हरियाणा के कुरूक्षेत्र की युवती की कनाडा में हत्या कर दी गई। हमलावरों कमरे में घुस कर चाकुओं से हमला किया है। युवती दो साल पहले स्टडी वीजा पर कनाडा गई थी। परिजनों ने सरकार से युवती के शव को घर लाने की मांग की है। घटना बीते दिन की है। मृतक की पहचान सिमरन(23) निवासी ठसका मीरांजी गांव के नाम से हुई है। ठसका मीरांजी गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग सिंह गुराया ने बताया कि करीब दो साल पहले उनके गांव के रहने वाले बगीचा सिंह की बेटी स्टडी वीजा पर कनाडा के सरी शहर में गई थी। दो सगे भाई बहन भी घायल उन्होंने कहा कि सूचना मिली कि जिस रूम में सिमरन(23) रह रही थी। रात के समय उसी रूम में अज्ञात हमलावरों ने घूस कर चाकू मार कर हत्या कर दी। उसके साथ ही कमरे में रह रहे एक लड़का व लड़की, जो कि सगे भाई बहन हैं। वे भी गंभीर घायल है। जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। दिलबाग सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही परिजनों का रो रोकर बूरा हाल है। पूरा गांव पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है और पूरा गांव सरकार व प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि उनकी बेटी के शव को जल्द से जल्द भारत लाया जाए। हरियाणा के कुरूक्षेत्र की युवती की कनाडा में हत्या कर दी गई। हमलावरों कमरे में घुस कर चाकुओं से हमला किया है। युवती दो साल पहले स्टडी वीजा पर कनाडा गई थी। परिजनों ने सरकार से युवती के शव को घर लाने की मांग की है। घटना बीते दिन की है। मृतक की पहचान सिमरन(23) निवासी ठसका मीरांजी गांव के नाम से हुई है। ठसका मीरांजी गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग सिंह गुराया ने बताया कि करीब दो साल पहले उनके गांव के रहने वाले बगीचा सिंह की बेटी स्टडी वीजा पर कनाडा के सरी शहर में गई थी। दो सगे भाई बहन भी घायल उन्होंने कहा कि सूचना मिली कि जिस रूम में सिमरन(23) रह रही थी। रात के समय उसी रूम में अज्ञात हमलावरों ने घूस कर चाकू मार कर हत्या कर दी। उसके साथ ही कमरे में रह रहे एक लड़का व लड़की, जो कि सगे भाई बहन हैं। वे भी गंभीर घायल है। जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। दिलबाग सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही परिजनों का रो रोकर बूरा हाल है। पूरा गांव पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है और पूरा गांव सरकार व प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि उनकी बेटी के शव को जल्द से जल्द भारत लाया जाए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक के ढाबा संचालक की एक्सीडेंट में मौत:घर लौटते समय अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, 2 बेटियों के पिता रोहतक के गांव बहलम्बा निवासी ढाबा संचालक की हादसे में मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब वह मोटरसाइकिल पर अपने ढाबे से घर लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते में किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी। जिससे 2 बेटियों के पिता की मौत हो गई। वहीं, पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रोहतक के गांव बहलम्बा निवासी अजमेर ने महम थाने में दुर्घटना की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उसने बताया कि उसके 2 बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं। उसका बेटा अनुराग अजमेर अहलावत उर्फ विशाल उम्र करीब 40 साल का गांव बहलम्बा मोड पर ढाबा है। मंगलवार को उसका बेटा अनुराग अजमेर अहलावत उर्फ विशाल अपने ढाबे पर गया था। वह रात करीब 8 बजे अपने ढाबे से वापस लौट रहा था। वह अपनी मोटरसाइकिल पर ढाबे से निकला था। अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर उन्होंने बताया कि जब उसका बेटा बीच रास्ते में पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास पहुंचा तो किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी। इस हादसे में मोटरसाइकिल सवार अनुराग अजमेर अहलावत उर्फ विशाल को गंभीर चोटें आई। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। हादसे का पता लगते ही परिवार वाले मौके पर पहुंचे। अनुराग अजमेर अहलावत उर्फ विशाल दो बेटियों (बड़ी बेटी सात साल की व छोटी बेटी चार साल की) के पिता है। अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस जांच अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि एक्सीडेंट की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। मृतक के पिता के बयान दर्ज किए हैं। बयानों के आधार पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है और एक्सीडेंट करने वाले वाहन का पता लगाने का प्रयास जारी है।
नारनौल में अवैध खनन का लोगों ने किया विरोध:हैवी ब्लास्ट से घरों में आई दरारें, प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
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हरियाणा चुनाव में बेटे की हार से पिता का निधन:मतगणना के बाद बिगड़ी थी तबीयत; बेटा बोला- जीत जाता तो शायद पापा ठीक हो जाते हरियाणा बसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पानीपत राजपूत सभा के अध्यक्ष नरेंद्र राणा का शनिवार को निधन हो गया। उनके बेटे गोपाल राणा ने बसपा-इनेलो की टिकट पर असंध विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जिसमें वह हार गए थे। इसके बाद नरेंद्र राणा को चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हरियाणा चुनाव प्रचार के दौरान वह अपने बेटे गोपाल राणा के समर्थन में वोट की अपील करते नजर आए थे। उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ था, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। बता दें कि नरेंद्र राणा कई महीनों से बीमार थे। चुनाव हारने के बाद गोपाल राणा ने सोशल मीडिया पर लिखा- अगर मैं चुनाव जीत जाता तो शायद आज मेरे पिता ठीक होते। उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 9 बजे उनके पैतृक गांव ददलाना में किया जाएगा। उनके निधन पर राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ-साथ उनके चाहने वालों ने गहरा दुख जताया है। कांग्रेस नेता नैनपाल राणा ने परिवार को सांत्वना दी
नरेंद्र राणा के सबसे करीबी रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता नैनपाल राणा ने उनके निधन पर कहा कि नरेंद्र राणा के निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। नरेंद्र राणा बहुत मेहनती थे और समाज सेवा में हमेशा आगे रहते थे। नरेंद्र 2005 में ददलाना गांव के सरपंच बने थे। उनके कार्यकाल में गांव में स्टेडियम, सीएचसी, पशु अस्पताल, बिजली घर, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सड़कें, गलियां और नालियां बनवाई गईं। वे 2009 में कांग्रेस में सक्रिय कार्यकर्ता थे। वे रिफाइनरी में ठेकेदार थे। उन्होंने रिफाइनरी में हजारों युवाओं को रोजगार भी दिलाया। 2019 में बसपा टिकट से लड़ा था चुनाव
नरेंद्र राणा कांग्रेस के बाद वह कुछ दिन हजका में रहे और 2019 में बसपा में शामिल होकर असंध से टिकट पर चुनाव लड़ा और 1703 वोटों से हार गए। वह हमेशा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। नरेंद्र राणा मायावती के करीबी रहे हैं। उनके दो बेटे एडवोकेट गोपाल और इंजीनियर नीरज हैं। नरेंद्र की एक बेटी भी है, सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। नरेंद्र पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। नरेंद्र राणा ने सभी 36 बिरादरियों को साथ लेकर काम किया। उन्होंने नेता के तौर पर नहीं बल्कि भाई और बेटे के तौर पर काम किया। गोपाल राणा ने 2 दिन पहले किया था पोस्ट
नरेंद्र राणा के बेटे गोपाल राणा ने 8 अक्टूबर को असंध विधानसभा चुनाव हारने के दो दिन बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने लिखा था कि आज चुनाव गोपाल राणा नहीं बल्कि बेटा हारा है। मैं अपने पिता के सपने के लिए लड़ रहा था। जनता ने आशीर्वाद दिया लेकिन मैं सरकारी सिस्टम से हार गया। गोपाल ने लिखा- जैसे ही पापा को हार की खबर मिली, उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मैं सोच रहा था कि क्या पता मेरी जीत से पापा ठीक हो जाते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, मैं सिस्टम का शिकार हो गया, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि भविष्य में किसी के साथ अन्याय न हो। टिकट न मिलने के कारण ब्रेन हेमरेज हुआ
पलवल के पूर्व विधायक सुभाष चौधरी को टिकट न मिलने के कारण ब्रेन हेमरेज हो गया था। जिसके कारण 73 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। चुनाव से पहले एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा। अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इसी बीच कांग्रेस ने करण दलाल को टिकट दे दिया। जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। सुभाष चौधरी की पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। उनका एक बेटा अमरजीत और एक बेटी सविता है। दोनों की शादी हो चुकी है। बेटी पहले प्रिंसिपल थी, लेकिन शादी के बाद उसने नौकरी छोड़ दी। पलवल जिले की राजनीति में सुभाष चौधरी एक जाना-माना चेहरा थे। वह कई बार पार्षद रहे और नगर परिषद के अध्यक्ष भी रहे। 1996 में उन्होंने पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और वह दूसरे नंबर पर रहे।