायों के कंकाल मिलने पर बवाल हो गया। गांव वालों ने मथुरा-वृंदावन रोड पर गायों के कंकाल रखकर जाम लगा दिया। 5 घंटे तक सड़क 2Km लंबा जाम रहा। पुलिस ने लाठी-चार्ज करके लोगों को खदेड़ दिया। गोरक्षकों ने कहा- गायों का चमड़ा खींचा गया। आंखे निकाली गईं। पुलिस ने 97 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। इसके बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ग्वालियर से VIDEO जारी किया। कहा- गोरक्षकों के हंगामे को समझना चाहिए। यह कोई आपराधिक कृत्य नहीं। उन्हें छोड़ा जाए। इस बीच भास्कर टीम उस एरिया में पहुंची। जहां पर गायों के अवशेष मिले। सामने आया कि इस एरिया के 1 km में 5 गोशाला है। ज्यादातर गोशाला के प्रबंधकों ने नियमों का हवाला देते हुए अंदर नहीं जाने दिया। इतना जरूर बताया गया कि हमारे पास गायों का दफनाने के लिए समाधि स्थल नहीं हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… हंसानंद गोशाला में एक हजार गाय गोशाला के डॉक्टर बोले- यमुना किनारे दफनाते हैं
दैनिक भास्कर की टीम सबसे पहले हासनंद गोशाला पर पहुंची। यहां गोशाला प्रबंधन ने अंदर फोटो वीडियो बनाने से मना कर दिया। लेकिन, जानकारी करने पर पता चला यहां तकरीबन एक हजार गाय हैं। यहां हमारी मुलाकात गोशाला की देखरेख कर रहे डॉक्टर साहिल सागर से हुई। उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। हमने उनसे पूछा-गोशाला में मृत गायों का अंतिम संस्कार कैसे करते हैं? उन्होंने चलते-चलते बताया- यमुना किनारे उनकी जमीन हैं वहां समाधि दी जाती है। इसके आगे उन्होंने कहा- आपको जो भी जानकारी चाहिए…आप लिखित में दें, उसे बाद प्रबंधन के सामने रखेंगे, तब आपको बताया जाएगा। श्री कृष्ण गोशाला हाथरस वाली’ पर बीमार गोवंश की जगह नहीं
हासानंद गोशाला से 100 मीटर आगे ‘श्री कृष्ण गोशाला हाथरस वाली’ पर पहुंचे। यहां दो बाड़ों में गोवंश बंधा हुआ था। 6 कर्मचारी सेवा कर रहे थे। देखभाल कर रहे सुनील चौधरी ने बताया-यहां गोवंश सुरभि गोशाला से आता है। बीमार होने पर वहीं भेज देते हैं। कोई मर भी जाए, तो उसे यमुना किनारे समाधि दे दी जाती है। श्याम गौशाला में मिले 300 गोवंश
हाथरस वाली गौशाला से कुछ दूरी पर श्याम गोशाला है। यहां 300 गोवंश का पालन किया जा रहा है। लेकिन, यहां मृत गोवंश को समाधि देने की जगह नहीं है। इसके बाद टीम मथुरा वृंदावन रोड स्थित श्री कृष्ण गोशाला पहुंची। यहां 307 गोवंश का पालन किया जा रहा है। गोशाला की देखभाल करने वाले रामबाबू शर्मा ने बताया-गोशाला का संचालन करने के लिए प्रबंधन है। जो दान से गोशाला का संचालन करता है। गोवंश के मृत होने पर उन्हें भू समाधि दे दी जाती है। अक्रूर गांव स्थित गोविंद धाम गोशाला में करीब 1900 गोवंश हैं। यहां के प्रबन्धक बलदेव शर्मा ने बताया-उनके यहां 2 एकड़ भूमि है, जहां मृत गोवंशों को उसी भूमि में दफनाया जाता है। गोशाला में बीमार गायों के लिए चिकित्सक और एम्बुलेंस हैं। वहीं, साध्वी ऋतंभरा के आश्रम वात्सल्य गांव की गोशाला में भी गोवंश हैं। अधिकांश गौशाला के पास नहीं है भी समाधि के लिए स्थान
