पंजाब में पुलिस थानों पर हो रहे अटैक थम नहीं रहे हैं। रात को बंगा वडाला गांव के पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका गया। गुरदासपुर के कलानौर क्षेत्र में बीते 48 घंटों में ये दूसरा ग्रेनेड हमला है। 28 दिनों में पंजाब में 8 बार ग्रेनेड फेंके जा चुके हैं। बढ़ती वारदातों से राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जानकारी अनुसार बंगा वडाला गांव रात को धमाके से दहल गया। लोग डर के घरों से बाहर निकले तो पता चला कि पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका गया है। इसके बाद यहां रात भर यहां पुलिस की गाड़ियों के सायरन बजते रहे। एक दिन पहले ही खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने कलानौर पुलिस पोस्ट पर हमला किया था। रात को बंगा वडाला में हुए ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) ने ली। वहीं, रात हुए धमाके के बाद फिलहाल पुलिस चौकी में फोरेंसिक जांच चल रही है और सीनियर अधिकारी लगातार हालात का जायजा ले रहे हैं। 28 दिन में हुआ 8वां हमला बीते 28 दिनों में पंजाब में यह 8वां हमला है। इनमें से विदेश में बैठे आतंकी 7 धमाके करवाने में सफल रहे, जबकि एक बम अजनाला थाने से बिना फटे रिकवर किया गया। जानें कब-कब हुईं 7 घटनाएं 24 नवंबर- अजनाला थाने के बाहर RDX लगाया गया था। हालांकि, यह फटा नहीं। इसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने ली थी, जबकि इस मामले में पुलिस 2 आरोपियों को पकड़ चुकी है। उनसे हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए गए थे। 27 नवंबर- गुरबख्श नगर में बंद पुलिस चौकी में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। यह हमला भी बंद चौकी में हुआ था। 2 दिसंबर- एसबीएस नगर के काठगढ़ थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस मामले में भी पुलिस ने 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया था और उनसे हथियार बरामद किए गए थे। 4 दिसंबर- मजीठा थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ तो पुलिस ने हमला मानने से ही इनकार कर दिया। पुलिस का कहना था कि उनके एक कर्मी की बाइक का टायर फटा है। हालांकि, इलाके के पूर्व विधायक बिक्रम मजीठिया ने थाने की तस्वीरों के साथ इसे आतंकी घटना बताया था। 13 दिसंबर- अलीवाल बटाला थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस घटना की जिम्मेदारी भी हैप्पी पासियां और उसके साथी ने ली थी। इस घटना को भी रात के समय ही अंजाम दिया गया। 17 दिसंबर- इस्लामाबाद थाने में ग्रेनेड विस्फोट किया गया। सुबह जब खबर फैली तो पुलिस कमिश्नर और लोकल पुलिस ने इसे ब्लास्ट नहीं बताया, लेकिन दोपहर DGP पंजाब खुद अमृतसर पहुंचे और उन्होंने माना कि यह एक आतंकी घटना थी और बम फोड़ा गया था। 19 दिसंबर- पंजाब के भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गुरदासपुर जिले की बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाला पर आतंकी हमला हुआ। पुलिस द्वारा किसी मामले में जब्त किए गए ऑटो पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका। सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती दो प्रमुख खालिस्तानी संगठनों, KZF और BKI द्वारा पंजाब में हमलों की जिम्मेदारियां ली जा रही हैं। पुलिस की कोशिशों के बावजूद लगातार हमले चिंता का विषय बन रहे हैं। इन सभी हमलों में सिर्फ पंजाब पुलिस को ही टारगेट किया जा रहा है। पंजाब पुलिस ने बीते दिनों इन मामलों में एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन इसके बावजूद हमलों पर काबू पाना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है। पंजाब में पुलिस थानों पर हो रहे अटैक थम नहीं रहे हैं। रात को बंगा वडाला गांव के पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका गया। गुरदासपुर के कलानौर क्षेत्र में बीते 48 घंटों में ये दूसरा ग्रेनेड हमला है। 