हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज सोमवार को SHO पर भड़क गए। महिला की शिकायत पर FIR दर्ज न करने पर मंत्री ने अंबाला कैंट सदर थाना SHO सतीश कुमार को निलंबित करने का आदेश दिया। इस दौरान एसएचओ बहस करने लगे तो विज ने उनको डांट दिया। मंत्री अनिल विज सोमवार को अंबाला छावनी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इस दौरान एक महिला ने रोते हुए मंत्री के सामने अपनी बात रखी तो वे भड़क गए। महिला ने कहा कि दिन दिन बाद भी उनकी FIR दर्ज नहीं हुई है। एसएचओ ने कहा कि वो दोनों पार्टियों को तीन बार अपना पक्ष रखने को बुला चुके हैं। इस दौरान एसएचओ और महिला व उसके परिजनों में वाद विवाद हुआ। बार-बार पूछा- FIR की या नहीं अनिल विज ने SHO पर भड़कते हुए पूछा कि ‘तुमने FIR दर्ज करी या नहीं’। एसएचओ ने एग्रीमेंट का उल्लेख किया तो विज फिर भड़क गए और पूछा कि FIR दर्ज करी या नहीं करी। विज ने FIR को लेकर कई बार उनसे पूछा। एसएचओ ने कहा कि सिविल सूट बनता है, मैं कैसे FIR दर्ज करूं। महिला के परिजनों ने एसएचओ की बात को गलत बताया। विज ने फिर पूछा कि मुझे ये बताओ कि FIR करी या नहीं। एसएचओ ने इनकार किया तो मंत्री ने उनको सस्पेंड करने के आदेश दिए। इसके बाद मंत्री ने एसएचओ को धमकाते व इशारा करते हुए कहा कि चल बाहर। इस दौरान महिला ने फिर कहा कि सर हमारा फैसला करा दो प्लीज। विज बोले- तू कौन होता है FIR को रोकने वाला जनता दरबार में ही गुस्सा हुए अनिल विज ने कहा कि ये (SHO) हर बात में अपनी मनमर्जी करता है। कहा कि तेरे को जब मैंने कहा था कि FIR दर्ज कर, फिर की क्यों नहीं। तू कौन होता है भई FIR को रोकने वाला। पहले FIR दर्ज करो, फिर देखो। इस दौरान अनिल विज ने स्टाफ से कहा कि DGP को फोन लगाओ। बोले- तेरे अफसर को भी देख लेंगे अंबाला कैंट सदर थाना SHO सतीश कुमार ने कहा कि मैं तो अपने सीनियर ऑफिसर के नोट पर लाया था जी, ये सिविल सूट है। भड़के हुए विज ने कहा कि तेरे अफसर को भी देख लेंगे फिर। तेरे लिए क्या कानून अलग बनेगा। कानून है कि पहले शिकायतकर्ता की कंप्लेंड दर्ज करो। SHO ने कहा कि सिविल एग्रमेंट के अनुसार पेमेंट कर रखी है जी। विज बोले- पहले दर्ज करो, फिर लिखो सिविल एग्रीमेंट। विज ने इसके बाद SHO को लेकर डीजीपी से बात की। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज सोमवार को SHO पर भड़क गए। महिला की शिकायत पर FIR दर्ज न करने पर मंत्री ने अंबाला कैंट सदर थाना SHO सतीश कुमार को निलंबित करने का आदेश दिया। इस दौरान एसएचओ बहस करने लगे तो विज ने उनको डांट दिया। मंत्री अनिल विज सोमवार को अंबाला छावनी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इस दौरान एक महिला ने रोते हुए मंत्री के सामने अपनी बात रखी तो वे भड़क गए। महिला ने कहा कि दिन दिन बाद भी उनकी FIR दर्ज नहीं हुई है। एसएचओ ने कहा कि वो दोनों पार्टियों को तीन बार अपना पक्ष रखने को बुला चुके हैं। इस दौरान एसएचओ और महिला व उसके परिजनों में वाद विवाद हुआ। बार-बार पूछा- FIR की या नहीं अनिल विज ने SHO पर भड़कते हुए पूछा कि ‘तुमने FIR दर्ज करी या नहीं’। एसएचओ ने एग्रीमेंट का उल्लेख किया तो विज फिर भड़क गए और पूछा कि FIR दर्ज करी या नहीं करी। विज ने FIR को लेकर कई बार उनसे पूछा। एसएचओ ने कहा कि सिविल सूट बनता है, मैं कैसे FIR दर्ज करूं। महिला के परिजनों ने एसएचओ की बात को गलत बताया। विज ने फिर पूछा कि मुझे ये बताओ कि FIR करी या नहीं। एसएचओ ने इनकार किया तो मंत्री ने उनको सस्पेंड करने के आदेश दिए। इसके बाद मंत्री ने एसएचओ को धमकाते व इशारा करते हुए कहा कि चल बाहर। इस दौरान महिला ने फिर कहा कि सर हमारा फैसला करा दो प्लीज। विज बोले- तू कौन होता है FIR को रोकने वाला जनता दरबार में ही गुस्सा हुए अनिल विज ने कहा कि ये (SHO) हर बात में अपनी मनमर्जी करता है। कहा कि तेरे को जब मैंने कहा था कि FIR दर्ज कर, फिर की क्यों नहीं। तू कौन होता है भई FIR को रोकने वाला। पहले FIR दर्ज करो, फिर देखो। इस दौरान अनिल विज ने स्टाफ से कहा कि DGP को फोन लगाओ। बोले- तेरे अफसर को भी देख लेंगे अंबाला कैंट सदर थाना SHO सतीश कुमार ने कहा कि मैं तो अपने सीनियर ऑफिसर के नोट पर लाया था जी, ये सिविल सूट है। भड़के हुए विज ने कहा कि तेरे अफसर को भी देख लेंगे फिर। तेरे लिए क्या कानून अलग बनेगा। कानून है कि पहले शिकायतकर्ता की कंप्लेंड दर्ज करो। SHO ने कहा कि सिविल एग्रमेंट के अनुसार पेमेंट कर रखी है जी। विज बोले- पहले दर्ज करो, फिर लिखो सिविल एग्रीमेंट। विज ने इसके बाद SHO को लेकर डीजीपी से बात की। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा भाजपा पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह से करेगी किनारा:कटेगी विधानसभा टिकट; अभी पिहोवा से विधायक, खट्टर ने नहीं लिया था इस्तीफा केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में खेल मंत्री रह चुके संदीप सिंह से भाजपा किनारा करेगी। जूनियर महिला कोच सेक्सुअल हैरेसमेंट केस में उनके खिलाफ आरोप तय होने के बाद भाजपा नेतृत्व ऐसा करेगा। संदीप सिंह अभी पिहोवा विधानसभा से विधायक हैं, उन्होंने पहली बार भाजपा की टिकट से यहां से जीत दर्ज की थी। हालांकि जब उन पर कोच द्वारा आरोप लगाए गए थे] तब पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने उनका बचाव किया था( विपक्षी दलों के विरोध-प्रदर्शन के बाद भी उनसे इस्तीफा नहीं लिया था। हालांकि बाद में उन्होंने खेल विभाग अपने पास रख लिया था, लेकिन मंत्री पद पर संदीप सिंह बने रहे थे। CM सैनी पहले ही कर चुके किनारा पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के हटने के बाद जब नायब सैनी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने संदीप सिंह को अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी। इससे पहले हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके ओपी धनखड़ ने भी संगठन की बैठकों में संदीप सिंह के शामिल होने पर रोक लगा दी थी। अभी भी संदीप सिंह भाजपा में अलग-थलग पड़े हुए हैं। वह पार्टी के कार्यक्रमों में दिखाई नहीं दे रहे हैं, हालांकि वह अपने विधानसभा क्षेत्र पिहोवा में लोगों के बीच जाकर यह संदेश दे रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी। पिहोवा में पहली बार खिलाया था कमल हॉकी के खेल में अपने प्रदर्शन के बल पर संदीप सिंह काफी सुर्खियां बटोर चुके हैं। इसी के बल पर भाजपा ने उन्हें पिहोवा विधानसभा से उतारा था। संदीप सिंह ने भी पहली बार पिहोवा में कमल खिलाया। इससे पहले इस क्षेत्र से कभी भी भाजपा ने जीत दर्ज नहीं की थी। संदीप सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार मंदीप सिंह चट्ठा को 5314 वोटों से हराया था। उन्हें करीब 34 फीसदी वोट हासिल हुए थे। पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पूर्व सीएम मनोहर लाल ने उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल किया और खेल विभाग दिया। अब यहां पढ़िए संदीप सिंह से क्यों किनारा करेगी भाजपा… विधानसभा चुनाव में विपक्ष इसे मुद्दा न बना पाए प्रदेश में दो-ढाई महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में संदीप सिंह को लेकर विपक्षी दल खासकर कांग्रेस इसे मुद्दा न बना पाए, इसलिए भाजपा संदीप सिंह से किनारा करेगी। महिला कोच के आरोपों के दौरान भी विपक्षी दलों ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर जमकर हमला बोला था, यहां तक कि विधानसभा सत्र के दौरान भी विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया था, कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग को लेका वॉक आउट तक कर दिया था। इसके बाद अब भाजपा संदीप सिंह को लेकर कोई भी मुद्दा चुनाव में नहीं बनाएगी। पार्टी महिलाओं में खराब मैसेज देने से बचना चाहेगी हरियाणा में महिलाओं की करीब 1.20 करोड़ की आबादी है। पुरुषों के मुकाबले यह आधी आबादी है। चुनाव में भी महिलाएं बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करती हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 70.25 फीसदी था, जबकि महिलाओं का 69.55 फीसदी। दोनों में सिर्फ 0.72 फीसदी का अंतर था। ऐसे में भाजपा महिलाओं में संदीप सिंह को टिकट देकर आधी आबादी को गलत मैसेज देना नहीं चाहेगी।