हिमाचल प्रदेश में ठंड का कहर लगातार जारी है। प्रदेश में आलम ये है कि न्यूनतम तापमान माइनस 14 डिग्री तक पहुंच गया है। 10 शहरों का न्यूनतम तापमान माइनस के नीचे चला गया है। मौसम विभाग ने 5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। वहीं अगले सप्ताह में 3 दिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर बारिश -बर्फबारी होने की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 23 दिसंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में मौसम करवट बदल सकता है । आगामी हफ्ते में 3 दिन बर्फबारी और बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक 23 और 24 दिसंबर को ऊपरी और मध्य इलाकों में हल्की बर्फबारी का अनुमान है। वहीं शुक्रवार 27 दिसंबर को मैदानी इलाकों में बारिश और मध्य व ऊपरी इलाकों में बारिश के साथ बर्फबारी होने का पूर्वानुमान लगाया है। 5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट मौसम विभाग ने अगले 5 दिन तक मैदानी इलाकों में भीषण शीतलहर का भी अलर्ट जारी किया है। शीतलहर की चेतावनी ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जिला को दी गई है। सोलन और चंबा में भी कोल्ड वेव लोगों को परेशान कर सकती है। इसे देखते हुए लोगों को जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलने, गर्म कपड़े पहनने, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने, बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने तथा शरीर पर काले रंग के स्पॉट नजर आने पर डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी गई है। दो जिलों में घने कोहरे का अलर्ट कोल्ड-वेव के बीच आज से 3 दिन तक दो जिलों में घने कोहरे की भी चेतावनी दी गई है। मंडी की बल्ह घाटी और बिलासपुर के गोविंद सागर क्षेत्र के आसपास लोगों को सुबह से दोपहर तक कोहरा परेशान करेगा। इससे विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। 10 शहरों का तापमान माइनस में IMD द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सूंदर नगर में -0.1 ,भुंतर में -2, कल्पा में -3, मनाली में -1.0 ,कुकुमसेरी में -7.8, रिकांगपिओ में -0.8, सेवभाग में-1.5, समधो में -6.8, ताबो में -14, बजौरा में -1.9 डिग्री सेल्सियस तापमान बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश में ठंड का कहर लगातार जारी है। प्रदेश में आलम ये है कि न्यूनतम तापमान माइनस 14 डिग्री तक पहुंच गया है। 10 शहरों का न्यूनतम तापमान माइनस के नीचे चला गया है। मौसम विभाग ने 5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। वहीं अगले सप्ताह में 3 दिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर बारिश -बर्फबारी होने की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 23 दिसंबर से शुरू हो रहे सप्ताह में मौसम करवट बदल सकता है । आगामी हफ्ते में 3 दिन बर्फबारी और बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक 23 और 24 दिसंबर को ऊपरी और मध्य इलाकों में हल्की बर्फबारी का अनुमान है। वहीं शुक्रवार 27 दिसंबर को मैदानी इलाकों में बारिश और मध्य व ऊपरी इलाकों में बारिश के साथ बर्फबारी होने का पूर्वानुमान लगाया है। 