किन्नौर में ऊंचाई वाले इलाकों में सर्दी की पहली बर्फबारी हुई। सोमवार सुबह जैसे ही लोग अपने घरों से बाहर निकले, तो यहां की सभी पहाड़ियां 2 इंच से 1 फीट मोटी सफेद चादर में ढंकी हुई थी। वहीं रिकांगपिओ की चार बसें बर्फबारी के बीच फंस गई हैं। मौसम में आए इस बदलाव के बाद किन्नौर के अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया। बीते लंबे समय से बर्फबारी न होने से किन्नौर के सेब बागवान चिंतित देखे गए। दिसंबर माह में शुरू हुए इस बर्फबारी से लोगों को थोड़ी उम्मीद जगी है। रिकांगपिओ की चार बसें फंसी रविवार रात को हुई बर्फबारी के चलते रिकांगपिओ रीजन की लोकल रूट्स पर चलने वाली बसों को सुरक्षित स्थानों पर वापस बुलाया गया। परिवहन निगम के इंस्पेक्टर गोपाल नेगी ने कहा कि निगम की एक बस नेसंग में फंसी है। जबकि दो बस नारकंडा व एक बस कुफरी में फंसी है। सोमवार को लोकल रूट्स पर बसें भेजी गई हैं। प्रशासन ने जारी किया येलो अलर्ट किन्नौर में मुख्य पर्यटन स्थल छितकुल , रकछम व सांगला आदि क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण तापमान माइनस में चला है। उधर किन्नौर प्रशासन ने येलो अलर्टजारी कर आम जनता को किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए अपील की है। किन्नौर में ऊंचाई वाले इलाकों में सर्दी की पहली बर्फबारी हुई। सोमवार सुबह जैसे ही लोग अपने घरों से बाहर निकले, तो यहां की सभी पहाड़ियां 2 इंच से 1 फीट मोटी सफेद चादर में ढंकी हुई थी। वहीं रिकांगपिओ की चार बसें बर्फबारी के बीच फंस गई हैं। मौसम में आए इस बदलाव के बाद किन्नौर के अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया। बीते लंबे समय से बर्फबारी न होने से किन्नौर के सेब बागवान चिंतित देखे गए। दिसंबर माह में शुरू हुए इस बर्फबारी से लोगों को थोड़ी उम्मीद जगी है। रिकांगपिओ की चार बसें फंसी रविवार रात को हुई बर्फबारी के चलते रिकांगपिओ रीजन की लोकल रूट्स पर चलने वाली बसों को सुरक्षित स्थानों पर वापस बुलाया गया। परिवहन निगम के इंस्पेक्टर गोपाल नेगी ने कहा कि निगम की एक बस नेसंग में फंसी है। जबकि दो बस नारकंडा व एक बस कुफरी में फंसी है। सोमवार को लोकल रूट्स पर बसें भेजी गई हैं। प्रशासन ने जारी किया येलो अलर्ट किन्नौर में मुख्य पर्यटन स्थल छितकुल , रकछम व सांगला आदि क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण तापमान माइनस में चला है। उधर किन्नौर प्रशासन ने येलो अलर्टजारी कर आम जनता को किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए अपील की है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में भारी बारिश से 126 करोड़ की संपत्ति नष्ट:270 लोगों की मौत; आज-कल खिलेगी धूप, परसो से 48 घंटे फिर बारिश की चेतावनी हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में 126 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति नष्ट हो चुकी है। अकेले लोक निर्माण विभाग की 58 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान हो चुका है। भारी बारिश के कारण 175 मकान जमींदोज हुए है, जबकि 475 मकान को आंशिक क्षति हुई है। इस मानसून सीजन में 270 लोगों की जान चुकी है। इनमें ज्यादातर की मौत सड़क हादसों में हुई है। 6 लोगों की जान लैंडस्लाइड, 8 की मौत बाढ़, 23 की बादल फटने, 26 की पानी में डूबने, 1 की आसमानी बिजली, 24 की सांप के काटने, 15 की करंट लगने, 38 की पेड़ व ढांक से गिरने तथा 9 की अन्य कारणों से मौत हुई है। 120 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। 2 दिन कमजोर रहेगा मानसून प्रदेश में आज और कल 2 दिन तक मानसून कमजोर रहेगा। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश के ज्यादातर भागों में आज धूप खिलेगी। मगर परसो यानी 2 अगस्त को मानसून 48 घंटे के लिए फिर से एक्टिव होगा। इससे पहाड़ों पर 2 दिन तक बारिश के आसार है। मानसून सीजन में 23% कम बारिश प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान 1 जून से 30 अगस्त तक सामान्य से 23 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 608.7 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 467.9 मिलीमीटर बादल बरसे है। प्रदेश के 12 जिलों में इकलौते शिमला जिला में ही सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। अन्य सभी जिलों में सामान्य से काफी कम बरसात हुई है। लाहौल स्पीति जिला में औसत से 76 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। अगस्त महीने में बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला में जरूर अच्छी बारिश हुई है।
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