फरीदाबाद में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को खदेड़ने पर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि भारत देश कोई सराय नहीं जो कोई भी घुसपैठ कर जाएगा और यहां आकर बस जाएगा। कानून अपने हिसाब से काम करेगा। घुसपैठिया कोई भी हो उससे जाति और संप्रदाय का कोई लेना-देना नहीं, जो भारत का नागरिक नहीं उसको यह से निकला जाएगा। दरअसल, आज केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर फरीदाबाद के सेक्टर 12 लघु सचिवालय सुशासन दिवस कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस सुशासन दिवस के मौके पर कई अधिकारी और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर केंद्र राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सुशासन का मतलब है ट्रांसपेरेंसी। जब तक जनता अपने मुंह से कहने वाले वाक्य में ही ट्रांसपेरेंसी से कम हो रहा है तब समझिए कि अपने जिले के अंदर सुशासन से कम हो रहा है। वही कृष्ण पाल गुर्जर ने यह भी कहा कि जहां पर प्रशासन की भागीदारी ज्यादा और सरकार की भागीदारी काम हो और जनता पूरी तरीके से संतुष्ट हो तब जानिए कि प्रदेश और जिले में सुशासन है। फरीदाबाद में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को खदेड़ने पर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि भारत देश कोई सराय नहीं जो कोई भी घुसपैठ कर जाएगा और यहां आकर बस जाएगा। कानून अपने हिसाब से काम करेगा। घुसपैठिया कोई भी हो उससे जाति और संप्रदाय का कोई लेना-देना नहीं, जो भारत का नागरिक नहीं उसको यह से निकला जाएगा। दरअसल, आज केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर फरीदाबाद के सेक्टर 12 लघु सचिवालय सुशासन दिवस कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस सुशासन दिवस के मौके पर कई अधिकारी और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर केंद्र राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सुशासन का मतलब है ट्रांसपेरेंसी। जब तक जनता अपने मुंह से कहने वाले वाक्य में ही ट्रांसपेरेंसी से कम हो रहा है तब समझिए कि अपने जिले के अंदर सुशासन से कम हो रहा है। वही कृष्ण पाल गुर्जर ने यह भी कहा कि जहां पर प्रशासन की भागीदारी ज्यादा और सरकार की भागीदारी काम हो और जनता पूरी तरीके से संतुष्ट हो तब जानिए कि प्रदेश और जिले में सुशासन है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
करनाल मंडी में टेम्पो चालक ने मचाया उत्पात:रेहड़ियों को तोड़ता हुआ बढ़ा आगे, चौकीदार के पैर पर चढ़ाया पहिया की मारपीट
करनाल मंडी में टेम्पो चालक ने मचाया उत्पात:रेहड़ियों को तोड़ता हुआ बढ़ा आगे, चौकीदार के पैर पर चढ़ाया पहिया की मारपीट हरियाणा में करनाल की पुरानी सब्जी मंडी में टेंपो चालक ने अल सुबह ढाई बजे जमकर उत्पात मचाया। टेम्पो चालक ने रेहड़ियों को टक्कर मारता चला गया। कुछ रेहड़ियों में फल व सब्जी भी रखी हुई थी। चौकीदारों के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई तो उसकी टांग के ऊपर से टेम्पो को उतारकर ले गया और अपने साथियों के साथ चौकीदार के साथ बुरी तरह से मारपीट की। रेहड़ियों को तोड़कर फरार होने की घटना CCTV कैमरे में भी कैद हुई है। जिसमें नजर आ रहा है कि वॉशिंग मशीन व फ्रिज से लोड टेम्पो कैसे टक्कर मारता हुआ निकल रहा है। पीड़ितों ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। तीन लोग थे टेम्पो में सवार चौकीदार विशाल ने बताया कि वे रात को अपनी ड्यूटी पर थे। फुटपाथ पर बैठे हुए थे, तभी एक टेम्पो वाले ने मेरे टांग के ऊपर अपना टेम्पो चढ़ा दिया। जिससे उसकी टांग पर काफी चोट आई है। टेम्पो में तीन लोग थे, जो नशे में थे। इन लोगों ने बहस के बाद टेम्पो से डंडे निकाल लिए और मारपीट भी शुरू कर दी। इसके बाद अन्य लोग भी मौके पर एकत्रित हो गए। रेहड़ियों को तोड़ता हुआ फरार इसके बाद आरोपी टेम्पो चालक फल व सब्जियों की रेहड़ियों को तोड़ता हुआ आगे बढ़ गया। गुस्सा रेहड़ी संचालकों ने कलंदरी गेट