<p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur Zoo:</strong> प्राकृतिक जंगलों में बनाया गया प्राणी उद्यान जिसे हम कानपुर चिड़ियाघर के नाम से भी जानते हैं, जू प्रबंधन की ओर से यहां आने वाले सैलानियों के लिए क्यू आर कोड की व्यवस्था जानवरों के हर बाड़े के बाहर की गई है. अब सैलानियों और पर्यटकों को यहां किसी भी जानवर की हर जानकारी पल भर में मिल जाएगी. प्राणी उद्यान में लगभग 70 बाड़ों में क्यू आर कोड लगाए गए हैं जिससे यहां आने वाले हर पर्यटक को आसानी से यहां मौजूद हर जानवर का पूरा इतिहास मोबाइल पर ही मिल जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कानपुर प्राणी उद्यान में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए इस साल एक नई पहल की गई है, बहुत से पर्यटक यहां घूमने के लिए आते है लेकिन उनका नाम, खाना पान और रहन सहन के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानते हैं लेकिन कानपुर प्राणी उद्यान में आने वाले सैलानियों के लिए अब यहां के प्रबंधन ने नया काम किया है. अब क्यू आर कोड को स्कैन करते हैं लोगों को झट से संबंधित जानवर के बारे में सब कुछ पता लग जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>70 बाड़ों में लगाया गया QR कोड</strong><br />क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि, अभी तक हर जानवर के बाड़े के बाहर बड़ा सा बोर्ड लगाया गया था, जिसमे जानवर की हर डिटेल लिखी गई थी. अब उसी बाड़े के बाहर जानवर की जानकारी के लिए क्यू आर कोड भी लगा दिए गए हैं. क्यूआरकोड के जरिये लोग अब जवानवर का पूरा नाम उसका वैज्ञानिक नाम , उसकी उम्र उसका खानपान और खुराक के साथ उसकी पसंद , उसका व्यवहार भी पता लगा सकेंगे. प्राणी उद्यान में लगभग ऐसी 70 बाड़ों के बाहर ये व्यवस्था की गई है. अन्य जानवरों के बाड़े के बाहर इसे लगाने का काम किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं अभी क्यू आर स्कैन करने पर पर्यटकों को स्कैन करते है कुछ विज्ञापन देखने को मिलते हैं जिसे अब जल्द ही खत्म करा दिया जाएगा, जिससे लोग आसानी से अपने पसंदीदा जानवर के बारे में पता कर सकते हैं. वहीं यहां आने वालों में क्यू आर कोड को लेकर उत्सुकता भी दिखाई दे रही है और लोग इसी उत्सुकता के चलते जानवरों की जानकारी स्कैन कर देख रहे हैं. वहीं इस स्कैनिंग में दिखाइए देने वाले एड को खत्म करने में सालाना लगभग 15 हजार रुपया का खर्च आ रहा है और इसे खत्म कराने के लिए प्रयास जारी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं सैलानियों की संख्या यहां लगातार बढ़ रही है खासकर यहां स्कूली बच्चों का आना क्या रहता हेयर क्यू आर को स्कैन करने को लेकर बच्चों में ज्यादा उत्सुकता दिखाई दे रही है. साथ ही स्कूल की ओर से प्राणी उद्यान लाने वाले मैनेजमेंट के लोग बच्चों को इस क्यू आर को स्कैन करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं जिससे बच्चों में जानकारी बढ़ेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/iqra-hasan-first-reaction-on-home-minister-amit-shah-ambedkar-issue-2844974″><strong>गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर सपा सांसद इकरा हसन बोलीं- बहुत अफसोस की बात है कि…</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur Zoo:</strong> प्राकृतिक जंगलों में बनाया गया प्राणी उद्यान जिसे हम कानपुर चिड़ियाघर के नाम से भी जानते हैं, जू प्रबंधन की ओर से यहां आने वाले सैलानियों के लिए क्यू आर कोड की व्यवस्था जानवरों के हर बाड़े के बाहर की गई है. अब सैलानियों और पर्यटकों को यहां किसी भी जानवर की हर जानकारी पल भर में मिल जाएगी. प्राणी उद्यान में लगभग 70 बाड़ों में क्यू आर कोड लगाए गए हैं जिससे यहां आने वाले हर पर्यटक को आसानी से यहां मौजूद हर जानवर का पूरा इतिहास मोबाइल पर ही मिल जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कानपुर प्राणी उद्यान में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए इस साल एक नई पहल की गई है, बहुत से पर्यटक यहां घूमने के लिए आते है लेकिन उनका नाम, खाना पान और रहन सहन के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानते हैं लेकिन कानपुर प्राणी उद्यान में आने वाले सैलानियों के लिए अब यहां के प्रबंधन ने नया काम किया है. अब क्यू आर कोड को स्कैन करते हैं लोगों को झट से संबंधित जानवर के बारे में सब कुछ पता लग जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>70 बाड़ों में लगाया गया QR कोड</strong><br />क्षेत्रीय वन अधिकारी नावेद इकराम ने बताया कि, अभी तक हर जानवर के बाड़े के बाहर बड़ा सा बोर्ड लगाया गया था, जिसमे जानवर की हर डिटेल लिखी गई थी. अब उसी बाड़े के बाहर जानवर की जानकारी के लिए क्यू आर कोड भी लगा दिए गए हैं. क्यूआरकोड के जरिये लोग अब जवानवर का पूरा नाम उसका वैज्ञानिक नाम , उसकी उम्र उसका खानपान और खुराक के साथ उसकी पसंद , उसका व्यवहार भी पता लगा सकेंगे. प्राणी उद्यान में लगभग ऐसी 70 बाड़ों के बाहर ये व्यवस्था की गई है. अन्य जानवरों के बाड़े के बाहर इसे लगाने का काम किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं अभी क्यू आर स्कैन करने पर पर्यटकों को स्कैन करते है कुछ विज्ञापन देखने को मिलते हैं जिसे अब जल्द ही खत्म करा दिया जाएगा, जिससे लोग आसानी से अपने पसंदीदा जानवर के बारे में पता कर सकते हैं. वहीं यहां आने वालों में क्यू आर कोड को लेकर उत्सुकता भी दिखाई दे रही है और लोग इसी उत्सुकता के चलते जानवरों की जानकारी स्कैन कर देख रहे हैं. वहीं इस स्कैनिंग में दिखाइए देने वाले एड को खत्म करने में सालाना लगभग 15 हजार रुपया का खर्च आ रहा है और इसे खत्म कराने के लिए प्रयास जारी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं सैलानियों की संख्या यहां लगातार बढ़ रही है खासकर यहां स्कूली बच्चों का आना क्या रहता हेयर क्यू आर को स्कैन करने को लेकर बच्चों में ज्यादा उत्सुकता दिखाई दे रही है. साथ ही स्कूल की ओर से प्राणी उद्यान लाने वाले मैनेजमेंट के लोग बच्चों को इस क्यू आर को स्कैन करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं जिससे बच्चों में जानकारी बढ़ेगी.</p>
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