‘शिवजी को चढ़ाए एक लौटा जल ने बदल दिया जीवन’:पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा सुनने वाले भक्तों की चिट्ठियां पढ़कर सुनाई- बीमारियां ठीक होने का दावा

‘शिवजी को चढ़ाए एक लौटा जल ने बदल दिया जीवन’:पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा सुनने वाले भक्तों की चिट्ठियां पढ़कर सुनाई- बीमारियां ठीक होने का दावा

मेरठ के शताब्दी नगर में चल रही 7 दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा को सुनने के लिए रोज करीब 1 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आस्था का सैलाब इतना है कि बुजुर्गों के लड़खड़ाते कदम भी उनको पैदल चलने से रोक नहीं पा रहे हैं। ऐसे बहुत से अनुयायी यहां पहुंच रहे हैं, जो जीवन में किसी बीमारी, किसी दूसरे कारण से बहुत संकट में थे। जिन लोगों के संकट प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के बाद दूर हो गए। वे यहां पर चिट्‌ठी लिखकर भी लाते हैं। वे कहते हैं कि जो काम दवाई नहीं कर पाई वो पंडित जी की कथा सुनकर भगवान भोले को एक लौटा जल अर्पित करने से पूरी हो गई। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा में ऐसे कई श्रद्धालुओं की चिट्ठियां का जिक्र किया। आइए आपको ऐसे ही कुछ श्रद्धालुओं के बारे में बताते हैं जिनका दावा है कि कथा सुनने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई है। मेरा बेटा बोल नहीं पाता था, डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था, आज वह स्वस्थ है पं. प्रदीप मिश्रा ने मेरठ की एक महिला का पत्र पढ़ाकर सुनाया। जिसमें लिखा था- “मेरा नाम पूनम है। पति का नाम संजय कुमार है। मैं रोहटा रोड शाहपुर जैनपुर मेरठ की रहने वाली हूं। मेरे बेटे का जब से जन्म हुआ वह बीमार रहने लगा। इतने साल तक न उसने बोलना शुरू किया और न ही उसके शरीर में कोई ग्रोथ हुई। हमने बहुत इलाज कराया। जांच में डॉक्टरों ने बताया कि इस बच्चे के दिमाग की ग्रोथ नहीं हुई। न ही होगी। यह बच्चा कमजोर ही रहेगा। हमारी टेंशन बढ़ गई कि भगवान ने एक ही तो बेटा दिया और वह भी बीमार रहने लगा। इलाज कराते-कराते 4 साल पूरे हो गए पर मेरे बेटे में कोई बदलाव नहीं दिखा। एक आंटी ने बताया कि इतना इलाज करा रही हो। एक बार मेरे कहने से शिवजी पर जल चढ़ाओ। उस जल को बेटे को पिलाओ। आचार्य प्रदीप मिश्रा की कथा सुनो। जो उपाय बताएं वो कर लेना। बस विश्वास होना चाहिए। इसके बाद शंकर जी पर जल चढ़ाना शुरू किया। शिव तत्व का नाम लेकर शिवलिंग पर जल चढ़ाती और उस जल को बेटे को पिलाती। पांच साल तक बेटा न बोला न उसका दिमाग काम किया। छह साल का हुआ तो असर होने लगा। अब मेरा बच्चा बोलता है। बिलकुल ठीक है।” कर्ज में डूब गया था पूरा परिवार, कथा सुनने के बाद कर्ज उतर गया दूसरा पत्र प्रदीप मिश्रा ने पढ़कर सुनाया। जिसमें लिखा था- “मैं ज्योति अंकुर शर्मा सहारनुपर से आई हूं। हमारा जानवरों की दवाई का कारोबार था। कोरोना में कारोबार बंद हो गया। एक आदमी नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे लेकर भाग गया। बड़ी मुसीबत में आ गए। बच्चे भूखे रहते थे। मेरी माता ने आपकी कथा के बारे में बताया तो मैं सुनने लगी। मेरे पति ने शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू किया। तीन महीने के भीतर सारा कर्जा उतर गया। अब सारा भय खत्म हो गया। अब हम भोले बाबा के भरोसे हैं।” वेंटीलेटर पर पहुंच गया था, डॉक्टर ने दे दिया था जवाब, आज स्वस्थ कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने हरियाणा की ललिता भाटी का पत्र पढ़कर सुनाया। जिसमें लिखा था- “उनके देवर की शुगर 500 सौ पहुंच गई थी। किडनी, लीवर सब खराब हो गए थे। आखिरी में डॉक्टरों ने डायलिसिस को बोल दिया। इसी बीच किसी ने कथा सुन रखी थी, उन्होंने जल चढ़ाकर वो जल लड़के के मुंह से लगाया। रुद्राक्ष उसके पास रखा। तीन दिन में वेंटीलेटर हट गया। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर भी शिव का अंश हैं। शिव पर पूर्ण भरोसा रखिए।” दुनिया में सबसे सुखी वो जिसके कमरे में नींद की गोली न हो पं. प्रदीप मिश्रा ने कथा में कहा-“एक आदमी गरीब तो इतना है कि एक गधा भी नहीं खरीद सकता। अमीर इतना है कि शंकर के भरोसे घोड़े बेचकर सोता है। चैन की नींद सोता है। जिंदगी में सभी सुखी वही व्यक्ति है जिसके कमरे मे नींद की गोली नहीं है। सिर के दर्द के लिए बाम की जरूरत नहीं है। सबसे बड़ा सुख निरोगी काया है। मृत्यु अटल होती है, वो तो आनी ही है। लेकिन मरने से पहले 100 बार मौत नजदीक आती है। ये तमाम रूप में होती है। बीमारी के रूप में, परेशानियों के रूप में। जो 100 बार तुम्हारे मृत्यु नजदीक आती है, वो शिव का नाम लेकर, जल चढ़ाने से नहीं आती। एक लौटा जल उसको टालता चला जाता है। भगवान के मंत्र जप से 100 बार आने वाली मृत्यु टल जाती है।” शिव पर चढ़ाया जल सब पिओ, सभी एक-दूसरे की बात मानेंगे उन्होंने कहा- “हमें अपने आपको जागृत करना है। कई माताएं कहती हैं हमारा बेटा नहीं सुनता। कोई कहती है कि बहू नहीं सुनती। कोई कहती है कि मेरी सास नहीं सुनती। पिता को समझाओ तो वह कह देते हैं कि अब औलाद की सुनेंगे क्या। कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं है। कौन सुनेगा। परिवार में तुम साथ रह रहे हो तो तुम ही तो सुनोगे। शिव पर जल चढ़ाकर उसे घर में घड़े में रख लो। सब पियो। सभी एक-दूसरे की बात मानेंगे।” संभल में मंदिर खुलने पर जताया सीएम योगी आभार शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- “आज की कथा कहती है कि जिंदगी में अगर ऐसा रोग लग गया है, जिसमें डॉक्टर की दवा भी नहीं लग रही है तो पानी को वाणी से अमृत से बनाओ। पानी से वाणी को अमृत कैसे बनाओ के बारे में उन्होंने बताया कि अगर रोग बहुत भारी है। तकलीफ बहुत भारी है। शरीर में दवाईयां काम नहीं कर रही हैं। तो एक पात्र में जल लिया जाए। नमो शिवाय या ओम नम शिवाय का जप करते हुए पानी की तरफ देखते हुए जप करते रहें। पानी को देखते हुए 108 मनके की माला पूरी हो जाए तो उस पानी को भगवान शंकर पर अर्पित कर दे। उसी जल का दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को आचमन करें। भगवान शंकर पर दृढ़ विश्वास रखेंगे तो शरीर में दवाई लगनी शुरू हो जाती है। रोग का निवारण हो जाता है।” संभल में मंदिर खुलने पर जताया सीएम योगी आभार कहा- “संभल में जो मंदिर बरसों से बंद पड़ा था, वो अब खुल गया है। इसके लिए मैं योगी जी का साधुवाद करता