28 दिनों में पंजाब में 8 बार ग्रेनेड फेंके जा चुके हैं। बढ़ती वारदातों से राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जानकारी अनुसार बंगा वडाला गांव रात को धमाके से दहल गया। लोग डर के घरों से बाहर निकले तो पता चला कि पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंका गया है। इसके बाद यहां रात भर यहां पुलिस की गाड़ियों के सायरन बजते रहे। एक दिन पहले ही खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने कलानौर पुलिस पोस्ट पर हमला किया था। रात को बंगा वडाला में हुए ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) ने ली। वहीं, रात हुए धमाके के बाद फिलहाल पुलिस चौकी में फोरेंसिक जांच चल रही है और सीनियर अधिकारी लगातार हालात का जायजा ले रहे हैं। 28 दिन में हुआ 8वां हमला बीते 28 दिनों में पंजाब में यह 8वां हमला है। इनमें से विदेश में बैठे आतंकी 7 धमाके करवाने में सफल रहे, जबकि एक बम अजनाला थाने से बिना फटे रिकवर किया गया। जानें कब-कब हुईं 7 घटनाएं 24 नवंबर- अजनाला थाने के बाहर RDX लगाया गया था। हालांकि, यह फटा नहीं। इसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने ली थी, जबकि इस मामले में पुलिस 2 आरोपियों को पकड़ चुकी है। उनसे हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए गए थे। 27 नवंबर- गुरबख्श नगर में बंद पुलिस चौकी में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। यह हमला भी बंद चौकी में हुआ था। 2 दिसंबर- एसबीएस नगर के काठगढ़ थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस मामले में भी पुलिस ने 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया था और उनसे हथियार बरामद किए गए थे। 4 दिसंबर- मजीठा थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ तो पुलिस ने हमला मानने से ही इनकार कर दिया। पुलिस का कहना था कि उनके एक कर्मी की बाइक का टायर फटा है। हालांकि, इलाके के पूर्व विधायक बिक्रम मजीठिया ने थाने की तस्वीरों के साथ इसे आतंकी घटना बताया था। 13 दिसंबर- अलीवाल बटाला थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस घटना की जिम्मेदारी भी हैप्पी पासियां और उसके साथी ने ली थी। इस घटना को भी रात के समय ही अंजाम दिया गया। 17 दिसंबर- इस्लामाबाद थाने में ग्रेनेड विस्फोट किया गया। सुबह जब खबर फैली तो पुलिस कमिश्नर और लोकल पुलिस ने इसे ब्लास्ट नहीं बताया, लेकिन दोपहर DGP पंजाब खुद अमृतसर पहुंचे और उन्होंने माना कि यह एक आतंकी घटना थी और बम फोड़ा गया था। 19 दिसंबर- पंजाब के भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गुरदासपुर जिले की बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाला पर आतंकी हमला हुआ। पुलिस द्वारा किसी मामले में जब्त किए गए ऑटो पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका। सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती दो प्रमुख खालिस्तानी संगठनों, KZF और BKI द्वारा पंजाब में हमलों की जिम्मेदारियां ली जा रही हैं। पुलिस की कोशिशों के बावजूद लगातार हमले चिंता का विषय बन रहे हैं। इन सभी हमलों में सिर्फ पंजाब पुलिस को ही टारगेट किया जा रहा है। पंजाब पुलिस ने बीते दिनों इन मामलों में एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन इसके बावजूद हमलों पर काबू पाना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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रवनीत बिट्टू की जीत पर आज लगेगी मोहर:राजस्थान राज्यसभा चुनाव में नामांकन वापसी का आखरी दिन, निर्विरोध जीत तय
रवनीत बिट्टू की जीत पर आज लगेगी मोहर:राजस्थान राज्यसभा चुनाव में नामांकन वापसी का आखरी दिन, निर्विरोध जीत तय पंजाब से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का राज्यसभा में जाना लगभग फाइनल हो गया है। आज मंगलवार उस पर मोहर भी लग जाएगी। दरअसल, राज्यसभा चुनावों के नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख आज है, और इसके बाद परिणाम की घोषणा हो जाएगी। कांग्रेस की तरफ से इन उप-चुनावों में कोई उम्मीदवार ना उतारने के फैसले से बिट्टू की जीत पहले ही एकतरफा हो चुकी है। कांग्रेस की तरफ से इन उप-चुनावों में उम्मीदवार ना उतारने के बाद नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में 3 उम्मीदवार ही बचे थे। बीजेपी के डमी उम्मीदवार सुनील कोठारी अपना नामांकन पहले ही वापस ले चुके हैं। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार बबीता वाधवानी का भी नामांकन पत्र था, जिसे जांच के बाद रद्द कर दिया गया है। अब बिट्टू ही मैदान में बचे हैं। रवनीत बिट्टू की जीत का गणित राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। राज्यसभा के चुनाव में अपनाए जाने वाले फॉर्मूले के हिसाब से जितनी सीटें खाली होती हैं, उसमें एक जोड़कर जितनी विधानसभा सीटें होती हैं, उसमें भाग दिया जाता है। भाग के परिणाम में एक जोड़ा जाता है। इससे जो रिजल्ट आता है, उतने वोट एक सीट पर जरूरी होते हैं। राजस्थान में 1 सीट पर चुनाव होगा। इसमें 1 जोड़ेंगे तो 2 होंगे। राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन 6 सीटें खाली हैं। ऐसे में 194 में 2 का भाग देकर रिजल्ट में 1 जोड़ेंगे तो संख्या 98 आएगी। इस तरह राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए 98 वोट चाहिए। बीजेपी के पास 114 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास मात्र 66 विधायक हैं। संख्या बल के हिसाब से बीजेपी की जीत तय है। जरूरत पड़ी तो ही होगी वोटिंग राजस्थान मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख भी 27 अगस्त है। इसके बाद परिणाम की घोषणा हो जाएगी। अगर जरूरत पड़ी या कोई विरोध सामने आया तो ही 3 सितंबर को वोटिंग करवाई जाएगी। इसके बाद शाम 5.00 बजे काउंटिंग भी होगी। चुनाव प्रक्रिया 6 सितंबर तक पूरी हो जाएगी। कांग्रेस ने नहीं उतारा उम्मीदवार राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि पार्टी इस बार राज्यसभा सीट के चुनाव को लेकर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, क्योंकि बीजेपी के पास इस सीट को जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को जीत की कोई गुंजाइश नहीं दिखने के कारण उन्होंने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। दूसरी बार भी अन्य राज्य से चुनाव लड़ेंगे बिट्टू कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर ये उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर सदस्यता का कार्यकाल 21 जून 2026 तक रहेगा। बता दें राजस्थान में कुल 10 राज्यसभा सीटें हैं। मौजूदा समय में बीजेपी के पास 4 और कांग्रेस के पास 5 सीटें हैं। ऐसे में रवनीत बिट्टू की सदस्यता जून 2026 में खत्म हो जाएगी। जिसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री बने रहने के लिए बिट्टू को दोबारा राज्यसभा का ही रुख करना होगा। पंजाब की बात करें तो यहां की 7 में से कोई भी सीट 2028 से पहले खाली नहीं होगी। वहीं, अगले लोकसभा चुनाव भी 2029 में ही होंगे।
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लुधियाना केमिकल फैक्ट्री में विस्फोट से पड़ोसी की छत चरमराई:दीवारों में दरारें, मकान के शीशे टूटे; धमाके से दहल उठा था पूरा इलाका लुधियाना में बीती रात सुंदर नगर के इलाका सरदार नगर में साहिल केमिकल के गोदाम में अचानक धमका हो गया था। आज सुबह धमाके को लेकर खुलासे में पता चला कि पड़ोसियों का काफी नुकसान हो गया है। सुबह पड़ोसियों ने जब अपना घर देखा तो उन्होंने पाया कि कई जगह छत्त की POP गिर गई। घर के कई शीशे तक टूट गए हैं। घर की वायरिंग तक जल गई है। धमाका होने से इलाके के लोगों में डर बन गया है। आग लगने के तुरंत बाद ही लोगों ने कंट्रोल रुम को सूचित कर दिया था। दमकल विभाग ने कड़ी मशक्कत के साथ आग पर काबू पाया। करीब ढ़ाई घंटे तक आग लगी रही। गोदाम में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। धमाके से दहला इलाका जानकारी देते हुए पड़ोसी ने कहा कि कई बार केमिकल की फैक्ट्री बंद करवाने के लिए मालिकों से कह चुके हैं लेकिन वह किसी की सुनते नहीं है। पिछले 2 साल से ये फैक्ट्री चल रही है। केमिकल फैक्ट्री मालिकों का ही गोदाम है। गोदाम में धमाका होने के बाद इलाका भी दहल गया है। प्रशासन से मांग है कि रिहायशी इलाके में केमिकल की फैक्ट्रियां या गोदामों को हटवाया जाए। आज सुबह देखा तो पता चला कि धमाका होने के कारण घर की छत्तों और दीवारों में भी दरारें आ गई हैं। शीशे तक टूट गए है। घर की वायरिंग जल गई।
खडूर साहिब में AAP को मिली मजबूती:आजाद चुनाव लड़ने वाले भूपिंदर सिंह ने जॉइन की पार्टी, 25 सालों से राजनीति में
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