करनाल में सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा नेताओं की बयानबाजियों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कहा कि भाजपा इतने प्रचंड बहुमत से नहीं बनी है, जितना प्रचंड अहंकार भाजपा के नेता अपने बयानों में दिखा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ बातचीत करे और गतिरोध का समाधान निकाले। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के रूप में एक मजबूत विपक्ष भाजपा के सामने खड़ा किया है। कांग्रेस मुद्दों की लड़ाई लड़ेगी। दीपेंद्र हुड्डा रविवार की देर रात गोगड़ीपुर गांव में तेजिंद्र मान के आवास पर पहुंचे थे, जहां उनका ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। आपको बता दे कि चुनावों से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस गांव में पहुंचे थे। किसानों से बातचीत करे सरकार- हुड्डा शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों के सवाल पर दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से इंसानियत दिखाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ बात करे। सरदार डल्लेवाल 20 दिनों से आमरण अनशन पर है। उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर धरना आज से नहीं बल्कि कई महीनों से चल रहा है और यह धरना उन्हीं बातों को लेकर चल रहा है, जो सरकार के ज्वाइंट सैक्रेटरी स्तर के व्यक्ति ने किसानों से धरना समाप्त करवाते हुए कही थी। अब सरकार अपने वायदे को पूरा करे। किसानों के दिल्ली जाने पर सरकार को होती है तकलीफ- हुड्डा उन्होंने सरकार के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हर वर्ग अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में जाकर धरना प्रदर्शन करता है, लेकिन जब किसान दिल्ली जाकर अपनी बात रखना चाहता हैं, तो सरकार को तकलीफ हो जाती है? यह बात हमारी समझ से परे है। करनाल में सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा नेताओं की बयानबाजियों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कहा कि भाजपा इतने प्रचंड बहुमत से नहीं बनी है, जितना प्रचंड अहंकार भाजपा के नेता अपने बयानों में दिखा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ बातचीत करे और गतिरोध का समाधान निकाले। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के रूप में एक मजबूत विपक्ष भाजपा के सामने खड़ा किया है। कांग्रेस मुद्दों की लड़ाई लड़ेगी। दीपेंद्र हुड्डा रविवार की देर रात गोगड़ीपुर गांव में तेजिंद्र मान के आवास पर पहुंचे थे, जहां उनका ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। आपको बता दे कि चुनावों से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस गांव में पहुंचे थे। किसानों से बातचीत करे सरकार- हुड्डा शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों के सवाल पर दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से इंसानियत दिखाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ बात करे। सरदार डल्लेवाल 20 दिनों से आमरण अनशन पर है। उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर धरना आज से नहीं बल्कि कई महीनों से चल रहा है और यह धरना उन्हीं बातों को लेकर चल रहा है, जो सरकार के ज्वाइंट सैक्रेटरी स्तर के व्यक्ति ने किसानों से धरना समाप्त करवाते हुए कही थी। अब सरकार अपने वायदे को पूरा करे। किसानों के दिल्ली जाने पर सरकार को होती है तकलीफ- हुड्डा उन्होंने सरकार के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हर वर्ग अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में जाकर धरना प्रदर्शन करता है, लेकिन जब किसान दिल्ली जाकर अपनी बात रखना चाहता हैं, तो सरकार को तकलीफ हो जाती है? यह बात हमारी समझ से परे है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का लोकसभा चुनाव पर मंथन:8 उम्मीदवार ही पहुंचे, सैलजा ने बनाई दूरी, 3 जगह से भीतरघात की रिपोर्ट हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने आज लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के साथ मंथन किया। इस बैठक में हरियाणा से 9 प्रत्याशियों को बुलाया गया था और एक सीट गठबंधन की होने के कारण उस पर फीडबैक नहीं मिल पाया। कुल 9 प्रत्याशियों को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया था। बाबरिया ने बैठक तो नहीं की, लेकिन प्रत्याशियों और जीते हुए सांसदों से एक-एक कर बात की। खास बात यह रही कि सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा दीपक बाबरिया के साथ विचार-विमर्श में शामिल नहीं हुईं। प्रदेश प्रभारी ने सिरसा को छोड़कर सभी जगहों से रिपोर्ट ली। सबसे खराब रिपोर्ट भिवानी और करनाल से मिली है, यहां के उम्मीदवारों ने भीतरघात की रिपोर्ट दी। वहीं हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी ने भी भीतरघात की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि हिसार के बड़े नेताओं ने साथ नहीं दिया अगर साथ दिया होता तो जीत का मार्जन और बड़ा होता। इतना ही नहीं कुछ नेताओं के भाजपा प्रत्याशी की मदद करने की बात रिपोर्ट में कही गई है। इसी तरह गुरुग्राम में भी स्थानीय नेताओं के अहीरवाल क्षेत्र में साथ नहीं देने की बात सामने आई है। हाईकमान को सौंपी जाएगी रिपोर्ट कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की ओर से बनाई गई रिपोर्ट कल कांग्रेस हाई कमान को सौंपी जाएगी। बाबरिया ने उम्मीदवारों से आगामी विधानसभा के संभावित नामों पर चर्चा भी की ओर उनकी तरफ से हर विधानसभा में कौन बेहतर उम्मीदवार हो सकता है। इसके नाम भी पूछे। वहीं चुनाव में बढ़चढ़ कर काम करने वाले नेताओं और काम न करने वाले नेताओं व भीतरघात करने वालों के नाम भी उम्मीदवारों ने बताए। अब इसकी रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी कल हाईकमान से होनी वाली बैठक में रखेंगे। हाई कमान आज करेगा बैठक, 30 नेताओं को बुलाया कांग्रेस हाई कमान आज दिल्ली में हरियाणा लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन करेगा। इसमें खास तौर पर हारने वाली सीटों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़, करनाल और कुरूक्षेत्र सीट पर विस्तृत चर्चा होगी। इस बैठक में 10 लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी, सांसद, 3 बार के विधायक, 3 बार के पूर्व विधायक, कांग्रेस के प्रदेश सचिव सहित कुल 30 नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे शामिल होंगे। खास बात यह है कि इस बैठक में बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया है। कांग्रेस इन कारणों से 5 सीटों पर हार गई… 1. करनाल में कमजोर कैंडिडेट
कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट पर अपने यूथ विंग के नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दिया। दिव्यांशु के नाम का ऐलान होते ही क्लियर हो गया था कि कांग्रेस ने इस सीट पर BJP के मनोहर लाल खट्टर को एक तरह से वॉकओवर दे दिया है। करनाल के कांग्रेसी नेताओं के तमाम तरह के असहयोग के बावजूद दिव्यांशु 4 लाख 79 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे। अगर कांग्रेस इस सीट पर किसी बड़े चेहरे को उतारती और करनाल के नेता उसका साथ देते तो भाजपा को यहां परेशानी हो सकती थी। 2. गुटबाजी भारी पड़ी
हरियाणा में कांग्रेसी नेताओं की धड़ेबंदी जगजाहिर है और पार्टी ने इसका नुकसान कम से कम 2 सीटें गवांकर चुकाया। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मंत्री किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। किरण चौधरी ने तो हुड्डा कैंप पर उनकी सियासी हत्या की साजिश रचने जैसे आरोप तक लगा डाले। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राव दान सिंह की हार का अंतर 41 हजार 510 वोट रहा। भिवानी जिले की 3 में से 2 सीटों पर भाजपा को लीड मिली। इनमें किरण चौधरी की तोशाम सीट शामिल रही। अगर पार्टी के नेता एकजुटता दिखाते तो यहां रिजल्ट कांग्रेस के पक्ष में भी आ सकता था। गुरुग्राम सीट पर भी यही कहानी रही। यहां कांग्रेस कैंडिडेट राज बब्बर 75 हजार वोट से हारे। लालू यादव के समधी कैप्टन अजय यादव इस सीट पर लंबे अर्से से एक्टिव थे लेकिन पार्टी ने ऐन मौके पर उनकी जगह राज बब्बर को टिकट थमा दिया। इससे कैप्टन नाराज हो गए। राज बब्बर की इलेक्शन कैंपेनिंग के दौरान अजय यादव बहुत कम मौकों पर नजर आए। फरीदाबाद सीट पर भी टिकट न मिलने के कारण पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण दलाल की नाराजगी देखने को मिली। 