श्री कृष्ण गौशाला के प्रबंधक रामबाबू शर्मा ने बताया वृंदावन में करीब 50 गौशाला हैं जिसमें से करीब 15,16 रजिस्टर्ड हैं। बाकी सभी ऐसे ही चल रही हैं। रामबाबू शर्मा ने बताया कि अधिकांश गौशाला के पास मृत गौवंश का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह नहीं है। उन्होंने किसी गौशाला का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि ज्यादातर गौशाला में मृत होने वाले गौवंश को ऐसे ही फेंक दिया जाता है। मृत गौवंश का किया पोस्टमॉर्टम
शुक्रवार को जंगलों में मिले गौवंश का पशु चिकित्सकों ने मौके पर ही पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम में शामिल पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर राकेश तिवारी से जब इनकी मौत का कारण जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि यह गोपनीय है। लेकिन अधिकांश गौवंश के मृत शरीर को जानवर खा गए हैं। जब उनसे पूछा कि इतनी संख्या में मृत गौवंश मिला है क्या इनकी मृत्यु एक ही दिन में हुई है तो उन्होंने बताया कि यह देखने से नहीं लगता। अब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ग्वालियर से क्या वीडियो जारी किया, ये पढ़िए… इस मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा– मथुरा–वृंदावन में 40 गाय मरी हुई मिली। गो रक्षक जब वहां पहुंचे। गायों के कान पर टैग थे। ऐसे में पहचानने में कोई दिक्कत नहीं थी कि वह किसके संरक्षण में थी। कुछ बच्चों ने कंकाल सड़क पर लाकर रखे। ताकि अधिकारी जांच कर सके। कुछ अधिकारी मौके पर आए। मगर उन्होंने मदद नहीं की। बल्कि गोरक्षकों को पीटा। कई गोरक्षक को चोट आईं। इसमें एक दिव्यांग गोरक्षक भी शामिल हैं। वो लोग यही जानना चाहते थे कि इतनी गाय अचानक कैसे मर गई। ऐसे लोगों को जेल में बंद किया गया। उन्होंने कहा- हमने यूपी गो सेवा आयोग को सूचना दी गई है। उनकी तरफ से अभी तक कोई उत्तर नहीं आया है कि संतोष हो सके। ऐसे में गोरक्षकों में असंतोष पैदा हो रहा है। हम चाहते हैं कि मथुरा–वृंदावन का प्रशासन इस मामले को देखे। गोरक्षकों के कृत्य को अपराध की तरह न देखे। गोरक्षकों को थाने से छोड़कर गायों के बारे में पता करें। गायों के चमड़ा उधेड़ा गया है। हो सकता है कि चमड़ा व्यवसाय करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ———————————————- ये खबर भी पढ़ें :- मथुरा में गायों के कंकाल मिले, प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज : 40 कंकाल को सड़क पर बिखेरा मथुरा में शुक्रवार को 40 गायों के कंकाल मिलने पर बवाल हो गया। आक्रोशित गांव वाले मथुरा-वृंदावन रोड पर कंकाल रखकर धरने पर बैठ गए। इससे 2 किमी लंबा जाम लग गया। पुलिस अफसर लोगों को समझाते रहे। जब लोग जाम हटाने को तैयार नहीं हुए, तो 3 घंटे बाद लाठीचार्ज कर दिया गया। इसमें 4-5 लोग चोटिल हुए हैं। लोगों को खदेड़ने के बाद पुलिस ने गायों के अवशेष अपने कब्जे में लिए हैं। मामला जैंत थाना क्षेत्र का शुक्रवार सुबह का है। यहां एक किलोमीटर एरिया में 5 गोशाला है। इससे कुछ दूरी पर 40 गायों के अवशेष मिले थे। दरअसल, जुमे की नमाज होने के चलते भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। पढ़ें पूरी खबर मथुरा में 40 गायों के कंकाल मिलने पर बवाल हो गया। गांव वालों ने मथुरा-वृंदावन रोड पर गायों के कंकाल रखकर जाम लगा दिया। 