के पास आरोपी टेम्पो चालक को पकड़ना चाहा, लेकिन वह फरार हो गया। टेम्पो में वॉशिंग मशीन व फ्रिज का सामान भरा हुआ था। इतना सामान लोड होने के बावजूद भी टेम्पो चालक ने रेहड़ियों को नुकसान पहुंचा। करीब 100 रेहड़ियों को नुकसान हुआ है और एक रेहड़ी 10 से 12 हजार में तैयार होती है, फल व सब्जियों का नुकसान हुआ, वह अलग। ऐसे में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस जुटी तलाश में पीड़ितों ने मामले की शिकायत सिटी थाना पुलिस को दी है पुलिस ने CCTV फुटेज कब्जे में लेकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा ।
पानीपत में ट्रक ने बाइक को मारी टक्कर:युवक के ऊपर से उतरा टायर, मौत; यूपी से साथ आए थे दो भाई
पानीपत में ट्रक ने बाइक को मारी टक्कर:युवक के ऊपर से उतरा टायर, मौत; यूपी से साथ आए थे दो भाई हरियाणा के पानीपत में पेप्सी पुल के पास एक ट्रक ने गलत दिशा में आते हुए एक बाइक को तेज रफ्तार से टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार दो भाई नीचे गिर गए। एक के ऊपर से ट्रक के पहिए गुजर गए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, हादसे के बाद आरोपी मौके पर ट्रक छोड़कर फरार हो गया। हादसे की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। शामली से पानीपत आ रहे थे दोनों भाई सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में अमित सैनी ने बताया कि वह कांधला, शामली यूपी का रहने वाला है। 16 नवंबर की रात करीब साढ़े 9 बजे वह अपने भाई प्रवीण सैनी (21) के साथ अपनी बाइक पर सवार होकर पानीपत आ रहा था। जब दोनों भाई पेप्सी पुल से आगे फोर लाइन पर चढ़ने लगे, तो सामने से एक ट्रक गलत दिशा में तेज रफ्तार के साथ आया। जिसने सीधी टक्कर उनकी बाइक में मार दी। टक्कर लगते ही दोनों भाई नीचे गिर गए। जिसके बाद ट्रक के पिछले पहिए प्रवीण के ऊपर से गुजर गए। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद आरोपी मौके पर ट्रक छोड़कर फरार हो गया।
हरियाणा में कांग्रेस ने भजनलाल परिवार का किला भेदा:खट्टर का बयान BJP पर भारी पड़ा; कुलदीप बिश्नोई ने हाथ तक जोड़े, वोटर नहीं माने
हरियाणा में कांग्रेस ने भजनलाल परिवार का किला भेदा:खट्टर का बयान BJP पर भारी पड़ा; कुलदीप बिश्नोई ने हाथ तक जोड़े, वोटर नहीं माने 56 साल से भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इस सीट से भजनलाल 1968 में पहली बार विधायक बने थे। तब से जितने भी चुनाव हुए, सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता रहा था। दिवंगत भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं, और उनके बेटे भव्य बिश्नोई 2022 में यहां से भाजपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। हालांकि, इस बार भजनलाल परिवार का सदस्य इस सीट से उम्मीदवार नहीं था, लेकिन भाजपा के समर्थन में वोट जरूर करने की अपील की गई थी। इसके बाद भी हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट ही मिले। जबकि, कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 59544 वोट पाने में कामयाब रहे। इस तरह जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर जीत गए। कुलदीप ने बार-बार जनता के सामने हाथ जोड़े
कुलदीप बिश्नोई जानते थे कि आदमपुर में अगर वह हार गए तो इसका खामियाजा उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए वह बार-बार जनता के बीच गए और अपने दिवंगत पिता चौधरी भजनलाल से जुड़ाव को याद दिलाकर वोट मांगे। वह बार-बार जनता के बीच जाकर हाथ जोड़ते हुए भी नजर आए। कहते रहे, ‘लाज रख लेना, कहीं गलत कदम मल उठा लेना’। फिर भी लोगों ने कुलदीप बिश्नोई की अपील को अनसुना कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली और सबसे खास बात है कि बिश्नोइयों के गांव में जयप्रकाश जेपी आगे रहे। इसका कारण कुलदीप बिश्नोई से लोगों की नाराजगी को माना जा रहा है। बिश्नोई परिवार का आदमपुर में घटा जनाधार
आदमपुर में बिश्नोई परिवार का जनाधार लगातार कम हो रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे। तब भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने भव्य को आदमपुर में हराया था। अब लोकसभा चुनाव में यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई परिवार आदमपुर में हार गया हो। वहीं, दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही टिकट पर भव्य आदमपुर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते। मगर चुनाव जीत का मार्जिन कम हो गया। भव्य 15714 वोटों से ही जीत दर्ज कर पाए। बिश्नोई परिवार का आदमपुर ही नहीं, आसपास की सीटों पर भी प्रभाव देखने नहीं मिला। बिश्नोई परिवार के लिए अब आगे क्या
आदमपुर में हार ने बिश्नोई परिवार के लिए राजनीतिक संकट पैदा कर दिया है। इसका खामियाजा उन्हें भाजपा में भुगतना पड़ सकता है। उनके पास भाजपा में ही रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कुलदीप बिश्नोई यदि आदमपुर से भाजपा को जिताने में कामयाब होते तो उनके विधायक बेटे को रणजीत की जगह हरियाणा कैबिनेट में जगह मिल सकती थी। जानकार बताते हैं कि भाजपा की ओर से यह ऑफर भी दिया गया था, लेकिन कुलदीप भाजपा को जिता नहीं पाए। अब भव्य बिश्नोई को संगठन की जिम्मेदारी तक ही समित रखा जा सकता है। कुलदीप बिश्नोई को सख्त मैसेज पार्टी की ओर से दिया जा सकता है। 4 महीने बाद ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में बिश्नोई परिवार के सामने 56 साल पुराने राज को बचाने की चुनौती रहेगी। कुलदीप बिश्नोई अधिकतर समय आदमपुर में न रहकर दिल्ली में बिताते हैं। ऐसे में उन्हें अब आदमपुर में दोबारा सक्रिय होना पड़ेगा। आदमपुर में भाजपा की हार के कारण
हिसार लोकसभा में हुई पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की जनसभा में चौधरी भजनलाल को लेकर दिए बयान ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया। इसे लेकर बिश्नोई परिवार तो असहज हुआ ही, बिश्नोई वोटर्स भी भाजपा से नाराज हो गए। कुलदीप बिश्नोई अंत तक इस बयान पर सफाई देते रहे, लेकिन लोगों में गलत मैसेज गया। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर 10 अप्रैल को हिसार में BJP कैंडिडेट रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। कैमरी गांव में हुई जनसभा को संबोधित करते हुए खट्टर ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े हुए थे। इनमें से एक किस्सा चौधरी भजनलाल से जुड़ा था, जिससे लोग नाराज हो गए। टिकट कटने पर नाराज हुए तो कार्यकर्ताओं में गलत संदेश गया
हिसार से कुलदीप बिश्नोई को लोकसभा का टिकट नहीं मिला। वह नाराज होकर दिल्ली चले गए। उनके बेटे भव्य बिश्नाई ने आदमपुर में रणजीत चौटाला के लिए प्रचार बंद कर दिया। इसके बाद लोगों में यह संदेश चला गया कि भाजपा जानबूझकर बिश्नोई परिवार को टारगेट कर रही है। पहले भजनलाल पर बयान, फिर कुलदीप का टिकट काटना। इसके बाद कुलदीप को मनाने खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी दिल्ली गए। इससे यह मैसेज और क्लीयर हो गया कि कुलदीप बिश्नोई भाजपा से नाराज चल रहे हैं। इसके बाद कुलदीप की तो नाराजगी दूर हो गई, लेकिन उनके वर्कर अंत तक इसे भुला नहीं पाए। कुलदीप में राजनीतिक स्तिरता नहीं
चौधरी भजनलाल ने जहां राजनीतिक स्थिरता दी, वहीं कुलदीप बिश्नोई में राजनीतिक स्थिरता का अभाव दिखा। 2007 में कांग्रेस से अलग होकर चौधरी भजनलाल ने हजकां पार्टी बनाई। उनके देहांत के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कुछ साल पार्टी को आगे बढ़ाया। हरियाणा में हजकां के 6 विधायक चुनकर आए, लेकिन वह उन्हें संभाल नहीं पाए और सभी विधायक कांग्रेस में चले गए। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई की हजका का भाजपा से गठबंधन हुआ, लेकिन वह भी ज्यादा समय नहीं चला। फिर कुलदीप बिश्नोई ने हजकां का कांग्रेस में विलय कर लिया। कांग्रेस में कुछ वर्ष बिताने के बाद वह फिर भाजपा में आ गए। अब हिसार लोकसभा से टिकट न मिलने पर कुलदीप भाजपा से भी नाराज हो गए थे।