3. पार्टी के भीतर चौधर की लड़ाई लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं के बीच चलने वाली चौधर की लड़ाई भी जमकर देखने को मिली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह शुरू से आखिर तक बांगर बेल्ट में हिसार के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को नीचा दिखाने की कोशिश करते नजर आए। हालांकि चुनाव नतीजों में जेपी को सबसे बड़ी लीड बीरेंद्र सिंह के गढ़ उचाना से ही मिली। जयप्रकाश जेपी के हुड्डा कैंप से जुड़े होने के कारण सैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला की तिकड़ी ने हिसार में एक सभा तक नहीं की। सैलजा सिरसा तक सिमटी रही तो रणदीप सिरसा के अलावा कुरुक्षेत्र एरिया में एक्टिव रहे। 4. चुनाव चिन्ह गायब होने से गठबंधन की कीमत चुकाई कांग्रेस ने I.N.D.I.A. अलायंस के तहत कुरूक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को दी। इसलिए यहां कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गायब रहा। आम आदमी पार्टी से उसकी हरियाणा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता कुरूक्षेत्र के रण में उतरे तो पार्टी की पूरी लीडरशिप यहां डट गई। कांग्रेस से भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला ने सुशील गुप्ता के लिए प्रचार किया लेकिन राज्य की दूसरी किसी सीट पर AAP नेताओं ने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए ऐसा जोर नहीं लगाया। ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि AAP ने बाकी 9 सीटों पर अपना कितना वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में शिफ्ट कराया? हां, कुरूक्षेत्र में सुशील गुप्ता को कांग्रेसी कैडर के वोट जरूर मिले।
हरियाणा में 2 ट्रेनों के संचालन समय में परिवर्तन:ओखा-दिल्ली सराय और वलसाड-भिवानी शामिल; अजमेर-चंडीगढ़ गरीब LHB रैक से चलेगी
हरियाणा में 2 ट्रेनों के संचालन समय में परिवर्तन:ओखा-दिल्ली सराय और वलसाड-भिवानी शामिल; अजमेर-चंडीगढ़ गरीब LHB रैक से चलेगी हरियाणा में रेवाड़ी जंक्शन के रास्ते चलने वाली ओखा-दिल्ली सराय एवं वलसाड-भिवानी स्पेशल ट्रेन के मार्ग में पड़ने वाले कुछ स्टेशन पर संचालन समय में आंशिक परिवर्तन किया गया है। इसके अलावा रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा को लेकर अजमेर-चंडीगढ-अजमेर गरीब रथ ट्रेन को एलएचबी रैक से संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इन दो ट्रेनों के संचालन में आंशिक परिवर्तन 1. गाड़ी संख्या 09523, ओखा-दिल्ली सराय स्पेशल ट्रेन ओखा से प्रस्थान करेगी, उसके मार्ग में किशनगढ, जयपुर, गांधीनगर जयपुर, दौसा, बांदीकुई, अलवर व खैरथल स्टेशनों पर संचालन में आंशिक परिवर्तन किया जा रहा है। 2. गाड़ी संख्या 09007, वलसाड-भिवानी स्पेशल ट्रेन वलसाड से प्रस्थान करेगी, उसके मार्ग में रेवाड़ी, कोसली व चरखी दादरी स्टेशन पर संचालन में आंशिक परिवर्तन किया जा रहा है। गरीब रथ एलएचबी रैक से चलेगी वहीं उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, गाड़ी संख्या 12983/12984, अजमेर-चंडीगढ़-अजमेर गरीब रथ ट्रेन अजमेर से 14 जुलाई से और चंडीगढ़ से 15 जुलाई से एलएचबी कोच से संचालित होगी। परिवर्तन के बाद इस ट्रेन में एलएचबी रैक के 15 थर्ड एसी इकोनोमी व 2 पॉवरकार डिब्बों सहित कुल 17 डिब्बें होंगे।
राव इंद्रजीत ने हरियाणा CM कुर्सी की दावेदारी छोड़ी:बोले- शाह सैनी का फैसला कर चुके; कैबिनेट मंत्री न बनाने पर बोले- रोष तो है
राव इंद्रजीत ने हरियाणा CM कुर्सी की दावेदारी छोड़ी:बोले- शाह सैनी का फैसला कर चुके; कैबिनेट मंत्री न बनाने पर बोले- रोष तो है हरियाणा के गुरुग्राम से सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने CM कुर्सी पर दावेदारी छोड़ दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पंचकूला में नायब सैनी के नाम के ऐलान के बाद वे पीछे हट गए हैं। हिसार में एक कार्यक्रम में राव इंद्रजीत ने कहा कि इसका फैसला हो चुका। नायब सैनी ही अगुआई करेंगे। इस दौरान बार-बार राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी राव इंद्रजीत का दर्द छलका। वहीं उन्होंने हरियाणा BJP के भीतर गुटबाजी को भी खुले तौर पर स्वीकार कर सबको चौंका दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अभी तो यह गुटबाजी और बढ़ेगी। राव इंद्रजीत से पूछे 3 सवाल और उनके जवाब 1. राव इंद्रजीत से पूछा गया कि वह सीनियर BJP नेता हैं। उनके समर्थक चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनें?