5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट मौसम विभाग ने अगले 5 दिन तक मैदानी इलाकों में भीषण शीतलहर का भी अलर्ट जारी किया है। शीतलहर की चेतावनी ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और कांगड़ा जिला को दी गई है। सोलन और चंबा में भी कोल्ड वेव लोगों को परेशान कर सकती है। इसे देखते हुए लोगों को जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलने, गर्म कपड़े पहनने, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने, बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने तथा शरीर पर काले रंग के स्पॉट नजर आने पर डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी गई है। दो जिलों में घने कोहरे का अलर्ट कोल्ड-वेव के बीच आज से 3 दिन तक दो जिलों में घने कोहरे की भी चेतावनी दी गई है। मंडी की बल्ह घाटी और बिलासपुर के गोविंद सागर क्षेत्र के आसपास लोगों को सुबह से दोपहर तक कोहरा परेशान करेगा। इससे विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। 10 शहरों का तापमान माइनस में IMD द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सूंदर नगर में -0.1 ,भुंतर में -2, कल्पा में -3, मनाली में -1.0 ,कुकुमसेरी में -7.8, रिकांगपिओ में -0.8, सेवभाग में-1.5, समधो में -6.8, ताबो में -14, बजौरा में -1.9 डिग्री सेल्सियस तापमान बना हुआ है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आगे झुकी:लैंड-सीलिंग एक्ट बदलने की तैयारी; विपक्ष में रहते किया था विरोध, दान की जमीन पर नजरें
हिमाचल सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आगे झुकी:लैंड-सीलिंग एक्ट बदलने की तैयारी; विपक्ष में रहते किया था विरोध, दान की जमीन पर नजरें हिमाचल प्रदेश में राधा स्वामी सत्संग ब्यास, लोगों द्वारा दान की गई जमीन को सोसाइटी के नाम ट्रांसफर करने के लिए सरकार पर दबाव बना रहा है। धार्मिक संस्था के दबाव में कांग्रेस सरकार भी लैंड सीलिंग एक्ट बदलने जा रही है। एक्ट बदला गया तो हिमाचल में दूसरी धार्मिक संस्थाएं भी अपनी जमीन बेचने के लिए सरकार पर दबाव बनाएगी। इसकी आड़ में चाय के बागान बेचने की भी अनुमति देनी पड़ सकती है, क्योंकि प्रदेश में समय समय पर चाय के बागान बेचने की अनुमति की मांग उठती रही है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास पांच-छह साल से हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होर्डिंग्स एक्ट 1972 की धारा 5 की उप धारा 5(आई) को हटाने की मांग कर रहा है। कानून के जानकार बताते हैं कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास और दूसरी धार्मिक संस्थाएं जमीन को न बेच सकती है, न गिफ्ट कर सकती है और न ही सोयासटी के नाम जमीन ट्रांसफर कर सकती है। यदि धार्मिक संस्था द्वारा ऐसा किया जाता है तो वह जमीन सरकार में निहित (वेस्ट) हो जाती है। सरकार ने एक्ट में 5(आई) जोड़कर सीलिंग में दी थी छूट दरअसल, राज्य सरकार ने साल 2014 में हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होर्डिंग एक्ट 1972 की धारा 5 में 5(आई) जोड़कर सीलिंग में छूट दी और धार्मिक संस्थाओं द्वारा जमीन बेचने पर इसे सरकार में निहित करने का प्रावधान किया। इससे धार्मिक संस्थाएं तिलमिला गई। धार्मिक संस्थाएं सरकार पर इस प्रावधान को हटाने का बार बार दबाव बना रही हैं। कैबिनेट नहीं दे सकती छूट जानकारों की माने तो राज्य कैबिनेट भी छूट नहीं दे सकती है। एक्ट में संशोधन किए बगैर धार्मिक संस्था को जमीन बेचने व हस्तांतरित करने की अनुमति देना संभव नहीं है। राज्य सरकार यदि एक्ट में संशोधन कर भी देती है तो भी इसमें राष्ट्रपति की मंजूरी अनिवार्य है। लोगों ने सैकड़ों बीघा जमीन कर रखी है दान प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों लोगों ने धार्मिक संस्थाओं को सैकड़ों बीघा जमीन दान कर रखी है। अभी लोगों द्वारा दान दी गई जमीन धार्मिक संस्थाओं के नाम है। कुछेक