हूं। बच्चों को संस्कार देने में समय लगाओ। अपने तन मन और धर्म तीनों को परमात्मा में लगाओ। अगर घर के बच्चे गलत जगह जा रहे हैं तो समझो आपसे कहीं न कहीं चूक हो रही है। बहन, बेटी और पत्नी के नेत्र अगर झुके रहते हैं, तो उसके घर के भाई, पिता और पति को माथा नीचा नहीं करना पड़ता है। वो सीना तानकर चलता है। कथा में आने से पहले जेवर और तेवर घर रखकर आओ। कथा में इनकी कोई जरूरत नहीं है।” अगर आपके पास मीठी वाणी है तो सबकुछ है पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- “जिंदगी में कोई रोग आ गया, डॉक्टर इलाज नहीं कर पा रहे हैं। पानी को वाणी से अमृत बनाओ। रुद्राक्ष पहनो या नहीं पहनो लेकिन मीठी वाणी का रुद्राक्ष जरूर पहनो। मीठी वाणी बोलिए। अगर आपके पास कुछ नहीं है, न जमीन है, न बंगला है, न पैसा है और आपके पास मीठी वाणी हैं। अगर आपके पास मीठी वाणी है तो सबकुछ है। पड़ोसी भी आपका गुणगान करेंगे। आरती में झूम उठे श्रद्धालु पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- “आप कितने भी पैसे वाले हो अपने लिए होंगे। कितना भी अमीर होगा, कितना गरीब होगा, शिव के घर श्मशान में जो जायेगा वहां एक जैसा जाएगा।” कथा के समापन पर भगवान शिव की आरती शुरू हुई तो श्रद्धालु झूम उठे कितने ही श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू आ गए। पूरे पंडाल में तालियों का शोर और आरती सुनाई देने लगी। हर हर महादेव के जयकारे गूंजने लगे। महिलाएं, युवा, बुजुर्ग भगवान भोले की भक्ति में लीन हो गए। 21 दिसंबर तक रोजाना 1 बजे से 4 बजे तक हो रहा कथा का आयोजन श्री केदारेश्वर सेवा समिति मेरठ की ओर से 15 दिसंबर से 21 दिसंबर तक शिव महापुराण की कथा शताब्दीनगर में आयोजित हो रही है। कथा का वाचन प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले द्वारा किया जा रहा है। कथा का समय दोपहर 1 बजे से चार बजे तक है। कथा स्थल पर रोजाना तमाम जिलों और दूसरे राज्यों से 1 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। व्यवस्था को लेकर 7 पार्किंग बनाई गई हैं। 1000 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा खुद कथा के समय मौके पर व्यवस्था देख रहे हैं। पंडाल में 500 पूरी व्यवस्था को संभाले हुए हैं। महिला व बुजुर्गों के लिए एक मिनी अस्पताल, स्वच्छ जल, भोजन व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। कुछ लोग भंडारा भी लगा रहे हैं। कथा पंडाल और आसपास 5 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ड्रोन से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। भारी वाहनों का किया गया है डायवर्जन एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि शिव महापुराण कथा में श्रद्धालुओें की भीड़ के चलते ट्रैफिक डायवर्जन किया गया। शाप्रिक्स माल से परतापुर इंटरचेंज तक 15 से 21 दिसंबर तक भारी वाहनों पर रोक लगाई गई है। सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक डायवर्जन किया गया है। हापुड़ से आने वाले भारी वाहन खरखौदा तिराहे से मोहिउद्दीनपुर होते हुए दिल्ली-देहरादून हाईवे से बागपत रोड फ्लाईओवर के नीचे से होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर जा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर और शहर से आने वाले भारी वाहन शाप्रिक्स मॉल से बिजली बंबा बाईपास से होते हुए हापुड़ रोड की तरफ निकाले जा रहे हैं। मेरठ के शताब्दी नगर में चल रही 7 दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा को सुनने के लिए रोज करीब 1 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आस्था का सैलाब इतना है कि बुजुर्गों के लड़खड़ाते कदम भी उनको पैदल चलने से रोक नहीं पा रहे हैं। ऐसे बहुत से अनुयायी यहां पहुंच रहे हैं, जो जीवन में किसी बीमारी, किसी दूसरे कारण से बहुत संकट में थे। जिन लोगों के संकट प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के बाद दूर हो गए। वे यहां पर चिट्‌ठी लिखकर भी लाते हैं। वे कहते हैं कि जो काम दवाई नहीं कर पाई वो पंडित जी की कथा सुनकर भगवान भोले को एक लौटा जल अर्पित करने से पूरी हो गई। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा में ऐसे कई श्रद्धालुओं की चिट्ठियां का जिक्र किया। आइए आपको ऐसे ही कुछ श्रद्धालुओं के बारे में बताते हैं जिनका दावा है कि कथा सुनने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई है। मेरा बेटा बोल नहीं पाता था, डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था, आज वह स्वस्थ है पं. प्रदीप मिश्रा ने मेरठ की एक महिला का पत्र पढ़ाकर सुनाया। जिसमें लिखा था- “मेरा नाम पूनम है। पति का नाम संजय कुमार है। मैं रोहटा रोड शाहपुर जैनपुर मेरठ की रहने वाली हूं। मेरे बेटे का जब से जन्म हुआ वह बीमार रहने लगा। इतने साल तक न उसने बोलना शुरू किया और न ही उसके शरीर में कोई ग्रोथ हुई। हमने बहुत इलाज कराया। जांच में डॉक्टरों ने बताया कि इस बच्चे के दिमाग की ग्रोथ नहीं हुई। न ही होगी। यह बच्चा कमजोर ही रहेगा। हमारी टेंशन बढ़ गई कि भगवान ने एक ही तो बेटा दिया और वह भी बीमार रहने लगा। इलाज कराते-कराते 4 साल पूरे हो गए पर मेरे बेटे में कोई बदलाव नहीं दिखा। एक आंटी ने बताया कि इतना इलाज करा रही हो। एक बार मेरे कहने से शिवजी पर जल चढ़ाओ। उस जल को बेटे को पिलाओ। आचार्य प्रदीप मिश्रा की कथा सुनो। जो उपाय बताएं वो कर लेना। बस विश्वास होना चाहिए। इसके बाद शंकर जी पर जल चढ़ाना शुरू किया। शिव तत्व का नाम लेकर शिवलिंग पर जल चढ़ाती और उस जल को बेटे को पिलाती। पांच साल तक बेटा न बोला न उसका दिमाग काम किया। छह साल का हुआ तो असर होने लगा। अब मेरा बच्चा बोलता है। बिलकुल ठीक है।” कर्ज में डूब गया था पूरा परिवार, कथा सुनने के बाद कर्ज उतर गया दूसरा पत्र प्रदीप मिश्रा ने पढ़कर सुनाया। जिसमें लिखा था- “मैं ज्योति अंकुर शर्मा सहारनुपर से आई हूं। हमारा जानवरों की दवाई का कारोबार था। कोरोना में कारोबार बंद हो गया। एक आदमी नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे लेकर भाग गया। बड़ी मुसीबत में आ गए। बच्चे भूखे रहते थे। मेरी माता ने आपकी कथा के बारे में बताया तो मैं सुनने लगी। मेरे पति ने शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू किया। तीन महीने के भीतर सारा कर्जा उतर गया। अब सारा भय खत्म हो गया। अब हम भोले बाबा के भरोसे हैं।” वेंटीलेटर पर पहुंच गया था, डॉक्टर ने दे दिया था जवाब, आज स्वस्थ कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने हरियाणा की ललिता भाटी का पत्र पढ़कर सुनाया। जिसमें लिखा था- “उनके देवर की शुगर 500 सौ पहुंच गई थी। किडनी, लीवर सब खराब हो गए थे। आखिरी में डॉक्टरों ने डायलिसिस को बोल दिया। इसी बीच किसी ने कथा सुन रखी थी, उन्होंने जल चढ़ाकर वो जल लड़के के मुंह से लगाया। रुद्राक्ष उसके पास रखा। तीन दिन में वेंटीलेटर हट गया। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर भी शिव का अंश हैं। शिव पर पूर्ण भरोसा रखिए।” दुनिया में सबसे सुखी वो जिसके कमरे में नींद की गोली न हो पं. प्रदीप मिश्रा ने कथा में कहा-“एक आदमी गरीब तो इतना है कि एक गधा भी नहीं खरीद सकता। अमीर इतना है कि शंकर के भरोसे घोड़े बेचकर सोता है। चैन की नींद सोता है। जिंदगी में सभी सुखी वही व्यक्ति है जिसके कमरे मे नींद की गोली नहीं है। सिर के दर्द के लिए बाम की जरूरत नहीं है। सबसे बड़ा सुख निरोगी काया है। मृत्यु अटल होती है, वो तो आनी ही है। लेकिन मरने से पहले 100 बार मौत नजदीक आती है। ये तमाम रूप में होती है। बीमारी के रूप में, परेशानियों के रूप में। जो 100 बार तुम्हारे मृत्यु नजदीक आती है, वो शिव का नाम लेकर, जल चढ़ाने से नहीं आती। एक लौटा जल उसको टालता चला जाता है। भगवान के मंत्र जप से 100 बार आने वाली मृत्यु टल जाती है।” शिव पर चढ़ाया जल सब पिओ, सभी एक-दूसरे की बात मानेंगे उन्होंने कहा- “हमें अपने आपको जागृत करना है। कई माताएं कहती हैं हमारा बेटा नहीं सुनता। कोई कहती है कि बहू नहीं सुनती। कोई कहती है कि मेरी सास नहीं सुनती। पिता को समझाओ तो वह कह देते हैं कि अब औलाद की सुनेंगे क्या। कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं है। कौन सुनेगा। परिवार में तुम साथ रह रहे हो तो तुम ही तो सुनोगे। शिव पर जल चढ़ाकर उसे घर में घड़े में रख लो। सब पियो। सभी एक-दूसरे की बात मानेंगे।” संभल में मंदिर खुलने पर जताया सीएम योगी आभार शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- “आज की कथा कहती है कि जिंदगी में अगर ऐसा रोग लग गया है, जिसमें डॉक्टर की दवा भी नहीं लग रही है तो पानी को वाणी से अमृत से बनाओ। पानी से वाणी को अमृत कैसे बनाओ के बारे में उन्होंने बताया कि अगर रोग बहुत भारी है। तकलीफ बहुत भारी है। शरीर में दवाईयां काम नहीं कर रही हैं। तो एक पात्र में जल लिया जाए। नमो शिवाय या ओम नम शिवाय का जप करते हुए पानी की तरफ देखते हुए जप करते रहें। पानी को देखते हुए 108 मनके की माला पूरी हो जाए तो उस पानी को भगवान शंकर पर अर्पित कर दे। उसी जल का दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को आचमन करें। भगवान शंकर पर दृढ़ विश्वास रखेंगे तो शरीर में दवाई लगनी शुरू हो जाती है। रोग का निवारण हो जाता है।” संभल में मंदिर खुलने पर जताया सीएम योगी आभार कहा- “संभल में जो मंदिर बरसों से बंद पड़ा था, वो अब खुल गया है। इसके लिए मैं योगी जी का साधुवाद करता हूं। बच्चों को संस्कार देने में समय लगाओ। अपने तन मन और धर्म तीनों को परमात्मा में लगाओ। अगर घर के बच्चे गलत जगह जा रहे हैं तो समझो आपसे कहीं न कहीं चूक हो रही है। बहन, बेटी और पत्नी के नेत्र अगर झुके रहते हैं, तो उसके घर के भाई, पिता और पति को माथा नीचा नहीं करना पड़ता है। वो सीना तानकर चलता है। कथा में आने से पहले जेवर और तेवर घर रखकर आओ। कथा में इनकी कोई जरूरत नहीं है।” अगर आपके पास मीठी वाणी है तो सबकुछ है पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- “जिंदगी में कोई रोग आ गया, डॉक्टर इलाज नहीं कर पा रहे हैं। पानी को वाणी से अमृत बनाओ। रुद्राक्ष पहनो या नहीं पहनो लेकिन मीठी वाणी का रुद्राक्ष जरूर पहनो। मीठी वाणी बोलिए। अगर आपके पास कुछ नहीं है, न जमीन है, न बंगला है, न पैसा है और आपके पास मीठी वाणी हैं। अगर आपके पास मीठी वाणी है तो सबकुछ है। पड़ोसी भी आपका गुणगान करेंगे। आरती में झूम उठे श्रद्धालु पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- “आप कितने भी पैसे वाले हो अपने लिए होंगे। कितना भी अमीर होगा, कितना गरीब होगा, शिव के घर श्मशान में जो जायेगा वहां एक जैसा जाएगा।” कथा के समापन पर भगवान शिव की आरती शुरू हुई तो श्रद्धालु झूम उठे कितने ही श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू आ गए। पूरे पंडाल में तालियों का शोर और आरती सुनाई देने लगी। हर हर महादेव के जयकारे गूंजने लगे। महिलाएं, युवा, बुजुर्ग भगवान भोले की भक्ति में लीन हो गए। 21 दिसंबर तक रोजाना 1 बजे से 4 बजे तक हो रहा कथा का आयोजन श्री केदारेश्वर सेवा समिति मेरठ की ओर से 15 दिसंबर से 21 दिसंबर तक शिव महापुराण की कथा शताब्दीनगर में आयोजित हो रही है। कथा का वाचन प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले द्वारा किया जा रहा है। कथा का समय दोपहर 1 बजे से चार बजे तक है। कथा स्थल पर रोजाना तमाम जिलों और दूसरे राज्यों से 1 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। व्यवस्था को लेकर 7 पार्किंग बनाई गई हैं। 1000 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा खुद कथा के समय मौके पर व्यवस्था देख रहे हैं। पंडाल में 500 पूरी व्यवस्था को संभाले हुए हैं। महिला व बुजुर्गों के लिए एक मिनी अस्पताल, स्वच्छ जल, भोजन व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। कुछ लोग भंडारा भी लगा रहे हैं। कथा पंडाल और आसपास 5 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ड्रोन से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। भारी वाहनों का किया गया है डायवर्जन एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि शिव महापुराण कथा में श्रद्धालुओें की भीड़ के चलते ट्रैफिक डायवर्जन किया गया। शाप्रिक्स माल से परतापुर इंटरचेंज तक 15 से 21 दिसंबर तक भारी वाहनों पर रोक लगाई गई है। सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक डायवर्जन किया गया है। हापुड़ से आने वाले भारी वाहन खरखौदा तिराहे से मोहिउद्दीनपुर होते हुए दिल्ली-देहरादून हाईवे से बागपत रोड फ्लाईओवर के नीचे से होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर जा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर और शहर से आने वाले भारी वाहन शाप्रिक्स मॉल से बिजली बंबा बाईपास से होते हुए हापुड़ रोड की तरफ निकाले जा रहे हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर