साधु के भेष में छुपा था गुंडा एक्ट का अपराधी, पुलिस ने 32 साल बाद किया गिरफ्तार

साधु के भेष में छुपा था गुंडा एक्ट का अपराधी, पुलिस ने 32 साल बाद किया गिरफ्तार

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> शाहजहांपुर के जलालाबाद में दिन में भीख मांगकर रेकी व रात में चोरी करने समेत गंभीर अपराधों में लिप्त शातिर बदमाश रामाधार उर्फ धरुआ कंजड़ को पुलिस ने 32 साल बाद पकड़ लिया. पुलिस से बचने के लिए वह साधु बन गया था, मां का देहांत होने पर वह हरियाणा से घर आया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गांव सराय साधौ निवासी रामाधार पर जलालाबाद थाने में लूट, हत्या, हत्या के प्रयास व चोरी आदि के दस मुकदमे दर्ज हैं. अपराधों की लंबी फेहरिस्त देखकर पुलिस ने वर्ष 1993 में उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. पुलिस के अनुसार, आरोपी के खिलाफ 1992 में लूट का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद से वह फरार था, हाजिर न होने पर न्यायालय ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया था, लेकिन आरोपी लगातार पुलिस को चकमा देता रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मां के निधन के बाद आया था गांव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस से बचने के लिए रामाधार ने अपना वेश बदल लिया था. उसने बड़े बाल रखने के साथ दाढ़ी बढ़ा ली थी, वह साधु के वेश में हरियाणा में रहने लगा था. इधर वारंट जारी होने पर पुलिस उसका सुराग लगाने में जुटी थी. रामाधार की मां का निधन हो गया था. सूचना आने पर वह अपने घर आया था. यह जानकारी पुलिस के पास पहुंची तो इंस्पेक्टर प्रदीप राय ने टीम गठित कर गांव स्थित उसके घर में छापा मारा. यहां साधु के वेश में मौजूद रामाधार को दबोच लिया गया, उसे थाने में लाकर पूछताछ की गई. कई सालों से इधर-उधर घूम रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस का मुखबिर तंत्र कर गया काम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वारंट जारी होने के कारण पुलिस उसके गांव में चक्कर लगाती रहती थी. उसके आने पर तुरंत सूचित करने के लिए कहा गया था। परिवार वाले भी संपर्क नहीं होने की बात कहकर पुलिस को टरका देते थे. मां की मौत पर घर आने पर पुलिस का मुखबिर तंत्र काम कर गया. पुलिस ने साधु को दबोचा तो उसने पहले बरगलाने का प्रयास किया. सख्ती से पूछने पर उसने सच कबूल कर लिया. उसने बताया कि पुलिस से बचने के लिए वेश बनाया था. हरियाणा में कोई स्थायी निवास नहीं रहा, वह लगातार इधर से उधर घूमता रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साल 1993 में पुलिस ने दर्ज किए कई मकुदमे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राय ने बताया की 32 साल से शातिर अपराधी रामाधार उर्फ धरुआ कंजड़ फरार चल रहा था. साल 1993 में लूट ,चोरी एवं अन्य अपराधों में इसके खिलाफ कई मुकदमे जनपद शाहजहांपुर में दर्ज किए गए थे. उस समय इसके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई थी. इसके बाद से यह साधु के भेष में रहकर लगातार अपराधों को अंजाम दे रहा था. अपनी मां के देहांत के बाद यह हरियाणा से यहां आया था, जिसे 32 साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uppcl-retired-employee-not-get-pension-five-years-due-to-bribe-in-gorakhpur-ann-2847208″>रिश्वत की भेंट चढ़ी बुजुर्ग महिला की पेंशन, आक्सीजन सिलेंडर के साथ तहसील दिवस पहुंची पीड़िता</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> शाहजहांपुर के जलालाबाद में दिन में भीख मांगकर रेकी व रात में चोरी करने समेत गंभीर अपराधों में लिप्त शातिर बदमाश रामाधार उर्फ धरुआ कंजड़ को पुलिस ने 32 साल बाद पकड़ लिया. पुलिस से बचने के लिए वह साधु बन गया था, मां का देहांत होने पर वह हरियाणा से घर आया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गांव सराय साधौ निवासी रामाधार पर जलालाबाद थाने में लूट, हत्या, हत्या के प्रयास व चोरी आदि के दस मुकदमे दर्ज हैं. अपराधों की लंबी फेहरिस्त देखकर पुलिस ने वर्ष 1993 में उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. पुलिस के अनुसार, आरोपी के खिलाफ 1992 में लूट का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद से वह फरार था, हाजिर न होने पर न्यायालय ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया था, लेकिन आरोपी लगातार पुलिस को चकमा देता रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मां के निधन के बाद आया था गांव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस से बचने के लिए रामाधार ने अपना वेश बदल लिया था. उसने बड़े बाल रखने के साथ दाढ़ी बढ़ा ली थी, वह साधु के वेश में हरियाणा में रहने लगा था. इधर वारंट जारी होने पर पुलिस उसका सुराग लगाने में जुटी थी. रामाधार की मां का निधन हो गया था. सूचना आने पर वह अपने घर आया था. यह जानकारी पुलिस के पास पहुंची तो इंस्पेक्टर प्रदीप राय ने टीम गठित कर गांव स्थित उसके घर में छापा मारा. यहां साधु के वेश में मौजूद रामाधार को दबोच लिया गया, उसे थाने में लाकर पूछताछ की गई. कई सालों से इधर-उधर घूम रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस का मुखबिर तंत्र कर गया काम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वारंट जारी होने के कारण पुलिस उसके गांव में चक्कर लगाती रहती थी. उसके आने पर तुरंत सूचित करने के लिए कहा गया था। परिवार वाले भी संपर्क नहीं होने की बात कहकर पुलिस को टरका देते थे. मां की मौत पर घर आने पर पुलिस का मुखबिर तंत्र काम कर गया. पुलिस ने साधु को दबोचा तो उसने पहले बरगलाने का प्रयास किया. सख्ती से पूछने पर उसने सच कबूल कर लिया. उसने बताया कि पुलिस से बचने के लिए वेश बनाया था. हरियाणा में कोई स्थायी निवास नहीं रहा, वह लगातार इधर से उधर घूमता रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साल 1993 में पुलिस ने दर्ज किए कई मकुदमे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राय ने बताया की 32 साल से शातिर अपराधी रामाधार उर्फ धरुआ कंजड़ फरार चल रहा था. साल 1993 में लूट ,चोरी एवं अन्य अपराधों में इसके खिलाफ कई मुकदमे जनपद शाहजहांपुर में दर्ज किए गए थे. उस समय इसके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई थी. इसके बाद से यह साधु के भेष में रहकर लगातार अपराधों को अंजाम दे रहा था. अपनी मां के देहांत के बाद यह हरियाणा से यहां आया था, जिसे 32 साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.</p>
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