हिमाचल सरकार के गेस्ट-टीचर भर्ती करने से फैसले पर विरोध में प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार आज धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे। सालों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे बेरोजगार गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर आज तपोवन में प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए बीती शाम को ही बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा धर्मशाला पहुंच गए हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने हर साल एक लाख नौकरी देने का वादा किया था। कांग्रेस सरकार को दो साल बीत गए है। मगर अब तक रोजगार का वादा पूरा नहीं किया गया। स्टाफ सिलेक्शन कमीशन भंग होने की वजह से नई भर्तियां तो दूर पुराने के भी रिजल्ट नहीं निकाले जा रहे। इससे बेरोजगारों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। पक्की नौकरी की जगह टेंपरेरी जोब अब रेगुलर टीचर रखने के बजाय सरकार ने गेस्ट टीचर भर्ती रखने का फैसला लिया है। इन्हें पीरियड आधार पर पैसे दिए जाएंगे। इससे बेरोजगार भड़क उठे हैं। हिमाचल प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि केंद्र की BJP सरकार ने सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया और अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है। 8 लाख बेरोजगार परेशान बालकृष्ण ने बताया कि प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा युवा है, जो नौकरी की आस में निरंतर पढ़ाई कर रहा है, ताकि रेगुलर नौकरी हासिल कर सके। मगर सरकार आउटसोर्स, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी-टास्क वर्कर जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठग रही है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड सुक्खू कैबिनेट द्वारा मंजूर गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, सीनियर सेकेंडरी में 400 रुपए और कालेज में 500 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि जब रेगुलर टीचर आएगा तो इन्हें हटा दिया जाएगा। 1 लाख नौकरी का वादा, 2 साल में 4500 को नौकरी दे पाई हिमाचल में कांग्रेस ने हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा किया था। प्रशिक्षित बेरोजगार यूनियन की माने तो 2 साल में लगभग 4500 लोगों को ही पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे हैं। कांग्रेस सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स व पार्ट टाइम है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। इन मांगों को लेकर करेंगे विधानसभा का घेराव हिमाचल सरकार के गेस्ट-टीचर भर्ती करने से फैसले पर विरोध में प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार आज धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे। सालों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे बेरोजगार गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर आज तपोवन में प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए बीती शाम को ही बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा धर्मशाला पहुंच गए हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने हर साल एक लाख नौकरी देने का वादा किया था। कांग्रेस सरकार को दो साल बीत गए है। मगर अब तक रोजगार का वादा पूरा नहीं किया गया। स्टाफ सिलेक्शन कमीशन भंग होने की वजह से नई भर्तियां तो दूर पुराने के भी रिजल्ट नहीं निकाले जा रहे। इससे बेरोजगारों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। पक्की नौकरी की जगह टेंपरेरी जोब अब रेगुलर टीचर रखने के बजाय सरकार ने गेस्ट टीचर भर्ती रखने का फैसला लिया है। इन्हें पीरियड आधार पर पैसे दिए जाएंगे। इससे बेरोजगार भड़क उठे हैं। हिमाचल प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बताया कि केंद्र की BJP सरकार ने सेना में अग्निवीर भर्ती योजना लाकर युवाओं के साथ धोखा किया और अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार शिक्षक वीर भर्ती करके उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है। 8 लाख बेरोजगार परेशान बालकृष्ण ने बताया कि प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा युवा है, जो नौकरी की आस में निरंतर पढ़ाई कर रहा है, ताकि रेगुलर नौकरी हासिल कर सके। मगर सरकार आउटसोर्स, वन मित्र, गेस्ट टीचर, मल्टी-टास्क वर्कर जैसी अस्थाई भर्तियां करके उन युवाओं को ठग रही है, जो सालों से लाइब्रेरी में बैठकर कमीशन की तैयारी कर रहे हैं। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड सुक्खू कैबिनेट द्वारा मंजूर गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में 250 रुपए, सीनियर सेकेंडरी में 400 रुपए और कालेज में 500 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि जब रेगुलर टीचर आएगा तो इन्हें हटा दिया जाएगा। 1 लाख नौकरी का वादा, 2 साल में 4500 को नौकरी दे पाई हिमाचल में कांग्रेस ने हर साल 1 लाख नौकरी देने का वादा किया था। प्रशिक्षित बेरोजगार यूनियन की माने तो 2 साल में लगभग 4500 लोगों को ही पक्की नौकरी दे पाई है। इनमें लगभग 1560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं। ज्यादातर पदों पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में भर्तियां शुरू हो गई थी। कांग्रेस सरकार ने बैच वाइज कोटे से JBT के 2800 पद भरे हैं। कांग्रेस सरकार का दावा है कि 30 हजार से ज्यादा पदों पर नौकरियां दे दी गई है। मगर इनमें अधिकांश नौकरियां आउटसोर्स व पार्ट टाइम है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस आउटसोर्स भर्तियां बंद करने के दावे करती रही। मगर सत्ता मिलने के बाद कांग्रेस भी पूर्व सरकार के रास्ते पर चल पड़ी। इन मांगों को लेकर करेंगे विधानसभा का घेराव हिमाचल | दैनिक भास्कर
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रामकृष्ण मिशन आश्रम शिमला के सचिव स्वामी तनमहिमानंद ने कहा कि ब्रह्मो समाज ने वर्ष 2014 से मंदिर को धार्मिक कार्यों के लिए रामकृष्ण मिशन को दे रखा है और तब से यह प्रक्रिया चल रही है। मंदिर के माली विशाल शर्मा और कुछ यूनियन नेता कालीबाड़ी में सम्मेलन कर रहे थे। ब्रह्मो के नारे लगाने शुरू किए
आज जो हुआ वह यह है कि वह भक्त के रूप में आए और आरती में भाग लिया, जिसके बाद उन्होंने कहा कि स्वामी जी हम भक्त हैं, हमें प्रवचन दीजिए, जिस पर उनके सहयोगी ने प्रवचन दिया। जिसके बाद वह उसे कहने लगे कि 8:30 बज गए हैं, मंदिर बंद करने का समय हो गया है। इस पर उन्होंने जय ब्रह्मो के नारे लगाने शुरू कर दिए और कहा कि यह 138 साल से हमारा मंदिर है और आपने इस पर कब्जा कर रखा है। कोर्ट को ही फैसला करना चाहिए
इस तरह से उन्होंने मंदिर में हंगामा करना शुरू कर दिया। स्वामी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए कोर्ट को ही फैसला करना चाहिए। कोर्ट जो भी फैसला लेगा वह सभी को मंजूर होगा। ब्रह्म समाज पक्ष ने विवाद पर क्या कहा.. ब्रह्म समाज पक्ष ने कहा- छोटा सा विवाद
ब्रह्म समाज के ट्रस्टी एमआर सागरोली ने कहा कि यह छोटा सा विवाद है, यह कोई बड़ा विवाद नहीं है। अभी कालीबाड़ी हॉल में 2 दिन से ब्रह्म सम्मेलन चल रहा है और जो लोग पहले यहां आते थे, वे सभी यहां आए हैं, उनकी इस मंदिर में आस्था है और वे सुबह-शाम यहां पूजा-अर्चना के लिए आते रहते हैं। लेकिन यह पहली बार है कि मंदिर को कुछ अन्य लोगों ने अपने अधिकार क्षेत्र में लिया है। किसी को मंदिर में जाने से नहीं रोक सकते
उन्होंने कहा कि इस पर कोर्ट में केस चल रहा है, उसमें स्टे मिल चुका है, वह अलग बात है। लेकिन किसी ने किसी को मंदिर में जाने से नहीं रोका है। ऐसे में अगर अखिल भारतीय स्तर से यहां आए ब्रह्म समाज के लोग मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी इजाजत दी जानी चाहिए।