संस्थाएं अब इन्हें बेचकर मुनाफा कमाना चाह रही है, लेकिन लैंड सीलिंग एक्ट इसकी इजाजत नहीं देता। धार्मिक संस्था को छूट दी गई तो यह फैसला देवी-देवताओं और उन लोगों के साथ धोखा साबित होगा, जिनकी हजारों बीघा जमीन सीलिंग एक्ट के कारण सरकार में वेस्ट हुई है। बता दें कि हिमाचल में सीलिंग एक्ट की वजह से सैकड़ों लोगों की हजारों बीघा जमीन सरकार में वेस्ट की जा चुकी है। धार्मिक संस्थाओं को इसमें छूट केवल इस्तेमाल के लिए दी गई थी। बेचने के लिए नहीं। सीलिंग से ज्यादा जमीन को किया गया सील हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डा.वाइएस परमार के समय हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट इसलिए बनाया गया, ताकि भूमि के व्यक्तिगत उपयोग की सीमा तय की जा सके। यह भू-सुधारों में सबसे बड़ा कदम था। इसमें बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए भी लैंड होल्डिंग की सीमा निर्धारित है। कोई भी व्यक्ति या परिवार राज्य में पानी लगने वाली जमीन सिर्फ 50 बीघा, एक फसल देने वाली जमीन 75 बीघा और बगीचा 150 बीघा और ट्राइबल एरिया में 350 बीघा जमीन ही रख सकता है। जिनके लोगों के पास इससे ज्यादा जमीन थी, उनकी जमीन सरकार में वेस्ट हो गई थी। हिमाचल के लैंड सीलिंग एक्ट को संविधान की प्रोटेक्शन प्राप्त है। इस एक्ट की धारा 5 के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार, सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, स्थानीय निकायों, चाय बागानों, उद्योगों, जल विद्युत परियोजनाओं और राधा स्वामी सत्संग ब्यास की जमीन को सीलिंग से छूट दी गई है।
सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब
सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब हिमाचल की सुजानपुर विधानसभा सीट पर दिग्गज नेता एवं BJP उम्मीदवार राजेंद्र राणा उप चुनाव हारने जा रहे हैं। उधर, लाहौल-स्पीति में कांग्रेस के बागी एवं BJP कैंडिडेट रवि ठाकुर और निर्दलीय रामलाल मारकंडा, गगरेट सीट पर बीजेपी के चैतन्य शर्मा भी हार के कगार पर हैं। वहीं बड़सर सीट पर कांग्रेस के बागी व बीजेपी प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल चुनाव जीतने जा रहे है। लाहौल-स्पीति में कांग्रेस की अनुराधा राणा 1786 वोटों से आगे हैं। गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया 7970 वोटों के अंतर से चैतन्य से आगे चल रहे हैं। इन तीनों सीटों पर अब पोस्टल बैलेट की गणना बाकी और फाइनल घोषणा का इंतजार है। सुजानपुर में राजेंद्र राणा को 2174 मतों के अंतर से पीछे चल रहे हैं। कैप्टन रणजीत को ईवीएम में 28577 वोट और राजेंद्र राणा को 26403 मत मिले। राजेंद्र राणा ने हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस के राज्यसभा में प्रत्याशी के खिलाफ वोट करके पार्टी से बगावत की थी और बीते 23 मार्च को उन्होंने दिल्ली में बीजेपी का दामन थामा। 26 मार्च को बीजेपी ने राणा समेत कांग्रेस के छह बागी विधायकों को टिकट दिया। अब राजेंद्र राणा सुजानपुर सीट से विधानसभा उप चुनाव हार गए हैं। राणा को प्रेम कुमार धूमल के हनुमान माने जाने वाले कैप्टन रणजीत सिंह ने हराया है। बता दें कि राजेंद्र राणा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुख्यमंत्री चेहरा एवं दो बार के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को चुनाव हराया था। इस बार राणा खुद चुनाव हारने जा रहे है। मुख्यमंत्री सुक्खू निरंतर राणा पर हमलावर थे और सुधीर शर्मा व राणा को बिके हुए विधायकों का निरंतर सरगना बोल रहे थे। प्रदेश की चार अन्य विधानसभा सीटों पर भी काउंटिंग जारी है। बड़सर में बीजेपी के इंद्रदत्त लखनपाल, धर्मशाला में भी बीजेपी के सुधीर शर्मा और कुटलैहड़ में भी कांग्रेस के विवेक शर्मा बढ़त बनाए हुए है। इन छह सीटों पर उप चुनाव में कुल 4,54,926 मतदाताओं में से 3,29,240 (76.89%) ने वोट दिया है। इनमें 32,089 पुरुष, 35,337 पुरुष और एक थर्ड जेंडर का मतदाता शामिल है।