5 घंटे तक सड़क 2Km लंबा जाम रहा। पुलिस ने लाठी-चार्ज करके लोगों को खदेड़ दिया। गोरक्षकों ने कहा- गायों का चमड़ा खींचा गया। आंखे निकाली गईं। पुलिस ने 97 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। इसके बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ग्वालियर से VIDEO जारी किया। कहा- गोरक्षकों के हंगामे को समझना चाहिए। यह कोई आपराधिक कृत्य नहीं। उन्हें छोड़ा जाए। इस बीच भास्कर टीम उस एरिया में पहुंची। जहां पर गायों के अवशेष मिले। सामने आया कि इस एरिया के 1 km में 5 गोशाला है। ज्यादातर गोशाला के प्रबंधकों ने नियमों का हवाला देते हुए अंदर नहीं जाने दिया। इतना जरूर बताया गया कि हमारे पास गायों का दफनाने के लिए समाधि स्थल नहीं हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… हंसानंद गोशाला में एक हजार गाय गोशाला के डॉक्टर बोले- यमुना किनारे दफनाते हैं
दैनिक भास्कर की टीम सबसे पहले हासनंद गोशाला पर पहुंची। यहां गोशाला प्रबंधन ने अंदर फोटो वीडियो बनाने से मना कर दिया। लेकिन, जानकारी करने पर पता चला यहां तकरीबन एक हजार गाय हैं। यहां हमारी मुलाकात गोशाला की देखरेख कर रहे डॉक्टर साहिल सागर से हुई। उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। हमने उनसे पूछा-गोशाला में मृत गायों का अंतिम संस्कार कैसे करते हैं? उन्होंने चलते-चलते बताया- यमुना किनारे उनकी जमीन हैं वहां समाधि दी जाती है। इसके आगे उन्होंने कहा- आपको जो भी जानकारी चाहिए…आप लिखित में दें, उसे बाद प्रबंधन के सामने रखेंगे, तब आपको बताया जाएगा। श्री कृष्ण गोशाला हाथरस वाली’ पर बीमार गोवंश की जगह नहीं
हासानंद गोशाला से 100 मीटर आगे ‘श्री कृष्ण गोशाला हाथरस वाली’ पर पहुंचे। यहां दो बाड़ों में गोवंश बंधा हुआ था। 6 कर्मचारी सेवा कर रहे थे। देखभाल कर रहे सुनील चौधरी ने बताया-यहां गोवंश सुरभि गोशाला से आता है। बीमार होने पर वहीं भेज देते हैं। कोई मर भी जाए, तो उसे यमुना किनारे समाधि दे दी जाती है। श्याम गौशाला में मिले 300 गोवंश
हाथरस वाली गौशाला से कुछ दूरी पर श्याम गोशाला है। यहां 300 गोवंश का पालन किया जा रहा है। लेकिन, यहां मृत गोवंश को समाधि देने की जगह नहीं है। इसके बाद टीम मथुरा वृंदावन रोड स्थित श्री कृष्ण गोशाला पहुंची। यहां 307 गोवंश का पालन किया जा रहा है। गोशाला की देखभाल करने वाले रामबाबू शर्मा ने बताया-गोशाला का संचालन करने के लिए प्रबंधन है। जो दान से गोशाला का संचालन करता है। गोवंश के मृत होने पर उन्हें भू समाधि दे दी जाती है। अक्रूर गांव स्थित गोविंद धाम गोशाला में करीब 1900 गोवंश हैं। यहां के प्रबन्धक बलदेव शर्मा ने बताया-उनके यहां 2 एकड़ भूमि है, जहां मृत गोवंशों को उसी भूमि में दफनाया जाता है। गोशाला में बीमार गायों के लिए चिकित्सक और एम्बुलेंस हैं। वहीं, साध्वी ऋतंभरा के आश्रम वात्सल्य गांव की गोशाला में भी गोवंश हैं। अधिकांश गौशाला के पास नहीं है भी समाधि के लिए स्थान
