रोहतक में भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा द्वारा किसान आंदोलन और किसानों के विरुद्ध दिए बयान के खिलाफ किसान सभा के कार्यकर्ताओं शीला बाइपास पर इकट्ठा हुए। किसान सभा ने रामचंद्र जांगड़ा के खिलाफ प्रदर्शन किया। सांसद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला भी फूंका। किसानों ने कहा कि राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा जनता से सार्वजनिक माफी मांगे एवं भाजपा उन पर कड़ी कार्रवाई करे। अखिल भारतीय किसान सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कितना विडंबनापूर्ण है कि एक ओर अपनी मांगों को लेकर मोदी सरकार के अड़ियल रवैये के कारण किसान नेता की आमरण अनशन के कारण हालत चिंताजनक बनी हुई है। वहीं भाजपा के सांसद सार्वजनिक मंचों से किसान आंदोलन को लेकर तथ्यहीन और अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं। नशे और लड़कियों के गायब होने के तथ्यहीन टिप्पणियों के माध्यम से एक और तो किसान आंदोलन और उसको मिले व्यापक जन समर्थन को अपमानित कर रहे हैं। वहीं प्रदेश में पिछले 10 वर्षों से सत्ता में काबिज भाजपा के कुशासन में फैले नशे के रैकेट और चरमराई कानून व्यवस्था पर पर्दा डालना चाहते हैं। भाजपा करे रामचंद्र जांगड़ा को दंडित उन्होंने कहा कि संविधान की शपथ लेकर सांसद बने भाजपा नेता लगातार किसान विरोधी टिप्पणियां कर रहे हैं। यह अपने आप में संविधान पर कुठाराघात है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसान आंदोलन को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले सांसद के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जाए। रामचंद्र जांगड़ा की इस टिप्पणी के लिए भाजपा दंडित करें। राज्यसभा सांसद मांगे सार्वजनिक माफी उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद को अपनी इस टिप्पणी के लिए सार्वजनिक तौर पर जनता एवं किसानों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी हुए कहा कि अगर भाजपा नेता अपने इन हताशापूर्ण ध्रुवीकरण और घृणित हथकंडों को नहीं छोड़ते हैं, तो आने वाले दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बड़े आंदोलन की योजना बनाई जाएगी। विरोध कार्रवाई की अध्यक्षता किसान सभा के जिला प्रधान प्रीत सिंह ने की। रोहतक में भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा द्वारा किसान आंदोलन और किसानों के विरुद्ध दिए बयान के खिलाफ किसान सभा के कार्यकर्ताओं शीला बाइपास पर इकट्ठा हुए। किसान सभा ने रामचंद्र जांगड़ा के खिलाफ प्रदर्शन किया। सांसद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पुतला भी फूंका। किसानों ने कहा कि राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा जनता से सार्वजनिक माफी मांगे एवं भाजपा उन पर कड़ी कार्रवाई करे। अखिल भारतीय किसान सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कितना विडंबनापूर्ण है कि एक ओर अपनी मांगों को लेकर मोदी सरकार के अड़ियल रवैये के कारण किसान नेता की आमरण अनशन के कारण हालत चिंताजनक बनी हुई है। वहीं भाजपा के सांसद सार्वजनिक मंचों से किसान आंदोलन को लेकर तथ्यहीन और अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं। नशे और लड़कियों के गायब होने के तथ्यहीन टिप्पणियों के माध्यम से एक और तो किसान आंदोलन और उसको मिले व्यापक जन समर्थन को अपमानित कर रहे हैं। वहीं प्रदेश में पिछले 10 वर्षों से सत्ता में काबिज भाजपा के कुशासन में फैले नशे के रैकेट और चरमराई कानून व्यवस्था पर पर्दा डालना चाहते हैं। भाजपा करे रामचंद्र जांगड़ा को दंडित उन्होंने कहा कि संविधान की शपथ लेकर सांसद बने भाजपा नेता लगातार किसान विरोधी टिप्पणियां कर रहे हैं। यह अपने आप में संविधान पर कुठाराघात है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसान आंदोलन को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले सांसद के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जाए। रामचंद्र जांगड़ा की इस टिप्पणी के लिए भाजपा दंडित करें। राज्यसभा सांसद मांगे सार्वजनिक माफी उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद को अपनी इस टिप्पणी के लिए सार्वजनिक तौर पर जनता एवं किसानों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी हुए कहा कि अगर भाजपा नेता अपने इन हताशापूर्ण ध्रुवीकरण और घृणित हथकंडों को नहीं छोड़ते हैं, तो आने वाले दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बड़े आंदोलन की योजना बनाई जाएगी। विरोध कार्रवाई की अध्यक्षता किसान सभा के जिला प्रधान प्रीत सिंह ने की। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नारनौंद निवासी रामकुमार गौतम ब्राह्मण समुदाय से हैं। वह एक सितंबर को जींद में हुई भाजपा की जन आशीर्वाद रैली में ही भाजपा में शामिल हुए थे। रामकुमार गौतम नारनौंद से 2019 में जजपा के टिकट पर विधायक बने थे। उन्होंने भाजपा के ही कैप्टन अभिमन्यु को हराया था। अब भाजपा ने उनको सफीदों विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतार दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा यहां पर बागियों को कैसे संतुष्ट कर पाती है या फिर रामकुमार गौतम को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सफीदों विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण समुदाय की लगभग 15 हजार वोट हैं। भाजपा से रामकुमार गौतम को टिकट मिली… 33 साल से क्षेत्र में एक्टिव, पिछला चुनाव BJP की टिकट पर लड़े
पिछले 33 वर्ष से सफीदों विधानसभा क्षेत्र की चुनावी राजनीति बचन सिंह आर्य के इर्दगिर्द घूमती रही है। वर्ष 1991 में वह पहली बार यहां से कांग्रेस टिकट पर जीते थे। उसके बाद वर्ष 2005 में आजाद उम्मीदवार के रूप में जीत कर भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व की तत्कालीन कांग्रेस सरकार को समर्पित रहे। यहां से पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने भाजपा की टिकट पर लड़ा था जिसमें, वह कांग्रेस के सुभाष के मुकाबले कुछ मतों से हार गए थे।
सोनीपत में पुलिस से भिड़ी महिलाएं:3 महीने से धरने पर बैठे किसानों को जबरन उठाया; तेल लाइन का काम शुरू
सोनीपत में पुलिस से भिड़ी महिलाएं:3 महीने से धरने पर बैठे किसानों को जबरन उठाया; तेल लाइन का काम शुरू हरियाणा के सोनीपत के गोहाना क्षेत्र के गांव कोहला में 3 महीने से धरने पर बैठे किसानों के धरने को मंगलवार को प्रशासन ने जबरन खत्म करा दिया। भारी संख्या में पुलिस बल धरना स्थल पर भेजा गया था। कई घंटे तक यहां माहौल तनावपूर्ण रहा। धरने पर बैठी महिलाओं व पुलिस के बीच झड़प भी हुई। ुपिलस ने बल पूर्वक किसानों को यहां से उठाया और हिरासत में लेकर बसों में भर कर ले गई। हालांकि कई घंटे बाद किसानों को रिहा कर दिया गया। गोहाना क्षेत्र के गांव कोहला व इसके आसपास के दर्जन भर गांवों में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा खेतों से तेल की पाइपलाइन बिछाई जा रही है। ग्रामीण 3 महीने से मुआवजा कम दिए जाने के आरोप लगाकर लगातार विरोध कर रहे हैं। कोहला, जागसी, नूरन खेड़ा, बुटाना,गंगाना,घड़वाल समेत कई अन्य गांव के किसान तीन महीने से पाइप लाइन बिछाने के काम को रोक कर धरने पर बैठे हैं। देखें कोहला गांव में धरना स्थल पर कार्रवाई के PHOTOS… किसान अपने खेतों से गुजरने वाली पाईप के बदले उचित मुवावजे की मांग कर रहे थे। किसानों का कहना है कि तेल कंपनी उनको ढाई लाख से चार लाख तक मुआवजा दे रही है। जबकि पानीपत में 10 लाख रुपए से ज्यादा मुआवजा दिया गया है। इसी को लेकर पिछले दिनों एक 7 सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई थी। लेकिन तेल कंपनी और किसानों के बीच समझौता नहीं हुआ। मंगलवार को आज तेल कंपनी के कर्मचारी पुलिस के साथ गांव कोहला में पहुंचे। भारी संख्या में यहां तैनात किया गया था। इसके बाद धरने पर बैठे किसानों को जबरदस्ती बलपूर्वक उठाया गया। कुछ किसानों को कुछ घंटे के लिए हिरासत में भी रखा गया है। इसके बाद पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया है। इस को लेकर किसानों में काफी विरोध भी है।