कुटलैहड़ में सबसे ज्यादा 67427 (76.20%) फीसदी और धर्मशाला में सबसे कम 60981 (71.2%) मतदाताओं ने वोट डाला है। बड़सर विधानसभा में 62695 (71.69%), लाहौल स्पीति में 18977 (75.09%), गगरेट में 63359 (75.14%) और सुजानपुर में 55800 (73.76%) प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। लाहौल स्पीति में त्रिकोणीय मुकाबला लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है। धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी धर्मशाला सीट पर बीजेपी सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और निर्दलीय राकेश चौधरी के बीच मुकाबला है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया। 15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया।
हिमाचल प्रांत के प्रथम संघचालक जगन्नाथ शर्मा का निधन:AIIMS बिलासपुर में देह दान की; पूरा जीवन संघ कार्य को समर्पित
हिमाचल प्रांत के प्रथम संघचालक जगन्नाथ शर्मा का निधन:AIIMS बिलासपुर में देह दान की; पूरा जीवन संघ कार्य को समर्पित हिमाचल प्रांत के प्रथम संघचालक पंडित जगन्नाथ शर्मा का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले ही देहदान की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद जगन्नाथ शर्मा का परिवार उनकी देह लेकर एम्स अस्पताल बिलासपुर पहुंचा और यहां पर देह-दान किया। इससे पहले उनके परिजनों ने अंग दान से संबंधित औपचारिकताएं पूरी की। जगन्नाथ शर्मा ने अपनी पूरा जीवन संघ कार्य को समर्पित किया। पंडित जगन्नाथ शर्मा का जन्म 27 जून 1927 को बिलासपुर के अमरपुर गांव में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सर बटलर हाई स्कूल (वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय) में की। उन्होंने 1944 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और 1946 में डीएवी कॉलेज लाहौर से विज्ञान में शिक्षा प्राप्त की। 1941 में संघ से जुड़े पंडित शर्मा ने अपने जीवनकाल में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। 1958 में गुरदासपुर जिला के संघचालक और 1960 में अमृतसर विभाग के संघचालक बने। उनकी सेवाएं हिमगिरी प्रांत के संघचालक और 2000 में हिमाचल प्रांत के प्रथम संचालक बने। भारत विभाजन के दौरान लाहौर में कर रहे थे पढ़ाई भारत विभाजन के दौरान पंडित शर्मा लाहौर में अध्ययनरत थे। उन्होंने संघ की पंजाब रिलीफ कमेटी के माध्यम से विस्थापित हिंदुओं को सुरक्षित भारत लाने में अहम भूमिका निभाई। यह कमेटी संघ प्रचारक हुकूमत राय की देखरेख में कार्यरत थी। 10 जुलाई 2023 को देहदान का संकल्प लिया 10 जुलाई 2023 को उन्होंने एम्स जाकर देहदान का संकल्प लिया था। उनका यह कदम समाज के प्रति उनकी सेवा भावना को दर्शाता है। पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा पंडित जगन्नाथ शर्मा जैसे महान व्यक्तित्व कम ही मिलते हैं। उनका जीवन समाज और देश के लिए समर्पित रहा। उनके बेटे संदीप ने बताया पिताजी ने हमेशा समाज सेवा को प्राथमिकता दी। उनकी शिक्षाएं और आदर्श हमारे जीवन का मार्गदर्शन करेंगे। पंडित जगन्नाथ शर्मा का जीवन और योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।