पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले नगर निगम और नगर परिषद चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में राज्य चुनाव आयुक्त राज कुमार चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर चुनाव में गुंडागर्दी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस सरकार के इशारे पर काम कर रही है। उनके उम्मीदवारों के साथ मारपीट की गई। उन्हें नामांकन भी दाखिल नहीं करने दिया गया। पटियाला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के सिर्फ 33 उम्मीदवार ही नामांकन दाखिल कर पाए। जबकि पांच साल पहले हुए चुनाव में कांग्रेस के 60 सीटों पर पार्षद थे। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह हाईकोर्ट गए हैं। अब वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। प्रत्याशियों के पर्चे फाड़े, लोगों को पीटा मीडिया से बातचीत में बाजवा ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशियों को पर्चा भरने नहीं दिया गया। प्रत्याशियों के पर्चे फाड़े गए। नामांकन कार्यालय के बाहर प्रत्याशी के पिता के साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले पटियाला नगर निगम में हुए चुनाव में 60-60 प्रत्याशी जीते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस हर जगह चुनाव नहीं लड़ पा रही है। सिर्फ 33 प्रत्याशी ही चुनाव लड़ रहे हैं। 27 के पर्चे रद्द कर दिए गए हैं। यह बहुत घटिया राजनीति है। उन्होंने कहा कि वह अपने प्रत्याशियों को उनका हक दिलाकर रहेंगे। हाईकोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग से मिले बाजवा ने कहा कि हम इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट गए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेज दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले अपना पक्ष रखें। जबकि उनकी याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से थोड़ी देर में फैसला आने वाला है। वहीं, यूथ कांग्रेस पंजाब के अध्यक्ष मोहित शाम को सुप्रीम कोर्ट के वकील से मिलने जा रहे हैं। इस तरह की धक्का-मुक्की उचित नहीं है। हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जा रहे हैं। इसी तरह देवीगढ़ और सनौर में भी एकमतता दिखाई जा रही है। भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल किस तरह की राजनीति कर रहे हैं? इससे पहले पंचायत चुनाव में धक्का-मुक्की की गई थी। पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाले नगर निगम और नगर परिषद चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में राज्य चुनाव आयुक्त राज कुमार चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर चुनाव में गुंडागर्दी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस सरकार के इशारे पर काम कर रही है। उनके उम्मीदवारों के साथ मारपीट की गई। उन्हें नामांकन भी दाखिल नहीं करने दिया गया। पटियाला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के सिर्फ 33 उम्मीदवार ही नामांकन दाखिल कर पाए। जबकि पांच साल पहले हुए चुनाव में कांग्रेस के 60 सीटों पर पार्षद थे। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह हाईकोर्ट गए हैं। अब वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। प्रत्याशियों के पर्चे फाड़े, लोगों को पीटा मीडिया से बातचीत में बाजवा ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशियों को पर्चा भरने नहीं दिया गया। प्रत्याशियों के पर्चे फाड़े गए। नामांकन कार्यालय के बाहर प्रत्याशी के पिता के साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले पटियाला नगर निगम में हुए चुनाव में 60-60 प्रत्याशी जीते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस हर जगह चुनाव नहीं लड़ पा रही है। सिर्फ 33 प्रत्याशी ही चुनाव लड़ रहे हैं। 27 के पर्चे रद्द कर दिए गए हैं। यह बहुत घटिया राजनीति है। उन्होंने कहा कि वह अपने प्रत्याशियों को उनका हक दिलाकर रहेंगे। हाईकोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग से मिले बाजवा ने कहा कि हम इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट गए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेज दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले अपना पक्ष रखें। जबकि उनकी याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से थोड़ी देर में फैसला आने वाला है। वहीं, यूथ कांग्रेस पंजाब के अध्यक्ष मोहित शाम को सुप्रीम कोर्ट के वकील से मिलने जा रहे हैं। इस तरह की धक्का-मुक्की उचित नहीं है। हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जा रहे हैं। इसी तरह देवीगढ़ और सनौर में भी एकमतता दिखाई जा रही है। भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल किस तरह की राजनीति कर रहे हैं? इससे पहले पंचायत चुनाव में धक्का-मुक्की की गई थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
गुरदासपुर में चौथे नंबर की पार्टी बनी अकाली दल:सुजानपुर से सबसे कम- डेरा बाबा नानक में अधिक वोट, बड़े नेता नहीं दिला सके जीत
गुरदासपुर में चौथे नंबर की पार्टी बनी अकाली दल:सुजानपुर से सबसे कम- डेरा बाबा नानक में अधिक वोट, बड़े नेता नहीं दिला सके जीत लोकसभा हलका गुरदासपुर में चुनाव के जो परिणाम आए हैं, उसमें सभी राजनीतिक पार्टियों में से अकाली दल का प्रदर्शन हर हलके से खराब रहा है। जिस कारण यह पार्टी चौथे नंबर पर पहु़ंच गई है। अकाली दल के सबसे कद्दावर नेता व कोर कमेटी के सदस्य डा. दलजीत सिंह चीमा का यह गृह जिला है और सुखबीर सिंह बादल सहित बिक्रमजीत मजीठिया जैसे नेताओं ने ढेरों रैलियां करके काफी बड़ा चुनाव प्रचार किया था। पंजाब की पंथक पार्टी कहलवाने वाली शिरोमणि अकाली दल का रुझान लोकसभा चुनावों में अन्य पार्टियों से खराब रहा और चुनावों में चौथे नंबर पर पहुंच गई, जबकि पूरे चुनाव प्रचार में अकाली दल की सभी हलकों की रैलियों में भारी भरकम भीड़ देखने को मिली और पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल और बिक्रमजीत सिंह मजीठिया जैसे बड़े नेताओं ने रोड शो से लेकर बड़ी रैलियां की, इसके बावजूद अकाली दल का प्रदर्शन सभी पार्टियों से निचले स्तर पर रहा। सबसे ज्यादा डेरा बाबा नानक तो सबसे कम सुजानपुर में वोट चुनावी रुझानों के आंकड़ों के अनुसार, लोकसभा हलका गुरदासपुर से अकाली दल के डा दलजीत सिंह चीमा को सबसे कम वोट सुजानपुर से और सबसे ज्यादा वोट डेरा बाबा नानक में वोट पड़े। बाकी हलको में भी अकाली दल केडर वोट ही अकाली दल को नहीं पड़ी, जिसके कारण पूरे राजनीतिक समीकरण ही बदल गए। कहां से कितने वोट मिले अकाली दल को सुजानपुर से 1938, भोआ से 2825, पठानकोट से 2001, गुरदासपुर से 10233, दीनानागर से 9059, कादिया से 15568, बटाला से 10758, फतेहगढ़ चुडि़यां से 15713 तथा डेरा बाबा नानक से 17099 वोट मिले। इन आंकड़ों में एक बात और देखने वाली है। जिला पठानकोट में अभी भी अकाली दल अपना केडर पूरी तरह से खड़ा नहीं कर पाया है। जिला पठानकोट के तीन हलकों से जिस प्रकार से रिजल्ट आए हैं, उसके मुताबिक अकाली इन इलाकों में नाममात्र है।
पंजाब की बाबा फरीद-सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 2 प्रोफेसर गिरफ्तार:हिमाचल की यूनिवर्सिटी से साढ़े 3 लाख रिश्वत ली; सूटकेस में छिपाकर लाते धर्मशाला में पकड़े
पंजाब की बाबा फरीद-सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 2 प्रोफेसर गिरफ्तार:हिमाचल की यूनिवर्सिटी से साढ़े 3 लाख रिश्वत ली; सूटकेस में छिपाकर लाते धर्मशाला में पकड़े हिमाचल प्रदेश में विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ने पंजाब के 2 प्रोफेसरों को गिरफ्तार किया है। ये प्रोफेसर बाबा फरीद यूनिवर्सिटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के हैं। इन दोनों ने पालमपुर की साई यूनिवर्सिटी को इंस्पेक्शन में फेवर के बदले 3.50 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। विजिलेंस जांच के मुताबिक, इन दोनों प्रोफेसरों को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने साई बाबा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन रिसर्च में इंस्पेक्शन के लिए नियुक्त किया था। इसमें गलत लाभ पहुंचाने के लिए उन्होंने साई यूनिवर्सिटी से यह रिश्वत ली है। पकड़े गए आरोपियों में 2 प्रोफेसरों के अलावा उनका ड्राइवर भी शामिल है। गिरफ्तारी की पूरी कहानी पढ़ें… रुपए लेकर क्रेटा कार से जा रहे थे
धर्मशाला एंटी करप्शन ब्यूरो के मुताबिक उन्हें सूचना मिली कि पंजाब नंबर की क्रेटा कार में पीबी-04 -एजी-2160 में सवार होकर इंस्पेक्शन टीम जवालीजी, देहरा की ओर जा रहे हैं। अगर कार को अभी रोक कर चेक किया जाए तो काफी मात्रा में कैश बरामद हो सकता है। जिस पर तत्काल रक्कड़ पुलिस स्टेशन को सूचित किया गया। हिरासत में लिए तो 2 प्रोफेसर निकले
रक्कड़ पुलिस ने कार में सवार 3 लोगों को हिरासत में ले लिया। इनमें बाबा फरीद यूनिवर्सिटी फरीदकोट के एसोसिएट प्रोफेसर राकेश चावला, सेंट्रल यूनिवर्सिटी घुद्दा (बठिंडा) के प्रोफेसर पुनीत कुमार और कार ड्राइवर जसकरण सिंह शामिल थे। सूटकेस के अंदर पॉलिथीन-तौलिए में छुपाई थी रकम
विजिलेंस टीम ने कार की तलाशी ली तो कार से राकेश चावला के चॉकलेट ब्राउन रंग का सूटकेस मिला। उसके अंदर रखे पॉलिथीन से 1.70 लाख रुपए बरामद हुए। इन नोटों की गड्डियों पर एक्सिस बैंक पालमपुर ब्रांच की स्लिप लगी हुई थी। उन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया। जांच में पता चला कि यह सारा कैश पालमपुर शाखा से 9 अगस्त को ही विदड्रॉ किया गया था। इसके बाद टीम ने प्रोफेसर पुनीत कुमार के मैरून रंग के सूटकेस की तलाशी ली तो तौलिए में लपेटकर रखे गए 1.80 लाख रुपए बरामद हुए। टीम ने जब दोनों आरोपियों से पूछताछ की तो वह रुपयों को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। पुलिस ने कैश, लैपटॉप, मोबाइल और कार जब्त की
जिसके बाद पुलिस ने क्रेटा कार के ड्राइवर जसकरण सिंह, राकेश चावला निवासी न्यू फ्लैट्स GSS कॉम्प्लेक्स कॉलोनी फरीदकोट, पंजाब और पुनीत कुमार निवासी केसी रोड कॉलोनी, जिला बरनाला पंजाब को गिरफ्तार कर लिया। उनसे कुल 3.50 लाख रुपए कैश, एक लैपटॉप, 2 मोबाइल और कार भी जब्त की गई। उनके खिलाफ विजिलेंस के धर्मशाला थाना में भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो धर्मशाला के ASP बद्री सिंह ने बताया है कि दोनों आरोपियों को धर्मशाला की विशेष अदालत ने 3 दिन की विजिलेंस रिमांड पर भेजा है।
कपूरथला में किसान की गोली मारकर हत्या:बेटा बोला- 25 एकड़ जमीन पर कब्जा करने आए थे आरोपी, कहासुनी के बाद की वारदात
कपूरथला में किसान की गोली मारकर हत्या:बेटा बोला- 25 एकड़ जमीन पर कब्जा करने आए थे आरोपी, कहासुनी के बाद की वारदात कपूरथला के गांव झल्ल ठीकरीवाल में देर शाम एक किसान के सिर पर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। मिली जानकारी के अनुसार हत्या जमीनी विवाद को लेकर की गई है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए कपूरथला के सिविल अस्पताल में भेज दिया गया है। इस मामले में कपूरथला पुलिस ने गांव बल्टोहा के रहने वाले रतन सिंह पुत्र आत्मा सिंह, मोगा के तरसेम सिंह पुत्र बिंदर, बग्गा सिंह और उसका भाई पुत्र नाहर सिंह वासी गांव झल ठीकरीवाल के खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसकी पुष्टि डीएसपी सब-डिवीजन दीपकरण सिंह ने की है। उन्होंने बताया कि आज डॉक्टरों के पैनल मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। 60 साल के किसान के सिर में लगी गोली थाना कोतवाली के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर बलवीर कुमार कहा- मंगलवार देर शाम गांव झल्ल ठीकरीवाल में दो पक्षों में चल रहे जमीनी विवाद को लेकर दोनो पक्षों में झगड़ा हो गया था। मामला इतना बढ़ गया कि एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। जिसमें 60 साल के किसान जसपाल सिंह को गोली लगी। जसपाल को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 25 एकड़ जमीन को लेकर है विवाद गांव सुखिया नंगल के रहने वाले मृतक के बेटे गुरमुख सिंह ने पुलिस को बताया कि उन्होंने पिछले 8-9 वर्ष से गांव की टिकरी वालों में 25 एकड़ भूमि ठेके पर ली हुई है। जिसमें वह खेती करते हैं। 22 अक्टूबर को दोपहर बाद वह अपने पिता जसपाल सिंह के साथ अपनी वॉक्सवेगन गाड़ी (PB-08-DU-8818) पर सवार हो कर झल ठीकरीवाल में खेतो को देखने गए थे। तभी वहां जमीन पर कब्जा करने की नीयत से पहुंचे हुए रतन सिंह, तरसेम सिंह, बग्गा सिंह, उसका भाई तथा एक अज्ञात खड़े थे। अज्ञात ने उनकी गाड़ी के नजदीक आकर उसके पिता को गोली मार दी। और सभी मोके से फरार हो गए। गोली लगने से घायल हुए किसान जसपाल सिंह को तुरंत सिविल अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। जहां डयूटी डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। कपूरथला पुलिस मामले में हत्यारोपियों की तलाश कर रही है।