श्री कृष्ण गौशाला के प्रबंधक रामबाबू शर्मा ने बताया वृंदावन में करीब 50 गौशाला हैं जिसमें से करीब 15,16 रजिस्टर्ड हैं। बाकी सभी ऐसे ही चल रही हैं। रामबाबू शर्मा ने बताया कि अधिकांश गौशाला के पास मृत गौवंश का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह नहीं है। उन्होंने किसी गौशाला का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि ज्यादातर गौशाला में मृत होने वाले गौवंश को ऐसे ही फेंक दिया जाता है। मृत गौवंश का किया पोस्टमॉर्टम
शुक्रवार को जंगलों में मिले गौवंश का पशु चिकित्सकों ने मौके पर ही पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम में शामिल पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर राकेश तिवारी से जब इनकी मौत का कारण जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि यह गोपनीय है। लेकिन अधिकांश गौवंश के मृत शरीर को जानवर खा गए हैं। जब उनसे पूछा कि इतनी संख्या में मृत गौवंश मिला है क्या इनकी मृत्यु एक ही दिन में हुई है तो उन्होंने बताया कि यह देखने से नहीं लगता। अब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ग्वालियर से क्या वीडियो जारी किया, ये पढ़िए… इस मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा– मथुरा–वृंदावन में 40 गाय मरी हुई मिली। गो रक्षक जब वहां पहुंचे। गायों के कान पर टैग थे। ऐसे में पहचानने में कोई दिक्कत नहीं थी कि वह किसके संरक्षण में थी। कुछ बच्चों ने कंकाल सड़क पर लाकर रखे। ताकि अधिकारी जांच कर सके। कुछ अधिकारी मौके पर आए। मगर उन्होंने मदद नहीं की। बल्कि गोरक्षकों को पीटा। कई गोरक्षक को चोट आईं। इसमें एक दिव्यांग गोरक्षक भी शामिल हैं। वो लोग यही जानना चाहते थे कि इतनी गाय अचानक कैसे मर गई। ऐसे लोगों को जेल में बंद किया गया। उन्होंने कहा- हमने यूपी गो सेवा आयोग को सूचना दी गई है। उनकी तरफ से अभी तक कोई उत्तर नहीं आया है कि संतोष हो सके। ऐसे में गोरक्षकों में असंतोष पैदा हो रहा है। हम चाहते हैं कि मथुरा–वृंदावन का प्रशासन इस मामले को देखे। गोरक्षकों के कृत्य को अपराध की तरह न देखे। गोरक्षकों को थाने से छोड़कर गायों के बारे में पता करें। गायों के चमड़ा उधेड़ा गया है। हो सकता है कि चमड़ा व्यवसाय करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ———————————————- ये खबर भी पढ़ें :- मथुरा में गायों के कंकाल मिले, प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज : 40 कंकाल को सड़क पर बिखेरा मथुरा में शुक्रवार को 40 गायों के कंकाल मिलने पर बवाल हो गया। आक्रोशित गांव वाले मथुरा-वृंदावन रोड पर कंकाल रखकर धरने पर बैठ गए। इससे 2 किमी लंबा जाम लग गया। पुलिस अफसर लोगों को समझाते रहे। जब लोग जाम हटाने को तैयार नहीं हुए, तो 3 घंटे बाद लाठीचार्ज कर दिया गया। इसमें 4-5 लोग चोटिल हुए हैं। लोगों को खदेड़ने के बाद पुलिस ने गायों के अवशेष अपने कब्जे में लिए हैं। मामला जैंत थाना क्षेत्र का शुक्रवार सुबह का है। यहां एक किलोमीटर एरिया में 5 गोशाला है। इससे कुछ दूरी पर 40 गायों के अवशेष मिले थे। दरअसल, जुमे की नमाज होने के चलते भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर