डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खडूर साहिब से सांसद बनने के बाद अब उसके साथियों ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) की धाराओं में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल के साथी दलजीत सिंह कलसी व कुलवंत सिंह राउके ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अन्य साथी प्रधानमंत्री बाजेके इस बारे में पहले ही घोषणा कर चुका है। अमृतपाल सिंह के साथी व पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े रहे दलजीत सिंह कलसी ने सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। जबकि कुलवंत सिंह राउके पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर के सांसद बनने के बाद खाली हुई बरनाला सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। अमृतपाल की जीत के बाद बड़े हौसले अमृतपाल सिंह ने डिब्रूगढ़ जेल में रहते हुए खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसकी जीत का अंतर पंजाब में सबसे अधिक रहा। अमृतपाल सिंह की ये जीत 1.97 लाख वोटों से थी। बिना किसी पार्टी के सपोर्ट और सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टियों को पीछे करते हुए अमृतपाल सिंह पहले नंबर पर रहे। इस जीत के बाद अब अमृतपाल सिंह के साथियों के भी हौसले बुलंद हो चुके हैं। यही कारण है कि अब एक-एक कर अमृतपाल सिंह के साथी पंजाब विधानसभा में आजाद खड़ा होना चाहते हैं। बाजेके भी विधायक बनने का चाहवान अमृतपाल के हक में वीडियो डालने व राज्य सरकार को निशाना बनाने के लिए रील बनाने वाले भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके पहले से ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। कांग्रेस के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के लुधियाना से सांसद चुने जाने के बाद से उनकी गिद्दड़बाहा सीट खाली हो चुकी है। बाजेके पहला इंसान था, जिसने अमृतपाल की लोकसभा सीट खडूर साहिब से जीत के बाद विधानसभा उप-चुनाव के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खडूर साहिब से सांसद बनने के बाद अब उसके साथियों ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) की धाराओं में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल के साथी दलजीत सिंह कलसी व कुलवंत सिंह राउके ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अन्य साथी प्रधानमंत्री बाजेके इस बारे में पहले ही घोषणा कर चुका है। अमृतपाल सिंह के साथी व पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े रहे दलजीत सिंह कलसी ने सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। जबकि कुलवंत सिंह राउके पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर के सांसद बनने के बाद खाली हुई बरनाला सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। अमृतपाल की जीत के बाद बड़े हौसले अमृतपाल सिंह ने डिब्रूगढ़ जेल में रहते हुए खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उसकी जीत का अंतर पंजाब में सबसे अधिक रहा। अमृतपाल सिंह की ये जीत 1.97 लाख वोटों से थी। बिना किसी पार्टी के सपोर्ट और सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टियों को पीछे करते हुए अमृतपाल सिंह पहले नंबर पर रहे। इस जीत के बाद अब अमृतपाल सिंह के साथियों के भी हौसले बुलंद हो चुके हैं। यही कारण है कि अब एक-एक कर अमृतपाल सिंह के साथी पंजाब विधानसभा में आजाद खड़ा होना चाहते हैं। बाजेके भी विधायक बनने का चाहवान अमृतपाल के हक में वीडियो डालने व राज्य सरकार को निशाना बनाने के लिए रील बनाने वाले भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके पहले से ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। कांग्रेस के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के लुधियाना से सांसद चुने जाने के बाद से उनकी गिद्दड़बाहा सीट खाली हो चुकी है। बाजेके पहला इंसान था, जिसने अमृतपाल की लोकसभा सीट खडूर साहिब से जीत के बाद विधानसभा उप-चुनाव के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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भास्कर अपडेट्स:हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाई; पंजाब में पूर्व कांग्रेसी मंत्री और महिला ACP गिरफ्तार
भास्कर अपडेट्स:हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाई; पंजाब में पूर्व कांग्रेसी मंत्री और महिला ACP गिरफ्तार हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी का चेयरमैन अजय माकन को बनाया गया है। हरियाणा को लेकर बनाई गई कमेटी में 3 सदस्य भी शामिल किए गए हैं। जिसमें जिग्नेश मेवानी, श्रीनिवास बीवी और मणिकम टैगोर शामिल हैं। यह कमेटी अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर नेताओं की दावेदारी परखेगी। टिकट वितरण को लेकर भी यह कमेटी दावेदारों और कांग्रेस हाईकमान के बीच कड़ी के तौर पर काम करेगी। इससे पहले कांग्रेस ने 45 मेंबरी एक कमेटी का गठन किया था, जिसकी 10 अगस्त को दिल्ली में मीटिंग दिल्ली में बुलाई गई है। इस मीटिंग में टिकट को लेकर आए आवेदनों को लेकर चर्चा की जाएगी। पंजाब पुलिस की लेडी ACP रिश्वत लेते गिरफ्तार, रीडर भी पकड़ा गया पंजाब के लुधियाना में विजिलेंस ब्यूरो ने 30 हजार की रिश्वत लेते लेडी ACP निर्दोष कौर और उसके रीडर बेअंत सिंह को गिरफ्तार किया है। यह दोनों लुधियाना वुमेन सेल में तैनात थे। दोनों की गिरफ्तारी बठिंडा के प्रीतपाल कुमार की शिकायत पर हुई है। विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता के मुताबिक प्रीतपाल ने बताया कि उसके भांजे अश्विनी कुमार की शादी लुधियाना की लड़की से हुई थी। बाद में दोनों के रिश्ते बिगड़ गए। लड़की ने लुधियाना वुमन सैल में शिकायत कर दी। जांच के दौरान रीडर बेअंत सिंह ने उसे ACP निर्दोष कौर से मिलवाया। जिसके बाद रीडर ने उसे कहा कि अगर वह लड़की की अश्विनी कुमार के खिलाफ की शिकायत लेना चाहता है तो उसे 1 लाख रुपए देने होंगे। उसके विनती करने के बाद रीडर 60 हजार में काम करने को राजी हो गया। जिसके बाद रिश्वत के 30 हजार लेते हुए विजिलेंस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस के मुताबिक रीडर ने रिश्वत ली और उसे एसीपी को दिया। पंजाब के पूर्व कांग्रेसी मंत्री आशु गिरफ्तार, मंत्री रहते 2 हजार करोड़ टेंडर घोटाले के आरोप लगे पंजाब के पूर्व कांग्रेसी मंत्री भारत भूषण आशु को एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। आशु पंजाब प्रदेश कांग्रेस के वर्किंग प्रधान भी हैं। आशु को ED ने पूछताछ के लिए जालंधर ऑफिस बुलाया था। जहां दिन भर उनसे पूछताछ हुई। जवाब से संतुष्ट न होने पर देर शाम को ईडी ने आशु को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस बारे में अभी ईडी का कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। ईडी सूत्रों के मुताबिक आशु को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि पिछली कांग्रेस सरकार में आशु फूड एंड सिविल सप्लाई मंत्री थे। तब उन पर 2 हजार करोड़ टेंडर घोटाले के आरोप लगे थे। पंजाब की AAP सरकार ने भी आशु के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिस मामले में वह जेल में भी रहे और अब जमानत पर बाहर हैं। बता दें कि आशु को लुधियाना से सांसद रहे रवनीत बिट्टू का करीबी माना जाता है। बिट्टू ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा जॉइन कर ली थी। हालांकि वह लुधियाना से लोकसभा चुनाव तो नहीं जीत सके लेकिन भाजपा ने सिख चेहरे के तौर पर उन्हें केंद्र सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया है। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा भाजपा ने IT सेल में नियुक्तियां कीं, विधानसभा चुनाव की तैयारी हरियाणा में ढाई महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सोशल मीडिया पर फोकस करेगी। इसी को देखते हुए संगठन विस्तार के तहत IT डिपार्टमेंट में बंपर भर्तियां की हैं। प्रदेश के IT प्रमुख आदित्य चावला की ओर से 6 प्रदेश सह-प्रमुख बनाए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश की सभी 10 लोकसभाओं में 17 IT प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। पानीपत में मोर्चा का एक IT प्रमुख बनाया गया है। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा कांग्रेस ने स्ट्रेटजी कमेटी बनाई, विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाएगी हरियाणा में साल के लास्ट में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस जुट गई है। इसे लेकर हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान की ओर से लंबी चौड़ी स्ट्रेटजी कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में 45 बड़े चेहरों को जगह दी गई है। कमेटी का चेयरमैन हरियाणा के पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया को बनाया गया है। पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सदस्य के रूप में जगह मिली है। सबसे अहम बात यह है कि इस कमेटी में कुमारी सैलला, रणदीप सुरजेवाला को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा में भाजपा की राह पर कांग्रेस, बूथ कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए बीजेपी ने शुरू से ही बूथ मैनेजमेंट के दम पर सत्ता हासिल करने की कोशिश की है। इसी के चलते अब कांग्रेस भी उसी राह पर अपने कदम आगे बढ़ाने जा रही है। इसके लिए उसने प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए कोआर्डिनेटर की नियुक्ति की है। इसके माध्यम से वह अपने बूथ की स्थिति सुधारने के साथ ही बूथ कमेटी का गठन करेगी। कोआर्डिनेटर टिकट ऐलान होने से पहले सभी संभावित दावेदारों को साथ लेकर पार्टी को मजबूत करने के लिए धरातल पर उतरेंगे। इसे लेकर रविवार को कांग्रेस बूथ स्तर की मीटिंग करने जा रही है। गुरुग्राम विधानसभा का कोआर्डिनेटर गजेंद्र चौहान को बनाया गया है। पूरी खबर पढ़ें… फतेहगढ़ साहिब के स्कूल में आग, 10 बच्चे अस्पताल में भर्ती कुछ दिन पहले सड़क हादसे को लेकर विवादों में घिरे जिला फतेहगढ़ साहिब के शहर मंडी गोबिंदगढ़ के ओपी बंसल स्कूल में गुरुवार को आग लग गई। स्कूल के गेट पर इलेक्ट्रिक कंट्रोल पैनल में आग लगने से अफरातफरी मच गई। इस घटना से कई बच्चे सहम गए। इनमें से 10 बच्चों को एक निजी अस्पताल भर्ती कराया गया। वहीं, सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की टीम भी पहुंची, लेकिन तब तक आग को कंट्रोल कर लिया गया था। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा में RSS से जुड़े नेता ने BJP छोड़ी, खट्टर गर्दन काटने की धमकी दे चुके हरियाणा में करीब 5 साल पहले 11 सितंबर को बरवाला में मुख्यमंत्री को चांदी का मुकुट पहनाने पर गुस्से का शिकार हुए डॉ. हर्ष मोहन भारद्वाज ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब RSS से जुड़े हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. हर्ष मोहन भारद्वाज ने भाजपा छोड़ी है। इससे पहले डॉ. हर्ष मोहन 2020 में दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में भी शामिल हो चुके हैं, लेकिन विचारधारा मेल न खाने से पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा BJP जॉइन कर ली। अब विधानसभा चुनाव से ठीक 2 महीने पहले उन्होंने भाजपा को फिर छोड़कर जनहित पार्टी में शामिल हो गए हैं। पूरी खबर पढ़ें… नवांशहर में पत्नी की डंडे से पीटकर हत्या, सिर में चोटें मारीं पंजाब के नवांशहर में पारिवारिक विवाद के चलते एक व्यक्ति ने डंडे से पीटकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए पति को गिरफ्तार कर लिया है। SSP डॉ. मेहताब सिंह ने बताया कि 31 जुलाई की आधी रात को गांव माहल खुर्द थाना औड़ निवासी शेट्टू कुमार ने अपनी पत्नी रुना देवी की हत्या कर दी थी। SSP ने बताया कि शेट्टू कुमार किराये के मकान में रह रहा था। गांव माहल खुर्द के पूर्व सरपंच जरनैल सिंह ने औड़ थाना पुलिस को जानकारी दी थी कि गांव निवासी कुलविंदर सिंह उर्फ किंदर पुत्र नाजर सिंह अपने परिवार के साथ कनाडा गया हुआ है। कुलविंदर सिंह ने माधोपुर बिहार शेट्टू कुमार को अपने घर की देखभाल के लिए कमरा दिया हुआ है। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा में 8 आईएएस 3 एचसीएस की ट्रांसफर लिस्ट जारी; TVSN प्रसाद को मुख्य सचिव का चार्ज मिला हरियाणा सरकार ने 8 आईएएस और 3 एचसीएस अफसरों की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई है। 1986 बैच के आईएएस संजीव कौशल के रिटायर होने के बाद आईएएस टीवीएसएन प्रसाद को मुख्य सचिव का फुल फ्लस्ड चार्ज दे दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें नई दिल्ली में हरियाणा भवन में चीफ रेजिडेंट कमिश्नर की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। विजिलेंस की जिम्मेदारी भी मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ही देखेंगे। इससे पहले 28 जुलाई को 17 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए थे। वहीं 7 जिलों के डीसी भी बदले थे। 2 एचसीएस अधिकारियों को नए पद दिए गए थे। (पूरी खबर पढ़े) हरियाणा की प्रीति UPSC की नई चेयरपर्सन बनीं; हिमाचल में भूकंप के झटके, 3 बार हिली धरती प्रीति सूदन यूपीएससी की नई चेयरपर्सन बनाई गई हैं। 1983 बैच की आईएएस अधिकारी प्रीति की नियुक्ति गुरुवार से लागू होगी। उनका कार्यकाल अप्रैल 2025 तक होगा। प्रीति केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव रही हैं और 2022 से यूपीएससी की सदस्य हैं। यूपीएससी की नवनियुक्त चेयरमैन प्रीति सूदन हरियाणा के चरखी दादरी की रहने वाली हैं। वे नारायणगढ़ में एसडीएम के पद पर रह चुकी हैं। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से एमए अर्थशास्त्र किया है। आंध्र प्रदेश कैडर की अधिकारी सूदन ने महिला एवं बाल विकास, रक्षा मंत्रालय और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव के रूप में भी काम किया है। उन्हें प्रमुख बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और आयुष्मान भारत मिशन में अहम योगदान के लिए जाना जाता है। इसके अलावा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल आयोग और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध पर कानून बनाने का क्रेडिट भी उन्हें ही जाता है। उन्होंने तंबाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लिए WHO के इंडिपेंडेंट पैनल के मेंबर के रूप में भी काम किया है। इसके अलावा, सूदन ने वर्ल्ड बैंक के साथ सलाहकार के रूप में काम कर चुकीं हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से इकोनॉमिक्स में mphil और सोशल पॉलिसी एंड प्लानिंग में MSc की डिग्री हासिल की है। 2022 में, पूर्व आईएएस अधिकारी प्रीति सूदन ने सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। उन्हें तत्कालीन यूपीएससी अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने शपथ दिलाई थी। डॉ. सोनी ने 28 जून 2017 से 15 मई 2023 तक संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया। हिमाचल में भूकंप के झटके, लाहौल स्पीति में आधी रात को 3 बार हिली धरती
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में बुधवार आधी रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। जमीन के अंदर इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, रात 1:11 बजे तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। तीव्रता कम होने के कारण किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। लाहौल स्पीति जिला जोन 5 में आता है, जो भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। (पूरी खबर पढ़ें)
जालंधर उप-चुनाव के नतीजों से SAD पर खतरा:जिस BSP को समर्थन दिया, उससे ज्यादा वोट बागी गुट के उम्मीदवार को मिले
जालंधर उप-चुनाव के नतीजों से SAD पर खतरा:जिस BSP को समर्थन दिया, उससे ज्यादा वोट बागी गुट के उम्मीदवार को मिले पंजाब की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल है। किसी समय पर राज्य में सबसे प्रमुख पार्टी रही अकाली दल पर आज खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि जालंधर उप-चुनाव के नतीजे कह रहे हैं। जालंधर वेस्ट विधानसभा उप-चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार रहीं सुरजीत कौर को समर्थन देने के बजाए बीएसपी के उम्मीदवार रहे बिंदर लाखा को समर्थन देने का ऐलान किया गया था। ऐसे में जिस बसपा को अकाली दल प्रधान द्वारा समर्थन दिया गया, उन्हें सिर्फ 734 वोट ही मिल पाए। वो भी तब, जब राज्य की क्षेत्रीय पार्टी ने अपना पूर्ण समर्थन बसपा को दिया था। वहीं, बिना अकाली दल प्रधान के समर्थन के शिअद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ी सुरजीत कौर ने करीब 1242 वोट बटोर लिए। ऐसा तब हुआ, जब उनकी खुद की पार्टी के नेता उन्हें समर्थन नहीं दे रहे थे। ऐसे में अब अकाली दल पर खतरे की घंटी बज रही है। ऐसा क्यों हुआ, पढ़ें इसके प्रमुख कारण…. 1. अकाली दाल का जालंधर वेस्ट में हुए उप चुनाव में इतना बुरा प्रदर्शन कारण पार्टी की अंदरुनी कलह है। ऐसे में शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा अपने उम्मीदवार को वोट देने का आग्रह न करके, बसपा को स्पोर्ट करना अकाली दल पर भारी पड़ गया। पंजाब की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा हो और उसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के बजाए किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया हो। 2. दूसरा सबसे बड़ा कारण, वरिष्ठ नेताओं द्वारा उक्त एरिया में चुनाव प्रचार न करना है। अकाली दल की उम्मीदवार रही सुरजीत कौर के लिए बीबी जगीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, सरवण सिंह फिल्लौर, सुच्चा सिंह छोटेपुर को छोड़कर किसी भी वरिष्ठ नेता ने चुनाव प्रचार नहीं किया। जिससे लोगों के बीच तक सुरजीत कौर की आवाज नहीं पहुंच सकी। 3. तीसरा बड़ा कारण, अकाली दल पर लगे बेअदबी और अन्य गंभीर आरोपों का है। जालंधर वेस्ट एरिया में ज्यादातर वोट एससी हैं और उक्त सीट भी एससी है। ऐसे में अकाली दल पर लगे आरोपों की वजह से लोगों ने उक्त पार्टी से किनारा कर लिया। अकाली दल ने जिस बसपा को स्पोर्ट किया, उसका भी परफॉर्मेंस गिर गया।
नवजोत सिद्धू ने पत्नी संग शेयर की फोटो:लिखा – कैसा बदलाव? 6 महीने पहले और आज, फैंस बोले- वाहेगुरु तेरा शुक्र है
नवजोत सिद्धू ने पत्नी संग शेयर की फोटो:लिखा – कैसा बदलाव? 6 महीने पहले और आज, फैंस बोले- वाहेगुरु तेरा शुक्र है कैंसर से जंग लड़ रही पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर अब ठीक है। इस बात का अंदाजा नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की गई उस पोस्ट से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने पत्नी के साथ 2 फोटो शेयर की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि कैसा बदलाव? 6 महीने पहले और आज… । वहीं, इस पोस्ट को उनके प्रशंसकों द्वारा सहारा जा रहा है। प्रशंसकों ने लिखा है वाहेगुरू तेरा शुक्र है। पत्नी के चुनाव न लड़ने की ऐसे दी थी जानकारी नवजोत सिंह सिद्धू पत्नी कुछ समय से कैंसर से पीड़ित है। उनका इलाज हरियाणा और पंजाब में चल रहा था। ऐसे में सिद्धू का ध्यान पत्नी और क्रिकेट कमेंट्री तक सीमित होकर रह गए थे। जैसे ही लोकसभा चुनाव आए थे तो चर्चा यह भी कि सिद्धू की पत्नी पटियाला से चुनाव लड़ सकती है। लेकिन सिद्धू ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा था कि इस तरह की अटकलों पर विराम लगना चाहिए। पत्नी (डॉ. नवजोत कौर) का अभी भी कैंसर का इलाज चल रहा है, जो कुछ महीनों तक चलेगा। इन परिस्थितियों में एकमात्र ध्यान उनके स्वास्थ्य और स्वास्थ्य लाभ पर होगा। उनके बारे में किसी भी अटकलों पर विराम लगना चाहिए।” डॉ. सिद्धू के साथ ही रहे नवजोत कैंसर के खिलाफ डॉ. नवजोत कौर की जंग में नवजोत सिंह सिद्धू ने भी पूरा साथ दिया। नवजोत सिंह सिद्धू ने हर कैमोथैरपी डॉ. सिद्धू का हाथ थाम पूरी करवाई। उन्हें खुद अपने हाथों से खाना खिलाया और कैमोथैरपी करने वाली टीम का खुद धन्यवाद किया। इस कठिन समय में नवजोत सिंह सिद्धू राजनीति से भी दूर रहे। उन्होंने पूरा समय सिर्फ अपने परिवार को दिया। हर कैमोथैरपी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू उन्हें कभी प्रकृति तो कभी आध्यात्मिक ट्रिप पर ले जाते थे। इनमें से अधिकतर ट्रिप उन्होंने अपने दोनों बच्चों के साथ भी किए।