इसके जवाब में राव ने कहा- यह पार्टी का फैसला होता है। पिछले दिनों पंचकूला में अमित शाह आए थे। उन्होंने फैसला कर लिया कि नायब सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा, तो यह फैसला हो चुका है। 2. आपको कैबिनेट मंत्री भी नहीं बनाया गया, राज्य मंत्री का ही दर्जा दिया गया?
इस पर राव इंद्रजीत ने कहा- ” जी हां, रोष तो है ही, सबसे पुराना बार-बार राज्य मंत्री बनने वाला कोई है तो वह शायद मैं ही हूं।” 3. BJP में गुटबाजी हो रही है, गुरुग्राम में आपको इसका सामना करना पड़ा?
राव इंद्रजीत ने कहा- हर पार्टी में थोड़ी-बहुत होती है। कांग्रेस में भी गुटबाजी है। मैं वहां रह चुका हूं। 34 साल मैंने कांग्रेस में गुजारे। वहां भी गुटबाजी का शिकार रहा। यहां पर भी गुटबाजी हो रही है। BJP नई पार्टी है। जैसे और टाइम गुजरेगा, हरियाणा में और गुटबाजी उभरकर आएगी। राव इंद्रजीत का नाम CM दावेदारी में कैसे आया?
राव इंद्रजीत गुरुग्राम से कांग्रेस के राज बब्बर को हराकर छठी बार सांसद बने। जीत के बाद राव इंद्रजीत ने समर्थकों को संबोधित किया। जिसमें राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- ”हरियाणा के इलेक्शन के लिए हमने तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहता हैं।” उनके सत्तासीन होने के बयान को CM कुर्सी से जोड़कर देखा गया। इसके बाद हिसार की यादव सभा ने मांग की कि राव इंद्रजीत को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। राज्य मंत्री को लेकर नाराजगी क्यों?
राव इंद्रजीत छठी बार सांसद चुने गए हैं। केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली पिछली 2 सरकार में वह राज्यमंत्री रहे। इस बार उम्मीद थी कि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। इसके बावजूद वह केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ही बन पाए। इसके उलट करनाल से पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। खट्टर को नरेंद्र मोदी के साथ संगठन में काम करते वक्त की नजदीकी का फायदा मिला। राव से पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर भी कैबिनेट मंत्री न बनाने का मलाल जता चुके हैं। राव इंद्रजीत के पिता के बाद दक्षिणी हरियाणा से दूसरा CM नहीं बना
दक्षिणी हरियाणा में 14 सीटें आती है। इनमें 11 सीटें यादव बाहुल्य हैं। वहीं दक्षिणी हरियाणा ही सूबे की राजनीति का केंद्र रहा है। राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह ऐसे पहले नेता थे, जो इस इलाके से मुख्यमंत्री बने। इसके बाद इस इलाके से कोई दूसरा नेता सीएम पद तक नहीं पहुंचा। राव इंद्रजीत सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।