<p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> संत-महात्माओं को धूनी रमाते, अध्यात्म की गंगा बहाते-प्रवचन देते और पूजा-अर्चना व साधना करने की तस्वीरें तो आपने बहुत देखी होंगी, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के महाकुंभ से भगवाधारी संतों का ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भक्ति भाव में मगन और आनंदित होकर जमकर झूमते नाचते हुए नजर आ रहे हैं. बाबाओं के यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहे हैं. लोग वीडियो को न सिर्फ काफी पसंद कर रहे हैं, बल्कि इन पर खूब कमेंट भी कर रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भक्ति भाव में मगन होकर संतों की मस्ती का यह वीडियो उदासीन संप्रदाय के बड़ा पंचायती अखाड़े में सोमवार को पट्टाभिषेक समारोह का है. सोमवार को यहां अखाड़े के पश्चिमी पंगत के मुखिया महंत के तौर पर स्वामी रामनवमी दास जी का पट्टाभिषेक हुआ. इस मौके पर पंचायती अखाड़े के साथ ही तमाम दूसरे अखाड़ों के संत महात्मा भी मौजूद थे. समारोह में बैंड पार्टियां भक्ति गीतों की धुन पेश कर रही थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धुन पर झूमने नाचने लगे संत</strong><br />बैंड पार्टियों की परफॉर्मेंस पर कुछ श्रद्धालु थिरकने लगे तो वहां मौजूद संत भी खुद को रोक नहीं सके. जिस जगह पट्टाभिषेक समारोह हो रहा था और महंत रामनवमी दास की चादरपोशी की जा रही थी, कई भगवाधारी संत वहीं खड़े होकर भक्ति गीतों की धुन पर झूमने नाचने लगे. इस मौके पर युवा संतों ने जमकर ठुमके लगाए तो अधेड़ व बुजुर्ग संत सिर्फ हाथ पांव हिलाते और भक्ति भाव में झूमते हुए दिखाई दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-2025-prayagraj-cyber-thugs-cheating-being-done-in-the-name-of-hotel-booking-2844106″><strong>Mahakumbh 2025 पर मंडराया साइबर ठगों का साया! फर्जी वेबसाइट बनाकर हो रही ठगी, इनसे रहें सावधान</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>संतों का धर्म और आध्यात्म की गंगा में डूब कर भक्ति भाव में थिरकने को तमाम लोग अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने लगे. कुछ श्रद्धालु भी झूमते नाचते संतों की भीड़ में शामिल होने की कोशिश करना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. आध्यात्म की गंगा में भक्ति के गोते लगाते संतो का यह अलग रूप उनके भक्तों और दूसरे श्रद्धालुओं को भी आनंदित कर रहा था. संतों का कहना है कि महाकुंभ ऐसा अवसर होता है जहां वह आनंदित और उल्लासित होते हैं और भक्ति भाव में मगन होकर कई बार इसी तरह से अपनी आस्था को प्रकट करते हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> संत-महात्माओं को धूनी रमाते, अध्यात्म की गंगा बहाते-प्रवचन देते और पूजा-अर्चना व साधना करने की तस्वीरें तो आपने बहुत देखी होंगी, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के महाकुंभ से भगवाधारी संतों का ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भक्ति भाव में मगन और आनंदित होकर जमकर झूमते नाचते हुए नजर आ रहे हैं. बाबाओं के यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहे हैं. लोग वीडियो को न सिर्फ काफी पसंद कर रहे हैं, बल्कि इन पर खूब कमेंट भी कर रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भक्ति भाव में मगन होकर संतों की मस्ती का यह वीडियो उदासीन संप्रदाय के बड़ा पंचायती अखाड़े में सोमवार को पट्टाभिषेक समारोह का है. सोमवार को यहां अखाड़े के पश्चिमी पंगत के मुखिया महंत के तौर पर स्वामी रामनवमी दास जी का पट्टाभिषेक हुआ. इस मौके पर पंचायती अखाड़े के साथ ही तमाम दूसरे अखाड़ों के संत महात्मा भी मौजूद थे. समारोह में बैंड पार्टियां भक्ति गीतों की धुन पेश कर रही थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धुन पर झूमने नाचने लगे संत</strong><br />बैंड पार्टियों की परफॉर्मेंस पर कुछ श्रद्धालु थिरकने लगे तो वहां मौजूद संत भी खुद को रोक नहीं सके. जिस जगह पट्टाभिषेक समारोह हो रहा था और महंत रामनवमी दास की चादरपोशी की जा रही थी, कई भगवाधारी संत वहीं खड़े होकर भक्ति गीतों की धुन पर झूमने नाचने लगे. इस मौके पर युवा संतों ने जमकर ठुमके लगाए तो अधेड़ व बुजुर्ग संत सिर्फ हाथ पांव हिलाते और भक्ति भाव में झूमते हुए दिखाई दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-2025-prayagraj-cyber-thugs-cheating-being-done-in-the-name-of-hotel-booking-2844106″><strong>Mahakumbh 2025 पर मंडराया साइबर ठगों का साया! फर्जी वेबसाइट बनाकर हो रही ठगी, इनसे रहें सावधान</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>संतों का धर्म और आध्यात्म की गंगा में डूब कर भक्ति भाव में थिरकने को तमाम लोग अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने लगे. कुछ श्रद्धालु भी झूमते नाचते संतों की भीड़ में शामिल होने की कोशिश करना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. आध्यात्म की गंगा में भक्ति के गोते लगाते संतो का यह अलग रूप उनके भक्तों और दूसरे श्रद्धालुओं को भी आनंदित कर रहा था. संतों का कहना है कि महाकुंभ ऐसा अवसर होता है जहां वह आनंदित और उल्लासित होते हैं और भक्ति भाव में मगन होकर कई बार इसी तरह से अपनी आस्था को प्रकट करते हैं.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड यूपी विधानसभा सत्र: मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया अनुपूरक बजट, 790 करोड़ के नए प्रस्ताव